RE: Hindi Porn Kahani अदला बदली
शालू सोचने लगी की सरिता ने तो कभी बताया ही नहीं।जब की वो शालू के मन की सब बातें जान लेती थी पर अपनी बात उसने छुपा ली। फिर वो बोली-चलो कोई बात नहीं अब हम दोनों तो यहाँ ही घर पर रहती हैं आप अब हम दोनों से जब चाहे मज़ा ले सकते हैं। राज ख़ुश हो गया और उसको चूमने लगा और उसकी निपल्ज़ चूसते हुए उसके चूतरों को दबाने लगा और उसकी गाँड़ की दरार में उँगलियाँ डालकर गाँड़ और चूत दोनों को सहलाने लगा।शालू मस्त होने लगी तब राज बोला, चलो अब तुम मेरे ऊपर आ जाओ और अपनी चूत मेरे मुँह में रख दो और अपना मुँह मेरे लंड पर रखो इसे ६९ पज़िशन कहते हैं।शालू उठकर राज के मुँह पर अपनी चूत रख दी और उसके लंड पर अपना मुँह लेके उसको चूसने लगी। उधर राज भी मस्ती से शालू के चूतरों को अलग करके उसकी चिकनी गाँड़ और चूत देखके मस्ती में आ गया और उसके दोनों छेदों को चाटने और जीभ से कुरेदने लगा। शालू भी मस्त होकर राज का लंड और बॉल्ज़ चूसने लगी।उसके लंड से निकले हुए दो बूँद सफ़ेद रस को उसने बड़े प्यार से चाटा।फिर जब दोनों गरम हो गए , तब राज ने शालू को सीधा होकर उसके लंड पर बैठने को कहा।जब वो बैठ गयी तो उसकी लटकती चूचियाँ जो उसके मुँह पर थी , को वो चूसने लगा और उसको अपनी कमर उठाने को बोला, फिर उसने अपना लंड उसकी चूत के मुँह पर रख के उसको नीचे बैठने का इशारा किया और ख़ुद भी नीचे से कमर को उचकाया और अपना लंड उसकी चूत में जड़तक पेल दिया।फिर राज ने शालू को अपनी कमर ऊपर नीचे करके चूदाइ करने मो बोला।वो कमर उठायी और फिर नीचे बैठी , इस तरह उसको मज़ा आने लगा और राज एक हाथ से उसकी चुचि दबा रहा था और दूसरी चुचि चूस रहा था, और उँगली से उसकी गाँड़ का छेद भी छेड़ रहा थ। शालू मस्ती से भर के ज़ोर ज़ोर से उछलने लगी, और उसकी चीख़ें निकलनी लगी, हाअइइइइ पापाऽऽ मर गायीइइइइ। बहुउउउउउउत्तत माऽऽऽऽऽऽऽजाऽऽ आऽऽऽऽऽ राह्ह्ह्ह्ह्हा है पापाऽऽऽऽ ।फिर वो झड़ने लगी, इधर राज ने भी नीचे से धक्का मारा और वो भी झड़ गया।
शालू राज के ऊपर ही गिर गयी, झड़ने के बाद।फिर राज ने उसे साइड में लिटाया और प्यार से चूमने लगा। राज बोला- बेबी, तुम तो सुहाग रात में ही चूदाइ की एक्स्पर्ट हो गयी।फिर थोड़ी देर बाद बाथरूम से आकर दोनों लेट गए ।राज और शालू आमने सामने नंगे लेटे हुए थे राज ने उसे खींचकर अपनी बाहों में लपेट लिया, और बड़े प्यार से अपनी बेटी को देखने लगा।राज- बेटी, अब दर्द तो नहीं हो रहा चूत में? शालू- पापा, थोड़ी सी जलन हो रही है बस। राज- बस बेटा ये भी जल्द ठीक हो जाएगा ।सरिता आएगी तो उससे हल्दी लगवा लेना, अच्छा लगेगा। शालू- छी पापा, क्या मैं उससे वहाँ हल्दी लगवाऊँगी? राज- क्या हुआ, उसे तो सब पता है ही की आज हमने सुहाग रात मनायी है, वो ही तो फूल लायी थी।जब उससे कुछ छुपा नहीं है तो फिर क्या फ़र्क़ पड़ता है।शालू- हाँ ये तो है। चलो वो आएगी तब देखेंगे।