RE: Hindi Porn Kahani अदला बदली
मैंने शर्माकर , जी में सर हिलाया ।वो ख़ुश हो गए और फिर से मुझे चूमने और काटने लगे। मैं फिर se गरम होने लगी, वो अपना लंड मेरे मुँह के पास लाए और बोले- बेटी, इसको चूमो ना, और मुँह में लेकर चूसो। मुझे हिचकता देखकर बोले- तुम्हारी माँ भी इसको चूसती थी। यह सुनकर मेरी सब हिचकिचाहट ग़ायब हो गयी। और मैंने उनका लंड चाटना शुरू किया, वैसे ही जैसे मैंने विडीओ क्लिप्स में देखा था।अब पापा ने धीरे से अपना लंड मेरे मुँह में घुसा दिया। और अपनी कमर हिलाने लगे। मैं भी अब मज़े से चूसने लगी और पापा के मुँह se आह निकलने लगी। फिर पापा ने मेरे मुँह से लंड निकाल लिया।और बोले- बेटी, अब असल मज़ा लेने को तय्यार हो ना? मैंने प्यार से पापा को देखते हुए कहा- पापा आज से मैं मम्मी की जगह लूँगी,ठीक है ना? पापा ne मुझे चूमते हुए कहा - ज़रूर बेटा, आज मैं तुम्हें अपनी पत्नी मानूँगा। ठीक है ना ? और मुझे बाहों में लेकर चूमना शुरू किया।
फिर वो मेरी टांगों को फैलाकर उनको मेरी छातियों पर रखा और फिर चूत में जीभ डाल कर मुझे गरम करने लगे और मेरी clit के दाने को ऊँगली से रगड़ने लगे। मैं तो कामरस से पूरी गिली हो गयी। फिर उन्होंने अपने लंड पर पास रखी एक शीशी से क्रीम लगाया और फिर मेरी चूत पर अपने लंड का सूपाड़ा रखा और लंड को चूत पर रख कर उसके छेद पर रगड़ने लगे। मैं तो कामरस से भीग गयी और अपने आप ही मेरी कमर हिलने लगी, उनके लंड से अपनी चूत के मिलन के लिए। फिर पापा ने मेरी चूचियाँ दबाते हुए मेरे ऊपर आकर मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए, और धीरे से लंड को अंदर की तरफ़ दबाया, मेरे मुँह से दर्द के कारण चीख़ निकल गयी।फिर उन्होंने मेरी चूचियाँ सहलाते हुए मेरी चूत में एक हल्का सा धक्का मारा और उनका आधा लंड मेरी कुंवारेपन की झिल्ली तोड़कर अंदर घुस गया, मैं दर्द से आह आह कर उठी।फिर थोड़ी देर उन्होंने मेरे होंठों और चूचियों का मर्दन किया, जब मेरा दर्द काम हुआ और मैं मज़े से पापा को देखने लगी तब वो प्यार se बोले - बेटा दर्द कम हुआ, मैंने हाँ में सर हिलाया ,, तब वो और ज़ोर से धक्का मारे और उनका पूरा ७इंचि लंड मेरी चूत की गहरायीयों में धँस गया। मुझे लगा कि मेरे अंदर किसिने कील ठोक दी है। मैं दर्द से बिलबिला उठी और पापा मेरे आँसू पोछते हुए मेरी चूचियाँ दबाते रहे, और होंठ चूसते रहे। थोड़ी देर में मैंने महसूस किया की अब दर्द कम हो गया और मज़ा आने लगा। मैंने पापा से कहा कि अब अच्छा लगता है, वो मुस्कराए और बोले, बेटी, चूदाइ का असली मज़ा तो अब आएगा। ये कहते हुए उन्होंने अपने कमर को उठाकर अपना आधा लंड बाहर किया और फिर अंदर ज़ोर से पेल दिया, मेरी मस्ती से आह निकल गई, और मैं आह आह उफ़्फ़, पापा और ज़ोर से चोदो बोल उठी।पापा ख़ुश होकर बोले, वाह बेटा, तुम तो अपनी माँ से भी बड़ी चुदक्कर निकलोगी, क्योंकि उसके मुँह se चोदना शब्द निकालने में मुझे २ महीने लग गए। तुमने तो चार धक्कों में चूदाइ सिख ली और बोलने भी लगी। शाबाश बस ऐसे ही चूदवाओ।ये कहते हुए उन्होंज़ोर ज़ोर से चोदना shuru किया।
मेरी मस्ती से भरे अंगों दबाते हुए पापा मुझे बहुत ज़ोरदार चूदाइ से मस्त कर दिए। मैं भी अपने हाथ बँधे हुए होने के बावजूद मज़े से सिसकियाँ भर रही थी। फिर मेरा शरीर अकड़ने लगा और मैं चिल्लायी, पापा मैं तो गयी , और झड़ने लगी।उसी समय पापा ने भी धक्के मरते हुए आह आह करके झाड़ गए।और मेरउठ गए।
