RE: College Girl Sex Kahani कुँवारियों का शिकार
कुँवारियों का शिकार--38 end
गतान्क से आगे..............
फिर मैने उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया. उसने कहा कि ये तो बहुत गरम है. मैने कहा के हां ये भी गरम है और तुम्हारी चूत भी बहुत गरम है और जब दोनो मिलेंगे तो इन की गर्मी शांत होगी. निमा की चूत पर एक भी बाल नही था और वो एकदम सॉफ थी. उसकाफिगर था 38-25-38. बिल्कुल अवर ग्लास फिगर था और कहीं से भी मोटापा नही था. हम एक दूजे को सहलाने के साथ साथ किसिंग भी करते जा रहे थे. मेरे हाथो की आवारगी बढ़ रही थी और मैने अपना एक हाथ ले जाकर उसकी चिकनी चूत पर रख दिया. बहुत गरम थी उसकी चूत और पनिया भी गयी थी. उसकी चूत की फाँकें भी आपस मे चिपकी हुई थी, जिन्हें मैने अपनी एक उंगली से कुरेदा और उसकी चूत के सुराख पर मेरी उंगली जा लगी. यहाँ बहुत गीलापन था. मैने अपनी उंगली सुराख के अंदर करने की कोशिश की और हल्का सा दबाव डाला. मेरी उंगली थोड़ी सी निमा की चूत के अंदर घुस गयी और निमा चिहुन्क उठी. मैने पूछा कि क्या हुआ? निमा बोली कि कुच्छ नही बहुत अच्छा लग रहा है करते रहो.
मैं अपनी उंगली को उसकी चूत मे हिलाने लगा और जैसे ही मेरा अंगूठा सहारे के लिए उसकी चूत के ऊपेरी किनारे से टकराया तो निमा उच्छल पड़ी और उसके मुँह से एक सिसकारी निकली. मेरा अंगूठा उसके भज्नासे को रगड़ गया था जिसकी वजह से वो गंगना उठी थी. मैने एक बार फिर अपने अंगूठे से उसी जगह को रगड़ा तो निमा ने अपना हाथ मेरे हाथ पर रख दिया और बोली कि धीरे से करो इतना मज़ा सहा नही जाता. मैने कहा के अभी तो और भी ज़्यादा मज़ा आना है फिर क्या करोगी? निमा बोली के प्यार से धीरे धीरे करते रहो सब सह लूँगी. मैने उसको कहा कि तैयार हो जाओ और उससे पलट कर अपने ऊपेर खींच लिया. उसकी चौड़ी और गोल गांद अब मेरी आँखों के सामने थी और मैने उसकी जांघों से शुरू करके उसकी चूत पर अपनी जीभ को लगा दिया. निमा बहुत ज़ोर से काँप गयी और बोली कि ये क्या कर रहे हो? मैने कहा के वैसे ही कर रहा हूँ जैसे उस वीडियो मे देखा था. तुम भी मेरे लंड को अपने मुँह मे लेकर चूसो.
निमा ने अपना मुँह मेरे लंड पर लगा दिया और मेरे टोपे को किस करके अपनी जीभ से चाता. फिर अपना मुँह खोल कर मेरे लंड को मुँह मे भरने की कोशिश की. पूरा मुँह खोल कर उसने टोपे को अंदर ले लिया और अपने होंठ बंद करके चूसना शुरू कर दिया. मुझे इतना मज़ा आया कि मैं बता नही सकता. ये मेरा पहला मौका था कि मेरा लंड चूसा जा रहा था. मैने उसकी चूत की लकीर के दोनो तरफ अपने अंगूठे लगा कर उनको खोला ओआर अपनी जीभ उसकी लाल चूत पर लगा दी और चाटने लगा. निमा झुरजुरी लेकर काँपने लगी और उसने मेरे लंड को और ज़ोर से चूसना शुरू कर दिया. थोड़ी देर की चाटम चाती के बाद पहले निमा झड़ी और उसके कुच्छ सेकेंड बाद ही मैं भी झाड़ गया.
मेरा सारा वीर्य निमा पी गयी और मैं उसकी चूत से निकला सारा पानी चाट कर गया. मेरा लंड थोड़ा सा ढीला पड़ा पर निमा के चूस्ते रहने से 5 मिनिट मे ही फिर से अकड़ने लगा और पूरी सख्ती मे आ गया. उधर निमा भी चूत के लगातार चाते जाने से उत्तेजित हो गयी और मैने उसको पूछा कि चुदाई भी करना चाहती हो क्या? निमा बोली कि हां आज मौका मिला है तो सब कुच्छ करना चाहती हूँ. मैने कहा के ठीक है और उठकर बाथरूम से एक टवल और कोल्ड क्रीम की शीशी उठा लाया. निमा को सीधा करके मैने टवल उसकी गांद के नीच लगा दिया फोल्ड करके और कोल्ड क्रीम लेकर उसकी चूत पर लगा दी और अपने लंड पर भी लगाकर उसे चिकना कर लिया. फिर उसकी टांगे खोल कर अपनी दोनो तरफ कर दीं और अपना लंड हाथ मे लेकर उसकी चूत पर रगड़ने लगा.
