RE: Chodan Kahani हवस का नंगा नाच
पर सॅम के मन में तो कुछ और ही था..वो अपना सर पीछे कर लेता है ..
" नो..नो ..ना ..ना ..मोम ऐसे नही ... मैं बिल्कुल बच्चा हूँ..बहोत भूखा ,..मैं तो इतना भूखा और कमजोर हूँ मैं तो चबा भी नही सकता ....." और फिर से एक बहोत ही शरारती मुस्कान छा जाती है उसके चेहरे पर ..
" उफफफफ्फ़....अब क्या है... तो मैं क्या तेरा खाना खुद चबाऊ और तुझे खिलाऊं ..?? " साना झल्लाती हुई बोलती है ..
" यस मोम यू गॉट इट राइट .... थ्ट्स लाइक दा ग्रेट मोम यू आर ..हां हां बिल्कुल वोही चाहता हूँ मैं ..."
" छ्चीए...ऐसे भी कोई खाता है क्या..? तुझे अच्छा लगेगा.?..तुझे गंदा नही लगेगा?"
" सवाल ही नही उठ ता मोम ..आप की हर चीज़ कितनी सॉफ और पवित्र है मोम ....आप की हर चीज़ मेरे लिए लज़ीज़ है मोम ..हर चीज़ ...मुझे आप की हर चीज़ से प्यार है मोम ..आप की हर चीज़ से ..."
इस बात पर साना चौंक जाती है ... कितनी समानता थी दोनों बाप बेटे में ..हरदयाल को भी तो उसकी हर चीज़ से प्यार था ....
म्र्स. डी' सूज़ा ठीक ही कहती है " हरदयाल गया कहाँ ? वो तो यहीं है .उसे पहचान .."
साना को हरदयाल की पहचान हो जाती है अपने बेटे में ..दोनों के बेटे में..
वो सॅम से कहती है .." तू बड़ा ज़िद्दी है..मानेगा नही ..ठीक है बाबा तू जीता मैं हारी .."
और साना यह कहते हुए अपने हाथ में पड़े रोटी और सब्जी के टूकड़े को अपने मुँह में डालती है ...अच्छे से चबाती है .....और अपनी जीभ में लेते हुए जीभ बाहर निकाल देती है ....सॅम मुँह खोलता है ..मोम की जीभ अपने मुँह के अंदर ले लेता है..फिर मुँह बंद कर लेता है और मोम की जीभ का पूरे का पूरा चबाया हुआ कौर चूस्ता हुआ मुँह में भर लेता है...उसके होंठ अभी भी साना की जीभ पर हैं ..साना धीरे धीरे अपना जीभ बाहर कर लेती है ...सॅम के होंठों से चूस्ता हुआ जीभ बिल्कुल सॉफ होता हुआ बाहर आ जाता है ...सॅम मुँह के अंदर कौर फिर से चबाता हुआ अंदर ले लेता है ...
मोम की ओर देखता है ..उसे अपने से भींच लेता है और कहता है .." मोम इतना टेस्टी खाना मैने आज तक नही खाया ..सच मोम ... और खिलाओ ना ..बड़े जोरों की भूख लगी है ... "
साना अपने बेटे के और भी करीब हो जाती है...और ऐसे ही कौर चबाती हुए अपनी जीभ उसकी मुँह में डालते हुए खाना खिलाती जाती है ....सम अपनी मोम की जीभ चूस्ते हुए खाना खाता जाता है ...मोम की जीभ से खाना के साथ साथ उसके मुँह का रस और लार भी साथ साथ सम के मुँह के अंदर जाती हैं..सम के पेट की भूख तो शांत होती जाती है , पर उसके लौडे की भूख मोम की जीभ चूसने से बढ़ती जाती है..उसका लॉडा कड़क होता जाता है..मोम के हर कौर मुँह में लेते ही ...
साना का भी बूरा हाल है..सॅम के उसकी जीभ चूसने से उसे भी सीहरन सी होती है ..उस की चूत से भी पानी रीस्ने लगता है... दोनों मस्ती में एक दूसरे का मज़ा लेते रहते हैं ...
तभी सॅम बोल उठ ता है.." मोम बस मेरा तो पेट भर गया ...आओ अब मैं तुझे खीलाता हूँ.."
और इस से पहले की साना कुछ बोलती ..वो उसे खींचता हुआ अपनी गोद में बिता लेता है ..साना को अपनी चूतडो के बीच उसका कड़क लॉडा चूभता हुआ महसूस होता है ...
