RE: College Girl Sex Kahani कुँवारियों का शिकार
ठीक 5 मिनट बाद मेरी कार का पिछला दरवाज़ा खुला और वो अंदर आ गयी. चलो, उसने कहा और मैने कार स्टार्ट की और बाहर को चल दिया. मैने शीशे में देखा प्रिया बिल्कुल स्वर्ग की अप्सरा लग रही थी. उसने ब्लॅक कलर की ऑफ दा शोल्डर ड्रेस पहन रखी थी, यानी उसकाएक कंधा बिल्कुल बेपर्दा था और ड्रेस घुटनों के थोड़ा ही नीचे तक थी. बैठने के कारण थोड़ा ऊँची हो गयी थी और घुटनों तक उसकी गोरी टांगे दमक रही थी.
मैं रोड पर आते ही मैने कार की स्पीड तेज़ करदी और अपने फार्म हाउस की तरफ जाने लगा. वहाँ पहुँचने पर प्रिया पहले की तरह सीट के नीचे दुबक गयी और हम अंदर मेन डोर तक पहुँच गये. फिर मैं निकला और मेन डोर खोला, मेन डोर के खुलते ही प्रिया बाहर आ गयी और तेज़ी से अंदर चली गयी. मैने अंदर आकर डोर लॉक किया और प्रिया को लेकर अपने बेडरूम में आ गया.
बेडरूम में आते ही प्रिया मुझसे लिपट गयी और बोली के मैने बहुत मुश्किल से ये दिन काटे हैं. मैने भी उसको अपनी बाहों में कसते हुए कहा के इंतेज़ार के बाद जब मनचाही वास्तु मिलती है तो उसका मज़ा ही कुच्छ और होता है.
प्रिया को मैने अपनी बाहों में भर लिया और उसका मुँह ऊपेर उठा कर चूमने लगा. उसका निचला होंठ बहुत ही प्यारा था मैने उसे अपने होंठों में लेकर चूसना शुरू किया और साथ ही उस पर अपनी जीभ फेरने लगा. प्रिया मेरी बाहों में मचलने लगी और ज़ोर लगाकर मुझसे अलग हो गयी. मैने चौंकते हुए पूछा के क्या हुआ. तो वो मचलते हुए बोली के अब और इनेज़ार नहीं होता.
मैने कहा के धीरज रखो जल्दबाज़ी में कुच्छ मज़ा नही आता. आज मैं तुमको लड़की से औरत बना दूँगा. तुमको चोदुन्गा ज़रूर पर पूरी मस्ती के साथ ताकि तुम्हारी पहली चुदाई तुम्हारे लिए एक यादगार रहे. आइ प्रॉमिस के तुम्हे इतना मज़ा आएगा के तुम अबतक के सारे मज़े भूल जाओगी. उसकी आँखों में झाँकते हुए मैने कहा के ठीक है चलो अपने कपड़े उतारो और बिल्कुल नंगी हो जाओ.
और मैने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए और एक एक करके सारे कपड़े उतार दिए और उनको फोल्ड करके एक चेर पर रख दिया.तब तक प्रिया ने अपना ड्रेस और लेगैंग्स उतार दी थी और अपनी ब्रा खोल रही थी. ब्रा के खुलते ही उसके मम्मों को देखकर मेरी धड़कनें तेज़ हो गयी और मेरा लंड उत्तेजना के मारे ऊपेर नीचे होने लगा.
यह देखकर प्रिया की हँसी निकल गयी और बोली के देखो यह कैसे उछल रहा है. मैने भी हंसते हुए उससे कहा के यह भी तुम्हारी चूत में जाने के लिए बेताब है और सलामी दे रहा है. प्रिया ने अपनी ब्रा कुर्सी पर फेंकी और अपनी पॅंटी उतारने लगी. मैने उसकी ड्रेस फोल्ड करके एक हॅंगर में डाल दी और कपबोर्ड में टाँग दी. जैसे ही मैं पलटा मेरी आँखें उसका रूप देख कर चौंधिया गयीं. वो तो बिल्कुल किसी अप्सरा की तरह लग रही थी और उसका शरीर कुंदन की तरह दमक रहा था. मैं मंत्रमुग्ध सा उसके पास गया और उसको बाहों में उठा कर बेड पर ले गया और अपने ऊपेर लिटा लिया.
मेरे हाथ उसके बदन पर कोमलता से फिरने लगे. उसके शरीर पर गूस बंप्स उभर आए और वो आ…ह, उ...ह की आवाज़ें निकालने लगी. थोड़ी ही देर में वो अत्यधिक उत्तेजित हो उठी और च्चटपटाने लगी. अब मैने ज़्यादा देर करना उचित नही समझा और उसको बाहों में लिए हुए ही पलट गया और उसको बेड पर चित्त लिटा दिया. अपना एक घुटना उसकी टाँगों के बीच में देकर उसकी जांघों को रगरना शुरू किया और एक मम्मे को मुँह में भरकर चूसने लगा. उसका दूसरा मम्मा मेरे हाथ में था और मेरी उंगलियों और अंगूठे की छेड़-छाड़ से एकदम कड़क हो रहा था. मेरी अपनी उत्तेजना भी बढ़ती जा रही थी और मेरा लंड अकड़ कर स्टील रोड हो गया था. दोस्तो कहानी कैसी लग रही है ज़रूर बताना आपका दोस्त राज शर्मा
क्रमशः.
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