Porn Story गुरुजी के आश्रम में रश्मि के जलवे
01-17-2019, 02:11 PM,
#60
RE: Porn Story गुरुजी के आश्रम में रश्मि क...
गुरुजी – रश्मि , यहाँ आओ.

मैं उनके पास आ गयी.

गुरुजी – तुम काजल की कमीज ऊपर करके पकड़ो. मैं इसकी योनि को ऊर्जित करता हूँ.

गुरुजी के मुँह से योनि शब्द सुनकर मुझे थोड़ा झटका लगा लेकिन फिर मैंने सोचा ये तो यज्ञ की प्रक्रिया है तो इसका पालन तो करना ही पड़ेगा. किसी भी औरत के लिए ये बड़ा अपमानजनक होता की उसके कपड़े ऊपर उठाकर कोई मर्द उसके गुप्तांगो को छुए लेकिन गुरुजी के अनुसार यज्ञ की प्रक्रिया होने की वजह से इसका पालन करना ही था. काजल ने भी कुछ खास रियेक्ट नहीं किया, शायद इसलिए क्यूंकी मैं भी वहाँ मौजूद थी. 

मैंने एक हाथ से काजल की कमीज पकड़ी और आगे से कमर तक ऊपर उठा दी. लेकिन गुरुजी ने मुझसे दोनों हाथों से पकड़कर ठीक से थोड़ा और ऊपर उठाने को कहा. मैंने दोनों हाथों से कमीज पकड़कर थोड़ी और ऊपर उठा दी. अब काजल की नाभि और उसके सलवार का नाड़ा दिखने लगे.

गुरुजी ने काजल के सलवार के ऊपर से दोनों हाथों से लिंगा को उसकी योनि के ऊपर घुमाना शुरू किया और ज़ोर ज़ोर से मंत्र पढ़ने लगे. उस सेन्सिटिव भाग को छूने से काजल का चेहरा लाल हो गया और उसने लिंगा को चूसना बंद कर दिया. वैसे लिंगा अभी भी उसके मुँह में ही था और उसकी आँखें बंद थीं. फिर मैंने देखा की गुरुजी उसके सलवार और पैंटी के ऊपर से चूत की दरार में ऊपर से नीचे अंगुली फिराने की कोशिश कर रहे हैं. ये देखकर मेरी ब्रा के अंदर निप्पल एकदम तन गये. गुरुजी की अँगुलियाँ काजल की चूत को छू रही थीं और अब आँखें बंद किए हुए काजल हल्की सिसकारियाँ लेने लगी.

काजल – उम्म्म्ममम…….

गुरुजी अब साफ साफ काजल की चूत के त्रिकोणीय भाग को अपनी अंगुलियों से महसूस कर रहे थे और लिंगा को बस नाममात्र के लिए घुमा रहे थे. वो इस सुंदर लड़की की चूत के सामने झुककर इस ‘जागरण क्रिया’ को कर रहे थे. काजल अब अपनी खड़ी पोजीशन में इधर उधर हिल रही थी और मैं उसकी असहज स्थिति को अच्छी तरह से समझ सकती थी. कुछ देर बाद ये प्रक्रिया समाप्त हुई और गुरुजी सीधे खड़े हो गये. मैंने काजल की कमीज नीचे कर दी और उसने राहत की सांस ली.

गुरुजी – लिंगा में थोड़ा और द्रव्य डालो.

मैंने उस गाड़े द्रव्य का कटोरा लिया और काजल से लिंगा को मुँह से बाहर निकालने को भी नहीं कहा और ऐसे ही लिंगा में थोड़ा द्रव्य डाल दिया. लिंगा में बहते हुए द्रव्य काजल के होठों में पहुँच गया और थोड़ा सा ठुड्डी से होते हुए उसकी गर्दन में बह गया. गुरुजी ने तक तक उसके सपाट पेट में लिंगा घुमा दिया था और अब ऊपर को बढ़ रहे थे. एक मर्द के द्वारा नितंबों और चूत को सहलाने से अब काजल गहरी साँसें ले रही थी और उसकी नुकीली चूचियाँ कड़क होकर सफेद कमीज को बाहर को ताने हुए थीं. मैं उसके एकदम पास खड़ी थी इसलिए उसकी कमीज में खड़े निप्पल की शेप देख सकती थी. उसने चुनरी नहीं डाली हुई थी इसलिए उसकी चूचियाँ बहुत आकर्षक लग रही थीं.

