RE: Desi Sex Kahani एक नंबर के ठरकी
राहुल के पीछे सरदारनी भी पागल सी हुई जा रही थी....
वो अपनी जीभ से राहुल की पीठ, गर्दन और कानों को चाटने लगी...अपनी चूत से भी वो राहुल के चूतड़ों की मालिश कर रही थी.... अपनी चूत से निकल रहे देसी घी को वो राहुल के शरीर पर मल रही थी... कुल मिला कर वो पागल सी हो चुकी थी.... अब उस सरदारनी को संभालना थोड़ा मुश्किल सा लग रहा था...
काजल भी अपनी चूत से राहुल के लंड की वापिसी देखकर तिलमिला सी उठी.... पर राहुल ने आँखो के इशारे से उसे थोड़ा सब्र करने को कहा....
पर एक बार चूत को जब लंड की गंध आ जाए तो उससे सब्र कहा होता है...
वो भी डिंपल की तरह पागल सी होकर राहुल के सहरीर को चाटएने लगी...चूसने लगी...काटने लगी...
दोनो ने मिलकर राहुल को नीचे लिटा दिया.... नीचे मखमली गलीचा बिछा हुआ था... और तीनो के नंगे जिस्म एक दूसरे से गुथम गुथा होकर उसपर अपना जलवा बिखेर रहे थे...
ऐसा लग रहा था जैसे गलीचे पर 3 इच्छाधारी साँप अपने इंसानी रूप में आ गये है...
तीनो के जिस्म साँपों की तरह लहरा रहे थे...
एक दूसरे के अंगों से लिपट रहे थे...
एक दूसरे को दबा रहे थे...
कभी राहुल डिंपल के उपर होता और कभी काजल के...
कभी वो बीच में होता और दोनो उसे सेंडविच की तरह पीस कर अपने मुम्मों से उसके जिस्म की मालिश करती...
कभी डिंपल उसके लंड को चूसती तो कभी काजल....
एक मौका तो ऐसा आया जब काजल और डिंपल एक दूसरे के उपर जा चढ़ी ...
और दोनो ने ये मौका भी नही गँवाया....
एक दूसरे को ही स्मूच करना शुरू कर दिया....
ये देखकर एक कोने में खड़ी नीरू हदद से ज़्यादा उत्तेजित हो गयी और उसने पहली बार, बड़ी ही बेशर्मी से अपनी चूत को सभी के सामने मसलना शुरू कर दिया...
शशांक अब तक समझ चुका था की उसे काबू में कैसे करना है...
डिंपल के सर की तरफ से काजल रेंगती हुई आई और उसने सीधा आकर सरदारनी के मुम्मों को चूसना शुरू कर दिया, ये एक ऐसा एंगल था जिसमॅ काजल की ब्रेस्ट सरदारनी के होंठो के पास थी, उसने भी बिना कोई देरी किये बिना उन्हें मुंह में भर लिया और चूसने लगी
राहुल ने जब देखा की काजल और डिंपल एक दूसरे से लिपट कर चूमा चाटी कर रहे है तो उसने ये मौका गँवाना उचित नही समझा और वो खरगोश की तरह रेंगता हुआ उन दोनो के नीचे यानी टाँगो की तरफ आ गया ....
अब उसके सामने दोनो की चूत थी जो वो एक दूसरे से रगड़ रहीं थी...
वो किसी कुत्ते की तरह अपना मुँह लेकर उनके बीच घुस गया और अपनी जीभ से उन दोनो की चूत एक साथ चाटने लगा....
ये एक ऐसा नज़ारा था जिसके बारे में कोई अंदाज़ा भी नही लगा सकता था की कोई ऐसा भी कर सकता है...
पर उन सभी के अंदाज़े से आगे निकल कर राहुल ने वो कर दिखाया....
और ऐसा करते हुए जब उसकी नज़र अपनी बीबी सबा पर पड़ी तो वो भी ताली बजा कर उसकी तारीफ करने से खुद को ना रोक सकी और बोली : "नोट बेड राहुल.... नोट बेड .... कीप इट अप .... दिखा दो इन दोनों को की तुम क्या-2 कर सकते हो....''
बस फिर क्या था, सबा की इस तारीफ के पेड़ पर चड़कर राहुल ने अपनी जीभ को और पैना किया और डाल दिया सीधा सरदारनी की चूत में....
