non veg story अंजानी राहें ( एक गहरी प्रेम कहानी )
12-27-2018, 01:41 AM,
#11
RE: non veg story अंजानी राहें ( एक गहरी प्र�...
अनु ने आवाज़ देकर वासू से पुछा क्या हुआ, वासू ने आँख मारते हुए एक फ्लाइयिंग किस अनु को भेज दी, अनु फ्लॅट हो गया पानी पर. अनु ने भी वापस फ्लाइयिंग किस देने के लिए पोज़िशन मे आया ही था कि आँखे फटी की फटी रह गयी.


बड़ी स्टाइल से वासू ने अपना टी-शर्ट खोला और हवा मे एक बार रोल की टी-शर्ट को. फिर धीरे से जीन्स के बटन खोलती जिप नीचे की, और अनु की तरफ पीठ कर के, अपनी कमर को रोल करती, जीन्स को अपने पैरों से निकाल दी.


उफफफ्फ़ ! क्या गोरा चिकना बदन था काली, ब्रा और पैंटी मे, अनु के बदन मे तो आग सी लग गयी.... ज़ोर से चिल्लाता हुआ अनु .... बेबी ये क्या कर रही हो, पानी मे आग जैसा लग रहा है.


वासू कुछ ना बोली, बस अनु की ओर सीधी मूड गयी. आँखों के सामने क्या नज़ारा था... ब्रा के उपर के क्लीवेज के उभार, सुडोल टाँगे, और होंठ पे होंठ रख कर अनु को देखने का एक्सप्रेशन, भला अनु क्यों ना पागल हो.


अनु जल्दी से अब वासू के पास आना चाहता था, वासू भी अपने हाथों के इशारे से बुला रही थी, पर अनु अभी किनारे पहुँचने ही वाला था कि वासू दौड़ कर उस से दूर हो गयी, और वो भी झील मे छलाँग लगा दी.


अनु किनारे पहुँच कर पानी मे पाँव डाल कर बैठ गया, हांफता वो बस वासू को देख रहा था जो पानी मे उल्टी तैर रही थी. पानी के बाहर जो बदन का हिस्सा था, वो था वासू का चेहरा और उसके सीने के उभार और क्लीवेज़ की गहराई, जो कि किसी भी मर्द को आकर्षित करने का सबसे मजबूत ज़रिया होता है.


अनु आँखें फाडे बस वासू के मखमली बदन का दीदार कर रहा था, पर अनु से बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था, दिल मे तरंगे उठ रही थी और सरीर तपने लगा था. अनु ने दोबारा झील मे छलाँग लगा दिया और वासू को पकड़ने की कोशिस करने लगा.


तकरीबन आधे घंटे तक ये पकड़ा पकड़ी का खेल चला पानी मे. वासू का स्टेमिना जबाव दे गया, और वो हाँफती अपनी फूली साँसे लेकर किनारे पर आकर लेट गयी. 


अभी लेटकर तेज साँसे धीमी भी नही हुई थी कि, तेज साँसों की गर्मी वासू को अपनी गर्दन पर महसूस हुई, आँखे खोल कर एक बार देखी और फिर अपनी आँखों को मूंद ली. 


तेज चलती सांसो के साथ अनु अपना सिर वासू के सीने से लगा कर लेट गया. थोड़ी देर मे वासू नॉर्मल हुई तो अपना हाथ अनु के सिर पर ले जाकर धीरे से फिराने लगी. अनु, वासू के सीने से लग कर, आँखें मुन्दे बस पड़ा रहा.


वासू... उठो ना अनु, चलो अब .....


पर लेटे ही अनु ने अपना एक हाथ वासू के मुँह पर डाल कर उसे चुप करा दिया. उसके पास उसे हटकर अपना सिर खुली सपाट पेट पर लाया और प्यार से चूम लिया. अनु अपने होंठो की छुअन को नाभि पर देते हुए उपर तक बढ़ा.


वासू एक मादक आवाज़ मे कह उठी .... आह ! ये क्या कर रहे हो.


अनु बिना कुछ बोले उपर तक आया और होंठों से होंठों को छुअन दिया. वासू भी अनु का साथ देती उसके होंठो को चूमने लगी. वासू लेटी गर्दन लेफ्ट की हुई थी और अनु राइट करवट पर उसके होंठों को चूम रहा था.


अनु ने हाथ अंदर पीठ पर ले जाकर लिया, वासू को थमा और चूमते हुए ही अपने उपर ले आया. अब अनु नीचे लेता था और वासू उसके उपर लेट कर उसके होंठों को चूम रही थी, उसके बलों पर हाथ फेर रही थी.


काम की मादक लहरें वासू के तन बदन मे दौड़ रही थी. पानी मे भीगे बदन पर हल्की हवा जब लग रही थी तो ठंड की एक सिहरन का एहसास हो रहा था, और जो किस करने से अंदर हलचल पैदा हो रही थी वो एक अलग ही गर्मी का एहसास दे रही थी. ऐसा मिश्रण वासू को एक साथ मिल रहा था कि, वो तो बिल्कुल मस्ती मे आ गयी और अनु के होंठों को बड़े प्यार से लगातार चूम रही थी.