काजल लिंगा से द्रव्य को चूस रही थी. अब ऐसा लग रहा था की गुरुजी भी अपनी भाव भंगिमाओं पर थोड़ा नियंत्रण खो बैठे हैं. इस सुंदर लड़की के बदन के हर हिस्से से छेड़छाड़ करने के बाद अब उनके जबड़े लटक गये थे और वो खुद भी गहरी साँसें लेने लगे थे और उनका लंड धोती में खड़ा हो गया था. मंत्र पढ़ते हुए अब उनकी आवाज भी कुछ धीमी हो गयी थी. 

अब गुरुजी ने काजल की चूचियों पर लिंगा को घुमाना शुरू किया. काजल की आँखें बंद थीं शायद इसलिए गुरुजी को ज़्यादा जोश आ गया. उन्होंने मेरी मौजूदगी को पूरी तरह से नजरअंदाज करते हुए लिंगा से अपना दायां हाथ हटा लिया और काजल की बायीं चूची को पकड़ लिया.

काजल – उम्म्म्मम……

उसके मुँह से सिसकारी निकल गयी. वो लिंगा चूस रही थी और उसने कस के आँखें बंद की हुई थी, शायद उत्तेजना की वजह से. मुझे लगा अब गुरुजी हद पार कर रहे हैं, खुलेआम अपनी बेटी की उमर की लड़की की चूची दबा रहे हैं. वो अपनी हथेली से काजल की चूची की गोलाई और सुडौलता को महसूस कर रहे थे और मेरे सामने खुलेआम ऐसा करना इतना अश्लील लग रहा था की मुझे अपनी नजरें फेरकर दूसरी तरफ देखना पड़ा. गुरुजी इस परिस्थिति का अनुचित लाभ उठा रहे थे और इस गुलाब की कली के कोमल बदन को महसूस कर रहे थे. लेकिन जल्दी ही गुरुजी ने अपनी भावनाओं पर काबू पा लिया और ज़ोर से मंत्र पढ़ते हुए दोनों हाथों से लिंगा पकड़कर काजल की चूचियों पर घुमाने लगे. अंत में गुरुजी ने काजल की चूचियों को लिंगा के आधार से ऐसे दबाया जैसे उनपर अपनी मोहर लगा रहे हों.

गुरुजी – काजल बेटी, अपनी आँखें खोलो. तुम्हारी ‘जागरण क्रिया’ पूरी हो चुकी है. अपने मुँह से लिंगा निकाल लो. 

काजल – उफफफफफफफ्फ़….

काजल ने राहत की सांस ली. मैंने ख्याल किया की उसे बहुत पसीना आ रहा था , एक तो अग्निकुण्ड की गर्मी थी ऊपर से बदन में नाज़ुक अंगों की एक मर्द द्वारा छेड़छाड़.

गुरुजी – मैं उम्मीद करता हूँ की तुम्हारा पूरा ध्यान पूजा में रहा होगा. वरना तुम्हारे लिए ‘अमंगल’ हो सकता है और तुम एग्जाम्स में सफलता भी प्राप्त नहीं कर पाओगी.

काजल – नहीं गुरुजी. मैं ध्यान लगा रही थी.

गुरुजी – ठीक है. अब यज्ञ का पहला भाग पूरा हो चुका है. अब दूसरा भाग शुरू होगा. रश्मि, मेरे बैग से पवित्र धागा ले आओ.

मैं गुरुजी के बैग के पास चली गयी.

