Raj sharma stories चूतो का मेला
12-29-2018, 02:45 PM,
RE: Raj sharma stories चूतो का मेला
अन्दर जाते ही उसके किवाड़ बंद किया और मुझ से लिपट गयी एक के बाद एक चुम्बन मेरे चेहरे पर अंकित करते गयी वो मैंने भी उसको अपनी बाहो में कैद कर लिया जब उसका मन भर गया तो वो मुझ से अलग हुई और अब हम घर के अंदर वाले हिस्से में आ गए मैं सोफे पर बैठ गया वो मेरे लिए ठंडा लायी और मेरे पास ही बैठ गया 

वो- कहा गया हुआ था 

मैं- यार, कुछ काम से चाची के साथ जाना पड़ा 

वो- और जो इधर मेरा हाल खराब हुआ पड़ा है उसका क्या 

मैं- अब आ गया हु ना अब तुझसे दूर नहीं जाऊंगा 

वो- अब साथ रहने के दिन बचे ही कितने है 

मैं- क्या हुआ 

वो- ब्याह की तारीख हो गयी पक्की कार्ड भी छप कर आ गए है 

मैं- तुझे बड़ी जल्दी है मुझसे दूर जाने की 

वो- मेरे ससुराल वाले जल्दी कर रहे है 

मैं- अब उनको जल्दी तो होगी ही तू चीज़ ही ऐसी है तेरे पतिदेव से रुका नहीं जा रहा होगा 

वो- क्या कुछ भी बोलता रहता है 

मैं- सच नहीं कहा क्या मैंने 

वो- ये सब छोड़ तुझे कल मेरे साथ शहर चलना है मुझे ना शौपिंग करनी है ढेर सारी 
मैं- तो कर ले, मैं क्या करूँगा चल के 
वो- मुझे नहीं पता पर तू कल चल रहा हैं मेरे साथ 

मैं- ठीक है यार चलते है 

वो- वोटो का क्या सोचा है 

मैं- सोचना क्या है मैं था नहीं इधर तू भी तो लगी है परचार में तुझे ज्यादा पता होगा 

वो- देख, बिमला भाभी का जोर ज्यादा है , अवंतिका खामखा में उलझ रही है बिमला आराम से जीत जाएगी 
मैं- अब जिसे गाँव राम चाहेगा वो जीतेगा 

वो- गाँव नहीं तू चाहेगा वो जीतेगा , तू भी तो खूब मेहनत कर रहा है 

मैं- देख यार अपने को इस पचड़े में नहीं पड़ना जो भी जीते अपने को तेरे साथ जीना है कुछ दिन अभी का क्या प्लान है आज देगी क्या 

वो- आज तो नहीं कर पाऊँगी पर एक दो दिन में जरुर 

मैं- आज क्या हुआ 

वो- मेरी माँ इधर ही है आती ही होगी तो अब तू भी निकल ले शायद मैं परसों जंगल में जाऊ लकड़ी तो उधर ही प्रोग्राम करेंगे फिट 

मैं- ठीक है तू बता देना जो भी हो 

मैं उसके घर से निकल कर ताई गीता के घर पर गया पर उधर ताला लगा हुआ था तो निराश होकर वापिस घर आ गया तो मम्मी मेरे पास आकर बैठ गयी और बोली- एक बात करनी थी तुझसे 

मैं- जी 

वो- क्या तेरी किसी लड़की से दोस्ती है 

मैं- नहीं तो , मैं भला किसी लड़की से क्यों दोस्ती करूँगा 

वो- एक फ़ोन आया था किसी लड़की का क्या नाम था उसका हां नीलम शायद वो तुझे पूछ रही थी 
मैं- कब आया था तो आपने मुझे क्यों नहीं बताया 

मम्मी- शांत हो जा, तू इधर नहीं था तो कैसे बताती चल इतना तो पता चला की तू उसे जनता है दोस्त है तेरी 

मैं- साथ पढ़ती है 

वो- साथ पढ़ते पढ़ते दोस्ती हो गयी 

मैं- क्या मम्मी कुछ भी अब साथ पढने वाले क्या फ़ोन नहीं कर सकते घर पर 

वो- बिलकुल कर सकते है बल्कि घर भी आ सकते है 

मैं- तो आप शक कियो कर रहे हो 

वो- मैंने तो बस इतना पुछा की क्या है आजकल के बच्चे कब बड़े हो जाते है पता ही नहीं चलता अब माँ-बाप को तो ध्यान रखना होता है ना 

मैं- ऐसा कुछ नहीं है ये बताओ क्या कह रही थी 

वू- कुछ नहीं बोली की बाद में फोन करेगी 

हाय रे मेरी तक़दीर हमेशा चुतिया ही बनना लिखा था नीनू के फोन की इतने दिनों से बाट देख रहा था पर उसने भी जब फ़ोन किया जब मैं घर नहीं था पर क्या कीजिए जब चिड़िया चुग गयी खेत तो मैं ऊपर अपने कमरे में चला गया चाची वहा थी नहीं अब ये कहा गयी करने को कुछ ख़ास नहीं था तो मैं थोड़ी देर लेट गया शाम हुई तो ताऊ के साथ हॉस्पिटल जाना पड़ा रतिया काका की हालात पहले से काफी सुधर गयी थी हालाँकि अभी कई दिन उनको बिस्तर पर ही रहना था फिर भी इम्प्रोव्मेंट तो थी ही काकी से नजरे मिली तो मैंने पूछ लिया कब दोगी तो वो बोली मौका लगते ही अब रात को उधर ही रुकना था तो मैंने अपना बिस्तर गैलरी में बिछा लिया पर नींद नहीं आ रही थी तो मैं और मंजू हॉस्पिटल की कैंटीन में आ गए 

कुछ खाने का सामान लिया और बाते करने लगे 

मैं- और मंजू क्या चल रहा है 

वो- कुछ नहीं बस इधर से घर, घर से इधर 

मैं- मैं इसके बारे में नहीं निचे वाले जुगाड़ के बारे में पूछ रहा हु 

वो- बेशर्म नहीं हो गया आजकल तू कुछ ज्यादा 

मैं- आज रात करे क्या 

वो- पागल हुआ है क्या माँ है इधर और फिर जगह कहा है 

मैं- चोदने वाले जगह का इंतजाम कर ही लिया करते है 

वो- इधर नहीं करुँगी , कल दिन में घर पे कर लेना जितना मर्ज़ी 

मैं- तेरा भाई नहीं होगा घर 

वो- वो तो दूकान पर बैठता है और तू उसकी जरा भी टेंशन मत ले 

मैं- मंजू कल नहीं कर पाउँगा यार या तो आज दे या फिर बाद में क्योंकि कल मुझे पिस्ता के बाद जाना है कही पर 

मंजू- हां तो जा उसकी ही ले फिर , काम के लिए तो मैं और घूमना उसके साथ है बस आज पता चल गया तू ना गरज का साथी है 

मैं- समझा कर यार एक जरुरी काम है 

वो- अब तो बिलकुल नहीं दूंगी लेनी है तो कल आ जाना आज तो नहीं दूंगी कुछ भी करले
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RE: Raj sharma stories चूतो का मेला - by sexstories - 12-29-2018, 02:45 PM

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