RE: Hindi Porn Kahani अदला बदली
सरिता ने पूछा: शालू अब भी जलन हो रही है?
शालू: नहीं दीदी अब ठीक है।अब राज ने देखा कि वो मज़े से एक ऊँगली ले पा रही है तो उसने अब दो उँगलियाँ डाल दी। एक बार वो फिर से ह्ह्ह्ह्ह्य्य्य्य कर उठी।
सरिता राज को बोली: आप इसकी चूत के दाने को सहलाओ तो ये मस्त हो जाएगी।फिर वो शालू से बोली: अरे तुमको निलू जैसी रंडि बननाहै तो थोड़ा सा सहना पड़ेगा।तुम्हारे पापा तो प्यार से कर रहे हैं, बाक़ी के अंकल तो फटते तक चोदेंगे।
अब शालू को थोड़ी कम तकलीफ़ हो रही थी पापा की दो ऊँगलियाँ अंदर लेने में।उधर राज उसकी चूतके दाने को सहला रहा था और उधर सरिता उसकी निपल्ज़ को मसल रही थी। अब शालू चिल्लायी: आऽऽऽऽऽहहहह मैं jhaaaaadddddd जाऊँगीइइइइइइ। तब राज ने अपनी ऊँगली उसकी चूत से हटा ली,और सरिता को बोला:ये अब मेरा लंड ले लेगी गाँड़ में?
सरिता पीछे की ओर आयी और राज की उँगलियाँ हटाकर अपनी तीन उँगलियाँ lub में डुबाकर उसकी गाँड़ में डाली और अंदर बाहर करने लगी।जब शालू ने कोई हल्ला नहीं मचाया तो वो बोली: हाँ अब डाल दो, गाँड़ मस्त खुल गयी है।फिर राज को उसका छेद दिखाकर बोली: देखिए आपकी रंडि बेटी कैसे गाँड़ का छेद खोल रही है, लंड गपकने के लिए, पेलो साली की गाँड़ में, मगर धीरे से। वो फिर सामने आके उसकी छाती मसलने लगी, और राज ने ख़ूब सा lub लगाके उसकी कुँवारी गाँड़ में अपना लंड सेट किया, और धीरे से धक्का दिया।बड़ी मुश्किल से उसका सुपारा उसके बाहरी छल्ले को फाड़ता हुआ अंदर प्रवेश किया, और शालू घबराकर अपने चूतरों को हटाने की कोशिश करने लगी।पर राज ने उसको अपनी जाँघों के बीच ऐसा दबाया हुआ था कि वो हिल नहीं सकी।फिर राज ने अगले धक्के में आधा लंड पेल दिया। शालू की चीख़ें कमरे में गूँज रही थी: हाऽऽयय्यय म्र्र्र्र्र्र्र गायीइइइइइइइइइइ पापाऽऽऽऽ अब छोओओओओर दो। pleaseeeeeeee। निक्क्क्क्काऽऽऽललल्ल loooo नाऽऽऽऽ ।
पर राज ने आख़िरी धक्का मारा और उसका पूरा लंड जड़ तक अंदर चला गया।अब वो जैसे लस्त होके पेट के बल गिर गयी।राज ने उसकी चूत के दाने को फिर सहलाया और उधर सरिता उसके आँसू पोछते हुए उसके होंठ चूस रही थी।शालू रोते हुए बोली: पापा आप गंदे हो , कितना दुःख रहा है।
राज ने प्यार से कहा: बस बेटी अब तो सील फट गयी, अब मज़ा आएगा।ऐसा कहते हुए उसने हल्के से धक्के मारने शुरू किया।वो भी अब ज़्यादा नहीं चिल्ला रही थी।बस आहहहह आह्ह्ह्ह्ह कर रही थी।उधर सरिता और राज उसके सभी कमाँगों पर हमला किए हुए थे।अब शालू को अच्छा लगने लगा, और वो ह्हाय्य पापाऽऽऽऽ अब मज़्ज़्ज़्ज़्ज़ाऽऽऽ आऽऽऽ राह्ह्ह्ह्हा है।
राज ने भी अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी और बोला: साली मज़ा तो आएगा ही, तेरी माँ भी मस्ती से चूतरों को उछाल के मरवाती थी, साली उसी की रंडि बेटी है ले साली ले और ले और ले।कहते हुए वो धक्के मारने लगा, अब वो भी अपनी कमर पीछे करके उसके धक्कों का जवाब देने लगी।अब सरिता बोली: बेबी मज़ा आ रहा है?
शालू: हान्न्न्न्न दीदी बहुउउउउत्त्त्त्त ।
सरिता: क्या करवा रही हो?
