RE: Bollywood Sex Kahani करीना कपूर की पहली ट्रे...
इस तरह की अपने बारे में पब्लिक में होती बातचीत सुनकर वो शरम और गुस्से से लाल हो जाती है, लेकिन वो अपने आपको समझाती है कि ‘उसने अभी भी नकाब पहन रखा है, तो उसकी असली पहचान पर कोई दाग अब तक नहीं लगा’ इसलिए पब्लिक में उसके बारे में चल रही गंदी बातों को करीना नज़रअंदाज करते हुये किसी तरह आगे बढ़ती है।
उधर टी॰टी॰ई॰ कोच में रमेश मन ही मन- “पता नहीं मैंने ऐसा किस जोश में आकर किया, लेकिन जो भी मैंने किया वो अपनी माँ के लिये ही किया, पता नहीं मुझे क्यों उस आंटी में अपनी माँ की परछाई दिखती है?”
तभी शकील बेहोशी से जाग उठता है, और रमेश को खयालो में खोया देखकर धीरे-धीरे उठकर रमेश के पीछे जाता है, और रमेश के बाल एक हाथ से पकड़ लेता है।
और रमेश को कुछ समझ में नहीं आता, शकील ने उसके बाल इतने जोर से पकड़े थे कि रमेश की दर्द से चीख निकल जाती है- “आआयययीईई…”
शकील रमेश के बाल और गर्दन पकड़कर बोलता है- “अबे हरामजादे, तेरी इतनी हिम्मत कि तूने मुझे मारने की कोशिश की? नमकहराम, आज तो तुझे मैं मार-मार के नामर्द बना दूँगा…” ये बोलते हुये शकील रमेश के बाल खींचकर उसे नीचे गिरा देता है, और पागल गधे की तरह लात रमेश के पेट और मुँह पर मारने लगता है।
रमेश- “आईईई चाचा, आईईइ, बच्चे की जान लोगे क्या? अह्ह… आईईई… मर गया…”
रमेश की चीखों को नज़रअंदाज करके शकील रमेश पर अपना गुस्सा निकालने लगता है, उसे बेदर्दी से मारने लगता है। रमेश के कपड़े फट जाते हैं, सर पर लगी चोट से खून बहने लगता है, और रमेश बेहोश हो जाता है। और पूरी तरह बेहोश हो जाता है, 15 मिनट रमेश की पिटाई के बाद शकील भी अब थक चुका था।
शकील- “ओह्ह… साला, मैंने तो सोचा था कि ये हरामी रमेश लल्लू है। लेकिन ये तो हरामी भड़वा निकला, नमकहराम, साला ड्यूटी पर हूँ इसलिये मजबूरी में जिंदा छोड़ रहा हूँ, नहीं तो इस साले को आज मार ही डालता…” तभी शकील का वाइब्रेशन मोड पर रखा हुआ मोबाइल बजने लगता है। शकील फ़ोन अपने पाकेट से निकालता है तो वो फ़ोन करने वाला नौशक था, इसलिए शकील झट से फ़ोन उठाता है।
शकील- “क्या भाई, आपको मेरा सलाम, जो आपने मुझे बचा लिया उस सिचुयेशन से, नहीं तो हरी और स्वामी मेरा बैंड बजा देते…”
नौशक- “चल वो छोड़, मैंने तुझे दोस्त के नाते हेल्प की थी, लेकिन तुझे भी मेरा एक फेवर करना होगा…”
शकील- “आप जो बोलें, वो सर आँखों पर। मैं क्या हेल्प कर सकता हूँ आपकी?”
नौशक- “वो थी ना, वो रंडी, उसके साथ मुझे मजे करने हैं… और तुझे ही उस रंडी और मेरा टांका भिड़वाना है, समझा? नहीं तो?”
