Desi Sex Kahani एक नंबर के ठरकी
01-18-2019, 01:52 PM,
#21
RE: Desi Sex Kahani एक नंबर के ठरकी
राहुल के हाथ सीधा उसके मुम्मों पर आए और उन्हे दबोच कर उसने निचोड़ डाला और डिंपल उसके इस हमले से किसी घायल शेरनी की तरह चीख पड़ी

''आआआआआआआआआआआआआआहह.... राहुल.................... उम्म्म्ममममममममम.... सककककक मिईिइ....''

और उसने अपना बड़ा वाला मुम्मा पकड़कर राहुल के मुँह में ठूस दिया..

राहुल ने जब उसके मुम्मे को पकड़कर पीना शुरू किया तो उसकी नज़रें सबा से जा मिली, जो बड़े ही गौर से उन दोनो को देख रही थी...लेकिन उन्हे देखते-2 अचानक उसके मुँह से एक जोरदार चीख निकल गयी..क्योंकि कुत्ते की तरह उसके पैर चाटने के बाद शशांक ने अपनी गर्म जीभ से सबा की चूत पर हमला बोल दिया था ...मीठी और रसीली चूत की दुकान में जैसे आग सी लग गयी...सबा ने अपने गोल होंठों से लार टपकाते हुए नीचे देखा और शशांक के बालों को पकड़कर उसे अपनी चूत पर उपर से नीचे तक किसी पोछे की तरह इस्तेमाल कर डाला...शशांक भी अपनी जीभ से उसकी चूत और आस पास के हिस्से को चाटते हुए अपने आप को बड़ा खुशनसीब समझ रहा था...भले ही काम कुत्ते वाला कर रहा था वो लेकिन मज़ा उसे किसी राजा की तरह मिल रहा था.

सबा की चूत में से निकल रही खुश्बू ने तो शशांक को मदहोश सा कर दिया था, ऐसी खुश्बू उसने आज से करीब 10 साल पहले ऐसी ही एक स्वेपिंग वाली महफ़िल में सूँघी थी, उस वक़्त उसके हिस्से में एक नयी नवेली दुल्हन आई थी, जिसकी शादी को सिर्फ़ एक महीना ही हुआ था, उसके पति ने किसी तरह से उसे स्वेपिंग के लिए राज़ी कर लिया था और तब उसने उस हूर परी की चूत चूसी थी, उसके बाद वो 10 सालों तक वैसी ही खुश्बू सूंघने के लिए तरसता सा रह गया था, और जब से उसने सबा को देखा था उसे ना जाने ये विश्वास सा हो गया था की हो ना हो,उसकी चूत की खुश्बू भी वैसी ही होगी जैसी उसने 10 साल पहले सूँघी थी, और उसका अंदाज़ा सही निकला था, उस खुश्बू ने उसके उपर कोई नशा सा कर दिया था, उसकी आँखे बोझिल सी हो रही थी उसे सूँघकर...और वो बस अपनी लंबी जीभ निकाल कर उसे पागलों की तरह चूसे जा रहा था....चूसे जा रहा था.

गुरपाल भी सुमन के पैरों से शुरू होकर धीरे-२ अपनी लार से उसे नहलाता हुआ ऊपर जा रहा था, रास्ते में उसकी चूत की घाटी आई, जिसमे से नरम बर्फ समेत कर वो ऊपर आया, गहरी नाभि को भी उसने करीब पांच मिनट तक चुभलाया, और फिर सपाट पेट पर जीभ रगड़ता हुआ जब वो उसके पर्वतों पर चढ़ा तो अपनी उत्तेजना के परवान में मचलकर चीख ही पड़ी, और उसने एक ही झटके में उसे ऊपर खींचकर इतने जोर से चूमा की सरदारजी भी उसके जोश के कायल हो उठे, और समझ गए की आज की रात जो चुदाई होने वाली है उसमे बहुत मजा आने वाला है.




गुरपाल इस वक़्त पूरा का पूरा सुमन के कोमल शरीर के उपर था, गुरपाल के पहाड़ जैसे शरीर के नीचे दबकर सुमन तो दिखाई ही नही दे रही थी...लेकिन उसकी सिसकारिया सबसे तेज थी जो उसकी उपस्थितती का एहसास दिला रही थी.

और फिर उसने कुछ ऐसा किया की उसके बदले गुरपाल की सिसकारिया निकलने लगी...सुमन ने मच्छी की तरह मचलते हुए गुरपाल की छाती पर चमक रहे निप्पल को मुँह में लेकर उसे पीना शुरू कर दिया, जैसे मर्द चूसते है वो भी वैसे ही चूसने की कोशिश करने आगी, और उसकी इस कोशिश की वजह से गुरपाल की हालत खराब हो गयी..वो बुरी तरह से सिसकार उठा.

''आआआआआआआआआआआहह सुमन भाभी....................... उम्म्म्ममममममममम मज़ा आ गया............ ज़ोर से चूसो....''

