RE: Antarvasna kahani हर ख्वाहिश पूरी की भाभी �...
भाभी ने देर न करते हु फटक से रामु के कपडे अगर को उतारने के लिए... रामु के मुह में अपना मुह लगा कर किस करने लगी... कितना भी भारी हो... रामु इस मधमीठे होठ में सब भूल गया... भाभी ने होठ थोड़े दूर किये की रामु उसे और चूसने नजिक जाने उठने लगा... और फिर रामु जैसे ही खड़ा हुआ उसे किस करते करते नंगा कर लिया...
भाभी: देख लिया तेरा खेत वाला बदन... एक किस पर पिघल गया...
रामु: साली रंडी होकर जबान चलती है तेरी?
रामु ने भाभी के मम्मे पर जोर से चाटा मार कर अपने मर्द होने का और ये बदन पर उनका हक़ जताया... रामुने जट से भाभी की लिंगरी खोलनी चाही... पर जल्दी जल्दी में फटने की आवाज़ आई... तो वो रुक गया...
भाभी: अरे रुक क्यों गया?
रामु: तेरे कपड़े...
भाभी: अपनी मर्दानगी दिखा और फाड़ दे...
रामु: तेरे मम्मे और चूत में दर्द होगा खिचुगा तो...
भाभी: रंडी हूँ भूल गया?
रामु: तेरी माँ की गांड मारू साली...
करके भाभी के कपडे को खीच खीच के फाड़ ने लगा... भाभी को कहरना मना था... जैसे भाभी के मुह से आवाज़ आती एक मर्दानी हाथ शरीर पर किसी भी जगह मारता...
रामु: साली रंडी होकर भी इतना आवाज़ करती है... तुजे आदत होनी चाहिए... साली मादरचोद... आवाज़ करेगी... साली बिस्तर गरम करने मैंने तुजे रंडी बनाया है... चल चौड़ी कर तेरी चूत... साली कितनी फूली हुई है... रण्डी कहि की... चल जुक निचे घुटनो के बल बैठ, साली मादरचोद ले मेरा लण्ड मुह में कब से परेशान कर रही है... साली कुतिया छिनाल... तेरे बदन को भोगने के लिए तो दुनिया का हर मर्द तैयार रहना चाहिए... और तुजे हर किसीका बिस्तर गरम करने के लिए ही जन्म मिला है... आ चल आज अभी मुझे खुश कर...
कुछ भी बोले जा रहा रामु... भाभी के बदन को हो पूरी तरह निचोड़ना चाहता था... भाभी लंड मुह में पूरी तरह ले नहीं पा रही थी... तब भी उसे मार मार कर जबरदस्ती कर रहा था... पर भाभी बिना संकोच किए मस्त साथ दे रही थी... भाभी जैसे मुझे इंस्ट्रक्शन दे रही थी वैसे ही डीप थ्रोट के लिए रामु को दे रही थी... जब पूरा लण्ड अंदर चला गया मुह के तो रामु बहोत खुश हुआ.. और ख़ुशी से भाभी के मम्मे को दबाया... भाभी को उठाकर बेड पर पटक दिया.. वो भाभी के ऊपर चढ़कर मम्मे चूस रहा था... भाभी के मम्मो से खेल रहा था... भाभी के दोनों मम्मो को खिचखिच कर एकदूसरे को मिलाने में लगा था... भाभी के भरे स्तन पर निप्पल थोड़े बाहर के साइड थे पर रामु आज मिलाकर ही मान ने वाला था... भाभी ने अपने हाथ थोड़े सुकुड़े मम्मे को करीब लाने में पर फिर भी आधा इंच दूर रहा...
भाभी: नहीं मिलेंगे... अब बस...
रामु: रंडिया मना नहीं किया करती... वो सिर्फ ख्वाहिशे पूरी किया करती है...
भाभी: तो लगा रह मुझे क्या... तेरा टाइम खोटी हो रहा है...
रामु: माँ चुदाये.... पर आज के दिन तेरे चुचे एकदूसरे को बिना छुए नहीं जायेगे... ये रामपाल का वादा है..
भाभी: मैं भी तेरी ये इच्छा पूरी किए बिना नहीं जाउंगी...तू बस कोशिश करके खिचता रहना.. मेरी परवाह मत करना...
रामु: तेरी रंडी कर भी कौन रहा है... चल चूत में थोड़ी जगह बना...
भाभी: चूसना नहीं...
रामु: में रंडियो की चूत या गांड चूसता नहीं हूँ...
भाभी: ठीक है... लगा अपना लौड़ा और पैल दे तेरी ये रंडी को...
रामु का लंड तो काफी मोटा था... भले शायद मुझसे छोटा होगा... भाभी के चूत पर रखते ही एक ही जटके में भाभी के चूत को चीरे रामुके लण्ड का टोपा घुसा दिया... भाभी ने जोर से चीस दी... पर रामु के हाथ में बन्धी वो कहीं जा नहीं सकती थी... रामु कभी मम्मो पर तो कभी मुह पर कभी दातो से निप्पल खीचना चालू रक्खा... भाभी के हाथ पीठ पर घूम रहे थे... और यही उनकी समर्पण भावना दिख रही थी... सेक्स के दौरान भाभी पर चढ़ने वाला ही उसके बदन का मालिक है ऐसा अनुभव अचूक करता... एक ही गति में रामु का लण्ड धीमे धीमे भाभी की चूत में घुस गया...