फिर वो बोली- पापा, मैं सच में आपको मज़ा दी या सरिता के साथ आपको ज़्यादा मज़ा आता है? राज- पगली, तेरा और उस दो बच्चों की माँ सरिता का क्या मुक़ाबला। तेरा ये दूध सा रंग ,तेरे रसीले होंठ, ये बड़ी बड़ी आँखें , तेरे रसभरे गाल,तेरे ये अनार से मस्त दूध और तेरा ये चिकना बदन। तेरी ये मस्त जाँघें, तेरी ये मदमस्त करने वाली ख़ुशबू,तेरी ये रसिलि चूत तेरे ये मस्त गोल चूतर और ये कुँवारी गाँड़, बेटी, तेरा और उसका क्या मुक़ाबला? शालू- पापा, आप भी ना, ये सब तो सभी लड़कियों के पास होता है। आप बस ऐसे ही मेरी तारीफ़ कर रहे हो। और ऐसे ही सरिता की भी करते होगे।राज- अरे सरिता के तो बच्चा हो चुका है, चूत में से बच्चे निकालने से चूत ढीली पड़ जाती हैं।फिर उसकी उम्र अब ३० के आसपास है।कहाँ तुम कहाँ वो।कहते हुए राज शालू की चुचि मुँह में लेता है, और निपल को होंठों से दबाने लगता है और उसका हाथ उसकी गाँड़ की दरार में हलचल मचाता रहता है। शालू आह करके उससे चिपक जाती है।शालू भी हाथ बढ़ाकर उसके बॉल्ज़ को अपनी हथेली में भरकर प्यार से सहलाने लगती है।उसे अपने पापा के बड़े बड़े बॉल्ज़ से प्यार सा हो जाता है।राज को याद आता है की उसकी माँ रानी भी हर समय उसके बॉल्ज़ को सहलाती रहती थी सेक्स के दौरान।शालू बोली- पापा आपको मेरे साथ सुहाग रात में ज़्यादा मज़ा आया या माँ के साथ? राज उसको चूमते हुए बोला- ये कैसा सवाल है? वो भी मुझे बहुत प्यारी थी, और अब तुम भी मज़े उतनी ही प्यारी हो।तुम उसी का तो प्रतीक हो ।जिन बॉल्ज़ से तुम अभी खेल रही हो, इनसे निकला वीर्य ने ही तो तुम्हें जन्म दिया है।शालू- बोली, जी पापा आप ठीक कह रहे हो, मुझे इन्हें धन्यवाद देना चाहिए। यह कह कर वो उठी और अपने पापा के लंड को जो अभी नरम था, को एक तरफ़ हटा कर , उसके बॉल्ज़ को प्यार से चूमने लगी , फिर वो चूमते हुए थोड़ा नीचे की तरफ़ गयी, तब उसे गाँड़ के पास एक अजीब सी सेक्सी गंध आयी, उसने अपना मुँह नीचे करके बॉल्ज़ के नीचे डाला और जीभ फेरते हुए गाँड़ के छेद तक पहुँच गयी। राज ने उसके सर को थोड़ा नीचे को दबाया और बोला- बेटी, मेरी गाँड़ चाटो ना प्लीज़। शालू ने अपने पापा को ख़ुश करने का संकल्प लिया हुआ था सो उसने अपनी जीभ उसके गाँड़ पर रख दी और उसे चाटने लगी। बड़ा अजीब सा अहसास था उसके लिए ये भी।फिर उसे याद आया की पापा ने उसकी गाँड़ चाटने के साथ ही उसकी गाँड़ में ऊँगली भी डाली थी, यो उसने भी पापा की गाँड़ में एक ऊँगली डालने की कोशिश की, राज की आह निकल गयी, वो मस्त हो कर सोचने लगा की ये तो उसको अपनी माँ से भी ज़्यादा मज़ा देने वाली है।थोड़ी देर बाद वो उठकर फिर पापा के पास आ गयी। राज ने उसे प्यार करते हुए, थैंक्स कहा, इतना मज़ा देने के लिए।राज का लंड आधा खड़ा था, पर अब वो आराम के मूड में था। उसनेशालू मो कहा और चूदवाना है या सोना है? वो बोली-बस पापा अब सोएँगे।
फिर दोनों नींद की आग़ोश में समा गए , ऐसे ही नंगे बदन।