दूसरी तरफ राहुल से अपना मुम्मा चुस्वा रही डिंपल ने जब अपने पति की ये बात सुनी तो उसने सुमन की तरफ देखा की ऐसा वो क्या कर रही है जो अपनी ही मस्ती में चुदाई करने वाला गुरपाल इस तरह से सिसकारियां मार रहा है..और सुमन को उसके निप्पल चूसता देखकर वो समझ गयी की अगली बार उसे गुरपाल को इतना उत्तेजित करने के लिए क्या करना है.

राहुल ने अपने दाँतों से उसके निप्पल को पकड़ा और ज़ोर से काट लिया..

''उफफफफफफफफफफफफ्फ़.... बदमाश राहुल..... धीरे करो..... काट कर निकाल लोगे क्या इन्हे..... धीरे-2 चूसो.... आराम से.....''

इतना कहकर उसने अपना दूसरा मुम्मा पकड़ कर उसके मुँह में दे दिया..वो दोनों मुम्मों को सामान अधिकार देना चाहती थी, सिर्फ एक ही को चुस्वाकर दूसरे के साथ भेदभाव नहीं करना चाहती थी



उधर सबा अपनी जिंदगी का सबसे हसीन पल जी रही थी, उसके पति का बॉस इस वक़्त किसी कुत्ते की तरह उसके सामने बैठकर अपनी लंबी और गर्म जीभ से उसकी चूत को चाट रहा था, ऐसे मजे और गुरूर की भावना उसने आज तक महसूस नही की थी, वो शशांक के बालों को पकड़कर अपनी चूत में दबाती हुई ज़ोर से चिल्लाई : "चूस साले.... और ज़ोर से चूस.... जीभ डाल अंदर.....गांड भी चूस..... चाट वहां से......आआआआआआअहह येसस्स्स्स्स्स्सस्स....''



राहुल जो थोड़ी ही दूर बैठकर सरदारनी के मुम्मे चूस रहा था,अपनी बीबी की ये बात सुनकर शर्मिंदा सा हो गया, क्योंकि ना तो उसने और ना ही किसी और ने आज तक सबा का ये रूप देखा था...एक दम बाजारू औरत की तरह बिहेव कर रही थी वो...लेकिन मौका ही ऐसा था..ये वो हमाम था जिसमे आज सब नंगे थे और अपनी मर्ज़ी का कुछ भी कर सकते थे.

गुरपाल ने मचलते हुए अपना लंड सुमन की चूत के उपर रख दिया और वो कब सरककर अंदर घुस गया उनमे से किसी को भी पता नही चला.

और अगले ही पल दोनो किसी मशीन की तरह एक जबरदस्त चुदाई में व्यस्त हो गये..



गुरपाल ने सुमन की दोनो टांगे उठा कर जोरो से उसकी चूत मारनी शुरू कर दी...और वो भी उसकी घने बालों वाली छाती में उंगलियाँ फेरती हुई उसे ज़ोर-2 से चोदने के लिए उत्साहित कर रही थी...आख़िरकार वो उनकी सोसायटी का सबसे तगड़ा आदमी जो था.

''आआआआआआहह गुरपाल.................ज़ोर से आआआआआ...... सस्स्स्स्स्स्स्सस्स... ओह्ह माय .....गॉड .......... उम्म्म्मम....... सस्सस्स..... ज़ोर से..... अहह अहह''

शशांक ने अपनी बीबी को इस तरह से चूड़ते देखा और उसके चेहरे पर एक स्माइल सी आ गयी, और सबा ने जब उसे ऐसे हंसते हुए देखा तो वो धीरे से बोली : "ऐसे ही हंसते रहोगे या कुछ करोगे भी...''

उसकी चूत में अब बुरी तरह से खुजली होने लगी थी जो अब जीभ की चुस्वाई से मिटने वाली नही थी.

शशांक भी बड़ा घाग किस्म का बंदा था, वो उसकी चूत में उंगली डालकर उसे हिलाता हुआ बोला : "ये लो...कर तो रहा हू...और क्या करू...''

सबा समझ गयी की शशांक उसे कुत्ता बनाने का बदला ले रहा है , इस तरह उसे सताकर.

सबा ने शशांक की उंगली अपनी चूत से निकाली और अपने मुँह मे लेजाकर चूस डाली और बड़े ही सेक्सी स्वर में बोली : "इस उंगली से इसका कुछ नही होने वाला....अपना लंड डालो इसमें ...लंड .''

वो बहुत धीरे-2 ये सब बोल रही थी, उसकी आवाज़ में वो तेज़ी नही थी जो अभी कुछ देर पहले तक थी.

शशांक : "बोलो तो सही...क्या डालू , किसमें डालू ...''

इस बात ने तो जैसे सबा के अंदर की चुदक्कड़ को जगा सा दिया...उसने शशांक के बालों को एक तेज झटके में पकड़ा और ज़ोर से चिल्लाई : "चूत में डाल साले , अपना मोटा लंड मेरी चूत में डाल और चोद मुझे...अब समझा मादरचोद ...''

