College Girl Sex Kahani कुँवारियों का शिकार
08-25-2018, 04:23 PM,
#35
RE: College Girl Sex Kahani कुँवारियों का शिकार
कुँवारियों का शिकार--17 

गतान्क से आगे.............. 

मैने उसकी कमर में हाथ डाला और बोला आओ डियर ऊपेर चलें. हम ऊपेर आ गये. लिफ्ट में से निकलते ही मैने इधर उधर नज़रें दौड़ाइं तो देखा के मेरा दोस्त कुच्छ लोगों से बातें कर रहा है. मुझे देखते ही वो उनको एक्सक्यूस मी कहके मेरी ओर लपका. वेलकम राज भाई आपकाबहुत बहुत धन्यवाद जो आप यहाँ पधारे. मैं कुच्छ बोलता उसने पहले ही मुझे आँख मारके इशारा कर दिया. मैं चुप ही रहा और फिर मैने उसका और नीरू का परिचय कराया और उसने नीरू को हाथ जोड़ कर नमस्ते किया. मैने बड़ी मुश्किल से अपनी हँसी रोकी. नीरू हक्की बक्की सब देख रही थी. मैने उसका हाथ दबा कर उसके कान में हल्के से कहा के रिलॅक्स तो वो थोड़ी नॉर्मल हुई. 

फिर पिक्चर का टाइम हुआ तो एक-एक दो-दो करके सब लोग हॉल में दाखिल हो गये. हमें सबसे पीछे की रो में सेंटर कॉर्नर की सीट पर बिठाया गया. कॉर्नर पे मैने नीरू को बिठा दिया और मैं उसके साथ वाली सीट पर बैठ गया. अब नीरू मेरी ओर मुँह करके बोली के सब क्या है राज. मैने कहा के तुमने पहली बार कुच्छ फरमाइश की तो मैं कैसे पूरी ना करता हां यह अलग बात है कि मेरी मदद मेरे दोस्त ने की जिसको मैने तुम्हे अभी मिलवाया था, वो फिल्म डिसट्रिब्युटर है और यह फिल्म वही डिसट्रिब्यूट कर रहा है देल्ही रीजन में. वो बोली तो यह बात है. मैने कहा के हां बात तो यही है पर भगवान की मर्ज़ी से बड़े स्टाइल में तुम्हारी इक्षा पूरी हो गयी. अभी फिल्मी लोग भी आने वाले हैं इंटर्वल के आस पास और हो सकता है के ऋषि और डिंपल भी आयें लेकिन अनाउन्स इसलिए नही किया के इन लोगों का पक्का कुच्छ नही होता आयें या ना आयें. हां प्रोड्यूसर और कुच्छ कास्ट आंड क्र्यू तो ज़रूर आयेंगे और हम सबको मिलेंगे भी. वो बहुत खुश हुई और उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और मेरा गाल चूम कर बोली मैं बहुत खुश हूँ राज, तुम बहुत अच्छे हो. मैने कहा ओये मेम साहिब मैं कोई अच्छा वछा नही हूँ मैं राज हूँ अपनी तरह का सिंगल पीस और मैं खूबसूरत लड़कियों का रसिया हूँ समझी, मुझसे बचना मुश्किल है. वो हंसते हंसते सीट पर दोहरी हो गयी और मेरा हाथ जो उसने अपने हाथ मे पकड़ा हुआ था उसके दोहरे होने पर उसके मम्मों के नीचे दब गया और मैं चौंक गया. उसने ब्रा नही पहनी थी और मैने महसूस किया के उसको ज़रूरत भी नही थी क्योंकि उसके मम्मे एकदम कड़क थे. 

