Antarvasna kahani ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना
12-19-2018, 02:08 AM,
RE: Antarvasna kahani ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगा...
नशे के नाम पर दिन में एक बार शाम को दो-तीन चेले चपटों को लेकर दूध और मेवा वाली भंग छन्वाना था, जिससे नशा मेरे शरीर पर हावी नही हो पाता, 

बड़ी मज़े से धन-धन कट रही थी, कि तभी डिस्टिक शहर के नामी गिरामी अग्रिकल्चर कॉलेज में स्टूडेंट्स का एग्ज़ॅम लेने आए ब्रिज भैया… बोले तो प्रोफेसर साब आ धम्के घर पर, और लगे लेक्चर झाड़ने. 

असल में उनकी शादी वाली बात ना मानने की वजह से वो ज़्यादा नाराज़ थे. 

मैने भी उनको जबाब तो दे दिया था और भन्नाये हुए मूड में मे ट्यूबिवेल पर चला आया था, जिसके कुछ ही देर में वहाँ भूरी आ धमकी.. और फिर वही हुआ जो हमेशा से हो रहा था.. 



भूरी के चले जाने के बाद मे अपने अतीत की यादों में खो गया, सारा दिन, सारी रात मे कमरा बंद करके पड़ा रहा, ना कुछ खाया ना कुछ पिया, अपने अतीत की यादों में खोया रहा.

फिर मे एक निश्चय करके उठ खड़ा हुआ, कि अब इस तरह से गुमनामी में पड़े रहना मेरी नियती नही है, अब मेरा यहाँ से चले जाने का समय आ गया है.

में अभी नहा धो कर कपड़े पहन ही रहा था, दिन के कोई 11 बजे थे कि प्रेम भाई का बड़ा बेटा राजू, जो उनकी दो बेटियों के बाद पैदा हुआ था, आया और बोला- 

चाचा जी आपको पिता जी बुला रहे हैं घर पर. मे प्रेम भाई का बड़ा सम्मान करता था…, 

प्रोफेसर महोदय अपना एग्ज़ॅम लेने जा चुके थे.

जब मे घर उनके पास पहुँचा तब वो खाना खाने बैठ ही रहे थे. मुझे देखते ही बोले- सही समय पर आया है, आजा खाना खाले.

मे- नही मे नीचे मा के पास खा लूँगा..

प्रेम- अरे ये भी तो घर ही है, आजा बहुत अच्छी सब्जी बनाई है तेरी भाभी ने, आलू-गोभी की देख.

उनके ज़्यादा जोरे देने पर, मे उनके साथ ही खाने बैठ गया. 

खाते-2 वो बोले, थाने से खबर आई है, हम दोनो को बुलाया है, चल देखते हैं क्या बात है.

मे - क्यों ? अब क्या हो गया…..? 

खैर चलो देखते हैं ये इनस्पेक्टर क्या कहता है. है तो साला बदमाश कहीं कोई लफडा ना कर्दे.

प्रेम - तू बस शांत रहना, अगर वो कुछ तड़क भड़क करे तो सुन लेना दो चार बात. 

वैसे ज़्यादा कुछ बड़ी बात तो नही होनी चाहिए, वो डकैती वाले केस का कोई मामला हो सकता है शायद. 

क़ानूनन तो वो कुछ कर नही सकता हमारे खिलाफ.

इन्ही बातों के बीच हमने खाना खाया, और मे अपने कपड़े चेंज करने नीचे चला गया, तब तक वो बाहर बाइक लेके खड़े मेरा इंतजार कर रहे थे.

मैने बाइक स्टार्ट की, थाने पहुँचे.. हमें देखते ही वो इनस्पेक्टर मुस्कराते हुए हमारे स्वागत में खड़ा हो गया और बोला-

आइए-2 मास्टर साब ! मे आप लोगों का ही इंतेज़ार कर रहा था, एकदम सही समय पर पधारे हैं आप लोग.

प्रेम भैया उसके सामने बैठते हुए बोले - बात क्या है इनस्पेक्टर साब, हमें यौं अचानक किस लिए बुलाया आपने..? कोई प्राब्लम तो नही है ना..?

