RE: Incest Porn Kahani दीवानगी (इन्सेस्ट)
लेकिन रिया के मन मे कुछ और ही चल रहा था रिया लेट चुकी थी और अपने माथे पर हाथ रख कर आँखे फाडे हुए फॅन की तरफ देख रही थी, मैं उनके बगल वाले बेड पर लेटा हुआ कनखियो से उन्हे देख रहा था लेकिन मैं उनसे बात करने के बिल्कुल मूड मे नही था मेरी गान्ड फट रही थी कि कही उन्होने फिर से पुच्छ लिया कि कहाँ गया था तो मैं क्या जवाब देता
लेकिन रिया के मन मे रवि के खड़े लंड को देखने के बाद यह ख्याल आ रहा था कि कही रवि किसी से सेक्स करके तो नही आ रहा है, नही नही पहली बात तो दरवाजा अंदर से बंद था रवि था तो घर के अंदर ही, तो फिर उसका लंड खड़ा क्यो था, और वह छत पर भी नही था, लेकिन मैं अगर उससे ज़ोर जबर्जस्ति से पूछूंगी तो वह बताएगा नही, मुझे प्यार से काम लेना चाहिए,
रिया : मुस्कुराते हुए, रवि तू बहुत बदमाश हो गया है
रवि : उठ कर बैठते हुए, क्यो दी ऐसा क्यो कह रही हो,
रिया ; शाम को क्या कह रहा था मुझसे
रवि : मुस्कुराकर रिया की आँखो मे देखते हुए, कुछ भी तो नही दी
रिया : मंद मंद मुस्कुराकर, रवि तू बहुत बिगड़ गया है, क्या तेरे दोस्त यही सब सिखाते है कि अपनी बहन से ऐसी बाते किया कर
मुझे दी अब वापस नॉर्मल वे मे लग रही थी और मोका भी अच्छा था मैने सोचा वापस ट्राइ करना चाहिए
रवि : दी एक बात बोलू
रिया : क्या
रवि : दी तुम मुझसे कितना प्यार करती हो
रिया : बहुत, इतना कि मैं बता नही सकती
रवि : तो फिर दी एक बार मेरी इच्छा पूरी कर दो
रिया : चेहरे से मस्कान गायब करते हुए सवालिया निगाहो से मेरी ओर देखते हुए, कौन सी इच्छा
रवि : मैने मुस्कुरा कर दी के बड़े बड़े दूध को घूरते हुए फिर उनसे नज़रे मिला कर कहा वही जो शाम को मैने कहा था
रिया : मंद मंद मुस्कुरा कर आँखे दिखाते हुए, रवि तू मार खाएगा लगता है
रवि : हाथ जोड़ कर प्लीज़ दी
रिया : रवि तू पागल है मैं मोम से तेरी शिकायत कर दूँगी
मैने मूह बनाते हुए कहा बस यही प्यार है तुम्हारा अपने भाई की एक छोटी सी इच्छा पूरी नही कर सकती हो, और कहती हो कि तुम मुझसे इतना प्यार करती हो कि बता नही सकती, तुम्हारी सब बाते झूठी है, अब मुझे डिस्टर्ब ना करना गुड नाइट इतना कह कर मैं दूसरी और मूह करके सो गया.
