RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
[b][b][b][b][b][b]स्मृति - हमारी पर्सनॅलिटी ही ऐसी है.
स्मृति ने इतराते हुए टाइप किया.
लाइयन - हाँ ये तो बात है.
स्मृति - और बताओ
लाइयन - पुछो जी, हम बता देंगे
स्मृति - क्या करते हो?
लाइयन - लड़कियो से चाटिंग, घूमना फिरना और एंजाय
स्मृति - काफ़ी खुश दिल लगते हो
लाइयन - लाइफ एक है, ये आप के उपर है कि शराफ़त का बोझ ढोते रहो या एंजाय करो
स्मृति - लड़कियो से चाटिंग करके तुम्हे क्या मिलता है?
लाइयन - हर कली को भंवरे की तलाश होती है और मे वो ही भँवरा हू.
स्मृति - ये कैसी फिलोसॉफिकल बाते करते हो. कलियाँ क्यू आएँगी इस भंवरे के पास, शादी तो हो ही जानी है उनकी.
लाइयन - स्मृति जी, आपकी नज़र मे तो हू ही बदनाम लेकिन फिर भी बता देता हू कि इस नाचीज़ के पास शादी शुदा कलियाँ ही ज़्यादा आती हैं अपना रस चुसवाने के लिए.
स्मृति - तो इस इंडिया मे अकेले मर्द हो तुम. हा हा हा हा हा
लाइयन - अकेला तो नही हाँ लेकिन मर्दो मे से एक हू.
स्मृति - हर मर्द यही कहता है.
लाइयन - सच बोलू तो आपसे कहना नही चाहता था लेकिन आपने मजबूर कर दिया कहने के लिए. आपको तो मे प्रॅक्टिकली बताता कि मर्द क्या होता है.
स्मृति - हा हा हा हा हा. ख्वाब बहुत देखते हो तुम. मुझे क्या ज़रूरत है जान ने कि तुम कितने बड़े मर्द हो, मेरे हज़्बेंड सबसे बड़े मर्द है इस दुनिया के.
लाइयन - हज़्बेंड चाहे कितना भी बड़ा मर्द क्यू ना हो, सेक्स ऐसी चीज़ है जो एक्सपेरिमेंट्स से ज़्यादा सॅटिस्फाइ करती है. रेग्युलर सेक्स से हज़्बेंड भी बोर हो जाता है और वाइफ भी, जिन हज़्बेंड को मौका नही मिल पाता वो हमेशा अपनी बीवी के ही पीछे लगे रहते है. ये एक ऐसी फॅंटसी है जिसे समझदार लोग जल्दी समझ लेते है और बेवकूफ़ लोग इसी सच के साथ जीते और मर जाते है. इंडिया मे ऐसी कितनी लॅडीस है जिन्हे आज तक सेक्स पोज़िशन्स तक के बारे मे नही पता, उनको बस इतना पता है कि हज़्बेंड आएगा, उपर लेटेगा और काम कर देगा.
स्मृति - गुरु जी बस. आप बस चुप ही रहो, और अपनी समझ अपने पास ही रखो.
तभी पंकज की एंट्री होती है रूम मे, स्मृति के तो जैसे होश ही उड़ जाते है और स्मार्ट्फोन उसके हाथ से छूट के गिर जाता है और बॅटरी बाहर. सिमरन अपने आप को बड़ी मुश्किल से संभालती है. पंकज अभी अंदर आकर गेट बंद करता है.
स्मृति - " क्या गेट नॉक करके नही आ सकते हो, डरा दिया मुझे". पंकज पीछे मूड कर देखता है जैसे स्मृति किसी और से कह रही है.
पंकज- " क्या आप हम से कुच्छ कह रहीं है?".
स्मृति - " नही पड़ोसियो से कह रही हू". और पंकज धीरे धीरे उसके पास आने लगता है, स्मृति उठ कर बेड के कोने मे खड़ी हो जाती है.
