RE: Kamukta Kahani दामिनी
" ओह मम्मी , यू अरे ग्रेट ..मैने इस बारे में ज़्यादा सोचा नहीं था ...बस एक दो बार भैया से बात हुई थी ....प्यार तो मुझ से बहुत करता है .....पर इस हद तक उसे लाने की बात ....ठीक है मोम मैं पापा और भैया के लिए उसे भी अपने में शामिल करने की कोशिश में लग जाती हूँ ..."
"हाँ ....और मैं भी इसमें तेरी पूरी मदद करूँगी ..." मम्मी ने चहकते हुए कहा ...
और अगले दिन ही से मैं जूट गयी सलिल के पीछे ....
सलिल को रास्ते में लाने में मुझे कोई खास परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा . उसके दो कारण थे , एक के वो मुझ से बेहद प्यार करता था ....और दूसरा था मम्मी की बेजोड़ सेक्स अपील और खूबसूरती ....
मम्मी की चकाचौंध रूप रंग ने सलिल को विस्मित कर दिया था ..मेरे प्यार ने उस पर एक और परत डाल दी ...
मम्मी की मुलायम मुलायम चुचियाँ ..भरे भरे पर सुडौल चूतड़ , केले के तुम सी जांघों के सामने उसके लंड ने घूटने टेक दिए ....वो मेरे और मम्मी के लिए पागल हो उठा था ....
अब हाल ये था के उस ने अपने घर वालों से कह दिया के अगर वो शादी करेगा तो मुझ से वरना जिंदगी भर कुँवारा ही रह जाएगा ...
हमें तो मनचाही मुराद मिल गयी थी ..
ये तय हो गया के हम दोनों की कॉलेज की पढ़ाई ख़त्म होते ही हम दोनों की शादी हो जाएगी ...
और हम दोनों की शादी हो गयी ....
मैं ससुराल पहुचि .बड़े लाड प्यार से मेरे सास , ससुर ने हमारा स्वागत किया ..
मैं अब घर से बाहर आ गयी थी ...
पर हमारा घर से रिश्ता वैसा ही था ...बीच बीच में मैं अपने घर जाती और पापा और भैया से पूरी तरह मिलती ..और तब तक मम्मी सलिल का ख़याल रखती ....
ससुराल में कुछ दिन बीतने पर धीरे धीरे मुझे वहाँ के रंग ढंग समझने का मौका मिला ..
और जब मुझे समझ आई पूरी बात मैं अवाक रह गयी..
और तब मुझे समझ आया के सलिल का मेरे परिवार से रिश्ता जोड़ने का तीसरा और सब से आहेम कारण क्या था ......!!
samaapt
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