RE: Chodan Kahani हवस का नंगा नाच
अपडेट 18:
सीढ़ियाँ चढ़ते हुए साना और सॅम एक दूसरे से बिल्कुल चीपके थे ..सम मोम को चूमता जाता , उसके भरपूर मुलायम चूतडो को अपनी हथेली से जाकड़ लेता ..उन्हें दबा देता ..साना उस से और भी चीपकती जाती, अपना सारा बोझ सॅम के कंधों और सीने पर डाल दिया था ...और एक हाथ से उसका कड़क मोटा लंड उसके पॅंट के अंदर हाथेलि डाले थामे सहलाती जा रही थी ...बेडरूम की ओर पहूंचते पहूंचते ही दोनों बूरी तरेह मचल उठे थे ..अब हवस के भूख से दोनों की आँखें बोझील होती जा रही थी...साना मस्ती में झूम रही थी..उसकी आँखें बंद होती जा रही थी....
कमरे के अंदर जाते ही दोनों अपने अपने कपड़े उतार फेंकते हैं और फिर एक दूसरे से बूरी तरेह चिपकते हुए पलंग पर गिर पड़ते हैं ....साना अपने बेटे के बोझ से दबी है ..बेटे की हवस की शिकार बनी उसके अगले वार का आँखें बंद किए इंतेज़ार कर रही थी..उसका बदन सीहर रहा था..
सम उस से बूरी तरेह चिपकते हुए उसके होंठों पर टूट पड़ता है ..चूस्ता है , मानो उसके होंठ खा जाएगा ..साना अपने हाथ उसकी पीठ पर जकड़ते हुए उसे अपने और भी करीब खींच लेती है ..अपनी चूत उसके लंड से घीसती है .....दोनों कांप उठ ते हैं ..
साना ने अपनी टाँगें फैला दी थी ..चूत के फाँक भी फैली थी , सॅम का लंड उसकी चूत की फाँक के उपर नीचे होते जा रहा था ... चूत गीली और भी गीली होती जा रही थी , और लॉडा कड़क और कड़क होता जा रहा था ...
सॅम ने होंठों से अपना मुँह हटाता हुआ मोम की भारी भारी चूचियों पर लगा देता है ..उन्हें दबाता है चूस्ता है चाट ता है मोम उछल रही थी ..उसकी कमर उपर उठ ती ..उसके चूतड़ उपर उठ ते जाते .उसके लौडे पर चूत का दबाब बढ़ता जाता ....
सॅम से रहा नही गया , साना अपने को रोक नही पाई ..साना ने सॅम के प्यारे प्यारे , लंबे , मोटे लंड को अपनी हथेली से थामते हुए अपनी गीली चूत की काँपति पंखुड़ियों के बीच रखा , चूत के सूराख के उपर उसके सुपादे को रखा और अपनी कमर उठाते हुए उसके लौडे को अपनी चूत के अंदर ले लिया ....कमर उठाती गयी ,उठाती गयी ..लॉडा कितना लंबा था ....पूरे का पूरा लॉडा फिसलता हुआ धीरे धीरे उसकी चूत के अंदर धंसता गया......दोनों की जंघें जूड गयी थी ..लॉडा अपनी जड़ तक साना की चूत के अंदर था ....
" आआआआह ....देखा ना बेटा मैने तेरे साँप को अपने बिल में डाल दिया ना ...अच्छा लगा ना मेरे बेटे को....अब कैसा लग रहा है सॅम ..??आराम मिला ना मोम के अंदर ..?? "
" हां मोम ..बहोत आराम है आप की चूत में ,,कितना गर्म , कितना नर्म , कितना मुलायम , कितना गीला...आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मन करता है बस ऐसे ही डाले रहूं ..ऐसे ही आप के अंदर पड़ा रहूं ...."
थोड़ी देर सॅम अपना लॉडा अंदर ही रहने देता है ..मोम की चूत को अपने लौडे से अच्छे तरह महसूस करता जाता है ... लौडे को मोम की चूत के पानी से भीगने देता है ... और मोम के बदन को चूस्ता जाता है..चाट ता जाता है ..कभी चूचियाँ ..कभी पेट , कभी होंठ ...एक एक अंग चाट ता है चूस्ता है ..मोम सीहर्ती जाती है ..काँपति जाती है ..उसके जांघें थरथरा रही थी ..चूत की पंखुड़ीयाँ कड़क और मोटे लौडे को टाइट जकड़े फडक रही थी ..
" बेटा ....आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अब और नही से सकती , चल अब अंदर बाहर कर ना ..लगा ना धक्के पर धक्का ,...जितना चाहे लगाता जा , जीतने ज़ोर से चाहे लगा ना ...लगा ना बेटा रुक मत ...अयाया ...." साना की चूत फडक रही थी
सॅम अब चुदाई की ओर बढ़ता है....
अपना अब तक मोम की चूत में चिपचिपे हो चूके लौडे को बाहर निकालता है ...और फिर मोम के चुतडो पर हथेली रख चूत उपर करता है और लंड धीरे धीरे अंदर धँसाता जाता है , मोम की चूत को अच्छी तरेह महसूस करता है , उसकी गर्मी , गीलेपन का अहसास , चूत की मुलायम दीवारों की पकड़ अपने लौडे पर महसूस करता है , अपने अंदर इन अहसासो की मस्ती और मज़े का अनुभव करता है ...जैसे जैसे लॉडा अंदर जाता है मोम सिहर्ती जाती है और साथ ही साथ सॅम भी कांप उठ ता है ..और अब उसके धक्के तेज़ होते जाते हैं ....उसके धक्कों में एक जोश है ..जवानी की उबाल है और अपनी हवस की भूख मिटाने की ललक , पुरजोर तड़प और कशिश ...
सॅम मोम को अपने से और भी जोरों से चीपका लेता है ..धक्के ज़ोर पकड़ते जाते हैं ..चीख और सिसकारियाँ निकलती जाती हैं दोनों के मुँह से , अपने आप ..."आआआआह्ह्ह्ह्ह..उऊहह...म-ओ-ओ-म ...अया ..कितना मज़ा है आप की चूत में...उफफफफफ्फ़.म-ओ-ओ-म ....." सॅम धक्कों के साथ बड़बड़ाता जाता है
" हाां ..हाआँ ..बेटा ...हाआँ ..यह चूत तेरी ही तो अमानत है ....ले ले ना ..पूरे का पूरा ...अयाया ..तेरा लॉडा भी तो कितना मोटा , लंबा और कड़क है...उफफफ्फ़ ..लगता है मेरी सारी खुजली मिटा देगा ....उूुुउउ.....हां रे ...अया ..और ज़ोर....हां मेला राजा ...मेला बेटा ...अपनी मोम को चोद..चोद..खूब चोद .....उूुउउ...मैं तो निहाल हो गयी रे...." साना भी मस्ती में बस यूँ ही बड़बड़ाती जा रही थी ...
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