पंकज -" इतना ना तरसाओ मेरी जान, बस तुम ही तुम दिखाई दे रही हो चारो तरफ".
स्मृति - " ठीक है तो प्यार से बाते करते है".
पंकज -" प्यार से कभी बाते होती है, प्यार से सिर्फ़ प्यार होता है और वही करने मे आया हू". स्मृति के दिमाग़ मे लाइयन की बात घूमने लगती है कि हज़्बेंड्स को वाइफ से बस एक ही काम होता है, नही तो पास भी नही आते है.
स्मृति - " मेरा प्यार करने का कोई मूड नही है". और बेड के दूसरे कोने से उतर कर जल्दी से भाग जाती है. पंकज मन मार कर रह जाता है. अपने लंड पर हाथ लगाते हुए उपर देखता है और कहता है कि " बीमारी दे दी इसके रूप मे, अब कम से कम दवाई का तो इंतज़ाम करा". और हंसते हंसते रूम के बाहर चला जाता है.
इधर सिमरन और आराधना का कॉलेज ख़तम होने का टाइम हो जाता है. सिमरन कॅंटीन मे पहुँचती है आराधना से मिलने के लिए. आराधना के हाथ मे कॅरोट जूस का ग्लास था.
सिमरन - " तो मेरी जान अकेले अकेले जूस पी रही है. "
आराधना -" सॉरी डियर, तुझे फोन करने ही वाली थी कि इतने मे तू आ ही गयी". आराधना उसे जूस ऑफर करती है लेकिन सिमरन ये कह कर मना कर देती है उसका कुच्छ खाने का मन है पीने का नही.
सिमरन -" भैया 2 समोसे देना". कॅंटीन वाले भैया से 2 समोसे मांगती है.
आराधना -" प्लीज़ मेरे लिए मत लेना"
सिमरन -" क्यू समोसे मे ऐसी क्या बुराई है".
आराधना - " यार कितना फॅट होता है और आयिली भी, वेस्ट भी 24 से 26 होने आ जा रही है".
सिमरन -" मेरी जान मुझे समझ नही आता कि इतनी फिगर कोन्सियस क्यू है, जब तू किसी की लाइन आक्सेप्ट नही करती."
आराधना - " यार हर लड़की को फिगर कोन्सियस होना चाहिए, मे भी हू. इसमे बुरा क्या है".
सिमरन-" कपड़ो मे अपनी बॉडी का हर पार्ट तू ढक कर रखती है, ऐसी फिगर का क्या फ़ायदा जिसे कोई देख ही ना सके".
आराधना -" तू दिखाती फिर अपनी बॉडी, मे तो बस अपने हज़्बेंड को दिखाउन्गि". आराधना ने इतराते हुए कहा.
सिमरन -" अगर मे शॉर्ट कपड़े पहनती हू तो मना करती और वैसे कहती है कि तू दिखाती फिर अपनी बॉडी".
आराधना -" मेने तुझे कम कपड़े पहन ने से मना नही किया, तू नंगी घूम चाहे. बस मेरे घर अच्छे कपड़े पहन कर आया कर."
सिमरन - " अच्छे यानी कैसे कपड़े".
आराधना -" सूट सलवार पहन लिया कर या सारी. दोनो ही कपड़ो मे लड़किया अच्छी लगती है". ये बात सुनकर एक शैतानी मुस्कान थी सिमरन के चेहरे पर.
आराधना -" ऐसे क्यू हंस रही है".
सिमरन-" मेरी जान तेरी ये तमन्ना मे ज़रूर पूरा करूँगी". और फिर वो दोनो घर के लिए रवाना हो जाते है. थोड़े ही देर मे सिमरन आराधना को उसके घर ड्रॉप कर देती है. आराधना आते ही उपर जाती है और थक कर सो जाती है.