वो तो तड़प ही उठी, एक जीभ भी लंड का दम ख़म रखती है, ये उसे आज ही पता चला
राहुल ने फिर उस अकड़ी हुई जीभ से काजल की चूत को भी चोदा , दोनों राहुल के इस हमले से बचने के लिए एक दूसरे के जिस्मों को बुरी तरह से रगड़ने लगी, एक दूसरे को स्मूच करने लगी
कुल मिलाकर कमरे में आग सी लग चुकी थी
और उस आग को ठंडक तब मिली जब दोनों एक साथ झड़ने लगी
और झड़ते हुए उनके मुंह से जो आवाजें निकली उसे सुनकर सभी को ये डर बैठ गया की कहीं उनकी ये चीखें पड़ोसियों तक ना पहुँच जाए
'' आआआआ ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्। ........ ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् फक्क्क्क्क्क्क्क्क , स्सस्सस्सस्स। ......... म्म्म्म्म्म्म्म्म , मैं तो गयी। ...... ''
वो तो भला हो कॉलोनी के बच्चों का जिन्होंने ठीक उसी वक़्त दस हजार की लड़ी में आग लगायी थी , उस दिवाली के पटाखों की गूँज ने उन दोनों की चीखों को दबा दिया
दोनों काफी देर तक एक दूसरे को चूमती रहीं और राहुल नीचे लेटा हुआ उनकी मलाई चाटता रहा
अब राहुल की बारी थी
दोनों ने राहुल को सोफे पर बिठा दिया
और खुद उसके सामने बैठकर उसके लंड को चूसने लगी
एक बार फिर से राहुल के लंड से उन दोनों ने खेलना शुरू कर दिया
कभी एक चूसती तो कभी दूसरी , कभी एक अपने मुम्मों के बीच उसका लंड दबाती तो कभी दूसरी
ऐसा करते-२ आखिर राहुल भी अपने ओर्गास्म के करीब पहुँच गया
उसके ओर्गास्म को देखकर दोनों एक बार फिर से नीचे लेट गयी और राहुल ने उन दोनों के पूरे शरीर को अपने माल से नहलाना शुरू कर दिया
उसका माल इतना ज्यादा निकला की उसने दोनों के शरीर की रंगत ही सफेदी में बदल दी, उसके बाद दोनों ने एक दूसरे के शरीर पर गिरी नारियल की मलाई चाट-चाटकर खायी
पूरा कमरा एक बार फिर से तालियों से गूँज उठा
तीनों ने सच में सराहनीय काम किया था
अब आखिरी नंबर शशांक का था
और उसने सोच रखा था की क्या करना है
क्योंकि इस गेम के बाद वो चुदाई का नंगा नाच देखना चाहता था,
जिसके लिए सभी लोग बेसब्री से इन्तजार कर रहे थे
शशांक अब बीच में कुछ और करके इस माहौल पर ब्रेक नही लगाना चाहता था.... इसलिए वो खड़ा हुआ और सीधा मुद्दे की बात की
वो बोला : "मैं चाहता हूँ की डिंपल और सबा एक दूसरे को सक्क करें ....''
दोनो की आँखे चमक उठी... वैसे भी सबा काफ़ी देर से कुछ करने को कुलबुला रही थी...
वो तुरंत खड़ी हुई और बड़ी मासूमियत से बोली : "बस... सक्क ही करना है.... आप अपनी बारी में सिर्फ़ इतना ही करवाओगे...''
वो शायद सोच रही थी की अब शायद चुदाई स्टार्ट हो जाए...
शशांक ने मुस्कुराते हुए कहा : "नही.... तुम ये शुरू तो करो, मैं बाकियों के लिए बताता हूँ की क्या करना है...''
सबने अपना सिर हिला कर सहमति जताई...
वैसे भी राहुल जब 2 से मज़े ले सकता है तो शशांक तो ना जाने क्या -2 कर सकता है...
सुमन तब तक सबा के करीब पहुँच चुकी थी और उसने सबा को ज़मीन पर लिटा दिया...
मखमली गलीचे पर बिछकर सबा एक बार फिर से सबके सामने नंगी पड़ी थी.
सुमन उसकी टाँगो की तरफ आई और उसकी जांघे फेला कर बीच में मोरनी बनकर उसकी चूत पर झुक गयी.... ऐसा लग रहा था जैसे पानी में दो नॉकाएँ एक दूसरे से टकरा कर रुक गयी है.... दोनो के कटाव भरे जिस्म सभी की आँखो में चमक पैदा कर रहे थे...
सुमन जिस अंदाज में अपनी टांगे मोड़कर बैठी थी, उसकी चिकनी चूत और फेली हुई गांड पीछे बैठे कपूर साहब की आँखो के ठीक सामने थी
उसकी गांड को देखकर, अपना लण्ड मसल रहे कपूर की आँखो में वासना के डोरे तैर गये
वो और तेज़ी से अपने लंड को मसलने लगे...
अभी सुमन ने सबा को सक्क करना शुरू नही किया था, क्योंकि वो जानती थी की उसके पति का प्लान क्या है.वो बस सबा की जांघों को धीरे-2 सहलाती रही
शशांक एक बार फिर से बोला : "और साथ ही साथ , मैं चाहता हूँ की नीरू भाभी भी इसी तरह से काजल भाभी को सक्क करे...''
ये एक ऐसा मौका था जब पूरे कमरे में सन्नाटा छा गया...
सभी की नज़रें नीरू पर जा टिकी..
अब तक इस कमरे में मौजूद हर लेडी ने शशांक के खेल के अनुसार अपने आप को ढाल कर उनका साथ दिया था... खुद भी मज़े लिए थे और दूसरों को भी दिए थे...सिर्फ़ नीरू को छोड़कर.
सभी को लग रहा था की नीरू शायद इस बार भी पहले की तरह मना कर देगी...
और शायद वो कर भी देती अगर उसने पिछले कुछ समय में वो सब ना देखा होता जो वो देख रही थी....
यानी एक औरत का दूसरी औरत को प्यार करना..और शशांक ने इसी बात का फ़ायदा उठाया था , उसे पता चल चुका था की यही एक तरीका है जिसे इस्तेमाल करके वो नीरू को चुदाई के इस खेल में शामिल कर सकता है
जी हाँ , वो एक लेस्बियन थी... शुरू से ही.... स्कूल टाइम में वो अपनी सबसे पक्की सहेली पिंकी के साथ इस तरह के मज़े लिया करती थी...बाद में वो मज़े एक दूसरे की चूतों की चुसाई तक पहुँच गये...वो दोनो सहेलियाँ घंटों तक बिस्तर पर नंगी होकर एक दूसरे की अविकसित चुचियों को चुस्ती और बिना रोँये वाली चूत के अंदर अपनी-2 जीभ घुसा कर अंदर का गर्म पानी पिया करती...
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