मैने अपना हाथ खींचना चाहा तो वो बोली के क्या बात है मेरा हाथ पकड़ना अच्छा नही लगा क्या. मैने कहा के अच्छा तो बहुत लग रहा है पर मैं भी कुच्छ पकड़ना चाहता था. क्या, उसने पूछा तो मैं अपना हाथ उसकी गर्दन के पीछे से उसके कंधे पर ले गया तो वो फिर बोली बस. मैने कहा के अभी तो हाथ का आधा सफ़र ही हुआ है और कहते कहते मैने हाथ नीचे करते हुए उसके खुले गले के टॉप में डाल दिया और उसकाएक मम्मा हाथ में भर के तोलने लगा. उसके मम्मे के मेरे हाथ में आते ही दोनो को जैसे करेंट सा लगा. मेरे हाथ ने पूरी तरह से मम्मे कानाप-तोल किया और फिर हल्के से दबाया. ऐसे लगा जैसे कोई टेन्निस की बॉल हाथ में आई हो पर टेन्निस की बॉल तो बहुत खुरदरी होती है, यह तो बहुत ही मुलायम थे और चिकने इतने के हाथ फिसल जाए. वो बोली क्या कर रहे हो मैने आज तक किसी को इन्हें छ्छूने नही दिया. मैने कहा के ठीक है आज तक नही किसी ने च्छुआ होगा इनको पर आज तो तुम पूरी तैयारी के साथ आई हो इनको छुआने को. वो चौंक के बोली तुम्हे कैसे पता. मैने कहा के मैं पहले ही तुम्हे अपना इंट्रो बता चुका हूँ, और बाकी की जो आधी लाइन रह गयी थी वो भी सुन लो के उड़ती चिरिया के पर ही नही गिन लेते हैऔर उसको पकड़ के रख लेते हैं अपने पास. नीरू से कुच्छ भी बोलते नही बना. 

मैने उसकी गर्दन पर हल्का सा दबाव डाल कर उसको अपनी ओर किया और उसके गाल से गाल लगाकर प्यार से पूछा के सच बताना क्या मेरी जड्ज्मेंट ग़लत है, देखो अब हम दोस्त हैं झूठ तो बोलना नही और डरो नही अगर तुम नही चाहोगी तो मैं कुच्छ नही करूँगा और वैसे भी मुझे लड़कियों से ज़बरदस्ती करना बिल्कुल पसंद नही है पर सच बताना. वो बोली के तुम सच में बहुत चालाक हो. मैं आई तो यही सोच कर थी पर इतनी जल्दी तुम शुरू हो जाओगे यह नही सोचा था, इसीलिए थोड़ा चौंक गयी थी. मैने कहा चलो अब तो डर ख़तम हो गया. जहाँ तक चाहोगी वहीं तक करूँगा और आगे तुम्हारी मर्ज़ी के बिना नही बढ़ूंगा. बड़े प्यार से उसने कहा के वो सब जानती है बस पहले हिम्मत नही जुटा पाई थी, डरती थी, फिर उस दिन कॉलेज में मिले तो हिम्मत करके बात शुरू करदी और आज यहाँ तक पहुँच गये अब आगे भी पहुँच जाएँगे. 

मैं दिल ही दिल में खुश हुआ के यह तो पूरी तरह से तैयार है. मैने उसके मम्मे को प्यार से सहलाया तो उसका निपल जो सर उठा कर खड़ा हो गया था मेरी हथेली गुदगुदाने लगा. मैने अपना दूसरा हाथ ऊपेर किया और उसके टॉप को उसके कंधे से नीचे खींच लिया. टॉप थोड़ा नीचे आया और मैने अपने हाथ में पकड़े मम्मे को ऊपेर किया तो वो टॉप में से बाहर आ गया और मैने अपना मुँह नीचे करके उसके निपल को मुँह में भर लिया और चाटने और चूसने लगा. नीरू के मुँह से स….ई….ई….ई…. की आवाज़ निकली और उसने मेरा सर अपने मम्मे पर दबा दिया. मैने अपना सर उठाकर इधर उधर देखा सब फिल्म देखने में व्यस्त थे और हमारी तरफ किसी की तवज्जो नही थी. मैं दोबारा उसे मम्मे को चुभलने में लग गया. 

उसने 4-5 मिनट कुच्छ नही कहा फिर बोली के यहाँ मत करो प्लीज़. मैने भी उसकी बात समझी और हट गया. फिर वो बोली के कही प्राइवसी में मिल सकते हैं. मैने कहा के यार तुम जब कहो तब मिल सकते हैं. ठीक है मैं तुम्हें फोन करूँगी जैसे ही कोई मौका बनेगा. इसके बाद हमने पूरी पिक्चर देखी और इंटर्वल में प्रिमियर का प्रोग्राम भी देखा और फिल्मी लोगों से भी मिले. नीरू बहुत खुश हुई. पिक्चर ख़तम हुई तो मैने उसको घर छोड़ा और अपने घर चला आया. 