क़रीब ६ बजे राज की नींद खुली, तो वो उठा और फ़्रेश होकर बाथरूम से वापस आया और पेट के बल सोई हुई शालू के मस्त गोल गोल चूतरों को देखकर उसका लंड फिर तन गया और वो उसकी जाँघों के पास बैठकर उसकी जाँघों पर हाथ फेरते हुए अपने हाथ उसके चूतरों तक ले गया और उनको दबाने लगा।फिर उसने उसकी दरार में अपनी उँगलियाँ डालीं और गाँड़ और चूत सहलाने लगा। चूत में ऊँगली जाते ही शालू आह करके उठ गयी, पर राज ने उसे पलटने नहीं दिया।फिर उसने उसको कमर उठाने को बोला, और उसके पेट के नीचे दो तकिया रख दिया, जिससे उसके गोल चूतर ऊपर को आ गए।फिर उसने अपना मुँह उसकी चूत पर रख कर उसको जीभ से सहलाना शुरू किया और ऊँगली से उसके clit के दाने को सहलाया।अब उसकी चूत गीली होने लगी।शालू की आह निकल गई और उसने अपनी chutaron को ऊपर की तरफ़ उछाला ताकि राज की जीभ उसकी चूत को और मज़ा दे सके।फिर राज ने उसे doggie position में आने को कहा, ताकि उसके चूतर पूरे ऊपर आ जाएँ, शालू चोपाया बन गई और उसकी गोल गाँड़ राज को मस्ती में डूबा रही थी और उसका लौंडा पूरा अकड़ गया था,फिर वो शालू को उसी अवस्था में खींचकर पलंग के सिरे पर ले आया और ख़ुद नीचे खड़ा हो गया।अब उसको शालू की गोल छातियाँ भी अनारों की तरह लटकी हुई दिख रही थीं।उसने दोनों चूचियों को दबाया और निपल्ज़ को मसलने लगा, शालू भी मस्ती मैं आह पापा करने लगी।राजने फिर उसके मस्त उठे हुए चूतरों मो दबाया और उसपर दो तीन थप्पड़ भी मारे।राज ने देखा की उसकी चूत अब पूरी तरह से पनिया गई है, तो उसने अपने लंड का सुपारा उसकी चूत के मुँह में लगाया और धक्का लगाया लंड चूत में धँसता चला गया, और शालू के मुँह से उफ़्फ़्फ निकल गया।फिर राज ने उसकी चूचियाँ दबाते हुए धक्के मारने शुरू किया , कमरा फ़च फ़च की आवाज़ से भर गया । अब शालू भी मस्ती में बोलने लगी, हाय पापा , बहुत मज़ा आ रहा है, हाय मर गइइइइइइइइ! राज भी उसकी टाइट चूत की पकड़ को अपने मोटे लंड में महसूस कर रहा था, और मस्ती के साथ चूदाइ कर रहा था। फिर राज को मस्ती सूझी। उसने लंड बाहर निकाल लिया, शालू चौंककर पीछे मुड़कर बोली- क्या हुआ पापा? क्यों निकाल लिया? राज- क्या निकाल लिया? शालू- पापा आप बहुत ख़राब हो। राज- पहले जो निकला उसका नाम बोलो। शालू- आपका ल ल लंड और क्या। राज- शाबाश, अब बोलो मैं लंड डाल कर क्या करूँ। शालू- ओह पापा लंड डालो और मुझे ज़ोर से चोदो।राज मुस्कराया और उसने फिर से लंड पेल दिया और ज़बरदस्त चूदाइ में लग गया।अब शालू भी मस्ती में आकर अपने चूतरों को आगे पीछे करके चूदवा रही थी। फिर शालू चिल्लाई , पापा मैं गइइइइइइइइ।और वो झड़ गयी, राज भी आह्ह्ह्ह्ह्ह मेरी बच्चीइइइइइइइइइइ करके झड़ने लगा और अपना वीर्य अपनी जवान बेटी की चूत में भर दिया।फिर वो लंड निकालके उसकी बग़ल में लेट गया।
फिर वो बोला, आज मैं तुम्हें पिल्ज़ लाकर दूँगा ताकि तुम कहीं गर्भ से ना ठहर जाओ।
राज और शालू सुबह की चूदाइ के बाद फिर नंगे ही सो गए। क़रीब ८ बजे सुबह घंटी बजी, तो राज उठा, और एक कमर में एक तौलिया लपेट कर दरवाज़ा खोला। सामने सरिता सलवार कुर्ते में खड़ी मुस्करा रही थी। वो अंदर आकर आँखें मटका कर बोली- तो राजाजी कैसी रही सुहाग रात? कितने round किए? राज हँसके उसको अपनी बाहों में खिच लिया और बोला- मस्त रही , ३ बार चूदाइ हुई। उसने आँखें फैला कर मार कहा- तीन बार ! बेबी आपका मोटा वाला ३ बार झेल सकी? तब तो वो पक्की चुदक्कड निकलेगी।फिर दोनों हँसने लगे। सरिता ने मस्ती करते हुए उसके तौलिए को झटके से खिंच दिया, उसका लंड लटक रहा था, उसे हाथ से दबाते हुए बोली- देखो आज कितना शांत है बेचारा, वरना ये सुबह तो फूफकर्थ सुबह में साँप में जैसे।