शाम के 6 बजे है, स्मृति बाहर लोकल मार्केट मे वेजिटेबल्स लेने गयी और तीनो बच्चे अपने रूम मे सो रहे है. पंकज ग्राउंड फ्लोर पर ईव्निंग एक्सर्साइज़ कर रहा है. उसने एक बॉक्सर शॉर्ट पहना हुआ है और स्लीवेलेस्स टी- शर्ट.
" ट्रिंग, ट्रिंग". डोर बेल बजती है और पंकज शॉक्ड हो जाता है. "मुसीबत अभी तो बाहर गयी थी आ गयी क्या". वो मन मे सोचता हुआ डोर की तरफ बढ़ता है. वो स्मृति के बारे मे सोच रहा था कि वो मार्केट से जल्दी आ गयी है.
डोर खुला और जैसे पंकज को होश ही नही रहा. बाहर सिमरन खड़ी थी, एक स्लीवेलेस्स सूट मे, वाइट कलर का स्लीवेलेस्स सूट आंड ग्रीन कलर की टाइट पयज़ामी. उसके उपर दुपट्टा ग्रीन और वाइट मिक्स कलर का था. हाइ हील सॅंडल्ज़, खुले हुए बाल और वो भी गीले ही थे जैसे अभी ही फ्रेश होकर आई हो वो. डार्क लिपस्टिक लगाई हुई थी उसने. सूट इतना टाइट था कि ऐसा लग रहा था कि बूब्स या आस पर से भी कभी भी फट सकता है और उसकी बॉडी आज़ाद हो सकती है. सेक्सी शब्द काफ़ी नही था उसकी बॉडी के लिए, वो उससे कहीं बढ़ कर लग रही थी. उसके हाथ मे एक ब्रॅंडेड पोलिबॅग था.
सिमरन " मे आइ कम इन". सिमरन ने पंकज की आँखो मे देखते हुए बोला. पंकज की हालत बेहद खराब थी, सिमरन का ये रूप उसका होश उड़ चुका था.
पंकज -" या सू.. सू.. श्योर". सिमरन स्टाइल मे चलते हुए घर मे एंट्री लेती है. वो आज जान बुझ कर जान लेवा अंदाज़ मे चल रही थी, चलते चलते अचानक अपना चेहरा पीछे की ओर घुमाती है और पंकज को अपनी आस की ओर घूरता पाती है. उसकी हँसी छूट जाती है.
सिमरन-" अंकल आराधना कहाँ है".
पंकज -" कभी हम से भी बात कर लिया करो". पंकज उसकी नज़रो मे घूरता हुआ बोलता है. सिमरन हॉल मे रखे सोफे पर बैठ जाती है और स्टाइल मे एक टाँग के उपर दूसरी टाँग रखते हुए बोलती है.
सिमरन -" यू नो अंकल, मेन'स की ये प्राब्लम है कि वो ज़्यादा टाइम बात नही कर पाते. ज़्यादा से ज़्यादा 5 मिनिट और ख़तम." उसकी डबल मीनिंग बात को पंकज अच्छे से समझ रहा था.
पंकज -" एक बार मौका तो दो बात करने का, तभी बताएँगे कि हम कितनी देर बात कर पाएँगे" ये बात बोलते हुए पंकज अपना हाथ लंड पर ले आता है और उसे उपर से सहलाने लगता है.
सिमरन - " अंकल क्यू ना आप आराधना से बाते करे. वो भी समझदारी से समझेगी आपकी बात". सिमरन ने आँख मारते हुए कहा. पंकज ने ये सुनते ही अपना हाथ अपने लंड से हटा लिया.
पंकज-" आराधना मे वो बात कहाँ जो तुम मे है. आराधना तो अभी बच्ची है, लेकिन मुझे पूरा यकीन है कि तुम मेरी पूरी बात हजम कर पाओगि". पंकज सिमरन की पयज़ामी पे देखते हुए बोलता है.
सिमरन -" हा हा हा हा हा हा हा".
