RE: Incest Porn Kahani दीवानगी (इन्सेस्ट)
सुजाता: मंद मंद मुस्कुरकर, लगता है तुझे ऐसे बड़े बड़े चूतड़ कुछ ज़्यादा ही अच्छे लगते है
रवि : नही मोम सबके इतने अच्छे नही होते है
सुजाता : मुस्कुराकर, अच्छा तो मतलब तुझे सबसे ज़्यादा अपनी मोम के ही अच्छे लगते है
रवि : अब मोम आप मेरी मोम हो तो मुझे तो अच्छी लगोगी ही ना
सुजाता : मुस्कुराकर, मैं अच्छी लगती हू या मेरे ये बड़े बड़े चूतड़
रवि : मुस्कुराकर मोम से कभी नज़रे मिला कर और कभी चुरा कर नीचे करते हुए
सुजाता : खा जाने वाली कातिल नज़रो से मंद मंद मुस्कुराकर अपने बेटे के चेहरे को देखती हुई, बता ना अपनी मोम के इन बड़े बड़े चुतडो को देखने मे शरमाता नही है और यह तुझे अच्छे लगते है या नही यह बताने मे शर्मा रहा है, मैं कोई गैर तो नही जो मुझसे शरमा रहा है, बच्चे तो अपनी मोम को सब बाते बता देते है
रवि : वो मोम
सुजाता : अरे बोल ना, या तुझे किसी और के अच्छे लगते है
रवि : नही मोम मुझे तो सबसे अच्छे अपनी मोम के ही लगते है
सुजाता : अलमारी मे कपड़े रखते हुए, इसी लिए तू इन्हे दिन भर चोर नज़रो से देखने की कोशिश करता है
रवि : मुस्कुरा कर वो मोम अब मैं क्या बोलू आप तो सब समझ जाती है
सुजाता : मुस्कुरा कर, बदमाश मैं सब जानती हू इसीलिए तू मुझे जीन्स पहना कर मंदिर ले जाना चाहता है ताकि तू मेरे चुतडो को अच्छे से देख सके
रवि : मोम अब आप सब जानती है तो इसी ड्रेस मे मंदिर चलोगि ना
सुजाता : हाँ बाबा ठीक है, लेकिन कुछ ज़्यादा ही मोटे मोटे नही हो गये तेरी मोम के चूतड़ देख ज़रा कितनी चौड़ी कमर हो गई है, ज़रा हाथ लगा कर देख यहाँ कितनी चर्बी भर गई है, मैने जब मोम की गुदाज मोटी गान्ड को उपर से लेकर नीचे तक और दाए से बाए तक दबा दबा कर देखा तो ऐसा लग रहा था कि मेरा लंड पानी छोड़ देगा,
सुजाता : है ना बहुत बड़े बड़े, अब बता जब मैं तेरे साथ मंदिर जाउन्गि तो लोगो की नज़रे मेरे चुतडो पर ही जमी रहेगी और मुझे शर्म आएगी
रवि : मोम इसमे शरमाने की क्या बात है हम किसी की आँखे बंद तो नही कर सकते ना देखते है तो देखने दो, लोग बस देखेंगे ही ना कोई छु तो नही पाएगा
सुजाता : मेरी और हल्की सी स्माइल देकर आँखे फाड़ कर देखते हुए, क्यो क्या लोगो का इन्हे छुने का मन भी करता होगा
रवि : अब मोम मैं क्या कहु
सुजाता : कही ऐसा तो नही कि तेरा मन भी इन्हे छुने का करता है,
रवि : नही मोम ऐसा नही है और मैने तो वैसे भी इन्हे कई बार छुआ है ना
सुजाता : हाँ वो तो है और वैसे भी तू तो मेरा बेटा है तू तो चाहे जब अपनी मोम को कही भी छू सकता है
मैं मोम की बात सुन कर मस्त हो रहा था, लेकिन मोम फ्रॅंक मिज़ाज थी इसलिए मैं कोई ग़लत फ़हमी भी नही पाल सकता था,
मैं मोम के रूम से जाने लगा तभी उन्होने मुझे रोका और रोकते हुए कहने लगी, क्यो रे रवि आज सुबह रिया थोड़ा लंगड़ा कर क्यो चल रही थी, उनकी बात सुन कर मेरा चेहरा सफेद पड़ गया तभी मोम ने कहा कही तूने झगड़ा करते हुए उसे कही मार तो नही दिया, उसे मज़ाक मे भी मारा ना कर बेटा मर्दो की मार बहुत तेज लगती है और औरतो का बदन कोमल होता है तो निशान भी बन सकते है,
रवि : नॉर्मल होते हुए नही मोम मैं भला दी को कभी मार सकता हू.