राज ने उसके चूतरों को दबाते हुए कहा- अरे तुम इसको ऐसे सहलाओगी तो फिर से तय्यार हो जाएगा। अच्छा एक बात बतानी थी, की कल मैंने शालू को बता दिया है की मैं तुमको भी चोदता हूँ। सरिता ने कहा- क्यों बता दिया आपने? उसको धक्का लगा होगा l राज-हाँ, दो मिनट के लिए वो सकते में आ गयी थी, पर फिर समझ गई और अब कह रही थी कि वह अब हतीनों मज़ा कर सकते हैं। ये सुनकर सरिता की परेशानी ख़त्म हो गई। वो बोली- सच में हमारी बेबी बहुत समझदार है। फिर वो नीचे झुक कर उसका लंड सूंघकर बोली- आप चूदाइ के बाद लंड को साफ़ नहीं किए? राज- नहीं आख़री चूदाइ तो अभी २ घंटे पहले ही की , उसके बाद हम ऐसे ही सो गये।सरिता ने लंड को चाटा और बोली- आह, उसने से आप दोनों के मिक्स रस का स्वाद आ रहा है, औरफिर वो पूरा लंड achhe से चाट ली।फिर वो खड़ी होकर राज को बोली- बेबी सो रही है क्या? चलो मैं उससे मिलना चाहती हूँ। जब वो बेड रूम पहुँचे तो बेबी करवट लेकर सो रही थी और इसका एक पैर दो तकियों पर था और दूसरा पैर सीधा था,इस पोज़ में वो किसी परी की तरह मासूम बच्ची सी लग रही थी।सरिता उसके चूतरों की तरफ़ आइ और उसकी दरार में झाँकी , उसे चूत की पुट्टियां साफ़ दिखाई पड़ीं और छेद भी लालिमा लिए हुए साफ़ दिखा।वो बोली- आपने किस बुरी तरह से इसकी फाड़ी है,सब तरफ़ लाल ही दिख रहा है, क्या बहुत ख़ून निकला? राज- नहीं थोड़ा सा ही निकला है। सरिता ने अपनी नाक वहाँ लगा कर सूंधी और बोली- आह इसने भी आपके वीर्य और बेबी के रस की ख़ुशबू आ रही है, और वहाँ अपनी जीभ डालकर चाटने लगी। चूत पर जीभ की गुदगुदी से शालू की नींद टूट गई और वो उठ के बैठ गई और सामने नंगे पापा और अपनी चूत पर सरिता का मुँह देख कर वो हड़बड़ा गई।और बोली- दीदी ये आप क्या कर रही हो? सरिता हंस कर बोली- मैं जाँच कर रही ही हूँ की सुहाग रात में आपके पापा ने आपको ज्यदा तंग तो नहीं किया? शालू शर्माकर रह गई।फिर सरिता ने उसकी टाँगें चौड़ी कर दी और जीभ से पूरी चूत चाटने लगी। शालू की फिर से सिसकियाँ निकालने लगी, वो बोली- दीदी आप हट जाओ , मुझे ज़ोर से सु सु आ रही है, और सरिता के हटते ही दौड़कर बाथरूम में घुस गई। फिर राज ने सरिता का मुँह चूमने लगा।फिर सरिता अपने आप को छुड़ाकर बोली- चलो मैं चाय ले कर आती हूँ। ताज भी टी शर्ट और हाफ़ पैंट पहनकर हॉल में आ गया और थोड़ी देर बाद शालू भी स्कर्ट टॉप में वहाँ आयी और अपने पापा के पास बैठ गयी। पापा ने उसके गाल चूमकर उसे प्यार किया। सरिता चाय लाई और तीनों चाय पीने लगे।सरिता बोली- फिर पहली बार बहुत दुखा तो नहीं बेबी? शालू- दुखा तो था, पर सह गई। वैसे पापा ने बहुत प्यार से धीरे धीरे शुरू किया।राज- अरे मेरी प्यारी बिटिया को तकलीफ़ थोड़े ना देनी थी। ऐसा कहते हुए उसको अपनी गोद में खिंच लिया और उसके होंठ चूम लिए।सरिता के सामने ये सब पहली बार हो रहा था, इसलिए शालू शर्मा गयी।पर राज ने सरिता को अपने पास आने का इशारा किया और एक जाँघ में शालू को और दूसरे में सरिता को बैठा लिया।
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