साना इस चूभन का महसूस करते हुए मुस्कुराती है....सॅम की ओर मुँह करते हुए उसके गाल पर एक चपत बड़े प्यार से लगाते हुए कहती है...
" अरे...यह क्या पागलपन है सॅम ....तू मुझे अपनी गोद में खाना खिलाएगा..?? अरे बाबा छोड़ मुझे ....छोड़ ना ..."
सॅम अपनी मोम को अपनी गोद में बाहों से जकड़ता हुआ और भी अपनी तरफ खींच लेता है ..
" हां मोम मैं पागल हूँ , बिल्कुल पागल हूँ आप के लिए .ग़लती आप की है .."
" वाह रे वाह ..पागल तू और ग़लती मेरी ..? " साना उसके कंधों पर अपना सर रख देती है और पूछती है..अब उसे भी अपने बेटे की गोद में अच्छा लग रहा था..उसके लौडे पर साना अपनी चूतड़ हिलाती जा रही थी धीमे धीमे...
" आप इतनी अच्छी , इतनी सुंदर हो और इतनी मस्त फिगर है आप की ...अगर मैं पागल हूँ आप के लिए तो मेरी क्या ग़लती ..?? ऊऊओह ...मोम ..देखिए आप की हरकत भी पागल किए जा रही है ... " सॅम का लंड साना के चूतड़ की हरकतों से कड़क होता जा रहा था...
" मैने क्या किया..? " साना अंजान बनते हुए कहती है ...." करना तो तुझे है ..बड़ा आया था मुझे खाना खिलाने..देख ना अब तक मैं तेरी गोद में बैठी भूखी हूँ ..एक कौर भी अंदर नही गया..." और अपने चूतड़ का दबाव उसके लौडे पर थोड़ा और ज़्यादा कर दिया ...
सॅम सीहर रहा था ...
" ओह सॉरी मोम ..सॉरी ...आप की हरकतों ने देखा ना कितना पागल कर दिया मुझे..मैं अपनी प्यारी मोम को खाना भी खिलाना भूल गया... चलिए मुँह खोलिए ...." और सॅम अपनी मोम को खिलाता जाता है ...और उसकी मोम बेटे की गोद में बैठे बैठे उसके लंड को दबाती है अपने चूतडो से ..कभी अपनी हथेली जांघों के बीच ले जाती हुई उपर ही उपर उसे सहलाती है ....कभी सॅम की हथेली जिस से वो मोम को खाना खिलाता है ..अपने हाथ से थाम लेती है ..उसकी उंगलियाँ मुँह के अंदर कर लेती है..पूरा चाट जाती है ...
दोनों एक दूसरे में खोए , छेड़ चाड और मस्ती के माहौल में खाना ख़त्म करते हैं ..
ख़ाना ख़त्म होते ही सॅम अपनी मा के मुँह के अंदर जीभ डाल , चाट चाट कर पूरा सॉफ कर देता है ...
साना भी अपने बेटे के मुँह में अपनी जीभ डाल देती है और बड़े प्यार से अंदर चाट चाट कर सॉफ करती है ....
अब तक दोनों के पेट की भूख तो शांत को चूकी थी ..पर लंड और चूत की भूख भड़क उठी थी जोरों से.......
सम अपनी मोम को अपनी गोद से उठाता हुआ खड़ा हो जाता है ...मोम को अपने सामने कर लेता है ..उसका कड़क लॉडा उसके पैंट के अंदर एक बड़ा उँचा सा उभार की शकल लेता है ...सॅम उसे अपने हाथ से जकड़ता हुआ मोम को दीखाता है ." देखिए मोम आप ने क्या कर दिया .....अब मैं पागल ना बनू तो क्या करूँ ..बोलो ना मोम ..उफफफफफ्फ़...."
साना को अपने बेटे के कड़क , लंबे और मोटे लंड से तो प्यार हो गया था , उस ने अपनी हथेली से पॅंट के उपर से उसे थाम लिया ..." अले ..अले.... यह तो साँप की तरह फॅन उठाए है ...इसे तो बिल चाहिए बेटा......चल मैं अपने बेटे के साँप का कुछ इंतज़ाम करती हूँ ..आ जा ..मेला राजा बेटा इतनी तक़लीफ़ में हैं .."
साना अपने बेटे की कमर पर हाथ रखे , उसे अपने से चिपकाती हुई , उसके साथ साथ अपने बेडरूम की सीढ़ियों की तरेफ बढ़ती जाती है...
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