RE: Antarvasna kahani हर ख्वाहिश पूरी की भाभी �...
भाभी ने उनके आसु पोछे और उनको और करीब लाकर...
भाभी: चल एक और बार कर...
भोलू: मुझसे तो एक बार में भी थका जाता हु... आज गिनती भूल गया हूँ... उतना... हांफ चूका हु... और... बस... अब नहीं...
दोनों बदन एकदूसरे को वापस चूमने लगे... पसीने में लथपथ दोनों एक हुए अपने आपको दूसरे के साथ मज़े करवा रहे थे... भाभी दबी हुई भी खुश और सेक्सी लग रही थी... भाभी ने इस पोसिशन में अपने आप को थोडा बाहर निकाल के लण्ड को चूत में ही रखकर भोलू के ऊपर आ गई... पसीने में ये नज़ारा कुछ् ऐसे दिख रहा था...
अब भाभी ऊपर और भोलू निचे था... भाभी ने कमांड हाथ में लिया और एकबार फिर अपनी गांड ऊपर निचे करने लगी, लण्ड ने पकड़ मजबूत बनाये रखी थी चूत में.. भाभी उसका पूरा उपयोग कर रही थी... भोलू मम्मा चूस रहा था.. काट रहा था... और भाभी चुदवाने में भोलू को सहयोग दे रही थी... भाभी फिर एकबार जड़ गई... भोलू भी जड़ने की कगार पर था... और फिर जोर से भाभी के मम्मे से खीच कर अपनी और लेकर कस के दबा कर एक और बार पिचकारी चूत में दाल दी... चूत से और एक बार वीर्य बाहर आ रहा था... भाभी लण्ड को चूत में रखे हुए भोलू पर पड़ी रही... भोलू भी अपने पैर फैला कर पड़ा रहा और भाभी के बदन से खेल रहा था... पर कुछ सुरसुराहट थोड़ी देर में हुई.. हल्के से कान में भोलू बोला...
भोलू: मूतना है मुझे...
भाभी: कहीं नहीं जाना पड़ा रह...
भोलू: इधर ही हो जाएगा... आपकी चूत में...
भाभी: कर दे...
साले ने चूत में मूतना चालू किया... कितना सारा पानी चूत से निकल ने लगा...
मैं: ये क्या हो रहा है..?
दोनों एकदूसरे के सामने देख हसने लगे... और किस किया... मुझे बहोत मजा आया...
मैं: चलो अब और कोई आये उससे पहले निकलते है...
भाभी: चूत में लण्ड अभी भी जवां है और आपको जाना है? अगर कोई आये तो आप उससे निपट लेना... आज तो भोलू के साथ उनकी मेमसाब ऐयाशी करेंगे क्यों भोलू?
भोलू: हा मालिक ऐसा बदन हमें कहाँ नसीब होगा.. और ये तो फिर भी मेरा पहला अनुभव है... हम अंदर के रुम में ही है कोई आये तो बुला लेना... चले मेमसाब?
भाभी: क्या मेमसाब मेमसाब लगा रखा है? रंडी बुला छिनाल बुला..... गाली वाली नहीं आती क्या?
भोलू: हा मादरचोद आती भी है... पर डर रहा था.. पर तू रण्डी आ गई मेरे निचे तो अब तू मेरी भी है... चल अंदर जाकर मज़े करते है...
भाभी: चल...
भोलू ने लण्ड बाहर निकाल के रखा ही था के भाभी ने लपक मुह में ले लिया... और साफ़ किया... मैं पड़ा पड़ा देख रहा था...
भाभी: आप यह थोड़ी देर बैठिये मैं अभी इनका बिस्तर गर्म करते आती हु...
हस्ते हुए वो दोनों भोलू के रूम में चले गए...दरवाज़ा कर दिया बंध भोलू और भाभी की आवाज़े आ रही थी, भोलू पहली बार चुदाई कर रहा था... पर भाभी उनको आखरी बार मिलने वाली थी, तो वो भी पूरी तरह अपना बिस्तर गरम करवाने में लगा था.. एक घंटे तक भोलू और भाभी का कश्मकश भरी इन्टेन्स चुदाई का अंत हुआ और भोलू अपना पतलून ठीक करते हुए अपने शर्ट के बटन बंध करते हुए बाहर निकला...
मैं: वो किधर गई?
भोलू: पड़ी है मेरे बिस्तर पर साली, मलाई है साली, खूब निचोड़ के रख्खा है... वैसे ये माल मिला कहा मालिक?
मैं: मेरी बीवी है क्या बकवास कर रहे हो?
भोलू: क्या मालिक? कोई अपनी बीवी को किसी का बिस्तर गर्म करवाने ऐसे थोड़ी दे देगा? मस्त रंडिया भी शरमा जाए ऐसी काबिल है बिस्तर पर... मेरा पहला अनुभव था पर वो इतनी मस्त है की मुझे पक्का खिलाडी बना दिया... विदेसी मेमसाब भी ठीक है इनके सामने
मैं: मज़ा आया न?
भोलू: बहोत, चूत में जन्नत के द्वार है ये आज अहसास भी हो गया... क्या मख्खन माल है.. आज एहसास हुआ के आदमी का दिमाग चलने में औरत का कितना बड़ा हाथ होता है... मालिक आपने मुझे तृप्त कर दिया... ये आपका गुलाम हुआ आजसे...
मैं: मैंने थोड़ी कुछ किया है? ये तो सब मेमसाब का काम है...
|