अनु लगातार अपना हाथ वासू की खुली पीठ पर चला रहा था और पीठ से लेकर कमर तक ले जा रहा था. अनु का हाथ बार-बार उपर जब आता तो ब्रा की स्ट्रिप मे फँस जाता. आराम से अनु ने अपने हाथो से ब्रा की स्ट्रिप को खोल दिया.


ब्रा खुलने के बाद अनु ने हल्का खींचा, बूब्स सीने पर दबे थे जिस से ब्रा फँसी थी, वासू, अनु का साथ देती थोड़ी उपर हुई और अनु ने ब्रा को खींच कर निकाल दिया.


वासू रिलॅक्स से उसके उपर लेटी होंठ को चूमने लगी, और अनु बिना किसी रुकावट के पीठ पर हाथ फिराने लगा, और दबे बूब्स की साइड जो दोनो ओर से खुली थी उसे अपने अंगूठे से हल्का प्रेस करने लगा.


चूमते कभी जब ज़्यादा उतेज्ना होती तो वासू, अनु के बाल खींच देती और होंठो पर एक बाइट दे देती. अनु ने हाथ नीचे ले जाकर पेंटी के अंदर डाल दिया और उसके बॅक के दोनो पार्ट्स को अपने पंजो मे भर कर दबाने लगा.


आह ! एक मधुर आवाज़ निकली और वासू ने अनु की गर्दन पर एक लव बाइट दी. अनु ने अपने हाथो को थोड़ा उपर किया और पैंटी को खिसकाता घुटनो तक ले आया.


अब कपड़े की ज़रूरत भी किसे थी. वासू इतनी उत्तेजित थी कि एक पाँव के अंगूठे से थोड़ा इधर तो थोड़ा उधर से खिसकाती बाहर निकाल दी पैंटी को.


खुले बॅक को अनु लगातार सहला रहा था दबा रहा था. वासू बस अपनी मस्ती मे कल्पनाओ की उड़ान पर थी. अब तक जितनी उत्तेजना राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम पर कहानियाँ पढ़ कर मिला करती थी, अपने बदन पर पहली बार किसी मर्द का हाथ पड़ने से उस से कहीं ज़्यादा वो काम सागर मे गोते लगा रही थी.


अनु ने वासू की पीठ को अपने हाथो से थामे, उसे लिटाए हुए ही बैठ गया. अनु के कंधे से अपना दोनो हाथ टिकाए वासू थोड़ा उपर हुई, और अनु की आँखों और होंठों के सामने सबसे मादक करने वाले वासू के बूब्स थे.


अनु ने दोनो हाथों से दोनो बूब्स को थामा और एक को अपने होंठों से लगा लिया. अनु के होंठ उसके निपल से लगते ही वासू मस्ती के महासागर मे तैर गयी. आनद ही आनंद उठा रही थी वासू.


वासू अब अपना हाथ ले जाकर अनु की बेल्ट को खोलने लगी, अनु ने भी अपने दोनो हाथ ज़मीन से टिकाए और कमर को हवा मे किया.


वासू ने जल्द ही बेल्ट को निकाल दी, और पैंट के बटन को खोलते ही, पैंट को अनु की कमर से सरका कर नीचे कर दी. धीरे धीरे जीन्स के साथ अनु की अंडरवेअर भी खिसक कर जांघों तक आ गया. 


इतना खोलने के बाद जो आँखों के सामने था उसे देख कर पहली बार वासू थोड़ी शरमाई और थोड़ी लजा गयी. अपनी चोर नज़रों से उसे देख रही थी. पहली बार उसने किसी मर्द के खुले अंगू को देखा होगा और उसे देख कर वासू पानी पानी हो गयी. 


हाथ से बॉडी का भार उठाए अनु थक गया था, इसलिए उसने कमर को ज़मीन पर और हाथ को अपने पेट पर डाल कर आगे क्या होना है वो वासू पर छोड़ दिया.


वासू थोड़ी शरमाती हुई उसे धीरे से अपने हाथों का एक टच दी. नरम ठंडे हाथ जब पहली बार उसे छुए तो अनु कसमसा गया. ये अनु के लिए भी पहली बार का ही अहसास था जब किसी लड़की का हाथ उसके अंगो से लगा था. 


तुरंत ही एरेक्ट हुआ अनु का हथियार, और अनु तो अंदर से हिल गया. पहले एक टच दी वासू, फिर उंगली फिराई फिर अंत मे पूरी मुट्ठी मे ले लिया.


ऐसा करने से वासू पहली बार महसूस की, कि अबतक तो उतेज्ना क्या होती है वो जानती ही नही थी. मुट्ही मे लेना किसी मर्द का लिंग उसे अपने अंगों से खेलने से ज़्यादा उत्तेजित कर रहा था, और उत्तेजना भी ऐसी की वासू उसे पकड़ कर उपर नीचे करने लगी.