शालू: आऽऽह्ह्ह्ह्ह गाँड़ मरवा रही हूँ।
सरिता; अब तू पापा की पूरी रंडि बन गयी है ना?
शालू: हाऽऽऽऽनन्नन poooooriii रंडि बन गयी हुन्न्न्न्न्न आऽऽहहहह।
राज:अब सब अंकल लोगों से गाँड़ मरवाएगी ना?
शालू: जी पापा सबसे मरवाऊँगी।ह्ह्ह्ह्ह्य्य्य्य बहुत मजाऽऽऽऽ आ रहाऽऽऽऽऽ है पापाऽऽऽऽऽ।
राज की ऊँगली उसके चूत के दाने को रगड़ रही थी और सरिता उसकी छाती को मसल रही थी, वो झड़ने लगी।उसके पापा का पूरा हाथ उसके पानी से गीला हो गया, और वो भी उसकी मस्त टाइट गाँड़ में झड़ गया। जब उसने अपना लंड बाहर किया तो उसने ख़ून की कुछ बूँदें थीं,सरिता भी पीछे आके बोली: बेबी तुम्हारी गाँड़ का उद्घाटन हो गया , बधाई हो। थोड़ा सा फट गयी है, पर एक दो दिन में ठीक हो जाएगी।शालू सीधे होकर बैठी तो उसको पापा के लंड में और चादर में ख़ून दिखा।फिर वो उठकर शीशे के सामने आके अपनी गाँड़ के छेद को देखी तो वो डर गयी, छेद फटकर बड़ा सा हो गया था और पूरा लाल हो गया था।सरिता उसको बाथरूम ले गयी और उसके गाँड़ को गरम पानी से साफ़ करके उसपर दवाई लगा दी।सरिता को सीधे चलने में तकलीफ़ हो रही थी।राज ने भी उसको प्यार से लिटा दिया और बोला: बस बेबी थोड़ी देर में अच्छा लगेगा, वैसे बताओ गाँड़ मरवाने में मज़ा आया ना?
शालू: पूरी फाड़ दी और बोलते हैं की मज़ा आया।
सरिता: पर बाद में तो तुम रंडि की तरह कमर उछाल के चूदवा रही थी।
शालू: हाँ आख़री मेंमज़ा आया पर शुरू में बहुत दुखा।
राज: बस बेबी अब छेद खुल गया ना , अब आगे से दर्द कम और मज़ा ज़्यादा आएगा।
शालू ने हाँ में सर हिला दिया।
अब थोड़ी देर बाद सरिता ने इसके लंड को चूसना चालू किया। जब वो खड़ा हो गया तो बोली: आह राजा अब चोद दो ।
राज उसको लिटाकर उसकी चूतमेंलंड पेल दिया और ज़बरदस्त चूदाइ करने लगा।वो भी कमर उठाके चूदवा रही थी, फिर वो आऽऽहहह करके झड़ने लगी, तब राज ने उसको पलटी किया और उसकी गाँड़ मेंlub लगाया और ऊँगली से उसकी गाँड़ को ढीला किया और फिर अपना लंड उसकी गाँड़ में डाल दिया,वी अब मस्ती से चूतरों को पीछे करके उसके धक्कों का जवाब दे रही थी।शालू ने भी ध्यान से देखा कि सरिता बड़े मजे से गाँड़ मरवा रही थी।राज सरिता की गाँड़ मरते हुए बड़बड़ाने लगा: ले साली ले और ले मेरा पूरा लंड निगल गयी रंडि की ओलाद माँदरचोद ले ले और ले कहके धक्का मार रहा था।शालू हैरानी से पापा को देख रही थी क्योंकि उसने कभी उनको गाली देते नहीं सुना था।फिर राज गालियाँ देते हुए झड़ने लगा: ले रंडि, हरामज़ादि, ले कुतीया की बच्ची ,रांड , तेरी गाँड़ फाड़ दूँगा साऽऽऽल्ल्ल्ल्लीइइइइ , और वो झड़ गया।
अब तीनों आराम से लेटकर बातें कर रहे थे तब शालू ने पूछा: आप गालियाँ क्यों बक रहे थे?
राज:अरे बेबी, ऐसा बोलने से और उत्तेजना बढ़ती है, इसका और कोई मतलब नहीं होता। क्यों सरिता मज़ा आया या नहीं।
सरिता: बहुत मस्ती आयी आज तो , आपने बहुत दिन बाद इतना मज़ा दिया।
फिर सरिता किचन मेंचली गयी और राज ने सरिता को पेट के बल लिटाके उसकी गाँड़ की जाँच करी और वहाँ दवाई लगा दी। सरिता बोली:अब दर्द कम है पापा,मई ठीक हूँ, आप चिंता मत करो। राज ने उसको प्यार से चूम लिया।
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