निमा की उत्तेजना बहुत बढ़ गयी थी और वो बोली की राज जल्दी कर दो अब रहा नही जा रहा. मैने कहा कि ये जल्दी का काम नही है आराम से ही करने दो नही तो तुम्हे बहुत दर्द होगा. पहली बार लंड को चूत मे डालने पर दर्द होता है ये तो तुम जानती हो. वो बोली के हां जानती हूँ पर देर नही करो. मैने अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ते हुए उसकी चूत के छेद पर अटकाया और हल्का सा दबाव डाला. मेरा टोपा उसकी चूत मे घुस गया और वो एक दम चौंक गयी. मैने थोड़ा रुक कर फिर दबाव डाला तो मेरा लंड उसकी चूत मे और अंदर घुसा और उसकी कुंआरी झिल्ली से जा टकराया. मैं वहीं रुक गया. मैने अपने लंड को थोड़ा सा अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. लंड तो ज़्यादा अंदर बाहर नही हो रहा था पर हल्की सी रगड़ ने निमा की उत्तेजना को बढ़ा दिया. फिर मैने लंड को अंदर करते हुए एक ज़ोर का धक्का लगाया.
लंड उसकी चूत मे उसकी सील को तोड़ता हुआ अंदर घुसता चला गया और वो ज़ोर से चीखने को हुई, पर मैने उसकी चीख को वहीं उसके मुँह पर अपना हाथ दबा कर रोक दिया. निमा की आँखे फटी रह गयीं और उनमे से आँसू गिरने लगे. मैने अपने लंड को वहीं जाम कर दिया और उसके आँसू पोंछ कर उसको पूचकार कर कहा कि बस अब हो गया है और मेरे ख्याल से अब तुम्हे दर्द नही होगा. निमा रुआंसे स्वर मे बोली कि बहुत दर्द हुआ, तुमने तो मेरी जान ही निकाल दी थी. मैने कहा के निमा दर्द तो होना ही था पर अब नही होगा ना मैं बहुत प्यार से चोदुन्गा. वो चुप रही और मैने धीरे-धीरे अपने लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. कुच्छ ही देर मे निमा को भी मज़ा आना शुरू हो गया और वो भी नीचे से हिलने लगी. मैने रफ़्तार के साथ-साथ अपने लंड को अंदर बाहर करने की लंबाई को भी बढ़ाना शुरू कर दिया.
निमा का दर्द गायब हो गया और वो अपनी गांद उठाकर मेरे लंड को अपनी चूत मे लेने लगी. मैने अपने हाथ उसके सख़्त मम्मों पर रख दिए और उन्हे दबाने लगा. निमा बोली के ज़ोर से दबाओ इन्नको. मैने उन्हे ज़ोर से दबाना शुरू कर दिया और थोड़ी देर बाद ही एक मम्मे को अपने मुँह मे लेकर उसके निपल को चूसने लगा. निमा अत्यधिक उत्तेजित हो उठी और बोली के हां अपने दाँतों मे लेकर हल्का-हल्का काटो इनको बारी-बारी से और मैने वैसे ही करना शुरू कर दिया. फिर निमा ने कहा कि अब ज़ोर से घस्से मारो बहुत मज़ा आ रहा है. मैने अपनी पूरी ताक़त से घस्से लगाने शुरू कर दिए और नतीजा ये हुआ के हम दोनो इकट्ठे ही झाड़ गये. मेरे वीर्य की गरम-गरम पिचकारी नीमा की चूत मे उसकी बच्चेदानी के मुँह से जा टकराई. कुच्छ ही देर मे मेरा लंड ढीला हो गया तो मैने उसे बाहर निकाल लिया और टवल से निमा की चूत से बहते खून मिले पानी को साफ कर दिया.