फिर पापा ने अपना लंड बाहर निकाला और मेरे बग़ल में लेट गए और फिर उन्होंने मेरा हाथ खोला और फिर बाहों में लेकर प्यार करने लगे।फिर वो बोले चलो बाथरूम में, मैं उठकर अपनी चूत देखने लगी, क्योंकि मुझे वहाँ जलन सी हो रही थी, मेरी नज़र चादर पर पड़ी, जिसमें लाल ख़ून का दाग़ था, मेरी चूत में भी ख़ून की बूँदें दिख रही थी।तभी पापा ने मुस्कारते हुए अपने लटके हुए लंड को दिखाया जिसमें लाल ख़ून लगा हुआ दिख रहा था। पापा बोले- जब लड़की पहली बार चूदती है तो उसकी चूत से थोड़ा सा ख़ून निकलता है, ये नोर्मल है। मैं बोली- पापा यहाँ नीचे थोड़ा दर्द और जलन हो रही है। वो बोले- बेटा, पहली बार में ये सब होगा , कल तक सब ठीक हो जाएगा। फिर वो उठे और मुझे गोद में उठाकर चूमते हुए बाथरूम में ले गए। वहाँ उन्होंने मुझे टॉयलेट के सीट पर बैठाया दिया , मैं सू सु करने लगी।वो प्यार से मेरे सर पर हाथ फेर रहे थे, उनका लंड मेरे सामने लटक रहा थ।फिर मैं उठी और वो फ़्लैप उठाकर सु सु करने लगे, मैं मंत्र मुग्ध होकर उनके लंड और उससे निकलने वाली सु सु को देख रही थी। फिर पापा ने लंड हिलाकर आख़िरी बंद भी निकाली। फिर मेरे पास आए और मुझे बोले - चलो तुम्हें नहला दूँ, पसीने से भीग गयी हो, और मेरे रस से भी।मेरे चूत की ओर इशारा करते हुए बोले। चलो आज हम दोनों एक साथ नहाएँगे, और कहते हुए मुझे अपनी बाहों में भर लिया और चूमने लगे, और अपने हाथ को मेरे चूतरों पर हाथ फेरने लगे।मैं भी उनसे चिपक गयी थी। फिर पापा ने मेरा हाथ उठाया और हैंड शॉवर से मुझे नहलाने लगे और अपने शरीर में भी पानी डालने लगे।फिर नीचे बैठकर मेरी चूत और जाँघों में साबुन लगाए और फिर मुझे घूमने को बोले । मैं घूमी, और अब पापा मेरे चूतरों पर साबुन लगाए ।मैंने शीशे में देखा की पापा का लंड अब खड़ा होने लगा था, फिर पापा ने मेरी चूतरों की दरार में हाथ डाल दिया और मेरी गाँड़ के छेद में साबुन लगाए । पापा का हाथ जैसे वहाँ से हटने का नाम ही नहीं ले रहा था ,वो बार बार मेरी गाँड़ के छेद में रगड़े जा रहे थे। फिर वो खड़े हुए और हैंड शॉवर से नहाया ।बाद में वो तौलिए से अपना और मेरा शरीर पोंछा।फिर झुक कर वो मेरी चूत सुखाए और फिर मेरी चूत की एक मस्त मिट्ठि ले ली, फिर मुझे घूमकर मेरा पिछवाड़ा पोछने लगे।मैंने शीशे मैं देखा को पापा ने मेरे चूतरों को फैलाया और अपना मुँह उसके दरार में डाल दिया और उनकी जीभ मेरी गाँड़ के छेद पर रगड़ने का अहसास हुआ। फिर वो क़रीब ५ मिनट तक मेरी गाँड़ चाटते रहे।मेरे पाँव काँपने लगे, उत्तेजना से और मैं बोली- छी पापा क्या गंदी जगह को चाट रहे हो। वो बोले- बेटी, तेरी कुँवारी गाँड़ बहुत मस्त है।बहुत जल्दी मैं तेरी गाँड़ भी मरूँगा। मैं बोली- आप माँ की भी मारते थे? पापा- हाँ बेटी, वो तो बहुत मज़े से करवाती थी। वो तो अगर ३/४ दिन नहीं मारो तो कहती थी, जी, गाँड़ खुजा रही है, आज इसमें ही डाल दो। मैं तो हैरान ही रह गयी ये सुनकर। फिर हम वापस कमरे में आ गए और उनका लंड अब फिर से तना हुआ था। उन्होंने मुझे अपने गोद में खिंच लिया।
अब पापा ने फिर से मुझे चूमना शुरू किया और मेरी चूचियाँ दबाने लगे, और मेरे निपल्ज़ को मसलने लगे, मैं आह कर उठी। फिर पापा बोले- बेटी, तेरी चूत अभी भी दर्द कर रही है क्या?
