RE: Antarvasna kahani हर ख्वाहिश पूरी की भाभी �...
बबलू जैसे अंदर दाखिल हुआ भाभी ने दरवाज़ा बंद किया, और भाभी की नंगी पीठ सामने आ गए बबलू के...
बबलू: वाह... क्या नज़ारा है... मज़ा आ गया...
भाभी: और एक शर्त, तू कोई ऐसी वैसी बाते नहीं करेगा...
बबलू: अरे आपकी तारीफ तो कर ही सकता हूँ न?
भाभी: तेरी बीवी है न? उसकी कर...
बबलू: अरे आपके जैसे खूबसूरत थोड़ी है...?
भाभी: ठीक है चल बैठ... बोल क्या बात करेंगे?
बबलू: मेमसाब एक फ़ोटो खींचनी थी आपकी साथ... इज़ाज़त है क्या?
भाभी: नहीं फिर तू किसी को भी फॉरवर्ड कर देगा... मेरी बदनामी होगी...
बबलू: मेमसाब नहीं करूँगा प्लीज़... माँ कसम... एक?
भाभी: पर....
हम सोफे के पीछे से थोडा उठे और भाभी को हां का इशारा किया...
भाभी: चल ठीक है... पर सिर्फ एक, और तू किसीको फॉरवर्ड नहीं करेगा ठीक?
बबलू: हा वादा...
बबलू ने अपना मोबाईल केमेरा निकल के फोटो खीचने के लिए उठा... भाभी भी उठी अपनी साड़ी ठीक करते हुए... साडी थोड़ी गहरे रंग की थी इसलिए कुछ दिखाई नही दे रहा था पर नंगी बाह बयां कर रही थी के भाभी ने ऊपर कुछ नहीं पहना, भाभी थोड़ी दूर खड़ी थी...
बबलू: आगे आईए न?
भाभी: ह्म्म्म
बबलू: थोडा सा पल्लू निचे हटाई न?
भाभी: मार भी खा लेंगे पहले प्लीज़? एक तो फ़ोटो लेना है वो थोडा यादगार बनाना है... प्लीज़?
भाभी ने साड़ी को हल्का सा निचे किया... पर बबलू का मन नहीं भरा...
बबलू: ऐसे ज्यादा से ज्यादा कवर कर के रखोगे तो क्या फायदा... थोडा प्लीज़?
भाभी: अच्छा तो अब तू मुझे सिखाएगा? इतना ही...
बबलू: प्लीज़ एक फोटो ही तो खीचना है....
भाभी: मुझे शर्म आती है मैंने कुछ नहीं पहना निचे...
बबलू: अरे पता है... पर थोडा तो निचे करो? आपके दाने तक साड़ी उतार सकते हो! प्लीज़?
भाभी: तू बाद में चला जायेगा और वापस नहीं आएगा...
बबलू: ओके चलो वादा...
भाभी ने बड़ी संभल के अपनी साडी निचे उतार के मम्मे पर निप्पल तक कर के सेल्फ़ी में पोज़ दिया... बबलू ने कोई हिचकिचाट बिना एक हाथ भाभी के नंगे कन्धे पर रख के सेल्फ़ी ले ली...
बबलू: धन्यवाद... बस एक रोज़ अलग सेल्फ़ी मिल जायेगी तो भी ये मुह कभी नहीं खुलेगा...
भाभी: चलो जाओ...
बबलू: वैसे आपका बदन है काफी नरम और नाजुक
भाभी: हा हा ठीक है चलो अब कल सेल्फ़ी ले ने आना...
दरवाजे तक जाते तक बबलू को क्या हुआ के पीछे मुड़ के भाभी को अपनी बाहो में भर लिया... उनके नंगे पीठ को सहलाने लगा... भाभी तो अपनी साडी को छोड़ नहीं सकती थी न ही छटपटा सकती थी ज्यादा, साडी गिर ने का डर था.... पर बबलू की भी प्रशंशा करनि पड़ेगी, सिर्फ गले लगाया, साड़ी निचे खिसकी जरूर थी पर बबलू ने मम्मे से उतरने नहीं दी... बबलू ने एक मिनिट तक गले लगाए रख्खा होगा... और सॉरी बोल कर भाग गया...
बबलू तो भाभी जैसी मख्खन को गले लगा कर निकल गया... भाभी तो दरवाजे से देख रही थी और अपने आपको रोक नहीं पा रही थी उसे लगा के, अब क्या करे? उसने दरवाजा बंद किया और फिर हमारी और देखा। वो शरमा गई
केविन: साले ने सच में गले लगा ही लिया...