अब मुझे चिंता हुई और मैने निमा को कहा कि एक ग़लती हो गयी है कि मैने उसकी चूत मे ही डिसचार्ज कर दिया है, कही कोई गड़बड़ ना हो जाए. वो बोली के फिकर ना करो मेरी कॅनडा वाली मासी ने मम्मी को आंटी-प्रेग्नेन्सी टॅब्लेट्स भेजी हैं मम्मी कभी-कभी लेती है वो गोली और मैं भी चुप चाप एक निकाल के ले लूँगी. ये कोई नयी टॅब्लेट्स आई हैं, सेक्स के बाद अगले दिन भी ले लो तो प्रेग्नेन्सी नही होती. मुझे चैन पड़ा और मैने निमा को अपने साथ चिपका लिया. फिर निमा उठकर कपड़े पहन कर दूसरे कमरे मे चली गयी.
“वाउ, तुम तो बहुत पुराने चुड़क्कड़ निकले”, तनवी बोली. मैने कहा के पुराना तो हूँ ही, एक्सपीरियेन्स के कारण ही तो बढ़िया चुदाई करता हूँ. हम तीनों हंस पड़े. प्राची को मैने कहा कि तुम्हारे जाने का टाइम हो रहा है तुम तैयार हो जाओ. उसने जल्दी से अपने कपड़े पहने और जाने के लिए तैयार हो गयी. जाने से पहले उसने मुझे लीप किस किया और बोली कि लव यू तो नही पर मुझे तुम्हारी चुदाई से प्यार हो गया है. मैने कहा के अच्छी बात है मैं तुम्हे चुदाई का मज़ा देता रहूँगा पर ये ध्यान रहे की चुदाई के चक्कर मे अपनी पढ़ाई मत भूल जाना. उसने वादा किया कि उसकी फर्स्ट प्राइयारिटी पढ़ाई ही रहेगी और चली गयी.
मैने तनवी को अपनी बाहों मे भर लिया और कहा कि मैं बहुत खुश हूँ तुमसे और मुझे तुम पर नाज़ है. वो हंस दी और बोली कि राज हम दोनो एक दूजे के पूरक हैं. मैने कहा कि हां ये तो है.
फिर हमने इकट्ठे चाय पी और वो अपने रूम में चली गयी. मैं सोचने लगा कि तनवी का दखल मेरी ज़िंदगी में कितना ज़्यादा हो गया है और मैं उस पर कितना डिपेंड करने लगा हूँ.
अगले दिन मैने बहुत सोचा और आख़िर में एक फ़ैसला ले लिया. मैने तनवी से कहा कि दोपहर का खाना मेरे साथ खाए, क्योंकि मुझे कुच्छ बात करनी है. उसने कहा कि ठीक है.
दोपहर में हमने खाना इकट्ठे खाया और खाने के दौरान हमारे बीच कोई बात नही हुई. खाना खा के मैं तनवी को अपने बेडरूम में लेकर आ गया और उसको बिठाकर कहा के देखो तनवी तुम मेरा बहुत अच्छे से ख्याल रखती हो और मैं तुम्हारे ऊपेर बहुत ज़्यादा डिपेंड करने लगा गया हूँ.
तनवी ने मेरी तरफ देखा और बोली, “क्या कहना चाहते हो?”
मैने कहा, “तुम मुझे बहुत अच्छी तरह से समझ चुकी हो और मेरा मान ना है के शायद मुझ से भी अच्छी तरह तुम मुझे समझ सकती हो. और अब तो तुमने मेरे लिए वो काम किया है कि मैं सोच भी नही सकता था.”
तनवी ने पूचछा, “कौनसा काम?”
मैने केवल इतना कहा, “प्राची.”
वो हंस पड़ी और बोली, “वो तो मैं आगे भी करती रहूंगी हमेशा.”
मैने भी उससी लहजे में बिना रुके पूछा, “अगर मैं तुमसे शादी कर लूँ तो उसके बाद भी?”
एक बार तो तनवी सन्न रह गयी और मेरी आँखों में झाँकति रही फिर उसकी आँखें गीली हो गयीं और वो रुँधे गले से बोली, “फिर तो मरते दम तक.”
मैने उससे अपनी बाहों में भर लिया और कहा, “कल हम कोर्ट में शादी कर लेंगे और उसस्के बाद मंदिर में भी. और उसके लिए तुम अपने घर पर खबर कर दो ताकि वो भी आ जायें और मंदिर में हमारी शादी संपन्न करवा दें.”
हमारी शादी हो गयी और सब कुच्छ वैसे ही चल रहा है बस इतना अंतर आया है कि तनवी अब नीचे मेरे साथ मेरे दिल में रहती है.
दोस्तो, यह कहानी मैं यहाँ पर इसलिए ख़तम कर रहा हूँ ताकि यह बोर ना करने लगे. काफ़ी लड़कियों का परिचय आपको दे दिया है और अब कुच्छ नयापन लाना कठिन है. आशा है कि आप मेरी बात को समझेंगे.
धन्यवाद.
एंड
|