मैं बोली- जी पापा अभी भी हल्का दर्द है।
पापा- बेटी, मेरा तो अब फिर खड़ा हो गया है, मैं अभी तो तेरी गाँड़ नहीं मारूँगा क्योंकि तेरी गाँड़ में अभी मुझे बहुत मेहनत करनी होगी, तभी वो आराम से मेरा लंड लेने को तय्यार होगी। पर तू अपने पापा का लंड चूस तो सकती ही है, मुझे इसमें बड़ा मज़ा आएगा और मेरा लंड शांत भी हो जाएगा। फिर वो बोले तुम बैठ जाओ मैं खड़े होकर तुम्हारे मुँह में अपना लंड डालता हूँ । फिर वो मुझे बैठाकर , अपना लंड मेरे मुँह के सामने लाए, मैंने भी उसे चूमना और चाटना शुरू किया । वो हल्के से मेरे मुँह में धक्के लगाने लगे,मैंने भी मस्ती में आकर चूसना शुरू किया। थोड़े देर में पापा आह आह करने लगे, बोले- आह बेटी,तुम तो बहुत मज़ा दे रही हो। आह आज तो तुम्हारी माँ की याद आ गयी, वो भी ऐसे ही चूसती थी, काश तुम्हारे हाथ ठीक होते तो तुम मेरे बालस से भी खेल सकती थी।फिर वो बहुत ज़ोर से धक्के मारने लगे , और बोले- बेटी, तुम अपने पापा का रस पियोगी ना? बहुत स्वाद लगेगा, शुरू में हो सकता है तुमने इसका स्वाद अच्छा नहीं लगे, पर जल्दी ही तुम इसकी दीवानी हो जाओगी। तुम्हारी माँ तो इसकी दीवानी थी। बोलो ना अब मैं झड़ने वाला हूँ, तुम पियोगी ना?
मैंने उनका चूसते हुए, उनकी तरफ़ देखकर हाँ में सर हिला दिया।वो ख़ुश हो गए फिर जल्द ही धक्कों की गति बढ़ा दिए। और हाय बेबी मैं झड़ा, कहते हुए उन्होंने अपना रस मेरे मुँह में छोड़ना शुरू किया। मुझे उनके वीर्य का स्वाद शुरू में तो अच्छा नहीं लगा, पर जल्दी ही मैं उसे गटककर पी गयी।बाद में मुझे स्वाद ऐसा कोई बुरा भी नहीं लगा। पापा तो जैसे मस्त हो गए, मेरे मुँह में लगे हुए उनके वीर्य को साफ़ करके उन्होंने मुझे बहुत प्यार किया और फिर मुझे बाहों में लेकर सो गए।
निलू ने अपनी कहानी समाप्त करते हुए कहा, इस तरह मेरे और पापा के सम्बंध बन गए, बाद में मेरा हाथ ठीक होने के बाद भी हमारा सेक्स चलता रहा। शालू- पर इस सब में नेहा कहाँ से आयी? वो क्यों तुम्हारे पापा से मस्ती से बात कर रही थी?
निलू- तुम जानती हो उसकी भी माँ नहीं है, असल में वो भी अपने पापा से चूदवा रही है, एक साल से।
शालू हैरान होकर बोली- वो भी? ओह गॉड। फिर भी तुम्हारे पापा से वो इतनी फ़्री क्यों है?
निलू- ( सर झुकाकर) - असल में --- ( फिर हिचक गयी) तुम किसी से बोलोगी तो नहीं?
शालू- मैं किसको क्युओं बोलूँगी, बताओ ना।
निलू- असल में हमारे पापा ने हम बेटियों की अदला बदली करके हमारी चूदाइ करी है। उसके पापा ने मुझे और मेरे पापा ने उसकी चूदाइ की है। और ये अक्सर होते रहता है।
शालू- तुम्हें ये गन्दा नहीं लगता?
निलू- अभी तुम चूदी नहीं हो ना, इसलिए नहीं जानती की चूदाइ में कितना मज़ा आता है। हम लोग तो जब नेहा के घर जाते हैं, तो उसके पापा पूरे शनिवार और इतवार को मेरी और मेरे पापा उसकी चूदाइ करते हैं। इतना मज़ा आता है, की बता नहीं सकती।आज भी नेहा के पापा उसकी कॉलेज से छुट्टी कराके उसको अपने बॉस के घर ले गए हैं।उनके बॉस का अपनी बहु से चक्कर है, उनका लड़का विदेश में है। बॉस की बीवी भी अपने मायक़े आती जाती रहती है, तो बॉस अपनी बहु ke साथ मस्त रहता है और आज वो अपनी बहु का और नेहा के पापा नेहा की अदला बदली करके बॉस के घर में चूदाइ समारोह मनाएँगे। मुझे तो बड़ी जलन हो रही है, काश मैं भी वहाँ होती। मैंने पापा कहा था, पर वो नहीं माने, क्योंकि वो उनको नहीं जानते।
शालू का मुँह खुला का खुला रह गया, क्या दुनिया में ये सब भी होता है, वो सोचने लगी।
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