इनस्पेक्टर ने बोलने के लिए अपना मुँह खोला ही था कि एक पोलीस की गाड़ी जिसपर लाल बत्ती लगी हुई थी आकर थाने के गेट पर रुकी. 

वो इनस्पेक्टर लपक कर थाने के मेन गेट की तरफ भागा……..!

जब वो वापस अपने ऑफीस में एंटर हुआ तो उसके साथ एसएसपी और एसपी दोनो एक साथ अंदर दाखिल हुए.. 

जिस वर्दी पर एसएसपी की नेम प्लेट लगी थी उस शख्स को देख कर मेरा मुँह खुला का खुला रह गया…!..

अंदर आते ही, एसएसपी ने सीधे मेरी ओर रुख़ किया और मेरे कंधे पर हाथ रख कर मुझसे बोले – 

अपना मुँह बंद कर्लो बर्खुरदार.. ! वरना कोई मच्छर या मक्खी अंदर घुस जाएगी.. 

मैने झेन्पते हुए अपना मुँह बंद कर लिया लेकिन मेरी प्रश्नावाचक नज़रें अभी भी उनको ही देखे जा रही थी. 

मे- एसपी साब आप और यहाँ…?

वो- माइ डियर यंगमॅन अब मे एसपी नही एसएसपी हूँ..!

मे- हा..हां.. वही तो मे देख रहा हूँ, कि आपका प्रमोशन कब हो गया ? और उससे भी ज़्यादा हैरानी मुझे आपको यहाँ देख कर हो रही है…

वो - चलो अंदर चल कर बैठते है, तब तुम्हारी सारी शंकाओं को दूर कर देंगे.. ओके.. कम.

फिर हम पाँचों लोग एक ऑफिसर्स कॅबिन कम पोलीस कान्फरेन्स रूम में आकर बैठ गये. 

एसएसपी ने खास कर मुझे अपने बगल वाली चेयर पर बैठने का इशारा किया, उनके दूसरी ओर एसपी थे. 

प्रेम भैया तो आँखें फाडे ये सब देख रहे थे, उनके पल्ले अभी तक कुछ भी नही पड़ा था. 

ऐसा नही था कि वो अकेले ही असमंजस में थे, उस इनस्पेक्टर का भी कुछ ऐसा ही हाल था.

उसको तो शायद एसएसपी के आने का भी अनुमान नही था, उसे सिर्फ़ एसपी का ही पता था इसलिए वो भी हैरान था.

जब सब लोग बैठ गये तो एसएसपी ने बोलना शुरू किया.

एसएसपी - सबसे पहले अरुण मे तुम्हारी शंका का समाधान करना चाहूँगा. 

ये जो मेरे शरीर पर तमगे और एसएसपी की वर्दी देख रहे हो ना ! वो तुम्हारी वजह से ही है.

हम सभी के मुँह से एक साथ निकला- क्या..?

एसएसपी - मुस्कराते हुए- यस..! ये जब मेसी में पढ़ता था तब इसने अपने दोस्तों को लेकर एक ऐसा काम किया जो एक सभ्य समाज के लिए बहुत ही एहम और सकारात्मक होता है, 

फिर उन्होने वो ड्रग्स माफ़िया के सफ़ाए वाली घटना डीटेल में सबको बताई.

एसएसपी ने आगे बोलना शुरू किया - उस घटना का श्रेय पोलीस को भी मिला, चूँकि मे और उस समय के हमारे कमिशनर मिस्टर. रती इन लोगो के साथ पर्षनली इन्वॉल्व थे और हमने इनकी हर संभव मदद की तो सरकार ने हम दोनो का ही प्रमोशन कर दिया, साथ ही ट्रान्स्फर भी दे दिया.

मे- तो क्या कमिशनर साब भी प्रोमोट हो गये..?

एसएसपी- यस ! आंड नाउ ही ईज़ डीआईजी .

मे- क्या..? तो अब वो कहाँ हैं..?

एसएसपी - यहीं..! हमारे ही शहर में..!!

