RE: Chodan Kahani हवस का नंगा नाच
हरदयाल उसके चूत के रस को अपने अंदर ले लिया , ऑर्गॅज़म से ढीली पड़ी बेटी को अपनी बाहों मे ले लिया और उसे चूमते हुए कहा
" बेटी अच्छा लगा ना आज का पहला तोहफा..?? "
साना ने हरदयाल के चेहरे को अपनी हथेलियों से थामते हुए उसकी आँखों में देखा और भरराई सी आवाज़ में कहा " पापा....इट वाज़ जस्ट फॅंटॅस्टिक .... अब दूसरे तोहफे की बारी है ..जल्दी करो ना ...पापा प्लीज़ ..."
" हां बेटी ...मैं भी तो कितना तड़प रहा हूँ तेरे लिए ...बस तैय्यार हो जाओ ...बी रेडी फॉर युवर नेक्स्ट फॅंटॅस्टिक गिफ्ट ....."
"उफफफ्फ़... पापा ...देखिए ना आप का हथियार कितना फन्फना रहा है...." साना ने फिर से अपने पापा के लौडे को अपनी मुट्ठी से जकड़ते हुए कहा...हरदयाल उसकी चूचियों से खेल रहा था ...उसके कड़क घुंडीयों को हल्के हल्के मसल रहा था ...साना के होंठ चूस रहा था ..साना अपनी जीभ पापा की जीभ से लड़ाती जाती ...साना अपनी चूत के उपर पापा का लंड घीस रही थी और उसकी चूत पानी से फिर से सराबोर थी...चुदने को बेताब..अंदर लेने को बेचैन ....
"पापा ...कम ऑन ..अब चोद दीजिए ना अपनी बेटी को .... देखिए ने आप की बेटी की चूत कितना पानी छोड़ रही है ...अब और
सहा नही जाता पापा .....दूसरी गिफ्ट के लिए तड़प रही हूँ..पापा प्लेआआाआआआअसए फक मी ..फक मी ...पापा फक मी ...."
साना बड़बड़ाती जा रही है....उसकी चूतड़ उपर उठाती जाती है पापा का लंड चूत में लेने को बेकरार..
हरदयाल भी बेचैन है ..उसका लॉडा भी इतना गर्म और टाइट था ..उसे भी मुलायम और गीली चूत के अंदर जाने की बड़ी जोरदार तलब लगी थी ...उसका लॉडा हिल रहा था ..
हरदयाल अपने घूटनों पर बैठता हुआ अपना लॉडा हाथ में लेता है ..साना की चूत को दूसरे हाथ की उंगलियों से फैलाता है और अपना सुपाड़ा चूत के मुँह पर रखता है..लौडे के चूत पर छूने के महसूस से साना सीहर उठ ती है ...आँखें बंद कर लेती है...
हरदयाल लौडे पर अपनी चूतड़ का वज़न डालता हुआ एक हल्का झटका मारता है..चूत इतनी गीली थी उसका आधे से ज़्यादा लंड उसकी बेटी की शानदार , फड़कती चूत के अंदर फिसलता हुआ चला जाता है..साना के मुँह से हल्की सिसकारी निकल जाती है ....."आआअहह....हाआँ ..."
हरदयाल भी चूत के अंदर की गर्मी , गीलापन और मुलायम सी पकड़ का अपने लौडे पर महसूस से सीहर उठता है ....और फिर एक ज़ोर का धक्का लगता है ..उसका पूरा लौड जड़ तक अपनी बेटी की चूत के अंदर दाखील हो जाता है ..
साना मज़े में उछल पड़ती है .... " हां ....अया पापा ..अट लास्ट ...अट लास्ट ....अयाया अब रोकिए मत ...प्लीज़ ....बस गो ऑन ..गो ऑन ...फक मी हार्ड ...ज़ोर से ..ज़ोर से .....आज दूसरी गिफ्ट का पूरा मज़ा दीजिए ..हाआँ हाआँ ....बस ऐसे ही हाआँ मेरे अच्छे अच्छे पापा ..मेरी जान से प्यारे पापा..चोदिये अपनी बेटी को...मज़े ले ले के चोदिये ......आआआआआआआः ..""
