RE: College Girl Sex Kahani कुँवारियों का शिकार
कुँवारियों का शिकार--27
गतान्क से आगे..............
मैं बेड पर मरियम की बगल में लेट गया और उसको अपनी बाहों में भर लिया. उसकी चूचियाँ मेरी छाती में गढ़ने लगीं. वो अभी तक रह रह कर कांप उठती थी. पीछे से तनवी भी उसके साथ चिपक गयी और उसस्क्कॉ तसल्ली देते हुए बोली के क्यों मरियम पूरा मज़ा आया ना. मरियम एक अद्भुत मुस्कान के साथ बोली के हां दी जो मैने कभी ख्वाब में भी नही सोचा था वो मज़ा मुझे आया पर लंड जब पहली बार अंदर गया था तो बहुत दर्द हुआ था. तनवी बोली के होता है जब कुमारी झिल्ली को लंड फाड़ता है तो दर्द होता है मुझे भी हुआ था पर उसके बाद तो मज़ा ही मज़ा है. अब अगली बार जब तुम अपनी चूत में लंड घुस्वावगी तो कोई दर्द नही होगा. दी अगली बार कब आएगी, मरियम ने पूछा? एक महीने से पहले नही, तनवी ने जवाब दिया. मैने भी मरियम को कहा के देखो अगर तुम ज़्याद चुदवाऑगी तो तुम्हारी चूत ढीली पड़ जाएगी और फिर जब शादी के बाद तुम्हारा खाविंद तुम्हारी चूत मारेगा तो उसे पता लग जाएगा के तुम पहले ही बहुत चुद चुकी हो तो तुम्हारे लिए मुश्किल होगी. और अगर चूत टाइट हो तो खाविंद को पता नही चलता. क्योंकि झिल्ली का ना होना चुदे होने का सबूत नही है. झिल्ली तो ज़्यादा खेल कूद और ज़्यादा साइकल चलाने से भी कट फॅट जाती है.
फिर अब तुमने चुदाई का मज़ा ले लिया है तो अब तुमको इसकी तरफ से अपना ध्यान हटाकर अपनी पढ़ाई में लगना होगा ताकि तुम अच्छे नम्बरो से पास होकर अपना और स्कूल का नाम करो. तुम्हारे घर के लोग भी तुमसे खुश होंगे और तुम्हे अच्छे कॉलेज में दाखिला भी मिलेगा आगे पढ़ाई के लिए और इसके लिए तुम्हारे अब्बू और अम्मी भी तुम्हें नही रोकेंगे. वो बोली के यह बात तो बिल्कुल ठीक है. मैं ऐसा ही करूँगी. फिर मैने तनवी से कहा के मरियम को हॉट वॉटर ट्रीटमेंट देने का इंतेज़ां करे. तनवी बाथरूम में चली गयी और मैने मरियम को पेन किल्लर टॅबलेट खिला दी. फिर उसको प्यार से अपनी गोडे में उठाकर बाथरूम में ले आया और तनवी द्वारा तैयार टब में मरियम को बिठा दिया और उसको कहा के पानी में बैठी रहना और अपनी चूत की सिकाई करना जब तक पानी ठंडा ना हो जाए.
फिर मैं तनवी को लेकर बाहर आ गया और उसको अपनी बाहों में लेकर कहा के तनवी डियर अगर तुम्हारी भड़की हुई भावनाओं को रात को शांत किया जाए तो कैसा रहेगा? वो तुनक कर बोली कि मेरी याद आ गयी? मैने उसको अपनी बाहों में भींच कर कहा के मैं अपने दोस्तों को कभी नही भूलता और मैने फ़ैसला किया है के तुम पर महीने में एक बार की पाबंदी नही होगी और तुम जब भी चाहोगी मैं तुम्हारी चुदाई कर दूँगा पर फिर भी यही काहूँग कि जितना ज़्यादा संयम से काम लोगि तुम्हारा ही फयडा होगा. उसने कहा के उसे किसी संयम की ज़रूरत नही है उसके पास उसकी दादी का नुस्ख़ा है जिसके 5 दिन के इस्तेमाल से उसकी चूत नयी जैसी हो जाएगी और कोई नही कह सकेगा के पहले चुद चुकी है. मैं बड़ी हैरानी से उसको देखता रहा और पूछा के सच में क्या यह संभव है? वो मुस्कुराते हुए बोली के बिल्कुल संभव है यह ट्राइड आंड टेस्टेड है और कोई भी शक़ नही है इसमे, हर बार यह उम्मीद से बढ़कर साबित हुआ है क्योंकि यह एक बिल्कुल नयी बात है जिसे आम लोग जानते ही नही हैं तो मानेंगे कैसे. फिर वो हंसते हुए बोली के ऐसा करो के तुम मुझे चोद-चोद कर मेरी चूत ढीली कर दो फिर मैं 5 दिन इस नुस्खे को तैयार करके इस्तेमाल करूँगी और फिर खुद ही देख लेना के क्या रिज़ल्ट निकलता है.
