bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी
02-02-2019, 01:14 AM,
RE: bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी
आशना छटपटाती रही लेकिन वीरेंदर के आगे उसकी एक ना चली. आशना को बिस्तर पर लिटाकर वीरेंदर ने अपनी पॅंट उतारी और आशना पर कूद पड़ा. 

आशना: क्या खाते हैं आप वीर, जो हमेशा इस कदर बैचैन रहते हैं?

वीरेंदर: खाने को थोड़ी देर साइड मे ही रखो और जल्दी से मुझे दूध पिला दो, बहुत भूख लगी है. 

आशना ने शरमाकर अपने चेहरे पर हाथ रख लिया. 

वीरेंदर: हे भगवान यह लड़की कितना शरमाती है. लगता है मुझे खुद ही मेहनत करनी पड़ेगी. 

आशना ने झट से अपने हाथ चेहरे से हटा लिए. 

आशना: अच्छा बाबा रुकिये, प्लीज़ पहले दरवाज़ा बंद कर दीजिए. 

वीरेंदर: मैं दरवाज़ा बंद करने जाउन्गा तो तुम वॉशरूम मे घुस जाओगी. मुझे उल्लू समझ रखा है क्या? 

आशना: उल्लू??? आप तो पूरे घोड़े हो घोड़े. किस तरह से मुझ बेचारी पर ज़ुल्म ढा रहे हो. अगर मेरी जगह कोई और होती तो सुहागरात पर ही तलाक़ दे देती. 

वीरेंदर: तलाक़? तलाक़ क्यूँ? 

आशना: क्यूंकी अगर मेरी जगह कोई और होती तो मैं उसे एक पल भी चैन से जीने नहीं देती और वो बेचारी तो डर के मारे तलाक़ देने मे ही बेहतरी समझती. 

आशण की बात ख़तम होते ही दोनो की नज़रें आपस मे मिली और आशना मुस्कुरा दी.

वीरेंदर: नखरे दिखाती है मुझे. ठहर तू, अभी दिखाता हूँ मुझे तड़पने की क्या सज़ा देता हूँ. 
वीरेंदर आशना पर टूट पड़ता है और आशना अपनी बाहों का हार उसकी कमर मे पिरोकर अपने प्यार का आहवान करती है. 

प्रेमी युगल के बीच प्रेम-द्वंद्व परवान चढ़ने लगता है और फिर जल्द ही आशना के हलक से एक आनंदकारी चीख निकलती है जो इस बात का प्रमाण थी कि अपने जीवन साथी को उसने अपने जिस्म मे समेट लिया है. वीरेंदर ने अपने होंठ आशना के दुग्ध कलशो से लगाकर अपनी दूध पीने की इच्छा को जताते हुए उन्हे ज़ोर से चूसना शुरू कर दिया. वीरेंदर की इस हरकत से आशना के दिल मे एक टीस उठी कि काश "एक बूँद भी निकल जाय तो मेरे प्रेमी को मेरे आगोश मे स्वर्ग का आनंद आ जाए"

कुछ देर आराम करने के बाद, आशना वीरेंदर की छाती से सर उठाते हुए बोलती है- ओह गॉड कितना लेट कर दिया आपने, अभी लंच भी तैयार करना है. चलिए उठिए और मेरी हेल्प कीजिए. 

आशना जैसे ही उठने को उपर होती है, वीरेंदर उसकी बाज़ू पकड़ कर उसे अपने साथ लिटा देता है. 

वीरेंदर: यार, जब देखो तुम खाने की ही बातें करती रहती हो. 

आशना: श्रीमान जी अगर खाओगे नहीं तो मुझे प्यार करने की एनर्जी कहाँ से लाओगे?

वीरेंदर: ऐसा क्या? 

आशना: जी हां, बिल्कुल ऐसा ही है. अब शरारत छोड़िए और मुझे किचन मे हेल्प कीजिए. 

