RE: Chudai Story लौड़ा साला गरम गच्क्का
उसकी योनि का छिद्र बार बार खुलता और बंद हो रहा था !
ये सोच कर की अब फटी की तब फटी !
डर के मारे उसका मूत निकलने को हो रहा था !
पर फटना तो था ही ...जो आज उसकी किस्मत में इश्वर ने लिख दिया था !
वो भी आधी रात में ,शास्त्री के झोंपड़े में और उसी के मूत्र से नहा कर गन्दी सी चारपाई पर गंदे से बिस्तर में
पर उसे इस स्थिति का रोमांच भी हो रहा था !
उसका बदन शास्त्री द्वारा दिए गए जख्मों से टीस रहा था पर उससे उसकी चूत की खुजली बढ़ रही थी !
तनु की मोटी मोटी झांघों को मोड़ कर शास्त्री उस पर लद गया !
अपने काले कलूटे लंड के लाल सुर्ख पहाड़ी आलू जेसे मोटे विशाल सुपाडे को उसके योनि छिद्र पर टिका कर ...
"हुच्च ssssss "
शास्त्री ने पूरी ताकत से हुमक दिया !
" आई ssssssss ....मम्मी ssssss ....."तनु पूरी ताकत से चीख उठी !
उसकी चीख उस आंवले के सूनसान बाग में गूंज उठी !
मन को उसकी चीख से ना जाने क्यों ख़ुशी हुई जेसे उसकी आत्मा तनु का मान मर्दन होने से तृप्त हुई हो
और और उसका हाथ अपने लटके हुए लंड को सहलाने लगा !
आधा लंड उसकी बूर में घोंप चूका शास्त्री बिना रहम किये फिर से थोडा बाहर खींच कर वापिस पूरा मूसल
उसकी चूत में उतार दिया था !
तनु का मानो सांस रुक गया था और लिंग मूंड को वह अपनी पंसलियों में महसूस कर रही थी !
मुह खुल गया था आंसू बह रहे थे दर्द से पूरा बदन थरथरा रहा था !
पर इस सबसे बेखबर शास्त्री उसके दोनों स्तनों को पकडे उसे हुमच हुमच कर पेल रहा था !
अपना पूरा लंड बाहर निकाल कर दुसरे ही जठ्के में झड तक गुसा रहा था !
और फिर वो उसकी चुचियों को नोचते हुए और धक्के मरते हुए योनि छेदन मंत्र बडबड़ाने लगा -
" लौड़ा साला गरम गच्क्का ......मार सटा -सट सटम सटा "
बूरिया साली ...चेदबा खाली ...मार हचाह्च हच्चम हच्चा .."
" आई मम्मी सीsssssss .....मर जाउंगी ....अरे ....हाय फट गई हे रे मेरी चूत .....च ..चाचा छोड़ दो ..."
पर शास्त्री तो अपनी धुन में चांपे जा रहा था -
"घुंडी किसमिस ...चूची कडियल ....दाब चपाचप चप्पम चप्पा .."
शास्त्री ने उसकी चूची को मुट्ठी में कस कर अपने अजगर को उसके छोटे से चूहे के बिल
में और कस कर चांप दिया ! उसे ऐसा मह्शूश हो रहा था जैसे किसी कुतिया की चूत में कडीयल गधे का लन्ड ठूंस दिया गया हो !
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