मैं मुस्कुराए बिना ना रह सका और कहा के इतना बढ़िया निमंत्रण मैं कैसे अस्वीकार कर सकता हूँ? ठीक है फिर आज से ही शुरू कर देते हैं तुम्हारी चूत ढीली करने का प्रोग्राम. वो भी हंस दी. इतने में मरियम भी बाथरूम से निकल कर आ गयी. उसने एक बड़ा सा टवल लपेट रखा था और उसकी चाल में लड़खड़ाहट बिल्कुल महसूस नही हो रही थी. मैने उसको अपने पास बुलाया और उसका टवल खोल कर उसकी चूत को चेक किया. चूत पर अभी भी थोरी सूजन थी और वो फूली हुई भी थी. फिर मैने एक अस्ट्रिंजेंट क्रीम लेकर थोरी सी उसकी चूत पर लगाई और हल्के हाथ से मालिश कर दी. वो कब मेरी गोद में बैठ गयी मुझे पता ही नही चला. मरियम ने अपनी बाहें मेरे गले में डाल दीं और मुझे चूम कर बोली के आज जो मज़ा आया हा वो सारी उमर उसको नही भूल सकेगी. मैने भी उसको वापिस किस किया और कहा के इसको चाहे ना भूलना पर अपनी पढ़ाई को ही अब याद रखना और कुच्छ दिन के लिए इसको अपने दिमाग़ में सुला देना और इम्तिहान तक जागने मत देना. वो हंस पड़ी और बोली मुश्किल तो होगी पर मैं कर लूँगी. तनवी ने उसको कपड़े निकाल कर दिए और दोनो अपने-अपने कपड़े पहनकर तैयार हो गयीं और तनवी उसको ले कर घर छ्चोड़ने के लिए चल दी.
कोई डेढ़ घंटे के बाद तनवी वापिस आई और बोली के सब ठीक है कोई परेशानी नही हुई बल्कि उसकी बहनें ही घर में थीं और उन्होनें बहुत ज़िद की के मैं वहाँ रुकू और चाय पी कर जाऊं पर मैने ऑटो वेट कर रहा है कहकर मना कर दिया और आ गयी. मैने उसको अपनी बहो में ले लिया और अपने साथ सटा कर कहा के बहुत बढ़िया है फिर आज अपना ईनाम लेने के लिए नीचे आओगी या मैं ऊपेर आकर दूं? वो बोली के मैं ही नीचे आकर ले लूँगी और ऊपेर अपने रूम में चली गयी.
फिर मैने अपने साइन-बोर्ड पेंटर को बुलवाया और जिम क्लब का साइन-बोर्ड बनाने को कहा. उसके आने पर मैने उसको बताया के लॅडीस जिम क्लब (गर्ल्स ओन्ली) का साइन-बोर्ड बना के ले आए और नीचे लिख दे के ‘फॉर मेंबरशिप कोंट: मिस तनवी – 98********’. उसको जगह बताई और माप लेकर वो चला गया यह कहकर के अगले दिन सुबह 10 बजे वो बोर्ड लगा देगा. मैं लेटकर सोचने लगा के चलो अबकाम शुरू होने वाला है लेकिन बहुत होशियारी से चलना होगा कहीं किसी को भनक भी लग गयी तो बहुत बड़ी मुसीबत आ जाएगी. मैने एक बार फिर सारे इंतेज़ामों के बारे में सोचा और एक-एक करके मन ही मन उनको चेक किया और सब कुच्छ ठीक पाकर मुझे तसल्ली हुई और मैं थोरी देर सोने की कोशिश करने लगा. रात को पता नही कितनी देर जागना पड़े तनवी की चुदाई करने में.
शाम को मेरी आँख खुली कोई 7-30 बजे और मैं फ्रेश होकर आधे घंटे के बाद ऊपेर तनवी के यहाँ पहुँच गया. मुझे देखकर तनवी बहुत खुश हुई और बोली के राज तुम हो बहुत स्वीट. वादे के पक्के और सब दोस्तों का ख़याल रखने वाले. तुम सही अर्थों में दोस्ती का मतलब ही नही दोस्ती निभाना भी जानते हो. मैने हंसते हुए कहा के बातें बनाना तो कोई तुमसे सीखे और आगे बढ़कर उसको अपनी बाहों में ले लिया. फिर वो हंसते हुए बोली के मैं तो आने वाली थी क्योंकि तुम्हें कहकर आई थी. मैने उसको कहा के मैं भी तो तुमको लेने ही आया हूँ और साथ ही एक गिलास वो शरबत भी पीना चाहता हूँ. वो मुस्कुराई और मुझे हाथ पकड़ कर अंदर ले गयी और एक गिलास शरबत पिलाया. फिर हम नीचे आ गये. नौकर को मैने कह ही रखा था के खाना बना के रख देगा और मैं ले लूँगा. तनवी ने खाना गरम किया और हम जल्दी से खाना खाकर निबट गये. फिर दोनो ने मिल कर बर्तन समेटे और एक सेट बर्तनों का साफ करके रख दिया ताकि नौकरों को पता ना लगे की मेरे साथ किसी और ने भी खाना खाया था.
हम दोनो बेडरूम में आ गये. आते ही मैने सबसे पहले अपने कपड़े उतारे और पूरी तरह नंगा हो गया. तनवी मुस्कुराई और उसने भी मेरा अनुसरण करते हुए अपने सारे कपड़े उतार फेंके और मेरी तरह पूरी नंगी होकर मुझसे लिपट गयी और बोली आज का दिन बहुत लंबा हो गया था मेरे लिए. मैने उसको कहा के हो जाता है और वो कहते हैं ना इंतेज़ार की घड़ियाँ लंबी होती हैं. पर अब तो कोई इंतेज़ार बाकी नही रहा ना. तनवी हंस पड़ी और मुझसे कस के लिपट गयी. मैं उसको अपने साथ चिपकाए हुए ही बेड पर ले आया और फिर शुरू हुआ चुदन चुदाईका खेल जो 2 घंटे से ज़्यादा चला और इस दौरान मैने उसको दो बार चोदा और वो पता ही नही कितनी बार झड़ी क्योंकि मैं दूसरे राउंड में उसकी मस्त चुदाई करते हुए 5 के आगे गिनना भूल गया.
क्रमशः..................
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