Raj sharma stories चूतो का मेला
12-29-2018, 02:43 PM,
RE: Raj sharma stories चूतो का मेला
मैं- काकी मजा लेना कोई गुनाह नहीं है और मैंने भी तुम्हारी आँखों में उस प्यास को पढ़ लिया है देख मेरे लंड को तेरी प्यास को जी भर के बुझाएगा , वैसे भी काका हॉस्पिटल में है क्या पता कब तक इस लायक हो सकेंगे की तेरी मारे, इतने दिन कैसे गुजारा करेगी , ये शर्म वरं कुछ नहीं होती एक बार चुद ले फिर सब सेट हो जाता है 

काकी मेरी तरफ आँख फाड़े देखे जा रही थी उनकी तो जैसे आवाज ही बंद हो गयी थी मैं उसकी जांघ को सहलाने लगा और फिर धीरे से उनकी सलवार के नाड़े को पकड लिया और खीच दिया काकी बोली- क्या तू सच में मुझे खराब करेगा 

मैं- ख़राब नहीं , प्यार करूँगा तुझसे, देख लंड की जरुरत हर चूत को होती है तुझे भी है पर तू बता नहीं रही 
काकी- कितना गन्दा बोलता है तू 

मैं उसकी सलवार को निचे करते हुए- मैं चोदता बहुत अच्छा हु 

सलवार उतारते ही उसकी गोरी गोरी टाँगे मेरे सामने थी हलकी सी मोटी टाँगे मैं काकी के ऊपर लेट गया और उसको चूमने की कोशिश करने लगा वो अपने मुह को इधर उधर करने लगी मेरा लंड उसकी चूत पर टक्कर मारने लगा उसकी चूत गीली लगी तो मैं बोला- भोसड़ी की नौटंकी मत कर, चूत लंड के लिए मचल रही है तू 

काकी विरोध तो बिलकुल नहीं कर रही थी पर हाँ भी नहीं कर रही थी पर अपने को आज मंजू की माँ चोद्नी ही थी वैसे भी लंड को बस चोदने से मतलब होता है फिर चूत चाहे किसी की भी हो क्या फरक पड़ता है काकी चुपचाप लेटी हुई थी मैं उनकी टांगो को फैलाया और उनके ऊपर फिर से लेट गया काकी मेरे बोझ से दबते हुए गहरी साँसे लेने लगी मैंने अपने लंड को चूत पर सेट किया तो काकी कसमसाने लगी और मेरा सुपाडा चूत को फैलाते हुए अन्दर जो जाने लगा 

काकी- कमीने, सुखी में ही पेल रहा है कम से कम थूक तो लगा लेता अआह्ह चीरेगा क्या 

मैं- मेरी जान तू खुश होके कहा दे रही है वर्ना तुझे प्यार से चोदता 

काकी- आः आःह्ह्ह 

मैं-बस घुस गया , घुस गया 

काकी की टाँगे अपने आप चौड़ी होती चली गयी मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुसा हुआ था 

मैं- कैसा लग रहा है मेरी जान 

काकी- दर्द कर दिया कमीने 

मैं- बिना दर्द के कहा मजा मिलता है जानेमन 

मैंने काकी के होंठो को अपने होंठो से लगा लिया और किस करते हुए लंड को चूत के अंदर बाहर करने लगा काकी की चूत भी गीली होने लगी कुछ देर किस करने के बाद मैंने हाथ बढा कर उसकी कुर्ती और ब्रा को भी खोल दिया और काकी को नंगी करके पेलने लगा , चूत चाहे किसी की भी हो एक बार लंड लेने के बाद पूरा मजा देती है मैं काकी को मजे से चोद रहा था 

मैं- मजा आ रहा है 

काकी कुछ नहीं बोली 

मैं- बता ना 

काकी- आ रहा है तभी तो तुझे ऊपर चढ़ा रखा है 

मैं- तो फिर बार बार चुदेगी ना 

काकी- एक बार तो कर पहले 

जल्दी ही काकी की दोनों टाँगे हवा में उठी हुई थी उसकी छुहारे जैसे चूत को मेरे लंड ने चौड़ा किया हुआ था पर दो बच्चो की माँ होने के बाद भी काकी को चोदने में आ पूरा मजा रहा था मुझे तो मैंने अब काकी को बिस्तर से उतार दिया और दरवाजे के पास दिवार से लगा कर खड़ा कर दिया मैंने पीछे से अपने लंड को चूत के छेद पर लगाया और घुसेड दिया अन्दर 

काकी- आह रे, 

मैंने उनकी छातियो को पकड़ लिया और दबाते हुए काकी को चोदने लगा काकी की सिस्कारिया अब तेज होने लगी थी मेरी बाँहों में कैद वो चुदाई का सुख को अनुभव कर रही थी , तूफानी गति से मेरा लंड उसकी चूत में अन्दर बाहर हो रहा था ऊपर से उसकी चूचियो की घुंडी को जब जब मैं मसलता तो कामुकता की लहर काकी के पुरे बदन में दौड़े जा रही थी 