सुजाता : मुस्कुराते हुए अपनी जीन्स जो कि स्ट्रेच थी और झुकने पर उसकी मोटी गान्ड से थोड़ा सरकने लगती थी को उपर चढ़ाते हुए कहने लगी, तेरा बस चले तो तू अपनी मोम को भी मार ले
रवि : मोम की गोरी कमर से नीचे सर्की जीन्स को देखते हुए मुस्कुरा कर, क्या बात कर रही हो मोम मैं मारना भी चाहूगा तो आप क्या मुझे मारने दोगि, और वैसे भी आप मुझसे इतनी बड़ी हो और मस्त हेल्थि हो कि मुझे आप को मारने के लिए दम चाहिए
मोम ने मुस्कुरा कर पलट कर मुझे देखा और कहने लगी, तू भी तो पूरा जवान मर्द बन चुका है, मेरे ख्याल से तो तुझमे बड़ा दम होगा, तू तो मेरे जैसी भारी भरकम औरत को भी संभाल सकता है,
रवि : मुस्कुराकर मोम की गुदाज जवानी और टी शर्ट फाड़ कर बाहर आने को तड़पते हुए बड़े बड़े कसे हुए दूध और उठे हुए पेट से झाँकति गहरी नाभि को ललचाई नज़रो से देखते हुए, मोम मैं आपको संभाल तो लूँगा लेकिन फिर भी पूरा दम लगाना पड़ेगा मुझे,
सुजाता : मुस्कुरा कर इसी लिए तो कहती हू कि खूब दूध पिया कर तो तेरे सारे अंग खूब मजबूत रहेगे
रवि : मैं मोम के पीछे जाकर उनकी भारी गान्ड मे हाथ रख कर उसके स्पंज की तरह उभरे चुतडो के पाटो को दबा दबा कर हल्के से सहलाता हुआ, मोम मैं तो आपका बेटा हू मुझे क्या ध्यान रहेगा कि कब कब मुझे दूध पीना चाहिए, यह ध्यान तो आपको ही रखना पड़ेगा कि अपने बेटे को कब कब दूध पिलाना चाहिए,
सुजाता : पलट कर मुस्कुराते हुए मेरी और नशीली आँखो से देखती है और मेरे सर को पकड़ कर उस झीनी सी टीशर्ट के उपर से अपने मोटे मोटे थनो पर लगा देती और और मेरे सर पर हाथ फेरते हुए कहने लगती है मेरा बेटा ठीक ही कह रहा है मुझे ही तेरा पूरा ख्याल रखना चाहिए पर मैं घर के कामो मे तुझे दूध पिलाने का ध्यान ही नही रहता अब से मैं तेरा पूरा ध्यान दूँगी, मैं मोम के गुदाज मोटे मोटे दूध पर अपना मूह दबा रहा था और उसके तंदुरुस्त दूध का एहसास ले रहा था मेरा लंड पाजामे मे मस्त खड़ा हो गया था और वह मोम की जीन्स मे वहाँ ठोकर मार रहा था जहाँ उनकी फूली हुई चूत का उभार नज़र आ रहा था, मैने एक हाथ से मोम के उभरे हुए गुदाज पेट और गहरी नाभि को सहलाते हुए कहा, मोम तुम्हारे बदन से कितनी मस्त भीनी भीनी खुश्बू आ रही है,
सुजाता : बेटे औरतो के तो पूरे बदन से ऐसी मस्त खुश्बू आती है
रवि : नही मोम हर किसी के पास से ऐसी नही आती है, आपकी की खुश्बू तो बड़ी मोहक है
सुजाता : क्यो तूने और किसी की खुश्बू भी सूँघी है क्या
रवि : नही मोम और तो किसी की नही सूँघी
सुजाता : झूठ मत बोल तूने अपनी दी की खुश्बू तो सूँघी होगी उससे तो तू दिन भर लिपटता रहता है
रवि : हाँ मा लेकिन दी की खुश्बू इतनी मस्त नही है जितनी आपके बदन से आ रही है
सुजाता : तूने अच्छे से सूँघी ही नही होगी, अच्छा ये बता तूने दी की खुश्बू कहाँ नाक लगा के सूँघी थी
रवि : मोम गले मे जब मैं उनसे गले लगता हू
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