RE: Indian Sex Kahani प्यास बुझती ही नही
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अनिता दूसरे दिन सुबह 9.00 बजे आ गयी थी….उसने एक सिल्क वाइट कलर की साडी पह्न रही थी…कानो मे लंबी चैन युक्त बाली…हाथो मे चूड़िया….और होंठो पे गुलाबी लिप-स्टिक…जिसे देख कर देख कर किसी का भी मन भटक सकता था………..राज उसे गौर से देख रहा था जिसे देखकर अनिता को शर्म आ रही थी…..जब रहा नही गया तो वो बोली….
अनिता: ऐसे क्या देख रहे है सर?
राज: फर्स्ट ऑफ ऑल प्लीज़ डॉन’ट से सर…ओके?
अनिता: तो फिर क्या कहु.
राज: आइ आम युवर बॉय फ्रेंड…यू कॅन कॉल मी राज ओन्ली
अनिता: मुझसे नही होगा? और फिर और स्टाफ क्या सोचेंगे.
राज: तो फिर अकेले मे तो बोल सकती हो….
अनिता: ठीक है बाबा……राज….सर
राज: फिर सर?
अनिता: राज…ओके
राज: ह्म्म्म्मम तुम वाकई बहुत समझदार लड़की हो..और खूबसूरत भी..
अनिता: खूबसूरत तो हू …पर समझदार का मतलब?
राज: हर चीज़ का मतलब नही होता …इंसान को खुद-ब-खुद समझना पड़ता है…और एक आँख मार दी.
अनिता: यू आर फ्लर्टिंग मी सर? सो मे जा रही हू….और मुस्कुराने लगी.
राज:कहाँ फ्लर्टिंग कर रहा हू…तुम हो ही खूबसूरत.और समझदार…तभी तो सारा स्टाफ तुम्हे चाहता है……देखो कितने खुस है….इस ख़ुसी मे मैं भी शामिल हू…ये लो मिठाई…और एक पॅकेट खोला जिसमे काला-जामुन था………………..
अनिता: अरे….ये किस ख़ुसी मे…….?
राज: अब तुम तो खिलाओगी नही अपनी मिठाई….तो मे ही खिला देता हू….इस द्वी अर्थ डायलॉग से अनिता शर्मसार हो गयी…….
अनिता:.आप पहले बोलते तो ज़रूर अपनी मिठाई खिला देती…पर अब तो…………………...वही अंदाज मे बोली….
राज: अभी भी कुच्छ नही बिगड़ा है…….तुम चाहो तो दावत दे सकती हो…मे तुम्हारे घर पे भी आ सकता हू….या चाहे जहा कहो….ज़्यादा खर्च नही कर्वाऊंगा….सिर्फ़ थोड़े पैसे मे हो जाएगा…
वन्हा पर हो रही बातो को और भी स्टाफ सुन रहे थे……सभी ने यही समझा कि राज सर….शादी की ख़ुसी की दावत के बारे मे बोल रहे है…..तभी छ्होटू बोला: हां दीदी…..तुम्हे तो सर को दावत देनी चाहिए….इन्होने तुम्हारे लिया क्या कुच्छ नही किया………..
राज:कोई बात नही छ्होटू…हम लोग वेट कर लेंगे…..शादी के बाद दावत कर लेंगे…क्या कहती हो.
अनिता: शादी के बाद लड्डू का स्वाद कुच्छ और हो जाता है क्या?
राज: मेरे हिसाब से तो शादी से पहले ही लड्डू अच्छे लगते है……ये बाते काफ़ी धीमी आवाज़ मे हो रही थी…जिसे सिर्फ़ ये दोनो ही सुन और समझ रहे थे……तभी राज ने छ्होटू को कहा….बेटा इसे सभी स्टाफ मे बँटवा दो…और 2 प्लेट मे हमे भी दो…खाने के लिए…
छ्होटू ऑफीस मे आया और स्वीट के डब्बे को ले कर चला गया….2 प्लेट मे 2-2 रसगुल्ले रख कर अनिता और राज के सामने रख दिए और वो वान्हा से चला गया..क्योकि काउंटर पर काफ़ी भीड़ थी.
