RE: Chodan Kahani हवस का नंगा नाच
अपडेट 8:
साना को घर पहूंचने में कोई 15-20 मिनिट लगे .... ट्रॅफिक अभी उतना बिज़ी नहीं था ....
घर पहूंचते ही उस ने ड्रॉयिंग रूम में रखे बड़े से सेंटर टेबल अपना बॅग फेंका और अपने बेड रूम में जाते ही अपने पलंग पर ढेर हो गयी ...और अपने पलंग के बगल लगे कॉल.बेल की स्विच दबाई ...यह बेल उन के घर की हाउस्कीपर म्र्स. डी' सूज़ा के लिए थी ...म्र्स. डी'सूज़ा एक अधेड़ उम्र की की विधवा औरत थी ...उसका काम था घर की देखभाल , उसके मातहत और भी नौकर .नौकरानियाँ , कुक वग़ैरह थे ...जिनके द्वारा वो उस घर का बड़े अपनेपन और ज़िम्मेदारी से पूरा काम संभालती ...साना उसे आंटी पुकारती ..उसकी हैसियत एक नौकरानी कम और घर की ही सदस्य की तरेह ज़्यादा थी..साना की देख भाल और घर संभालने में म्र्स. डी' सूज़ा ने अपनी तरेफ से कोई कमी नही रखी थी ...साना उसे उसकी बेटी की तरेह थी....उसकी भी कोई औलाद नही थी ...इस परिवार के अलावा म्र्स. डी'सूज़ा का और कोई करीबी नही था ....
घर दो फ्लोर का था..नीचे के फ्लोर पर ड्रॉयिंग हॉल , किचन और म्र्स डी'सूज़ा का रूम ...और उपर साना और हरदयाल के बेडरूम्स और 2 और बेडरूम्स थे ..जो गेस्ट्स के इस्तेमाल में आते....
म्र्स. डी' सूज़ा बेल की आवाज़ सूनते ही फ़ौरन साना के रूम में जाती है और साना के रूम में दाखील होती है ...साना आँखें बंद किए लेटी है ...
" ह्म्म्म लगता है कल रात मेरी बेटी ने बड़े ज़ोर शोर से अपनी बर्थ दे सेलेब्रेट की है ....मेरी भी बधाई ले ले बेटी ... " म्र्स. डी' सूज़ा ने साना के माथे को चूमते हुए कहती है..
" थॅंक्स आंटी ... हां आंटी ...पापा भी कल फार्महाउस आए थे...बड़ा मज़ा आया ...अरे हां पापा कहाँ हैं..अभी तक आए नहीं ऑफीस से ..??" साना ने अपनी अलसाई आँखे खोलते हुए थकि थकि आवाज़ में कहा ..कल रात के थकान की खुमारी अभी भी थी ...
" कम ऑन साना ..तेरे पापा इतनी जल्दी कब आए... जो आज आएँगे..? " म्र्स. डी' सूज़ा के लहज़े में प्यार भरा उलाहना था हरदयाल के लिए ..
" हां , पर वो आज जल्दी आएँगे आंटी ...हो सकता है रास्ते में ही हों...तुम उनके लिए भी चाइ बना लो और कड़क बनाना ..."
तभी बहार कार रूकने की आवाज़ आती है ..
." देखा ना आंटी ..मैने कहा और पापा आ भी गये ...जाओ जल्दी से चाइ बना लो बेडरूम में ही ले आना ..हम लोग यहीं बातें करेंगे ..."
म्र्स. डी'सूज़ा रूम से बहार निकलती है और वैसे ही हरदयाल ड्रॉयिंग रूम में अंदर आता है और उस से साना के लिए पूछता है ...म्र्स डी' सूज़ा बेड रूम की ओर इशारा कर बोलती है " आप की प्यारी बेटी आप का ही वेट कर रही है ...."
हरदयाल साना के कमरे में साना की ओर बढ़ता है और उसके सिरहाने की तरफ एक कुर्सी पर बैठ जाता है...साना के माथे पर प्यार से हाथ रखता है ...
" लगता है मेरी बेटी कुछ थकि सी है ....ठीक है बेटा तू आराम कर मैं भी ज़रा फ्रेश हो कर आता हूँ फिर इतमीनान से बातें करेंगे ..." और कुर्सी से उठता है ...साना अपने पापा का हाथ थाम लेती है और खींचते हुए फिर से कुर्सी पर बिठा देती है ...और कहती है ..
" आप कहीं नहीं जाएँगे ... आंटी चाइ ला रही हैं ..हम साथ चाइ पिएँगे ....पापा आप ने कभी सोचा है ऐसा मौका कितनी बार मिलता है के आप के साथ बैठ शाम को साथ चाइ पी सकें ..? आज इतनी मुश्किल से यह मौका हाथ आया है ..आप कहीं जानेवाले नही ...और सब से बड़ी बात ....आप का ग्रेट आइडिया ....उफफफ्फ़..मैं मरी जेया रही हूँ ..आखीर क्या तरीक़ा निकाला आप ने ...बताइए ना पापा..प्लीज़ ...जल्दी बताइए ...." साना ने एक ही सांस में सब बातें कह दी.
हरदयाल अपनी बेटी की बातों का मज़ा ले रहा था..कितनी खुश नज़र आ रही थी साना.....सही में उसे अपने पापा से कितना लगाव था ..कितना प्यार था ...और अब तो वो खुद भी अपनी बेटी से अलग होने की बात की कल्पना से कांप उठ ता ....उसे जल्द से जल्द अपने प्लान पर अमल करना होगा ...
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