मैं- मजा आ रहा है काकी 

काकी- आह रे फाड़ ही डाली तूने तो 

मैं- तभी तो मजा आएगा मेरी प्यारी काकी 

काकी- थोडा और जोर से कर , ओह्ह्ह्हह मा कितना मोटा लौदा है रे तेरा 

मैं- मेरा मोटा लंड और तेरी पतली चूत तभी तो मजा आएगा मेरी रानी 

काकी पर अब चुदाई का पूरा खुमार चढ़ चूका था था ,काकी ने अपनी गांड को और पीछे की तरफ कर लिया और मेरे धड धडाते लंड को अपनी चूत में अन्दर बाहर करवाने लगी , काकी के बदन से आती पसीने की खुशबू ने मुझे और पागल कर दिया मैंने काकी को अब घुटनों पर झुका दिया और उनके कुलहो को पकड़ के उनको चोदने लगा तो काकी की टाँगे उनके बोझ से बुरी तरह कांपने लगी थी काकी की चूत से टपकता रस मेरे अन्डकोशो तक आ पंहुचा था मैं मजबूती से उनके चूतडो को अपनी हथेलियों में थामे धक्के पे धक्के लगाये जा रहा था काकी की चूत पुच पुच करने लगी थी 


उफ्फ्फ ये जवानी की आग , ये जिस्मो की अनबुझी प्यास इंसान से क्या से क्या करवा देती थी तक़दीर मुझे कहा ले आई थी आज देखो बस एक नशा सा चढ़ गया था मुझ पर हर माध्यम उम्र की औरत बस माल लगती थी, जिसे मैं अपने बिस्तर पर खीच लाना चाहता था ये चूत की प्यास मेरे सर चढ़ कर बोल रही थी काकी अब झड़ने के कगार पर आ पहुची थी उन्होंने अपने चुतड ऊपर को उठा लिए और टांगो को भीच लिया आपस में कस में मैं तेज तेज धक्के लगाने लगा काकी की चूत बाहर को फैलने लगी और कुछ मिनट बाद काकी तेज आवाज करते हुए ढह गयी , काकी की बेकाबू साँसे , उसके जिस्म की गर्मी जो मेरे लंड को और दीवाना कर रही थी

काकी झड चुकी थी पर मैं अभी भी बेकाबू था काकी को मैंने बिस्तर पर पटका और फिर से उस पर चढ़ गया और लंड को फिर से पेल दिया काकी भी अनुभवी औरत थी तो वो मेरे झटको को झेलती रही 

मैं- काकी, तेरी चूत सच में बहुत रसीली है देख मेरा लंड झड़ ही नहीं रहा है 

काकी अपनी तारीफ़ सुनकर खुश होने लगी 

मैं- काकी अब रोज चुदवायेगी ना

काकी कुछ नहीं बोली 

मैं- बता ना रोज देगी ना 

काकी- रोज तो नहीं पर कभी कभी 

मैं- चल ठीक है कभी कभी में ही तेरी चूत को रगड़ लूँगा 

मैं मस्ती में काकी के गाल खाने लगा काकी मेरी पीठ पर अपना हाथ रगड़ने लगी थोड़ी देर बाद काकी पर फिर से मस्ती छाने लगी तो उसने अपनी टांगो कु ऊपर की तरफ कर लिया और गांड को उचकाते हुए चूत मरवाने लगी मैं काकी की जीभ को चूसने लगा तो वो और ज्यादा मस्ती से भर गयी थी मेरा मन कर रहा था की काकी को बूँद बूँद करके चूस जाऊ , काकी की लिसलिसी जीभ को चूसने में बड़ा मजा आ रहा था कुछ देर बाद मैंने अपना मुह हटाया और काकी को पलंग पर साइड में लिटा दिया 


और खुद उनके पीछे आकर फिर से लंड को चूत की गहराइयों में उतार दिया मैं काकी के पेट को सहलाने लगा काकी ने मेरे हाथ को अपने बोबे पर रखवा दिया और हलके हलके से दबाने लगी , 

मैं- मस्त हो रही हो 

काकी- अब जब चुदना ही है तो मस्त होकर ही चुद लू 

मैं- ये हुई ना बात मेरी रानी, तू अब देख तेरा कितना ख्याल रखता हु मैं तू बस एक इशारा करना मेरा लंड तुरंत तेरी सेवा में हाज़िर हो जायेगा 

अब मैं काकी को चोदते हुए उसकी चूत के दाने को ऊँगली से सहलाने लगा तो काकी मचलने लगी और धीमी धीमी सिसकिया भरने लगी चुदाई का आलम और ये मस्ती , दिल आज इतना खुश था की क्या बताऊ दरअसल काकी की चूत मिलने से दो काम हो गए थे की एक तो नयी चूत का जुगाड़ हो गया था दूसरा मंजू की तरफ से टेंशन फ्री बल्कि अब दोनों माँ-बेटी को ही चोदना था आजकल वैसे भी पांचो उंगलिया घी में और सर कडाही में था मेरा 


तो अब मेरे बदन में तरंगे मस्ती की कुछ ज्यादा जोर मारने लगी थी तो मैंने काकी को टेढ़ी से सीढ़ी करके लेटे लेटे ही ऊपर को उठा लिया और निचे से चूत में धक्के लगाने लगा तो काकी सिस्याने लगी और बोली- मैं छुटने वाली हु कस कस के पेल मार तो मैं तेज तेज धक्के मारने लगा हर धक्के के साथ मेरे लंड की नसों में मस्ती की झनझनाहट बढती जा रही थी और फिर काकी लम्बी लम्बी साँसे लेने लगी और मेरे लंड ने भी अपना गरम वीर्य काकी की चूत में छोड़ दिया मेरे वीर्य की धार से काकी की चूत भीगने लगी 
Reply


Messages In This Thread
RE: Raj sharma stories चूतो का मेला - by sexstories - 12-29-2018, 02:43 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 546,337 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,239,622 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 937,182 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,664,089 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,089,996 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,966,029 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,104,368 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,051,285 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 286,592 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Incest Kahani पापा की दुलारी जवान बेटियाँ sexstories 231 6,359,559 10-14-2023, 03:46 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 8 Guest(s)