Incest Kahani उस प्यार की तलाश में
02-28-2019, 12:05 PM,
#26
RE: Incest Kahani उस प्यार की तलाश में
रात में डिन्नर के वक़्त डाइनिंग टेबल पर विशाल अपनी नज़रें नीचे झुकाए बैठा रहा और चुप चाप खाना ख़ाता रहा......मैं भी वही खामोशी से खाना खा रही थी......मेरे अंदर भी हिम्मत नहीं थी कि मैं उसकी तरफ एक नज़र भी देखूं........मगर मम्मी को इस बात का एहसास हो चुका था........

स्वेता- क्या हुआ अदिति..... विशाल से आज तेरा झगड़ा हुआ है क्या......रोज़ तू इससे बक बक करती रहती है और आज ये तुम दोनो के बीच इतनी गहरी खामोशी.......बात क्या है.......

मैं मम्मी के सवालों का क्या जवाब देती......क्या बताती उन्हें कि हमारे बीच अब क्या चल रहा है.......मैं कुछ ना बोल सकी और वहाँ से फ़ौरन उठकर अपने कमरे में आ गयी और मैने दरवाज़ा अंदर से बंद कर दिया......मम्मी मेरे इस तरह के बर्ताव को बिल्कुल ना समझ सकी और फिर विशाल के चेहरे की तरफ देखने लगी......

स्वेता- बात क्या है विशाल.......क्या हुआ है तुम दोनो के बीच.......आख़िर किस बात का झगड़ा है.......कब तुम दोनो के अंदर समझ आएगी की अब तुम बच्चे नहीं रहे........

विशाल कुछ ना बोल सका और चुप चाप मम्मी की डाँट सुनता रहा.......सच तो ये था कि आज विशाल के पास भी कहने के लिए कुछ नहीं बचा था........

दूसरे दिन सुबेह जब मेरी आँख खुली तो मेरे जेहन में एक बार फिर से कल की सारी घटना याद आ गयी......ये सब सोचकर मेरे चेहरे पर एक प्यारी सी मुस्कान तैर गयी.......मैं फिर रोज़ की तरह तैयार होकर कॉलेज के लिए निकल पड़ी......विशाल अपनी बाइक निकाल कर बाहर मेरे आने का ही इंतेज़ार कर रहा था........मम्मी भी वही खड़ी थी........मैं विशाल से कुछ ना बोली और चुप चाप उसकी बाइक पर जाकर बैठ गयी.......एक बार फिर विशाल को अपने करीब पाकर मेरा दिल ज़ोरों से धड़कने लगा था.....कुछ वैसा ही हाल उधेर विशाल का भी था........

थोड़ी दूर जाने पर भी हम दोनो बिल्कुल खामोश रहें......ना मैने कुछ कहा और ना ही विशाल ने......आख़िर विशाल ने अपनी चुप्पी तोड़ी........

विशाल- दीदी आइ अम सॉरी......जो कल हुआ हमारे बीच उसके लिए मैं बहुत शर्मिंदा हूँ......

मैं चाह कर भी कुछ ना बोल सकी और यू ही खामोशी से विशाल की बातें सुनती रही.......शायद विशाल को मेरे जवाब का इंतेज़ार था.......जब कुछ देर तक मैं कुछ ना बोली तो उसने फिर दुबारा अपनी बात कही.......

विशाल- मैं जानता हूँ दीदी कि आप मुझसे नाराज़ है......और आपका मुझसे नाराज़ होना बिल्कुल लाजमी है.......मगर........

अदिति- विशाल मुझे तुमसे कोई नाराज़गी नहीं है......बस थोड़ा शर्मिंदगी की वजह से मैं तुम्हारा सामना नहीं करना चाहती थी......ग़लती मेरी ही थी जो मैने तुमपर अपना हाथ उठाया......मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था........मेरे इतना कहने पर विशाल को मानो एक नयी हिम्मत मिल गयी.....