अनु इस समय मानो इस दुनिया मे ही नही था. अनु अपने मुँह से, साँसें छोड़ रहा था क्योंकि जितनी तेज वो साँसें खींच रहा था उससे तेज वो अपने मुँह से छोड़ रहा था. अहह ! हााआआ !


दोनो को एक दूसरे के अंगो को छुने का ये अहसास बिल्कुल नया था. काम की उतेजना सारे संयम कब का खो चुकी थी. अब तो बस अपनी इस उत्तेजना को दोनो शांत करने मे लगे थे.

वासू का हाथ लगातार अनु के लिंग पर चल रहा था और उसे आगे पीछे करने मे अलग ही आनंद मिल रहा था. मस्ती मे उसे वो ज़ोर-ज़ोर से उपर नीचे कर रही थी और अनु तो अपने मज़े के सातवे आसमान पर था.


यूँ तो खुद भी अनु कयि बार अपने हाथों से कर चुका था, पर आज किसी लड़की के हाथों से जब ऐसा हो रहा था तो वो अपने मज़े की उँचाइयों पर था.


गरम चिपचिपा वासू के हाथ पर पड़ा, अनु का काम हो गया था, और वो तेज साँसें छोड़ता निढाल हो गया. वासू झील मे जाकर अपना हाथ धोयि, एक नज़र अनु को देखी और वापस आकर उसके सीने पर सिर रख कर सो गयी.


उमर का तक़ाज़ा और नंगे बदन की गर्मी, धीरे धीरे एक बार फिर अनु के अंदर जोश भर रहा था, वासू खुद भी अब इस खेल का पूरा आनंद उठाना चाह रही थी.


नंगे जिस्म जब आपस मे रगडे तो अनु फिर से तैयार होने लगा. एक बार फिर उसके हाथ पीठ से होते हुए बॅक पर थे, और उसे धीरे से सहला रहे थे. अनु ने अपने हाथों को वासू की बॅक की दरारों मे दिया और पिछे से ही योनि तक पहुँचा उसका हाथ.


वो पहली छुअन जब वासू ने महसूस की तो बदन मे एक लहर सी दौड़ गयी. मस्ती सी छाई थी दिमाग़ पर, और काम लीला मे वासू खोने को बेकरार थी.


अनु, वासू को अपने उपर से हटा नीचे लिटा दिया. अनु ने थोड़ी घास तोड़ कर इकट्ठा की और वासू के बदन पर उसे फिराने लगा. उसकी इतनी प्यारी सी छुअन मे वासू को एक खो जाने वाली अनुभूति होने लगी, वासू की मादक अहह ! ईश्ह्ह्ह्ह्ह्ह ! से महॉल मे समा बँध गया. 


होंठों को अनु ने एक बार फिर होंठो से जोड़ा और काम मे डूबी इस किस मे इतनी कशिश थी कि ज़ुबान एक दूसरे को चाट रही थी. होंठ नीचे आकर गर्दन को चूमने लगे और हाथ बूब्स को दबा रहे थे.


गर्दन से फिर होन्ट वासू के नंगे जिस्म को छुअन देते हुए उसके ब्रेस्ट तक पहुँचे. पहले बारी-बारी से दोनो बूब्स को चूमा, फिर अपनी जीभ फिराई और फिर एक निप्पल को होंठ लगा कर सक करने लगा.


ये पहला अहसास किसी मर्द का वासू को दीवाना बना रहा था. जब ब्रेस्ट को अपने होंठों से चूस रहा था अनु, तो वासू की साँसें इतनी तेज थी कि छातियाँ जोरों से उपर नीचे हो रही थी. 


ब्रेस्ट चूस्ते हुए अनु अपना हाथ वासू की योनि तक ले गया. अनु के लिए भी ये पहला मौका था जब वो किसी लड़की के नंगे जिस्म के साथ खेल रहा था. अनु ने हाथ को योनि के अंदर हल्का पुश कर के एक बार रब किया.


अहह ! करती अंपनी चुचियों को उपर की जिसमे अभी भी अनु का मुँह लगा था. अनु के हाथ पहले धीरे फिर ज़ोर से रब करने लगे वासू की योनि को. वासू आहह ! करती कभी ज़ोर से अनु के बालों को अपने हाथों से दबोचती तो कभी अनु की पीठ पर नाख़ून से खरॉच देती.


वासू की कामाग्नी को संभालना अब मुश्किल था. वासू बड़े जोरों से अनु की पीठ पर हाथ जमाए थी जिस से नाख़ून कभी-कभी अनु की पीठ को छिल देते और अनु एक प्यार भरे दर्द से कर्राह कर रह जाता.


अब अनु के लिए भी रुकना मुश्किल था. अनु ने नीचे पोज़िशन पर सबकुछ सेट करते पहला झटका दिया......
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