कुच्छ दिन बाद उसका फोन आया और उसने पूछा के कल मिल सकते हो. अगला दिन फुल वर्किंग डे था तो मैने पूछा के कब तो उसने बोला मॉर्निंग में ही हम कॉलेज बंक कर लेंगे. मैने कहा के ठीक है मैं तुमको 9 बजे पिक कर लूँगा. वो कहने लगी के 9 नही 8-30 मैं घर से निकलती हूँ तो तुम मुझे उसी वक़्त बाहर से पिक कर लेना. मैने कहा के ओके और फोन काट दिया. अब मुझे फिकर थी के लेके कहाँ जाउ नीरू को? फार्म हाउस में रेनवेशन का काम चल रहा था. एक फ्लोर लिया था लास्ट एअर पिताजी ने, पर उसकी चाबी तो मा के कपबोर्ड की ड्रॉयर में रहती थीं और वहाँ तक पहुँचना आसान नही था. फिर मुझे याद आया के मा कयि दिन से पिताजी को कालकाजी मंदिर ले जाने के लिए ज़िद कर रही हैं तो क्यों ना उनको थोड़ा सा भर दूं तो शायद वो सुबह-सुबह पिताजी को लेकर मंदिर चली जायें तो मैं चाबी निकाल लूँगा.

मैं मा के पास आया और इधर उधर की बातें करने के बाद उनसे पूछा के क्या आप कालकाजी मंदिर हो आए हो? मा बोली के कहाँ तेरे पिताजी चल ही नही रहे. मैने कहा के क्या मा तुम ज़ोर देकर नही कहती हो इसलिए नही ले जा रहे अगर तुम थोड़ा दबाव देके कहो ना तो वो तुमको मना कर ही नही सकते. मा बोली के हट शरारती कहीं का. मैने कहा मा अगर तुम कल जा रही हो तो मेरे लिए भी प्रार्थना करना के इस बार भी एम.एससी. में मैं फर्स्ट ही रहूं. मा बोली के तू भी चल हमारे साथ और आप ही कर लेना प्रार्थना. मैने कहा के नही मा मैं कल तो नही जा सकता पर हां अगर इस बार भी फर्स्ट आया तुम्हारी प्रार्थना के बाद तो मैं पूजा करवाने तुम्हारे साथ ज़रूर चलूँगा. मा बोली के पक्कावादा, तो मैने कहा के गॉड प्रॉमिस. मा जानती थी के जब मैं गॉड प्रॉमिस बोलता हूँ तो पूरा ज़रूर करता हूँ. बहुत खुश हुई मा और रात को डिन्नर पे पिताजी के पीछे ही लग गयी के कल तो हर हाल में आप मुझे कालकाजी मंदिर ले के जा रहे हो. आख़िर पिताजी मान गये सुबह 6-00 बजे से पहले पहले ही जाने को ताकि वापिस आकर स्कूल भी जा सकें टाइम पर.

मैं सुबह 6-30 का अलार्म लगा के सोया और उठकर सीधा मा-पिताजी के कमरे में गया और मा का कपबोर्ड खोलकर उसमे से कीस निकली और अपने कमरे में आ के तैयार होने लगा. मा पिताजी आ गये और मैं उनके साथ बैठ कर नाश्ता करके कॉलेज का बोलकर निकल आया. वैसे तो मैं कॉलेज यूनिवर्सिटी स्पेशल में मस्ती करते हुए जाता था पर आज तो स्पेशल मस्ती का दिन था इसलिए मैने कार निकाल ली थी. ठीक टाइम पर मैने नीरू को पिक किया और चल दिया अपने ठिकाने की ओर. नीरू ने पूच्छा के कहाँ जा रहे हैं तो मैने कहा के हमारा एक और घर है जो पिताजी ने एक फ्लोर खरीद रखा है और वहाँ कोई नही रहता है, हम वहीं जा रहे हैं. नीरू बोली के वा क्या बात है, सब काम तुम्हारे पूरी तरह फिट होते हैं. मैने कहा के फिट रखने पड़ते हैं नही तो सेवा कैसे कर पाउन्गा और मेवा कैसे मिलेगा. वो हंस दी और बोली के वाह क्या बात है. थोड़ी देर में हम मकान पर पहुँच गये. हमारा फर्स्ट फ्लोर था और प्लॉट एरिया था 500 ज़्क.य्ड्स. पूरा फर्निश्ड था. साइड में 10 फुट की गली थी और उस में एक डोर था और स्टेर्स थीं. मैने कार बाहर पार्क की और नीरू को लेकर अंदर चला गया. हम ऊपेर आ गये और मैने मैन डोर खोला और दोनो अंदर चले गये. 