भाभी: हा वो कुछ टाइम ही नहीं मिला...
मैं: ये अब भैया को कम्प्लेंट न कर दे..
केविन: तू डरता बहोत है, भाभी का बदन जब तब उसे नही मिला तब तक वो चुप ही रहेगा...
भाभी: ह्म्म्म केविन सही बोल रहा है... और मैं उसे इनसे ज्यादा कुछ देने वाली नहीं हूँ... ह्म्म्म
केविन: अभी हमें तो कुछ दे दे मेरी रानी!!!
भाभी: तुजे तो मैं दे दूंगी पर बबलू वापस आएगा... वो आएगा ही, फिर रुकना पड़ेगा... इससे अच्छा है की आज रुक जाओ...
केविन: तो क्या सिर्फ उसे देकर हमे प्यासा रखने का इरादा है क्या?
भाभी: अरे मेरे मजनू थोडा सबर करो अब ये बात समीर के भैया तक पहुचेंगी तो प्रॉब्लम हो जायेगी... अब हमे और सावधान रहना पड़ेगा....
केविन: ठीक चल एक बात बताता हूँ... हैरान मत होना....
भाभी: कौनसी?
केविन: देख मैंने एक डील साइन करनी थी याद है तुजे? और तुजे पता होगा के समीर के बर्थडे के दिन ही होनी थी, पर नहीं हुई...
भाभी: ह्म्म्म तो?
मैं: जल्दी बोल मुझसे रुका नहीं जा रहा है... बोलना क्या चाहते हो?
केविन: वो दरअसल समीर के भाई राहुल का बिज़नेस पार्टनर है, और....
भाभी: क्या घटिया मज़ाक कर रहे हो? राहुल कहा कोई बिज़नेज़ है?
केविन: सबर कर मेरी जान...
मैं: भाई बस ये मत बोलना के भैया को सब पता है हमारे बारे में...
केविन: हां बस यही समझ ले...
हम दोनों को शोक लगा था और केविन सिर्फ ऐसे ही बोल दिया था...
केविन ने अपनी बात पूरी एक सांस में बताई, और हम सिर्फ सुनते रहे....
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केविन:
सुनो मेरी बात गौर से, आपको पता है की मेरे पापा बिज़नेस मेन है, मेरे पापा के कई छोटे मोटे बिज़नेज़ है, और अब छोटी छोटी कम्पनियो में फण्ड देते है, राहुल भैया का एकदिन मेरे पापा से मुलाकात हुई थी और मेरे पापा को राहुल भैया का आइडिया पसन्द आया था... मेरे पापा ने एक और पार्टनर रखने की मांग करी थी, और दूसरा पार्टनर जो था वो राहुल भैया का पुराना दोस्त ही निकला, और पापा का दूसरे पार्टनर से पुराना हिसाब करना बाकि था जो यहाँ से हो सकता था... पापा ने बाकी की ज़िम्मेदारी मुझे सौंपी थी, पर वो भड़वा ने रंडियो का शौकीन होने के कारण छोटी से शरत रख्खी, रंडी से चुदाई की... ऐसे मत देख, मेरे मन में तो तू थी ही नहीं... मुझे थोड़ी पता था तब के तू कौन है? मेरी मुलाकात तेरे राहुल भैया से बारबार बिज़नेज़ के सिलसिले से होती रहती थी। मैंने राहुल भैया से ये दूसरे पार्टनर देव की ये शर्त की बात रख्खी.... अब ये बिज़नेस के मामले है कैसे क्या हुआ में नहीं पड़ता पर भैया को भी बाद में पता चला देव की ज़रूरत उसे पड़ेगी पर थोडा नाटक कर रहा है... पहले तो कुछ नहीं बोले पर हमारी दोस्ती जब गहरी हुई दो तिन दिन की लगातार मीटिंग से, मैंने अगर रंडी का इंतेज़ाम वो कर दे तो इन्वेस्टमेंट की राशि डेढ़ गुनी ज्यादा देने की बात रख्खी। मैं कुछ करता और मेरे पापा को मुज पे शक होता के में ये सब भी इंतेज़ाम करता तो... वैसे मैं भी मेरे बाप की ही औलाद हूँ... पर इतना जल्दी मैं उसे अपने आप को एक्सपोज़ करना नहीं चाहता था.... ये सुन के राहुल भैया का मन तो विचलित हुआ था... क्योकि इस ज़माने में इन्वेस्टर मिलते ही नहीं... भैया