RE: College Girl Sex Kahani कुँवारियों का शिकार
नरेन्दर के चेहरे पर चैन के भाव आए और उसने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अंदर आने को कहा और अंदर ले जा कर मुझे बिठा दिया और बोला के कितने सालों के बाद आए हो हमारे घर. फिर वो तोड़ा सीरीयस हो कर बोला, ‘आइ आम सॉरी राज, आक्सिडेंट के समय मैं आउट ऑफ इंडिया था और अभी कुच्छ दिन पहले ही वापिस आया हूँ और सोच ही रहा था के तुम्हें मिलकर अफ़सोस करूँ और तुम खुद ही आ गये. बिट्टू तो यहीं था और तुम्हारे साथ ही था.’
मैने भी सीरीयस होकर कहा के हां बिट्टू तो पूरा समय मेरे साथ ही था और पूरे 20 दिन तक उसने मुझे अकेला नही होने दिया और मुझे तो कुच्छ होश ही नही था, पर बिट्टू ने सब ज़िम्मेदारी अपने ऊपेर लेके सारा अरेंज्मेंट बहुत सलीके से कर दिया था. इतने में मैड कोल्ड ड्रिंक लेकर आ गयी और नरेन्दर ने मुझे कहा के लो और मैने एक ग्लास उठा लिया और एक सीप लेकर टेबल पर रख दिया.
फिर 5-10 मिनट नरेन्दर मुझसे बात करता रहा और अपनी सहानुभूति जताता रहा. मैने अपना कोल्ड ड्रिंक ख़तम कर लिया था और फिर मैं उठ खड़ा हुआ और चलने की इजाज़त माँगी. नरिंदर भी खड़ा हो गया और मेरे साथ बाहर तक आया और थॅंक यू बोला तो मैने उससे थोड़ा सा डाँट कर कहा वाह भैया आपने तो मुझे गैर कर दिया मुझे भी थॅंक यू कहोगे. वो झेंपटे हुए बोला के नही रे तुम तो मेरे लिए बिट्टू जैसे ही हो. मैने मुस्कुराते हुए उसका हाथ पकड़ा और विदा लेकर वहाँ से चल दिया.
घर लौटते हुए मेरा ज़मीर मुझे धिक्कारने लगा के अब तू इन्सेस्ट पर भी उतर आया है. मेरे दिमाग़ ने कहा के नही मेरा प्रिया से कोई खूनका रिश्ता तो है नही फिर ये इन्सेस्ट कहाँ से होगा. प्रिया तो एक पका हुआ आम है अगर मैं उसे नही चोदुन्गा तो वो किसी और के हाथ लग जाएगी. बेहतर है के मैं ही उसकी पहली चुदाई करूँ. मैं भी खुश और वो भी खुश. वो आजकल की आज़ाद ख़याल लड़की है और अपनी मर्ज़ी से मेरे से चुदना चाहती है तो क्या बुरा है.
यही सब सोचते हुए मैं घर पहुँच गया. अब मुझे वेट करना था के प्रिया क्या और कैसे प्रोग्राम बनाती है. प्रिया के बारे में सोच-सोच कर मैं उत्तेजित हो रहा था. मैं इस उत्तेजना का आदि था और यह मुझे चुस्त, दुरुस्त और फुर्तीला रखती थी.
मैने अगले दिन ऑफीस में पहुँचते ही प्रिया का मेद्स का पेपर निकाला और चेक करने लगा. मैं खुद एक मेद्स टीचर भी हूँ. एम.एससी. मेद्स में और एम.ईडी. किया हुआ है मैने. एक अलग काग़ज़ पर मैने उसके मार्क्स लगाने शुरू किए और आख़िर में टोटल किया तो हैरान रह गया के उसके 100 में से 87 नंबर थे, जो के बहुत ज़्यादा तो नही तहे मेद्स के लिए पर फिर भी ठीक थे, वो फैल तो नही हुई थी जैसा वो सोच रही थी. स्कूल की छुट्टी होने के बाद मैने उसको फोन करके बता दिया के वो बेकार ही फिकर कर रही थी और वो बहुत खुश हो गयी और बोली के इसका इनाम वो मुझे बहुत जल्दी देगी.
मैं आपको यह बताना उचित समझता हूँ के मेरा घर स्कूल की बिल्डिंग के बिल्कुल साथ ही है केवल एक सर्विस लेन है बीच में. मेरा मकान 3-साइड ओपन है. बॅक और साइड में सर्विस लेन है और सामने छ्होटी रोड है और रोड के उस पार एक छ्होटा सा पार्क है. एक छ्होटा गेट मकान के साइड में भी है और उसके सामने स्कूल की बाउंड्री वॉल में भी एक छ्होटा दरवाज़ा लगा हुआ है जिसकी चाबी केवल मेरे पास होती है.
8-10 दिन बाद दोपहर को स्कूल से लौटने के बाद मैं आराम कर रहा था के मेरे प्राइवेट वाले मोबाइल की घंटी बजी. यह प्रिया का फोन था.
मैने फोन रिसीव किया और बोला के हां प्रिया बोलो. प्रिया की बहुत धीमी आवाज़ मेरे कान में पड़ी के मैने प्रोग्राम बना लिया है और पापा से पर्मिशन भी ले ली है फ्रेंड्स के साथ साकेत माल में घूमने की और उसके बाद फिल्म देखने की, जिस शो का प्रोग्राम बनाया है वो 7 बजे ख़तम होगा और मुझे 7-30 तक वापिस घर पहुँचना है. क्या इतना टाइम काफ़ी होगा? मैने बिना देर किए कहा कि हां. फिर वो बोली के मैं अब से ठीक 45 मिनट बाद साकेत माल पहुँचुँगी. मैने कहा के मैं वहीं तुम्हारा वेट करूँगा.
उसने कहा के पार्किंग में मेरा वेट करना मैं वहीं मिलूंगी. मैने कहा ओके, बाइ और फोन काट दिया. मैं दिल में प्रिया की तारीफ कर रहा था के क्या प्लॅनिंग की है उसने. फिर मैं आराम से तैयार हुआ और कार निकाल कर साकेत माल की तरफ चल पड़ा. फिर मैने वहाँ पहुँचते ही प्रिया को फोन किया और उसको अपनी कार की पोज़िशन बताई के मैं पार्किंग में किस लेवेल पर और किस लिफ्ट के पास उसका वेट कर रहा हूँ. उसने कहा के बस 5 मिनट में वहीं आ रही है.
|