मे - क्या कह रहे हैं आप..? क्या सच में रती साब हमारे शहर के डीआईजी हैं आजकल..?

एसएसपी - एक दम सच.. ! और अब आते हैं मुद्दे पर जिसके लिए हम यहाँ आए हैं.

तुमने कुछ महीने पहले अपने घर पर चढ़ कर आए एक डकैतों के गिरोह का सफया किया था.., 

पोलीस रिपोर्ट के हिसाब से उसमें सभी गाँव वालों ने मिलकर इस घटना को अंजाम दिया.. जो उस समय तुम्हारे भाई ने बयान दिया था.

मे - जी सर, वो यहीं हैं मेरे भाई, प्रेम चन्द जी, टीचर हैं यहाँ स्कूल में.

एसएसपी ने उनसे हाथ मिलाया और बोले - मास्टर साब आप ने अपने घर में एक अनमोल हीरा छुपा रखा है, अब तो उसे बाहर निकालिए..? इतना बोल कर वो मुस्करा दिए.

प्रेम भाई आश्चर्य मिश्रित हसी हंसते हुए बोले - ज़ोहरि तो आप ही हैं ना एसएसपी साब जो हीरे को परख पाए.

एसएसपी - हां तो मे कह रहा था ! कि इनके बयान के मुताबिक ये सब गाँव वालों के सहयोग से संभव हुआ था, 

लेकिन कुछ दिन पहले आपके ही किसी दुश्मन ने यहाँ आकर हमारे इनस्पेक्टर को खबर दी कि ये काम अकेले अरुण ने किया है.

अब चूँकि केस शुरू हो चुका था, सो इनस्पेक्टर अपने एंड से कुछ नही कर सकते थे, तो इन्होने एक लिखित रिपोर्ट एसपी को भेजी, और इन्होने मुझे.

मे अरुण का नाम पढ़ते ही समझ गया था कि ये रिपोर्ट सच ही होगी, इसलिए उस रिपोर्ट को लेकर मे डीआइजी ऑफीस पहुँचा, और जब हमने ये केस डिसकस किया तो उन्होने बस एक ही बात कही. 

इस लड़के को मेरे पास लेकर आओ, अब इसकी ये खूबियाँ देश के काम आनी चाहिए, देश को ऐसी बिलक्षण शक्ति की ज़रूरत है. 

और देखलो मे तुम्हारे सामने बैठा हूँ.

मे - थोड़ा गर्व महसूस करके बोला- सॉरी सर ! लेकिन आपका तरीक़ा मुझे अच्छा नही लगा.

सब मेरी ओर हैरत से देखने लगे कि मे एक एसएसपी से इस तरह से भी बात कर सकता हूँ.

एसएसपी मुस्कुराए और बोले - मे समझ गया कि तुम क्या कहने वाले हो..? 

पर एक तो हम पोलीस वाले ऐसा ही कुछ तरीक़ा समझते हैं, दूसरा हमें तुम्हारे गाँव के बारे में कोई आइडिया नही था.. बट डॉन’ट वरी हम अभी चलेंगे तुम्हारे घर.. 

क्यों मास्टर साब ले चलेंगे ना हमें अपने घर और ये कह कर वो ठहाका मार कर हसने लगे..

मेरी बात का आशय समझ कर वाकी सब भी हसने लगे.

प्रेम - ये तो हमारा सौभाग्य होगा एसएसपी साब की आप हमारे घर आएँगे.

एसएसपी - तो फिर देर किस बात की, चलिए और वैसे भी हमें लौटना है आज ही अरुण को साथ लेकर.. डीआइजी साब से वादा जो किया है हमने…!

हम सब अपने घर पहुँचे – एसएसपी और एसपी की गाड़ियों को देख कर गाँव, मोहल्ले के लोगों में ख़ुसर-फुसर होने लगी.. 
Reply


Messages In This Thread
RE: Antarvasna kahani ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगा... - by sexstories - 12-19-2018, 02:08 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,571,853 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 552,404 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,263,264 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 955,157 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,694,144 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,114,904 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,010,080 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,253,591 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,101,671 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 291,679 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)