उसके कहने का तरीका ही इतना क्यूट सा था की कमरे मे मोजूद सभी लोग हंस पड़े...और शशांक भी हंसता हुआ उसकी बाजू पकड़ कर उसे पलंग तक ले गया और उसपर लिटाता हुआ बोला : "चल आजा फिर...आज मैं तुझे दिखाता हू की असली चुदाई क्या होती है...''

सबा भी अपनी चूत फेला कर उसकी सामने लेट गयी...लेकिन शशांक उसमे लंड डालने से पहले अपनी अलमारी तक गया और एक तेल की शीशी निकाल कर उसने वो तेल अपने लंड पर रगड़ लिया.

ये देखकर अपनी चूत में सरदारजी का लंड लेती हुई सुमन मुस्कुराइ और हाँफती हुई सी आवाज़ में बोली : "आज तो तू गयी सबा...''

सबा की समझ में भी नही आ रहा था की ये आख़िर क्या लगाया है शशांक ने अपने लिंग पर...क्या कोई जादुई तेल है...किसी बंगाली बाबा से लाया है क्या...पर ये सब विचार उसके जहन में ही रह गये क्योंकि शशांक ने उसकी चूत पर अपना लंड लगा दिया था...और बोला : "आर यू रेडी फॉर द राइड...''

सबा ने कुछ नही कहा बल्कि उसकी गांड पर अपनी टांगे लपेट कर उसे अंदर खींच लिया...और उसके लंड का टोपा उसकी चूत में फँस गया...जैसे ही शशांक के लंड ने उसके अंदर 1 इंच के करीब प्रवेश किया, उसे अपनी चूत में जलन का एहसास हुआ...ऐसा लगा जैसे अंदरुनी दीवारों पर कोई चिंटी रेंग रही है...जो अब लंड की रगड़ से ही दूर होगी...इसलिए उसने बाकी के बचे हुए लंड को अंदर लेने के लिए और ज़ोर लगाया और अगले झटके में उसने आधे से ज़्यादा लंड ले लिया..उसका राहुल से थोड़ा मोटा भी था, इसलिए कुछ ज़्यादा ही खिंचाव के साथ वो अंदर जा रहा था, और अंदर जाते हुए एक अजीब सा सेंसेशन भी मिल रहा था उसे...



सबा ज़ोर से कसमसाई : "उम्म्म्ममममममममममममम...... शशांक....... उफफफफफफफ्फ़.... क्या लंड है...... ऐसा मज़ा तो आज तक नही मिला मुझे''

एक पति के लिए ये सुनना बहुत बड़े धक्के के समान होता है, शादी से लेकर आज तक राहुल ने उसकी चूत लगभग रोज बजाई थी, और हर बार उसे इतना संतुष्ट किया था की राहुल को खुद पर गर्व होता था की इतनी गर्म औरत को अपने लंड से ठंडा करने का साहस है उसके और उसके छोटे सिपाही में ..लेकिन आज उसी सबा ने भरी सभा में ये एलान कर डाला था की आज से पहले उसे इतना मज़ा नही मिला है, ये एक खुददार पति के लिए मर जाने लायक बात थी...

लेकिन राहुल को अच्छी तरह से पता था की इस वक़्त सबा पर सैक्स का भूत सवार है, ऐसे मे वो कुछ भी बड़बड़ाएगी ...इसलिए उसने उसे इग्नोर किया...लेकिन जो गुस्सा उसके अंदर आ रहा था उसने उसे सरदारनी के उपर निकालने की सोची, और एक ही झटके में उसे घोड़ी बना दिया, और उसकी तरबूज जैसी गांड पर हाथ फेरने लगा..

सरदारनी भी अपना मुँह तकिये मे घुसा कर चिल्लाई : "येसस्स्स्स्स्स्स्सस्स... राहुल....डाल दे अपना मूसल आज मेरी गांड में ....मार ले मेरी पीछे से मेरी गांड ....''

अब चौंकने की बारी सबा और राहुल की थी...सबा तो अच्छी तरह से जानती थी की राहुल को गांड मारने की कब से इच्छा है, और आज ही सबा ने उसे प्रोमिस किया था की वो उसकी गांड मार सकता है, लेकिन इसी बीच ये सब हो गया तो उन्हे गांड मारने का मौका ही नही मिला...लेकिन अब राहुल के सामने अपनी गांड फेला कर लेटी हुई सरदारनी ने जब ये कहा तो राहुल के मुँह में पानी आ गया....वो अपने आपको रोक नही पाया...उसने सोचा : "कल तो सबा की गांड मारनी ही है, आज सरदारनी की मारकर उसकी प्रैक्टिस ही कर लेता हूँ ...''

इतना सोचकर उसने अपने लंड पर ढेर सारी थूक लगाई और उसे डिंपल के पिछले छेद में टीका दिया..और फिर तरबूज के दोनो हिस्सों को फेला कर उसने थोड़ा और चोडा किया और एक ज़ोरदार झटके के साथ उसकी गांड में दाखिल हो गया...
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RE: Desi Sex Kahani एक नंबर के ठरकी - by sexstories - 01-18-2019, 01:52 PM

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