ये लो मेडम ,,,,,,,,,,,दिस ईज़ फॉर युवर हॅपी मॅरीड लाइफ …………..
अनिता: ये क्या….मुझे आपको खिलाना चाहिए था……ये लीजिए….और एक स्वीट उठाकर राज को खिलाने लगी….राज ने उसे खा लिया….
अब राज भी उसे खिलाने लगा……….अनिता ने मुँह खोला….राज उसके होंठो को देखता रह गया..उसके चमकते दाँत, होंठ और चिक देखकर वो भूल गया कि उसे मिठाई खिलानी है….और फिर जब उसने बूब्स देखे तो उसने संयम खो दिया…स्वीट उसके हाथो से छूट गयी और सीधे उसके ब्लाउस मे घुस गयी……….और रस उसके ब्लाउस और ब्रा मे लग गया….
अनिता: आरीए..ईईई ये क्या किया आपने….? मेरी साड़ी खराब हो गयी……
राज: इसे उतार दो…अंदर बाथरूम मे चली जाओ …ब्लाउस उतार देना और रस को पानी से धो दो…
अनिता:आप भी कमाल हो…..पता नही कहाँ देख रहे थे……अब मे क्या करू….कोई अगर देख लेगा तो क्या सोचेगा……
राज: कुच्छ नही होगा मे देखता हू…दिखाओ….
अनिता: रहने दीजिए मे कुच्छ करती हू…और वो अंदर बाथरूम घुस गयी…और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया उसे यकीन था कि कही राजने जान भुज कर तो ऐसा नही किया…?
वॉश स्टॅंड पर एक छ्होटा टेबल लगा था …उसने ब्लाउस उतारा …फिर ब्रा को…फिर वो रस के दाग को अपनी चुचियो से हटाया…फिर ब्लाउस और ब्रा पर लगे रस को धोया….फिर अच्छी तरह धोने के बाद ब्रा और ब्लाउस पह्न लिया फिर वापस बाहर आ गयी……………………………
राज: अच्छी तरह धुल गया ना?
अनिता: ह्म …पर दाग रह जाएगा..
राज: कोई बात नही…उतार कर हमे दे देना ….लौन्डरि मे दे दूँगा……1-2 दिन मे आजाएँगे…
सॉरी फॉर दट…………
अनिता: कोई बात नही……
राज घूर घूर कर अनिता की चुचियो को देखे जा रहा था…..उसे लगा कि रस ठीक से सॉफ नही हुआ है…एक पिंक दाग अभी भी क्लीवेज पर लगा हुआ…था….मौका देख कर वो अनिता से बोला…
राज: लगता है ठीक से दाग साफ नही हुए है…ये देखो….वो क्लीवेज को दिखाते हुए कहा
अनिता: हाई…राम…..ये क्या कह रहे हो…अपनी चुचियो को ढँकते हुए…….बाकी के घर पर धो लूँगी.अब मे चली…………….
राज: अरे…अभी…..??? अभी तो 2 बजे है…5 तक रहना होगा….
अनिता: पर आप परेशान करोगे तो मे चली जाऊंगी.
राज: अब नही करूँगा…लो ये लो खाओ…और इस बार बड़े ध्यान से स्वीट खिलाई….और अनिता ने भी ध्यान से खाया.
राज ने देखा कि उसके लिप्स के नीचे एक रस लगा हुआ है…वो मौका देखकर अपना होंठ वन्हा रख दिया और उसे चूसने लगा……अनिता हड़बड़ा गयी….उसके मुँह से कोई आवाज़ नही आ रही हती…जमम्म्ममममममम उम्म्म्ममममममममममम की आवाज़ आ आयी थी….राज ने अपना एक हाथ उसकी चुचियो पर रख दिया और उसे सहलाने लगा….ऑफीस के दरवाजे को अंदर से नॉक कर दिया और उसके साथ खेलने लगा……………………..पहले उसकी चुचियो के साथ, फिर नंगे पेट और अंत मे उसकी गांद मे अपना हाथ डाल कर सहलाने लगा….और उधेर उसके होंठो को चूसे जा रहा था…जिससे अनिता को भी मज़ा आने लगा था….अब उसने भी विरोध करना छोड़ दिया था…पर राज को डर हो रहा था कि यान्हा कोई भी स्टाफ आ सकता है…..तभी राज ने उसे छोड़ दिया और दरवाजा खोल दिया……………………………………….