गुरुजी – काजल बेटी, यज्ञ के दूसरे भाग के लिए भक्त को माध्यम के वस्त्र पहनने होते हैं.

ये सुनकर मैं हक्की बक्की रह गयी. मैंने पीछे मुड़कर देखा , काजल उलझन भरा चेहरा बनाकर गुरुजी को देख रही थी. स्वाभाविक था. मैं भी हैरान थी. 

गुरुजी – काजल बेटी, माध्यम के रूप में मैंने तुम्हारी प्रार्थना को लिंगा महाराज तक पहुँचा दिया है. अब तुम्हें मेरे वस्त्र पहनकर अपनी प्रार्थना को प्रमाणित करना है और यज्ञ के शेष भाग को हमने साथ साथ करना है, यानि की अब माध्यम और भक्त दोनों एक ही हैं. जय लिंगा महाराज.

काजल और मैंने भी जय लिंगा महाराज का जाप किया. लेकिन मैंने साफ महसूस किया की काजल की आवाज में आत्मविश्वास की कमी है, क्यूंकी उसे मालूम था की अब उसे अपनी सलवार कमीज उतारनी पड़ेगी. गुरुजी ने काजल को सोचने का ज़्यादा वक़्त नहीं दिया और अपने ऊपरी बदन से भगवा वस्त्र उतार कर काजल की ओर बढ़ाया. गुरुजी अब सिर्फ़ धोती पहने हुए थे. उनका बालों से भरा हुआ लंबा चौड़ा ऊपरी बदन नंगा था. उनको इस हालत में देखकर कोई भी लड़की डर जाती.

गुरुजी – काजल बेटी, समय बर्बाद मत करो. शुभ घड़ी निकली जा रही है.

काजल हक्की बक्की होकर खड़ी थी. एक मर्द के सामने कपड़े उतारने की बात से वो स्तब्ध रह गयी थी और उसकी आवाज ही बंद हो गयी. कुछ पल बाद उसकी आवाज लौटी.

काजल – लेकिन गुरुजी , मेरा मतलब…..मैं इसको कैसे पहन सकती हूँ ? ये तो सिर्फ़ एक शॉल जैसा कपड़ा है.

गुरुजी – काजल बेटी, तुम कोई पार्टी में नहीं जा रही हो जिसके लिए तुम सज धज के ड्रेस पहनो. ये यज्ञ है. तुम्हें इसके नियमों का पालन करना ही होगा. जानती हो बहुत से यज्ञ ऐसे होते हैं जिनमें भक्त को पूर्ण नग्न होकर भाग लेना होता है. पूरे मन से ही भक्ति होती है. लिंगा महाराज के सामने शरम के लिए कोई स्थान नहीं है. बेवकूफ़ लड़की.

गुरुजी का स्वर लोहे की तरह कठोर था. उसके बाद काजल की एक भी शब्द बोलने की हिम्मत नहीं हुई.

गुरुजी – रश्मि, इसको अपने अंतर्वस्त्र उतारने की जरूरत नहीं. तुम इसकी कमर में इसे लुँगी की तरह लपेट दो.

मैंने काजल को देखा और उसकी आँखें कहानी को बयान कर रही थीं. अपना सर झुकाए वो पूजा घर के कोने में चली गयी और हमारी तरफ पीठ करके कमीज उतारने लगी. अपने हाथ सर के ऊपर उठाकर उसने कमीज उतार दी . उसके बाद वो सलवार का नाड़ा खोलने लगी और उसको उतारने के लिए नीचे झुकी तो उसकी छोटी सी सफेद पैंटी से ढकी हुई गोरी गांड पीछे को उभर कर इतनी उत्तेजक लग रही थी कि एक पल के लिए मुझे लगा की गुरुजी ने अपने लंड को हाथ लगाया. काजल ने जल्दी से भगवा वस्त्र लपेटने की कोशिश की लेकिन कुछ पल के लिए सिर्फ़ ब्रा पैंटी में उसका बदन गुरुजी को दिख गया.. मैं उसके पास गयी और गुरुजी के भगवा वस्त्र को उसकी कमर में नाभि से घुटनों तक लुँगी जैसे लपेट दिया और नाभि के नीचे कपड़े में गाँठ लगा दी. सच कहूँ तो मुझे लगा की अगर वो ब्रा पैंटी में रहती तो कम अश्लील लगती पर अब इस पारदर्शी कपड़े को कमर में लपेटकर वो बहुत मादक लग रही थी और उसके सफेद अंतर्वस्त्र और भी ज़्यादा चमक रहे थे.