पंकज -" हंस क्यूँ रही हो"
सिमरन - " नही आपने कहा ना कि आराधना बच्ची है, आपको बता दू कि किसी भी मर्द की पूरी बात सुन ने के लिए वो पूरी तरह तैयार है". सिमरन का मतलब था कि वो किसी भी मर्द का पूरा लेने के लिए जवान हो चुकी है.
पंकज -" वो अभी तुम्हारे जितनी परिपक्व नही हुई है". पंकज सिमरन के बूब्स की तरफ देखते हुए बोलता है.
सिमरन -" अगर आप कहेंगे तो मे दिखा दूँगी कि वो कितनी परिपक्व हो चुकी है लेकिन आपको सपोर्ट करना पड़ेगा. बोलो तैयार हो?"
पंकज -" हाँ हाँ क्यू नही, बोलो क्या करना है".
सिमरन -" तो सुनिए, मे उपर जाउन्गि आराधना के रूम मे. वो उपर से जो भी आपसे पुछेगि बस आपको हाँ हाँ मे जवाब देना है".
पंकज -" मे तैयार हू लेकिन तुम्हारा ये रूप देख कर मुझसे बात किए बिना रहा नही जा रहा.
सिमरन ये सुन कर सोफे से खड़ी होती है. एक झटके से अपना दुपट्टा हटाती है, टाइट सूट मे उसके बूब्स की लाइन और भी क्लियर दिखाई देने लगती है. वो पंकज की तरफ कदम बढ़ाना शुरू करती है, उसकी हाइ हील की ठक ठक पंकज के दिल पे बिजलिया गिरा रही थी. वो आगे बढ़ती जाती है और ठीक पंकज के सामने आकर खड़ी हो जाती है. दोनो अभी एक दूसरे के सामने खड़े है, तभी सिमरन अपने घुटनो के बल बैठ जाती और अपनी बड़ी बड़ी आँखो से पंकज की निगाहो मे देखती है. उसके तुरंत बाद अपने दोनो हाथ पंकज जी बॉक्सर रखती है और उसे नीचे खींच देती है.
पंकज की तो जैसे लॉटरी लग गयी. बॉक्सर उतरते ही सिमरन पंकज के मोटे और तगड़े लंड को अपने डार्क लिपस्टिक वाले लिप्स से चूसने लगती है. वाउ क्या नज़ारा था, सिमरन जैसी सेक्सी गॉडेस पंकज का लंड चूस रही है. सिमरन उसे थोड़ा और मूँह के अंदर ले जाती है और फिर बाहर निकाल कर पंकज की आँखो मे देखती हुई बोलती है कि " यू लाइक दट?". पंकज आज सातवे आसमान पर था, स्मृति ने कभी उसका लंड नही चूसा था. ये उसके लिए पहला अनुभव था. सिमरन अपने दोनो हाथों की फिंगर से पंकज के लंड को पकड़ कर चूस रही थी. उसकी सेक्सी नेल पैंट वाली फिंगर्स के बीच पंकज का काला और भयानक लंड, ये देख कर पंकज बेहद ज़्यादा एग्ज़ाइटेड होता जा रहा था. लंड चूस्ते टाइम सिमरन की आँखे पंकज की तरफ ही थी, पंकज क्या कोई भी इंडियन मर्द यही चाहता है कि जब उसे प्यार मिले तो खुल कर मिले उसमे शरम नाम की कोई चीज़ ना हो. आज पंकज के साथ यही हो रहा था.
सिमरन ने लंड चूसने की स्पीड बढ़ा दी थी और अब उसने पूरे लंड को मूँह मे लेना शुरू कर दिया था. वो उसके गले मे भी अटक रहा था लेकिन वो खुद भी चाहती थी कि पंकज को पूरा प्लेषर दे. सिमरन की लिप स्टिक भी अब हट कर लंड पर लगने लगी थी, लेकिन सिमरन हिम्मत हारने वाली नही थी. इतने मोटे लंड के बार बार गले मे टकराने से उसकी आँखो मे पानी भी आ गया था.[/b][/b][/b][/b][/b][/b]
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