RE: Kamukta Kahani अनौखा इंतकाम
रूबीना ने सोचा कि वो जल्दी से अपना हाथ रमीज़ के लंड से हटा ले मगर उस वक़्त सूरतेहाल एसी थी कि वो चाहते हुए भी एसा भी न कर सकी. रूबीना डर रही थी कि अगर वो कोई हरकत करती है तो उस का भाई कुछ बोल ना पड़े.
“क्या करूँ” रूबीना ये सोच रही थी मगर उस की समझ में कुछ नही आ रहा था. ऐसे ही पड़े पड़े कोई एक आध मिनिट और गुज़र गया और रूबीना का हाथ अभी तक रमीज़ के लंड पर था.
रमीज़ का लंड अब कुछ ढीला हो गया था मगर फिर भी रूबीना को अपने भाई रमीज़ का लंड साइज़ में काफ़ी बड़ा महसूस हो रहा था.
आधी रात को अंधेरे कमरे में बेड पर साथ साथ सीधे लेटे दोनो बहन भाई जाग तो रहे थे. मगर उन दोनो में कोई नही जानता था कि वो अब करें तो क्या करें.
“मक़सूद के लंड के मुक़ाबले में रमीज़ का लंड काफ़ी लंबा मोटा है”उफफफ्फ़ में भी क्या सोच रही हूँ अपने ही भाई के लंड के बारे में.... रूबीना ने अपने आप को कोसा.
मगर सच में है तो बहुत बड़ा....उफ्फ पूरा खड़ा हो कर तो......मुझे एसा नही सोचना चाहिए रूबीना ने अपने आप को फिर डांता
“भाई तो तस्सली करा देता होगा सच में....हाईए कितना लंबा है मोटा तो बाप रेरर....किसी कंवारी लड़की की तो....” सोचते सोचते कब रूबीना ने अपना हाथ रमीज़ के लंड के गिर्द कस दिया, उसे पता ही ना चला.
रूबीना के हाथ ने जैसे ही रमीज़ के लंड को कसा तो रमीज़ के मुँह से सिसकारी फुट पड़ी. और उस के सोते हुए लंड ने फिर झटका खाया और फिर से एक दाम खड़ा होने लगा.
रमीज़ की सिसकी को सुन कर रूबीना एक दम हडबडा कर अपने ख्यालों की दुनिया से बाहर निकल आई और उस ने फॉरन अपने भाई के लंड को अपने हाथ से छोड़ दिया.
मगर जब एक जवान कुँवारा मर्द हो और साथ मे एक खूबसूरत जवान शादी शुदा औरत जो उस की सग़ी बहन हो. और वो औरत जब रात की तन्हाई में एक ही बिस्तर पर आधी नंगी लेटी हुई उस जवान मर्द के लंड को सहला रही हो.तो एक भाई होने के बावजूद रमीज़ अपने आप को कैसे काबू में कैसे रखता.
इसलिए जब रमीज़ ने अपने लंड को अपनी बहन के हाथ से निकलता हुआ महसूस किया तो उस ने फॉरन ही रूबीना की तरफ करवट बदली.
रमीज़ ने रूबीना को पकड़ कर अपनी तरफ कैंचा और फिर अपनी बहन के हाथ को पकड़ कर उसे दुबारा अपने लंड पर रख दिया.
साथ ही रमीज़ का लेफ्ट हॅंड सरकता हुआ रूबीना की टाँगो के बीच आया और उस ने अपना हाथ पहली बार अपनी बहन की शादी शुदा चूत पर रख दिया.
रमीज़ का हाथ फुद्दी पर लगते ही रूबीना का बदन अकड सा गया. रूबीना ने रमीज़ को रोकने के लिए थोड़ी मज़ामत करते हुए रमीज़ के हाथ को अपनी चूत से हटाने की कोशिश की.मगर वो उसे रोक नही पाई और रमीज़ का हाथ बेताबी से अपनी बहन की फूली हुई चूत पर फिसलता रहा.
रूबीना पिछले दो हफ्तों से अपने शोहर मक़सूद से नही चुदि थी इसलिए आज रूबीना के बदन मे आग लगी हुई थी. और उस की फुद्दि से पानी बहने लगा था.
रूबीना की फुद्दि लंड माँग रही थी और लंड रूबीना के हाथ मे था..
उस के अपने सगे छोटे भाई का लंबा चौड़ा लंड.
जवानी की गर्मी और सेक्स की हवस ने उन दोनो बहन भाई की सोचने और समझने की सालिहात जैसी ख़तम कर दी थी और शरम का परदा गिरना सुरू हो गया था.
रमीज़ के हाथ उस की बहन की पानी छोड़ती हुई फुद्दी से खेलने में मसरूफ़ रहे. जिन के असर से रूबीना का बदन अब ढीला पड़ने लगा.
जब रमीज़ ने महसूस किया कि उस की बहन थोड़ी ढीली पड़ गई है तो उस का होसला भी बढ़ गया. और उस का हाथ अपनी बहन की फुद्दी को छोड़ कर उस के मम्मे पर आया और ब्रा के उपर से अपनी बहन के जवान तने हुए मम्मो पर हाथ फेरने लगा.
उधर रमीज़ के बहकते हाथों ने रूबीना की फुद्दी में भी हलचल मचा दी थी.इसलिए उस को भी अब अपने आप पर कंट्रोल नही रहा और फिर रूबीना का हाथ भी खुद ब खुद तेज़ तेज़ उस के अपने भाई के लंड पर दुबारा चलने लगा. उपर से नीचे तक रूबीना अपने भाई के लंड को मुट्ठी में भर कर निचोड़ रही थी.
अब रमीज़ ने अपने हाथ से रूबीना के मम्मे को मसलने शुरू कर दिए, जितना ज़ोर से वो रूबीना के मम्मे को मसलता उतने ही ज़ोर से उस की बहन रूबीना उस के लंड को पकड़ कर खींचती और दबाती.
ऐसा लग रहा था जैसे अंधेरे कमरे में दोनो बहन भाई आपस में कोई मुकाबला कर रहे हों .पूरे कमारे में दोनो की आहें, कराहें और सिसकियाँ गूँज रही थीं.
|