अनिता: आप भी ना…..बड़े वो हो….
राज: आइ आम सॉरी….
अनिता: सिर्फ़ मुस्कुरा दी….मे जा रही हू…….और अपना बॅग उठाया…और चली गयी
राज: जाते वक़्त राज ने बोला…कल 4 बजे मे तुम आना हमलोग एक फिल्म देखने जाएँगे…अगर तुम चाहो तो………………….
अनिता सिर्फ़ मुस्कुरई…पर बोली कुच्छ नही………………………………………………………………………………………..
उसे जाते हुए राज घूर रहा था………..क्या ग़ज़ब का माल है…मेरा लंड खड़ा हो गया…अब इसका क्या करू….? फिर वो सोचा…कोई बात नही….रश्मि तो है ही…इस काम के लिए……और 5 बने बजने को भी है.
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उस रात करीब 10 बजे शाम को उसने रश्मि को अपनी बाँहो मे लिया और जम कर चुदाई की….रश्मि भी उसे काफ़ी सहयोग दे रही थी…आज राज को पता नही क्या हो गया था….चुदाई के समय उसे अनिता डार्लिंग बोल रहा था……..पर रश्मि मदहोश रहने से नही सुन सकी…………….
आज राज को कुच्छ नया करने का मन कर रहा था…उसने रश्मि के कान मे कहा….
राज: डार्लिंग…आज मे तुम्हारी गांद मारना चाहता हू.
रश्मि: ये कैसा सौक है आपका? अभी तक तो आपने मुझे चूत मे ही चोदा है….यान्हा तक मेरी दीदी को भी चूत ही चोदा…..पर आज?
राज: आज मे कुच्छ स्पेशल करना चाहता हू.
रश्मि: पर मेरी गांद फट जाएगी..और वैसे भी मेरा पेट खराब है….गॅस हो जाती है….नो प्लीज़….
राज: यार देखता हू…अगर दिक्कत होगी तो मे छोड़ दूँगा…
रश्मि: नही…जब लंड चूत मे जाता है तो आप इंसान से हैवान हो जाते है…और अगर गांद मे जाएगा तो पता नही क्या होगा….प्लीज़ मुझे माफ़ करो.
राज: प्लीज़ यार…..मे तुम्हारे गांद को चाटना चाहता हू.
रश्मि: वो आप कर सकते हो…..पर गांद मे उंगली मत करना.
राज ने रश्मि को घोड़ी बना दिया और उसके दोनो पुत्तो को हटा कर चाटने लगा…..
रश्मि उसकी गरम जीव अहसासपाते ही सिहर गयी…और उसने अपनी गांद उसके चेहरे पर पेश कर दी.
राज उसे चाटने लगा…क्या मस्त गांद थी…और फिर उसकी गांद की गंध भी कमाल की थी.
राज उसे बिदोर बिदोर कर चाटने लगा…..और एक उंगली उसकी गांद मे डाल दी……
रश्मि: उईईईईईईईईईईईई ये क्या किया आपने….मेरी गांद फाटजाएगी.
राज: नही फटेगी डार्लिंग……………..तुम मुझपर भरोसा रखो…..और हां….ये लो जेल लगा देता हू…उसने जेल की सीसी निकाली और उसकी गांद के होल पर रख और उसे अंदर करते हुए उंगली को अंदर बाहर करने लगा……………..जिससे कि अब रश्मि को कोई दर्द नही हो रहा था….
अब कैसा लग रहा है डार्लिंग………..कोई दर्द?