का प्रोजेक्ट अगर निकल पड़ा तो उनके पेटेंट के राइट्स के बेसिस पर हमे करोडो का फायदा हो सकता था... तो हमे इन्वेस्टमेंट डेढ़ गुना करने में इतनी परेशानी नहीं थी। भैया मुझे सिर्फ बिज़नेस के अलावा नहीं जानते थे। और भैया मुझे इन सब बातो पर बच्चे लग रहे थे... हालांकि वो सचमुच बच्चे ही है.... पर एकदिन से राहुल भैया दुखी दिखने लगे किसी से बात भी नहीं करते थे... मीटिंग में भी नही आते थे... हमने तो पचास टका फंड डीइ भी दिया था पर वो काम भी शुरू नहीं कर रहे थे.... वो अपने जॉब में फसे है सोचकर दो तिन दिन हमने जाने दिया... भैया को जॉब छोड़ ने की सलाह भी दी तो पता चला के उसने रिजाइन तो कर दिया है ऑलरेडी नोटिस पीरियड पर है.... तो फिर बात क्या है? मैंने फोन किया और उसे बुला लिया ऑफिस पर के अर्जेन्ट काम है... मैंने थोडा प्रेशर दिया के अगर बात नहीं बताएँगे तो फिर डील हने केंसल करनी पड़ेगी.... और तब वो मुझे काफी कुछ बोल गए... तुम दोनों भाई अपनी धुन में होते हो तो क्या बकवास कर देते हो ध्यान ही नहिं रहता तुम्हारा.... ये मुझे पता चल गया... तूने भी तो वही किया था... हम सब दोस्तों के सामने....
राहुल: क्या बताऊ तुजे, कुछ कुछ गलत भी है और कुछ कुछ सही भी है। ओवर ऑल मेरी बेंड बजी है...
केविन: क्या बोल रहे हो आप?
राहुल: एक रिपोर्ट कल देखा जिसमे मैंने देखा के एक लड़की को persistent sexual arousal syndrome की असर है...
केविन: अभी ये क्या नया है?
राहुल: ये एक ऐसी बीमारी है जिसमे औरत को बिना किसी की ज़रूरत अपने आप ऑर्गेसम हो जाता है... ये बीमारी नहीं है पर...
केविन: ओह... पर आप ये सब मुझे क्यों बता रहे हो?
राहुल: अरे क्या बताऊ? किसको बताऊ? कुछ समझ नहीं आ रहा.... इसका कोई इलाज नहीं...
केविन: कौन है वो औरत?
राहुल: मेरी बीवी...
केविन: ओह, पर अच्छा है, आप की तो निकल पड़ी...
राहुल: क्या खाक निकल पड़ी? वो मेरे छोटे भाई पर नज़र डाल रही है, वो गलत है... पर वो जो कर रही है वो उनकी जरूरियात है उनको मैं हर समय पूरा नहीं कर सकता... तो उसे और चाहिए... ये मैं समझता हूँ... पर क्या करू? मैं बोला न? कुछ कुछ सही है और कुछ कुछ नहीं... पर मुझे जो हो रहा है वो होने देना पड़ेगा...
केविन: तो क्या आपके भाई के साथ सम्बन्ध बाँध लिए?
राहुल: नहीं पर उनकी बातो से लगता है की बाँध लेगी जल्दी...
केविन: ऐसे कैसे आपको लग रहा है?
राहुल: उसने मुझे बताया था के कुछ.... छोड़ उसने मुझे बोल तो दिया था, और एक दो दिन से उसने कपडे जो पहनना स्टार्ट किया है... और उनकी मेरी साथ सेक्स के दौरान पेशी मुझे बता रही है की दोनों के बिच चल रहा है कुछ... शायद कुछ हो भी गया हो....
केविन: तो अच्छा है घर की बात घर में रहेगी... करने दो न?
राहुल: पर समीर छोटा है अभी...
केविन: समीर?
राहुल: हा... मेरा छोटा भाई...
केविन: समीर? समीर मल्होत्रा? आपका छोटा भाई है?
राहुल: हा क्यों? जानते हो क्या उसे?
केविन: हा वो मेरा कॉलेज फ्रेंड है, ह्म्म्म तो अब आपकी बारी है और शोक लगने की... वो देवर भाभी के सेक्स के सम्बन्ध हो चुके है...
राहुल: क्या बकवास कर रहे हो? तू कैसे कह सकता है?
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