RE: Chodan Kahani हवस का नंगा नाच
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हरदयाल अपनी बेटी की इस बात पर हंस पड़ा ...उसके चेहरे को अपने हथेली से थामता हुआ उसके गाल सहलाने लगा ..और कहा " ह्म्म्म्म..तो मेरी बेटी को रोज बर्थ डे क्यूँ चाहिए ...?"
" जैसे आप को पता नहीं ...आप भी ना पापा..." साना ने हरदयाल के चेहरे को भी अपनी हथेलियों से थामते हुए चूमते हुए कहा ...
हरदयाल ने साना के गाल पर अपनी जीभ फिराई , उसे अच्छे से चाट ता हुआ मुस्कुराया और बोला.." नही यार ..नही मालूम ..बताओ ना ....बर्तडे के दिन ऐसी क्या बात होती है..??"
साना ने बड़े शरारती लहज़े में मुस्कुराया , अपना हाथ नीचे की तरफ ले गयी और हरदयाल का मुरझाया लॉडा अपनी मुट्ठी से जाकड़ कर दबा दिया और कहा " यह ...आप का लंबा , मोटा सा लॉडा मिलता है ...मेरी चूत के अंदर की हलचल मिटाता है...उफ़फ्फ़ मेरी सब से प्यारी चीज़ मिलती है .."
साना के अपने लौडे पर दबाव से हरदयाल सीहर उठ ता है और अपनी काँपति आवाज़ में कहता है....." पर मेरी रानी बेटी यह तो तुझे और दिन भी मिलता है ना ....आज क्या ख़ास बात हुई ....?'
" पापा रोज कहाँ मिलता है..आप को तो अपने काम से कभी फ़ुर्सत ही नही मिलती है... जिस तरेह फ़ुर्सत से आप ने आज अपना लॉडा मेरी चूत में डाला है ना..उफफफफ्फ़ ..अभी भी मेरी चूत कांप रही है .....देखिए ना खुद ही देख लीजिए .."
और साना अपने पापा का हाथ अपनी टाँगें फैलाते हुए अपनी चूत की फाँक पर रख देती है ..
हरदयाल अपनी हथेली उसकी गर्म और गीली चूत पर महसूस करता है...सही में साना की चूत के होंठ अभी भी फडक रहे थे ....
" हां बेटी यह तो है ....आज मैने टाइम निकाला ना ..आख़िर मेरी रानी..मेरी सब से दिल अज़ीज़ , मेरी जान का बर्थ डे जो है ... गिफ्ट तो देना ही देना था ना बेटी ...."
" हां पापा ....बहोत अच्छी सी और बहोत प्यारी गिफ्ट दी आप ने ..काश यह गिफ्ट आप मुझे रोज देते ..."
" हां बेटी मैं भी तो चाहता हूँ ना ...पर क्या करूँ काम भी तो देखना है ना ... "
बातें करते करते दोनों काफ़ी गर्म हो रहे थे ..साना की चूत से पानी रीस रहा था और हरदयाल का लॉडा साना की मुट्ठी में कड़क होता जा रहा था ......हरदयाल अपनी बेटी की चूचियों से खेल रहा था ....एक चूची पर जीभ फिरा रहा था दूसरी पर हाथ फिराता , और हल्के हल्के दबा देता ....इस से साना की सिसकारी निकल जाती और चूत से रस निकल पड़ता
साना अपने पापा के लौडे को अपनी चूत पर घीसती जाती ....उसका लंड काफ़ी गीला हो चूका था...साना ने अपनी टाँगें थोड़ी उपर की ..जिस से उसकी गान्ड भी खूल गयी ..अब उस ने अपने पापा का लंड अपनी तरफ और खींचा और अपनी गान्ड की दरार से भी घीसना चालू कर दिया , उसके होंठों पर एक शरारती मुस्कान थी ...
" ह्म्म्म्म..बेटी मैं समझ रहा हूँ तेरी शरारत ..देख मैं तुम्हारी गान्ड नही ले सकता बेटी ....ज़रा समझो ना .."
" नहीं पापा ..आज मुझे कुछ नही समझना ..बस आज मेरा बर्तडे है मुझे अपनी गिफ्ट चाहिए ...आज आप का लॉडा मुझे अपनी गान्ड में लेना है तो बस लेना है ....." साना ने काफ़ी जोरदार लहज़े में कहा ..
" उफफफफ्फ़..बेटी तू समझती क्यूँ नही ...मेरा इतना मोटा और लंबा लंड तू अपनी गान्ड में नही झेल पाएगी..बहोत तकलीफ़ होगी तुझे बेटी ..और तू जानती है मैं तेरी तकलीफ़ नहीं से सकता ...प्लीज़ समझो ना मेरी जान .....क्या मुझे रुलाएगी अपने बर्तडे पर..???"
अपने पापा की बात सुन कर साना पापा से और भी चीपक जाती है और अपने होंठ पापा के होंठ से लगा कर जोरदार किस करती है...काफ़ी जोरों से चूस्ती है ..फिर अपने होंठ अलग करती है और बोलती है ...
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