रश्मि: नही….कोई दर्द नही…..सिमिलर्ली मेरा लंड भी जब जाएगा तो दर्द नही होगा….और उसने लंड पर भी जेल लगाया और उसे उसकी गांद के होल पर लगाया और अंदर कर दिया…करीब 3 इंच जाते हुए वो ज़ोर से चीखने लगी…..वो तो अच्छा हुआ कि कमला घर पर नही थी और ना ही स्मृति है वन्हा…वरना सभी भागे भागे आ जाते………………………………………………
राज वही रुक गया और उसके गालो को चूमते हुए वही से अंदर बाहर करने लगा….अब लंड 4 इंच अंदर बाहर हो रहा था………अब 6 इंच…..और अंत मे पूरा लंड चला गया……थोड़ी देर रुकने के बाद वो चुदाई करने लगा…करीब 20 मीं की चुदाई के बाद वो ढेर हो गया……और बोला..कैसा लगा मेरा आइस क्रीम….अपनी गांद मे………………………..वो बोली….एक दम झकास…..आप वाकई मर्द हो. आइ आम रियली इंप्रेस्ड.
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सुबह राज के शॉप जाने के बाद रश्मि ने घर को अंदर से बंद किया और पानी गरम किया फिर गरम पानी को प्लास्टिक टब मे डाल कर उसमे नंगी ही बैठ गयी…जिससे उसे काफ़ी राहत फील हुई…उसकी गांद से अभी भी ब्लड आ रहा था….जिसे देख कर रश्मि काफ़ी परेशान हो गयी…..पर राज ने बोला था कि घबराने की कोई ज़रूरत नही है ये…खूब-ब-खुद ठीक हो जाता है…..हां एक जेल मलम दे दिया था कि गरम पानी से सेंकने के बाद इसे अप्लाइ कर लेना……………………………मरता क्या नही करता….रश्मि की गांद फॅट गयी…पर उसे मज़ा भी तो बहुत आया…..ऐसा मज़ा जो कभी उसके हज़्बेंड से नही आया था….अच्छा हुआ वो मर गया…..(डिसपीयर्ड) …वरना मे मार डालती…………………वो दाँत को मिस्थे हुए बड़बड़ाई…..फिर बाथ लेने लगी….करीब 20 मीं के बाद बाथरूम से बाहर अपने बेडरूम मे आ गयी…………………तभी उसका मोबाइल बज गया…………………..रश्मि ने मोबाइल देखा तो स्मृति का फोन था………………..और वो स्विच ऑन कर दिया…………………
रश्मि: हेलो….
स्मृति: हाई कैसी हो?
रश्मि: ठीक हू…..(नीरस होते हुए)
स्मृति: क्या हुआ????
रश्मि: मेरी गांद फॅट गयी है
स्मृति: कैसे?
रश्मि: अरे यार बॅक गियर लगा दिया….जेठ जी ने
स्मरती: छीइ तुमने रोका नही
रश्मि: क्या रोकू…..ये मर्द कभी रुके है….हमेशा अपनी चलाते रहते है….भुगतना तो हमे पड़ता है ना…………….
स्मरीत: ये तो तुम सही कह रही हो….मेरा भी यही हाल था…पर है मजेदार…..जब से यान्हा आई हू मेरा मन नही लग रहा है………सोचती हू कि फिर वही आ जाऊ
रश्मि: तो आ जाओ….कौन मना करता है.
स्मृति: नही…मा पापा क्या सोचेंगे.
रश्मि: कोई कुच्छ नही सोचता…सब खुस है…तुम्हारी ख़ुसी देखकेर.
स्मृति:ह्म्म्म्म
रश्मि: वैसे मे बात करूँगी………कि कुच्छ दिनो के लिए वो देहरादून चला जाए…ठीक?
स्मृति: थॅंक्स…अपना इलाज़ कारवओ…वरना इन्फेक्षन हो जाएगा
रश्मि: वही तो कर रही हू….इन्होने जेल दिया है और आंटिबयाटिक…..गरम पानी से सेंक कर रही हू
स्मृति: तुम अपना ख़याल रखना…..
रश्मि: ह्म …..मा पापा कैसे है.
स्मृति:ठीक है…..तुम्हारी बहुत याद करते है…..इन्हे पता चल गया है कि राजेश लापता है.
रश्मि: अरे उन्हे कैसे पता? मेने तो बताया नही.
स्मृति: मा बता रही थी कि कमला दीदी बोली है…मा को
क्रमशः...................................
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