वीरेंदर: लेकिन जो थोड़ी बहुत एनर्जी बची है पहले वो तो ख़तम कर लूँ. 

यह कहकर वीरेंदर आशना पर एक बार फिर से सवार हो गया और आशना छटपटाती रही. 

वीरेंदर के बाहुबल के आगे उसकी एक ना चली और एक बार फिर से आशना की कोख को अपने प्यार से सराबोर कर वीरेंदर ने उसे बाहों मे कस लिया. 

साँसों को नियंत्रित करके वीरेंदर उठा और वॉशरूम चला गया. आशना भी बिस्तर से उठी. उसकी योनि की टीस बढ़ गयी थी लेकिन इस टीस की उसके चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी बल्कि एक हल्का सा गुलाबीपन लिए अद्भुत निखर था जो इस बात का प्रमाण था के उसके पति ने उसे भरपूर सुख दिया है. 

फ्रेश होकर वीरेंदर ने आशना को जल्दी से तैयार होने के लिए कहा. 

वीरेंदर: हम लंच बाहर करेंगे. हमारी श्रीमती जी कुछ दिन किचन नहीं संभालेगी. उसके बाद तो सारी उमर किचन और बच्चों को ही संभालना है. 

आशना ने शरम से आँखें बंद कर ली और मुस्कुराते हुए बोली: हमारे हर अंश को संभालने की ज़िम्मेदारी मेरी और मुझे संभालने की ज़िम्मेदारी आपकी. 

वीरेंदर: तो फिर मुझे कॉन संभालेगा?

आशना: आपको संभालने की नहीं बल्कि संभलने की ज़रूरत है. अभी भी वक्त है संभल जाइए वरना आपकी यह प्यार करने कि फ्रीक्वेन्सी मेरी जान ना निकला दे.

वीरेंदर: अभी से बस कर दी, अभी तो दूसरा गिफ्ट बाकी है. 

आशना ने झट से अपने कपड़े उठाए और वॉशरूम की तरफ तेज़ी से बढ़ चली.

वीरेंदर: हाहहाहा, कब तक बचोगी मेरी जान, धीरे धीरे पूरे करूँगा सारे अरमान. 

वीरेंदर की बात सुनकर, आशना बस मन ही मन मुस्कुरा दी.

थोड़ी देर बाद आशना वॉश रूम से बाहर निकली. आशना ने इस वक्त ग्रीन कलर का टॉप और डार्क ग्रे क्लर की स्ट्रिचबल जींस पहनी हुई थी जो कि उसके बॉडी की लोवर्स कुवर्व्स को और भी निखार रही थी. 

वीरेंदर: हाए जानम, आज पता नहीं कितने दिलों पर छुरियाँ चलने वाली हैं. 

आशना का दिल वीरेंदर की तारीफ से झूम उठा. आशना ने बालों को खुला छोड़ा और वीरेंदर से बोली- चलें? 

वीरेंदर: मंगलसूत्र तो छिप गया लेकिन इस चूड़े का क्या करोगी.?

आशना: वीरेंदर इसी के बारे मे मैं भी सोच रही हूँ. सच पूछो तो इसे उतारने का मेरा बिल्कुल मन नहीं है मगर इसे पहन कर बाहर भी तो नहीं जा सकती. 

वीरेंदर: अरे यार इतनी एमोशनल मत हो. शादी के बाद सारी उमर पहन लेना इसे . 

आशना ने भुजे हुए मन से चूड़ा निकाला. 

आशना(शीशे मे देखते हुए): अब तो कोई भी नहीं पहचान सकता कि मैं शादी शुदा हूँ. 

वीरेंदर: मेडम यह आपकी चंचल आँखों का धोखा है. 

सामने वाला तो आपकी बिगड़ी हुई चाल देख कर ही पहचान लेगा कि लड़की ने सुहागरात तो ताज़ी ताज़ी मनाई है लेकिन शादी शुदा नहीं लगती. 

वीरेंदर की बात सुनकर आशना शरमा दी. 
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