विशाल के चेहरे पर खुशी झलक पड़ी- अच्छा किया आपने जो मुझपर अपना हाथ उठाया......वैसे आप बहुत ज़ोर का थप्पड़ मारती है.......दूसरी बार मैं आपके हाथों से थप्पड़ खा रहा हूँ....पर सच कहता हूँ दीदी मुझे बहुत अच्छा लगा........

विशाल के मूह से ऐसी बातें सुनकर मेरे चेहरे पर भी मुस्कान आ गयी- क्या अच्छा लगा विशाल ........थप्पड़ खाना......अगर ज़्यादा बक बक करोगे तो एक और कान के नीचे लगाउन्गि........

विशाल- नहीं दीदी थप्पड़ के बाद वाला........वो किस......विशाल इतना कहकर ज़ोरों से हंस पड़ा और मेरा चेहरा शरम से बिल्कुल लाल पड़ गया......आख़िरकार मेरे चेहरे पर भी एक प्यारी सी मुस्कान आ ही गयी.......फिर हम कॉलेज पहुँच गये......मेरा सारा टेन्षन अब दूर हो चुका था.......

जैसे तैसे वक़्त गुज़रा और फिर कॉलेज की छुट्टी हुई......मेरा शैतानी दिमाग़ फिर से इधेर उधेर भटक रहा था........विशाल फिर बाइक लेकर मेरे पास आया और मैं उसे देखकर मुस्कुराते हुए बाइक पर बैठ गयी........फिर उसने बाइक घर की तरफ मोड़ दी.....

अदिति- विशाल मुझे कुछ ज़रूरी समान अपने लिए खरीदना है.......पहले तुम मार्केट चलो फिर हम वहाँ से घर चलेंगे.......

विशाल- कैसा समान दीदी.......

अदिति- दर-असल मुझे वो ........खरीदना है......

विशाल- वो क्या दीदी.....बताओगी नहीं तो मैं बाइक कहाँ रोकुंगा......

मैं विशाल को कैसे बताती कि मुझे ब्रा और पैंटी लेनी है......

विशाल- बताओ ना दीदी......क्या खरीदना है आपको.....

मैं कुछ पल तक खामोश रही फिर मैं एक ही साँस में बोल पड़ी- मुझे अपने लिए ब्रा और पैंटी लेनी है.........तुम सच में बहुत बुद्धू हो.......इतना भी नहीं समझते कि लड़कियाँ मार्केट में अपने लिए पर्सनल चीज़ें खरीदने जाती है.......

विशाल मेरे चेहरे की ओर पलटकर ऐसे देखने लगा जैसे मैने कोई उससे बहुत बड़ी चीज़ माँग ली हो......वो आगे कुछ ना बोल सका और फिर अपनी बाइक मार्केट की ओर घुमा दी......थोड़ी देर बाद हम एक बड़े से शोरुम के बाहर खड़े थे......बाहर कई तरह के लक्सरी ब्रा और पैंटी टन्गि हुई थी.......

विशाल- आप जाओ दीदी और जाकर खरीद लो......मैं यहीं आपका इंतेज़ार करता हूँ.......

अदिति- विशाल.......चलो ना तुम भी मेरे साथ........मुझे शॉपिंग करनी नहीं आती.......विशाल जाना तो नहीं चाहता था मगर मेरी ज़िद्द की वजह से वो मेरे साथ अंदर जाने को तैयार हो गया.......अंदर एक जेंट्स बैठा हुआ था काउंटर पर......वो ब्लॅक सूट और पेंट में था........उसने हमे देखते ही सलाम ठोका......
Reply


Messages In This Thread
RE: Incest Kahani उस प्यार की तलाश में - by sexstories - 02-28-2019, 12:05 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,489,440 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 543,092 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,227,125 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 928,109 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,647,179 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,074,876 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,941,292 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,025,216 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,019,945 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 283,778 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)