शकील नौशक की बात काटते हुये बोलता है- “अरे भाई, दरसल बात ये है कि वो रंडी नहीं है, वो तो कोई मेच्यूर औरत है, जिसको मैंने ब्लैकमेल करके फँसाया था…”
नौशक- “अबे कमीने, तू तो बोला था कि वो रंडी है…”
शकील- “अरे हा… हाँ … लेकिन अगर मैं सच्चाई बोलता तो मेरी जाब चली जाती, और ब्लैकमेल करने के आरोप में जेल भी हो जाती, समझा…”
नौशक- “मतलब तूने फिर से वो बंद सी॰सी॰टी॰वी॰ से शिकार किया? मतलब तू अब भी उस औरत को कंट्रोल कर सकता है ना?”
शकील- “पहले तो वो मस्त माल पूरे कंट्रोल में थी, लेकिन उस चाय वाले ने सारी गड़बड़ क दी, और अब उस रंडी को सच्चाई पता चल गई है कि वो सी॰सी॰टी॰वी॰ बंद है, समझा? इसलिए अब वो माल मेरे हाथ से निकल चुका है…”
नौशक- “शकील, एक बात समझ ले, मैंने तेरी हेल्प में अब तक बहुत पापड़ बेले हैं, तुझे बहुत सी मुषीबतों से बाहर निकाला है, तुझे कैसे भी करके उस माल के साथ मेरा टांका भिड़वाना ही होगा, समझा? नहीं तो मैं अपनी दोस्ती भूल जाऊँगा, और तेरा सब काला चिट्ठा खोल दूँगा…”
ये सुनकर शकील डर जाता है और झट से बोलता है- “भाई, तू उस औरत के लिये इतना क्यों, अपना दिमाग गरम कर रहा है, मैं तेरा टांका किसी और आइटम के साथ भिड़ा दूँगा, टेंशन मत ले…”
नौशक गुस्से में- “उस जैसा माल मैंने जिंदगी में नहीं देखा है, मस्त मोटी-मोटी जांघें, बड़े-बड़े दूध के टैंकर, गोरा बदन, जिसका मजा मुझे लेना ही है, समझा? तूने भी लिया होगा, अब तुझे मेरा इंतज़ाम भी करना होगा। मैं तुझे 3 घंटे की मोहलत देता हूँ…” ऐसा बोलते हुये नौशक फ़ोन रख देता है।
और उसके बाजू में दारू पीकर बेहोशी में लेटे हुये हरी और स्वामी की तरफ देखकर मन ही मन बोलता है- “इन दोनों को तो मैंने दारू पिलाकर रास्ते से हटा दिया है, अब देखते हैं कि ये शकील मेरा टांका उस रंडी के साथ भिड़ाता है या नहीं? अगर नहीं भीड़ाता तो, मेरा उस मस्त लचीली गाण्ड वाली को चोदने का सपना चूर-चूर हो जाएगा…” फिर वो एक ओर दारू का पेग बनाता है, और पीने में लग जाता है।
दोपहर के 3:04 बज चुके हैं, करीना को भी पता नहीं चला कि उस टी॰टी॰ई॰ कोच में करीना ने 3 घंटे बिता दिए थे, वो भी दर्दनाक 3 घंटे, हाहाहा।
और वहाँ करीना के कोच में, गोगा और उसके साथ बैठे, समीर, संदेश अब होश में आ गये थे, और अब्दुल अपने हाथ से गये चुदाई के मौके को सोचकर मन ही मन बोलता है- “साला, अपना नसीब ही खराब है, इतना मस्त माल मेरे हाथ लगा था, उस साले टी॰टी॰ई॰ ने सब प्लान पर पानी देर दिया, नहीं तो आज तो उस मस्त माल को तो ठोंक ही देता, क्या मस्त टेस्टी दूध था उसका, उम्म्म…”
तभी समीर और रमेश जो कि अब पूरे होश में आ गये थे, वो उपर की सीट से नीचे देखते हुये बोलते हैं- “अबे गोगा, वो तेरी रिश्तेदार कहाँ गई?”
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