मैने डोर लॉक किया और नीरू को एक सोफे पर बिठा दिया. किचन से मैं कोल्ड ड्रिंक्स लेकर आया और हम बैठ के इधर उधर की बातें करने लगे. मैने उसको पूछा के घर वापिस कब जाना है. वो बोली कॉलेज टाइम तो 2 बजे का है लेकिन आगे पीछे हो सकता है. मैं सोफे पर उसके साथ बैठा था. मैने उसका चेहरा अपनी ओर किया और कहा के फिर तो बहुत खुल्ला टाइम है हमारे पास मस्ती करने का. वो बोली के टाइम तो खुल्ला चाहिए भी क्योंकि टाइम लगेगा ही. मैने पूछा के क्यों लगेगा? तो उसने कहा के अपने आप समझ जाओगे. मैने उसका चेहरा अपने पास किया और उसको किस करने लगा. उसने भी मेरा साथ देना शुरू कर दिया. हमारी किस कोई 10 मिनट तक चली. इतनी देर में उसस्के होंठ लाल हो गये. मैने उसको कहा के यार एक बात है तुम्हारे जितनी बोल्ड आंड ब्यूटिफुल लड़की मैने पहले नही देखी तुम बहुत सुन्दर तो हो ही बहुत बोल्ड भी हो. 

वो थोड़ा सीरीयस होकर बोली के मेरी फ्रस्ट्रेशन ने मुझे बोल्ड होने पर मजबूर किया है. लकिली तुम मिल गये और मैने तुम्हारे बारे में स्कूल में ही बहुत सुना था के तुम फर्स्ट टाइमर्स के लिए बहुत अच्छे लवर हो. बहुत प्यार से करते हो और बहुत ख्याल रखते हो लड़की का. इसलिए तुमको देखते ही मेरे मन में आया के अब मौका नही गवाना चाहिए और मैने बोल्ड होकर तुमसे बातें शुरू की और फिर और भी बोल्ड हो गयी. मैं चौंक गया और उसको पूछा के तुम सच कह रही हो के यह तुम्हारी पहली बार है और इसके पहले तुमने कभी नही चुडवाया? वो बोली के क्या बोल रहे हो? तो मैने उसको कहा के देखो यार मुझे तो प्रॉपर वर्ड्स ही यूज़ करना अच्छा लगता है. कुच्छ और बोलने से भी लंड तो लंड ही रहता है और चूत चूत ही रहती है और चुदाई भी चुदाई ही रहती है. चूची को ब्रेस्ट कहने से वो कुच्छ और नही बन जाता. फिर जब आपस में हम यह करने ही वाले हैं तो शरम कैसी. हां अभी तुम्हे थोड़ा अजीब लग रहा है पर जब तुम खुद बोलोगि और सुनोगी तो अजीब नही लगेगा बल्कि ऐसे बोलना भी मज़ा देगा और असली मज़े में वृद्धि करेगा. मेरी बात सुनकर वो मुस्कुराई और बोली तुम्हारी बात तो बिल्कुल ठीक है मैं अभी यूज़्ड तो नही हूँ ना इसलिए मुझे अजीब लगा. मैने कहा के कोई बात नही. फिर मैने उसका हाथ पकड़ा और उसको बेडरूम में ले आया. 

वहाँ आकर मैने उसको बेड पर बिठाया और उसस्के साथ बैठ गया. अभी तक तुमने अपने आप को बचा के कैसे रखा हुआ है, मैने पूछा. वो मुस्कुराई और बोली के शायद मैं तुम्हारे लिए ही बची हुई हूँ. स्कूल तक तो मैं बहुत डरती रही थी फिर अभी मैं सोच ही रही थी इस बारे में तो तुम मिल गये उस दिन और फिर मैं अपने आप को रोक नही पाई और तुम्हारे साथ फ्रॅंक होती चली गयी. तुम्हारे बारे में मैने और लड़कियों से सुन रखा था इसीलिए मुझे तुमसे इतना डर भी नही लग रहा था. बोलते हुए वो मेरी ओर ही देख रही थी तो मैने उसको किस करना शुरू कर दिया. वो भी पूरी तरह से मेरा साथ देने लगी. किस करते हुए मैने उसके टॉप को नीचे से पकड़ा और ऊपेर उठाया तो उसने अपनी दोनो बाहें ऊपेर करदी और अपने मुँह को तोड़ा सा परे कर लिया. मैने फुर्ती से उसके टॉप को उसके जिस्म से अलग किया और झुक कर उसके मम्मे को किस कर लिया. आज भी वो बिना ब्रा के थी. 

क्रमशः...... 
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