भाभी तो जैसे लौड़ा अंदर घुसा के जड़ने लगी.. रामु तो अभी स्टार्ट कर रहा था... भाभी के निप्पल को लगातार एकदूसरे की मिलाने की कोशिश करते हुए रामु जबरदस्त धक्के लगाना चालू कर दिया... एक अधेड़ उम्र के बन्दे को एक कच्ची कली समान मस्त बदन यूज़ करने को मिला था... वो कैसे छोड़ता..? लगातार भाभी पर रामु के लंड के घपाघप आवाज़ आ रही थी पुरे रूम में... रामु के पीठ पर भाभी के नंगे पैर वाह घायल बना रही थी मुझे... मैं भी मुठ मार रहा था... रामु ने लण्ड बाहर निकाल के भाभी को घुमाया और डौगी स्टाइल में चूत पे हमले देने लगा... अचानक भाभी जैसे जड़ी के उसी में गिला लण्ड निकाल के भाभी की गांड मारने लगा... थोड़ी दिक्कत हो रही थी, पर रामु के चहेरे पर ख़ुशी साफ़ दिख रही थी...
रामु: बोल अब मेरा निकल ने वाला है कहा निकालू? (हांफते हुए)
भाभी: आ.... तेरी रण्डी हूँ.... अआया... ह... तेरी मर्जी...
रामु: बोल पियेगी?
भाभी: तू जो कहेगी करूंगी... तेरे बिस्तर पर तो.... आह... तेरी ही हुकूमत चलेगी...
रामु ने जल्दी ही गांड से लण्ड निकाला और भाभी को घुमाके बूब्स को फिरसे चमात मार के भाभी को वापस डीप थ्रोट देने लगा... और जोर जोर से धक्के मारके पूरा वीर्य भाभी के मुह में निकाल दिया... और फिर जब भाभी पूरा चाट चाट के साफ कर रही थी तब भाभी ने रामु के बोल्स भी चाटे.. रामु का लण्ड अभी भी बड़ा और कड़क था... तो रामु ने भाभी को सुलाया और धीमे से अपना लण्ड चूत में डाल के भाभी पर पड गया... और धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा... दोनों पसीने से लथपथ...रामु भाभी को हल्के से चोद रहा था और जब अंदर जाता तब भाभी जब कहर उठती... दोनो निप्पल को उसी टाइम एकदुसरे की और खिचता... हर एक जटके पर मुझे लगता के इसबार तो निप्पल एकदूसरे को छु लेंगे पर रामु ख्याल रखते हुए धीरे धीरे कर रहा था... धीमी गति के सेक्स के कारण भाभी और बेताब बनती जा रही थी... एक तो मम्मे पर हमले और भी उसे मदहोश बना रही थी.. वो जड़ने के करीब थी... और रामु भी... और इसी घमासान में रामुने निप्पल को जब एकदूसरे से मिलन करवाया के दोनों एकसाथ जड़ गए... रामु भाभी पर चढ़ा रहा फिर भी...एक मम्मा वो खुद निप्पल मुह में लेके चूस रहा था और दूसरा भाभी को ऑफर किया चूसने को... भाभी के लिए ये भी नया था... दोनों एक घण्टे तक बिस्तर गरम करते रहे... रामु थक चुका था पर भाभी काफी कम थकी नज़र आ रही थी....
भाभी पर रामु पड़ा रहना चाहता था... पर समय का ध्यान रखने के लिए भाभी ने रामु को अपने ऊपर से हटाने को चाहा...
रामु: पड़ी रहे... ऐसे मुलायम बदन पर अब चढ़ने का मौका कब मिलेगा?
भाभी: हा हा हा... पर अब तेज के पास जाना है... केविन सर ने क्या बोला था?
रामु: ह्म्म्म चलो ठीक है... मैं अब ये मीठी निंद्रा लेना चाहता हूँ... एकबार मम्मा चुसवा के जा मेरी रानी...
भाभी: हा लेना... दोनों हलके कर दे...
रामुने मस्त होकर मस्ती से मम्मे चूस चूस के मज़े लिए... और निप्पल को खीच कर बड़ी मुश्किल से भाभी को अपने से अलग किया... भाभी बेड से खड़ी तो हुई पर अब वो थकी हुई थी... उनसे चला नहीं जा रहा था... पर गुरुर उनके चहेरे में दमक रहा था... के बुढ्ढे जवान सब उनके बदन के लिए तरस रहे थे.... एक और जन को उनके बदन का सुख देने जाना था... पर सुबह से दस बारा बार ज़ड चुकी थी... तो अब ताकत नहीं थी इतनी के मस्ती से तेजसिंह को कुछ दे पाए... रूम से बाहर निकलते ही मैंने भाभी के कमर पर हाथ रखा और गांड से हाथ घुमाते हुए पूछा...
मैं: सब दर्द नहीं कर रहा है?
भाभी: ह्म्म्म थोडा थक चुकी हूँ...
मैं: साली तू थकी तो सही आखिर मैं...
भाभी: हा पर देख न... सुबह से सात लंड खा चुकी हूँ और अब आठवा...
मैं: अरे अभी तो और भी है... तिन और हम लोग थोड़ी ऐसे बैठे बैठे तमाशा देखने आये है मेरी जान?
भाभी: ह्म्म्म तो आ जाने तो पूरी फ़ौज को...
मैं: नहीं नहीं मैं मजाक कर रहा था... जाओ जा के नहा लो... और थोड़ी देर सो जा...
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