हरदयाल के धक्के ज़ोर पकड़ते जाते और साना मस्ती की आगोश में कुछ भी बड़बड़ाती जाती ......
" हां बेटी ..मेरी जान ..मेरी रानी बेटी ..मेरी प्यारी बेटी..ले ना..ले ना बेटी मेरा लॉडा ..मेरा लंड ..मेरा सब कुछ ले ले ना ....सब कुछ तेरा ही तो है ना.. अयाया तेरे अंदर इतना मज़ा है बेटी ..कितना आराम है..कितना शूकून है ....उफफफफ्फ़ ..हन ....ले ने ..यह ले ..." हरदयाल भी बड़बड़ाता हुआ जोरदार धक्के पे धक्का लगता जा रहा था ..
उस के नीचे उसकी अपनी बेटी चूतड़ उछाल उछाल कर लंड अंदर ले रही थी...थोड़ा भी लंड बाहर नही छोड़ती ...
मस्ती के एक अजीब ही आलम में थे दोनों ..मानो हवा में उड़ रहे थे....इस दुनिया से बेख़बर किसी और ही दुनिया में थे ....जहाँ कोई और नही था सिर्फ़ दो थे..और साथ थी थपथाप. फतच फतच..की आवाज़ , बदन से बदन टकराने की आवाज़ ..होंठों से होंठ चूसने की चटखार ....आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ..उउउउउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह हाईईईईईईईईईईईईई ....की सिसकारियाँ ..
साना ने अपनी टाँगों से हरदयाल के चूतड़ जाकड़ लिए थे ...अपनी ओर दबाती जाती ..हरदयाल के धक्के ज़ोर पकड़ते जाते..ज़ोर ..और ज़ोर ..और ज़ोर ..और ज़ोर .....और फिर साना की चूतडो ने उछाल मारी .....उसकी चूत ने पापा के लौडे को बूरी तरह जाकड़ लिया..मानो पापा के लौडे को चूस लेगी अपनी चूत से ....और फिर एक दम से चूत ढीली पड़ गयी ..टाँगें थरथरा उठी ..बदन कांप उठा ....और वो पापा के नीचे ढीली पड़ गयी..उसकी चूत से रस का सैलाब छूट रहा था ....
हरदयाल के लौडे ने अपनी बेटी के चूत रस की फुहार की गर्मी महसूस की ...उसका लॉडा और शरीर गन्गना उठा ..सीहर उठा और वो भी एक जोरदार धक्का लगाते हुए लंड से अपनी बेटी की चूत में पीचकारी की धार छोड़ दी..लंड झटके पे झटका खा रहा था बेटी की चूत में ....उस ने अपने लौडे को बेटी की चूत के अंदर दबाए रखा ..उसके बदन से चीपक गया और लॉडा खाली होता रहा ..खाली होता रहा ....साना की चूत अपने पापा के वीर्य से लबालब भर गयी ...
दोनों एक दूसरे से चीपके शांत पड़े थे ..दोनों के चेहरे पर एक शूकून , मस्ती और एक दूसरे के लिए भरपूर प्यार की झलक थी ....
हरदयाल साना की चूचियों पर सर रखे पड़ा था ...साना अपने पापा का सर सहला रही थी ......
थोड़ी देर बाद जब दोनों की सांस ठीक हुई ..हरदयाल ने अपना सर उठाया और बेटी के होंठ चूमता हुए पूछा " बेटी .....डिड यू लाइक दा सेकेंड गिफ्ट..??"
बेटी ने जवाब दिया " उफफफ्फ़ ....पापा..मेरा जन्मदिन रोज क्यूँ नही होता ..??? "
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