शरम से नजरें झुकाए वो गुरुजी के सामने आ खड़ी हुई. उसकी जवान चूचियाँ ब्रा के अंदर हिल डुल रही थीं और ब्रा कप से बाहर आने को मचल रही थीं. उसको एक मर्द के सामने ऐसे अधनंगी देखकर खुद मैं असहज महसूस कर रही थी. उसका जवान खूबसूरत बदन इतना मनमोहक लग रहा था की मुझे भी ईर्ष्या हो रही थी. पतली सी ब्रा में उसकी तनी हुई चूचियाँ, सपाट गोरा पेट , पतली कमर और फिर बाहर को फैलती हुई गोल घुमावदार गांड बहुत लुभावनी लग रही थी.

मैंने गुरुजी को धागा लाकर दे दिया और वो झुककर काजल की कमर में पवित्र धागा बाँधने लगे. काजल इतना शरमा रही थी की गुरुजी के अपनी नंगी कमर को छूने से वो भी आगे को झुक जा रही थी. धागा बाँधकर जब गुरुजी सीधे खड़े होने लगे तो उनका सर काजल की ब्रा में क़ैद चूचियों से जा टकराया क्यूंकी वो भी आगे को झुकी हुई थी. गुरुजी ने आँखें ऊपर को उठाकर देखा और काजल की अनार जैसी चूचियाँ ठीक उनकी हवसभरी आँखों के सामने थीं . काजल बहुत शरमा गयी और गुरुजी ने सॉरी बोल दिया लेकिन मुझे उनकी आँखों में कुछ और ही दिखा.

गुरुजी – रश्मि , चंदन की थाली मुझे दो.

मैंने चंदन की थाली गुरुजी को दे दी . उन्होंने अपनी आँखें बंद कर लीं और मंत्र पढ़ने लगे. काजल सर झुकाए फर्श को देख रही थी , वो एक मर्द के सामने सिर्फ़ ब्रा पैंटी में खड़े होकर बहुत शर्मिंदगी महसूस कर रही होगी. कहने को तो उसकी कमर में भगवा वस्त्र लिपटा हुआ था पर उसका कुछ फायदा नहीं था क्यूंकी पारदर्शी कपड़ा होने से उसकी छोटी सी सफेद पैंटी साफ दिख रही थी. अब गुरुजी ने आँखें खोली और काजल के माथे में चंदन का टीका लगाया.

गुरुजी – अब मेरी तरह ज़ोर से मंत्र पढ़ो.

मंत्र पढ़ते हुए गुरुजी झुके और काजल की नाभि में चंदन का टीका लगाया और फिर पंजों पर बैठकर काजल की टाँगों से कपड़ा हटाकर उसकी चिकनी जांघों पर भी टीका लगा दिया. 

गुरुजी – काजल बेटी अब हम साथ साथ हवन करेंगे. हवन हमारे शरीर के अंदर के दोषों को दूर करने की प्रक्रिया है. अगर तुमने इसे ठीक से पूरा कर लिया तो तुम अपनी पढ़ाई में आने वाली बाधाओं को सफलतापूर्वक पार कर सकोगी.
Reply


Messages In This Thread
RE: Porn Story गुरुजी के आश्रम में रश्मि क... - by sexstories - 01-17-2019, 02:11 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,487,815 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 542,940 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,226,557 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 927,641 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,646,329 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,074,121 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,939,959 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,020,716 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,018,432 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 283,643 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 6 Guest(s)