कुछ देर तो दी मुझे देखती लेटी रही और उनके चेहरे पर सीरीयस भाव थे लेकिन थोड़े पल बाद उनके चेहरे पर एक मंद मंद मुस्कान आ गई जिसे वह दबाने की कोशिश करते हुए मुझे देख रही थी, फिर कुछ देर बाद उनकी मधुर आवाज़ मेरे कानो मे पड़ी
रिया : रवि, ओ रवि
मैने उनकी आवाज़ का कोई रिप्लाइ नही दिया तब उनकी आवाज़ दुबारा आई लेकिन इस बार उनकी आवाज़ ऐसी थी जैसे हम अकसर किसी के कान मे लग कर बोलते है और उस आवाज़ ने मुझे उनकी ओर देखने पर मजबूर कर दिया
रिया ; रवि, ओ रवि
रवि : मैने नखरा दिखाते हुए कहा, क्या है दी अब क्यो बुला रही हो
रिया ; मंद मंद मुस्कुराते हुए, अच्छा मेरी बात तो सुन
रवि : मैने अपनी गर्दन लेटे हुए तकिये से उठा कर उनकी ओर देख कर कहा हाँ बोलो क्या है
रिया : ऐसे नही पहले उठ के बैठ
रवि : ओफफ़ो अच्छा बाबा लो उठ कर बैठ गया अब बोलो
रिया : मुस्कुराकर मूह बनाते हुए कहने लगी गुस्सा तो ऐसे हो रहा है जैसे मैने कोई ग़लत बात की हो जबकि ग़लत तो तू है
रवि : यही कहने के लिए क्या तुमने मुझे उठ कर बैठने के लिए कहा है
रिया : मुस्कुराकर नही तो क्या तेरी गोद मे बैठने के लिए मैने तुझे उठाया है
मैने मूह बनाते हुए कहा तो फिर अब मत उठाना और मुझे चुप चाप सोने दो और मैं फिर धम्म से तकिये मे सर रख कर लेट गया
तभी मेरे कानो ने जो बात सुनी उसे सुन कर मेरे होश उड़ गये,
रिया : रवि सुन तो
रवि : मुझे नही सुनना दी सोने दो
रिया : अच्छा रवि चल मैं तेरी इच्छा पूरी करने को तैयार हू
दी की बात सुनते ही मैं उठ कर बैठ गया और उसे देखने लगा उसका चेहरा एक दम लाल हो रहा था और उसके सीने के कठोर बड़े बड़े उभारो के उतार चढ़ाव को देख कर लग रहा था कि दिल की धड़कनो की रफ़्तार कितनी तेज होगी
रवि : मैने खुश होते हुए कहा, क्या कहा दी तुमने फिर से कहना
रिया : मुस्कुराते हुए, नज़रे झुका कर और फिर नज़रे उठा कर कहने लगी, मैं तेरी इच्छा पूरी करने को तैयार हू, लेकिन
रवि : लेकिन क्या दी, मैने सवालिया निगाहे उस पर मारी
रिया : मेरी दो शर्ते है अगर तुझे मंजूर हो तो बोल
रवि : कौन सी शर्त
रिया : पहली शर्त तो यह है कि मैं जब कपड़े उतारुँगी तो तू वही बैठा बैठा ही मुझे देखेगा, तब तक जब तक मैं कपड़े वापस ना पहन लू
रवि : और दूसरी शर्त
रिया : इस बार दी के चेहरे पर गंभीर भाव थे, दूसरी शर्त यह कि तू पहले मुझे सच सच बताएगा कि जब मैं तुझे सब जगह देख कर आ गई तो फिर तू गया कहाँ था?
दी की बात सुन कर मेरे चेहरे का रंग उड़ गया और मैं सोच मे पड़ गया, मुझे सोचता देख दी ने इठलाते हुए कहा यदि तुझे मेरी दोनो शर्ते मंजूर हो तो बोल
मैं कुछ बोलने की स्थति मे नही था पर जवाब तो देना था, मैने कुछ सोचा और फिर कहा
रवि : दी मुझे तुम्हारी शर्त मंजूर है लेकिन मैं तुम्हारी दूसरी शर्त का जवाब तुम्हे ब्रा और पैंटी मे देखने के बाद दूँगा
रिया : मुझे गौर से देखते हुए, नही तू बाद मे पलट जाएगा
रवि : नही दी इतना तो भरोसा करो अपने भाई पर
रिया : खा मेरी कसम की तू मुझे सब सच सच बताएगा
रवि : तुम्हारी कसम बस
रिया : दो मिनिट तक चुपचाप बैठी रही फिर मेरी ओर देखने लगी मैं उसके मोटे मोटे उरोजो को ही खा जाने वाली नज़रो से देख रहा था और जब दी ने मुझे देखा तो मैने कहा अब क्या हुआ उतारती क्यो नही हो
रिया : मुस्कुरकर शरमाते हुए कहने लगी रवि मुझे तेरे सामने शर्म आएगी
रवि : दी जल्दी करो नही तो मैं आकर उतारू क्या ?
रिया : रवि मैने पहले ही कहा है तू अपनी जगह से हिलेगा भी नही
रवि : तो फिर जल्दी से उतारो
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