RE: Hindi Sex Kahaniya हाईईईईईईई में चुद गई दु�...
इसीलिए मेरे होंठों को चूमते हुए सपना ने मेरे कमीज़ के अंदर हाथ डाल कर मेरे चिकने पेट पर अपना हाथ फिराया.
और फिर मेरी ब्रा के नीचे से हाथ डाल कर ज्यों ही मेरे मोटे मम्मे को अपने हाथ की गिरफ़्त में लिया. तो मज़े के मारे मेरे मुँह से “अहह” निकल गई.
मेरे गुदाज होंठों को चूमते के साथ साथ सपना अब थोड़ी देर मेरे नंगे मम्मे को भी अपने हाथ से मसल कर मेरे जिस्म की गर्मी को तेज करती रही.
फिर कुछ देर मेरे निपल को अपने हाथ से मसलने के बाद सपना ने मेरी कमीज़ से अपने हाथ बाहर निकला. और मेरी कमीज़ का पल्लू हाथ में पकड़ा तो मेरे हाथ खुद ब खुद उपर उठ गये.
अपनी इस हरकत पर मुझे यूँ महसूस हुआ. जैसे में इंसान नही बल्कि एक रोबोट हूँ.
जिस का मुकमल कंट्रोल अब सपना के हाथ में था.
मेरे हाथ उपर उठते ही सपना ने पहले मेरी कमीज़ और फिर मेरा ब्रेज़ियर भी उतार कर मेरे बदन से अलग कर दिया.
“उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ क्या सुडोल और गुदाज चुचियाँ हैं तुम्हराईईईईईईईईईईईईईईईई” मेरी नंगी छातियों पर नज़र पड़ते ही सपना के मुँह से एक सिसकारी निकली. और वो मेरे मोटे तने हुए गोल गोल मम्मो की तारीफ करने लगी.
मेरे दोनो चिकने मम्मे अब एक दम आज़ाद थे, मेरा गुलाबी अरेवला और उस पर डार्क पिंक निपल जो एक दम तने हुए थे.
मेरे जिस्म के उपर वाले हिस्से को नंगा करते ही जब सपना ने मेरे एक ब्रेस्ट पर हाथ रखा.
तो“आआआआअहह हमम्म्ममममममममममम सपना ये क्या कर रही है तूमम्म्ममममम.” मैने सिसकारियाँ भरते हुए कहा
“मेरी जान तुम्हे इस जिंदगी के मज़ा लेना सिखा रही हूँ, अब तक तू सिर्फ़ चुदाई का मज़ा ले रही थी. सेक्स क्या है ये तुझे पता ही नही है.” सपना ने मेरे निपल को मसल्ते हुए कहा. तो उस की इस हरकत पर में उछल पड़ी,
सपना ने ज़ोर से मेरे नंगे मम्मे को अपने हाथ मसला था, और उस की वजह से मेरे पूरे वजूद में मज़े की एक ऐसी लहर उठी.
तो मेरी चूत का पानी उछल कर बाहर निकला और मेरी रानों को भिगोता हुआ शलवार के साथ साथ मेरे बिस्तर की चादर को भी गीला करने लगा.
(जी हाँ दोस्तो में सिर्फ़ एक मिनट मे ही झड गई थी. अभी तो कुछ हुआ भी नही और मेरा ये हाल था,कितना सही कहती है सपना कि अब तक तो में सिर्फ़ चुदाई ही जानती थी सेक्स मे क्या मज़ा है ये मुझे पता ही नही था.)
में काँप कर सपना से लिपट गई और सपना मेरी नंगी पीठ को सहला रही थी.
उस के बाद सपना ने मेरी गर्दन से चूमने का सिलसिला शुरू किया. जो आगे आकर मेरे मोटे सीने पर रुका.
सपना ने अपनी ज़ुबान निकाल कर मेरे निपल पर लगाई और नीचे से ऊपर की तरफ अपनी ज़ुबान से मेरे निपल को चूमा.
सपना की गरम नुकीली ज़ुबान को अपनी छातियों पर फिसलता हुआ महसूस कर के मुझे ऐसे लगा कि जैसे कोई बिच्छू मेरी छातियों पर रेंगने लगा हो.
इतना अच्छा मुझे कभी नही लगा था, और फिर वो निपल को किसी छोटे बच्चे की तरह चूमने लगी, और में उसके सिर को अपने सीने पर दबाती जा रही थी.
सपना ने अब दूसरा निपल मुँह मे लिया तो मेरे दाएँ मम्मे को अपने हाथ से पकड़ लिया. और आहिस्ता आहिस्ता दबाते हुए वो दूसरे मम्मे को चूम रही थी.
आशिस्ता आहिस्ता चूमना, चाटने मे बदल गया और अब वो मेरे दोनो मम्मो को अपने मुँह और होंठों से चूस कर निचोड़ रही थी.
मेरे मम्मो को चुसते हुए सपना ने मेरी शलवार का नाडा ऐसे आराम से कब खोल दिया कि मुझे इस का पता ही नही चला,
मुझे अपनी शलवार खुलने का अहसास ताम हुआ जब सपना ने मेरे मोटे और भारी कुल्हों के नीचे फँसी मेरी शलवार को खींचने की कोशिश की.
जैसे ही सपना ने मेरे जिस्म से मेरी शलवार उतारने की कोशिश की. तो मैने अपनी बाहरी गान्ड को बिस्तर से उठा कर सपना को मेरे अपने वजूद पूरा नंगा करने में खुद ही मदद की.
अपनी शलवार उतारने के बाद में अब सपना की भूकि निगाहों के सामने बिल्कुल नंगी अपने बिस्तर पर पड़ी थी.
“हाईईईईईईईईईईईईई क्याआआअ दिल कश जिस्म है तुम्हाराआआआआआआ” मुझे मुकमल नंगा कर के जब सपना ने मेरे नंगे जिस्म का जायज़ा लिया. तो शलवार के उपर से अपनी गरम चूत पर अपना हाथ रगड़ते हुए बोली.
अपने वजूद को नंगा पा कर अब मेरे दिल में भी ये तमन्ना जाग गई.
कि सपना की तरह में भी अपनी सहेली को उस के कपड़ों के बोझ से आज़ाद कर दूँ. मगर चाहने के बावजूद में ऐसा नही कर पाई.
लेकिन सपना को दिमाग़ पढ़ने आता था, उसने झट से अपना कुर्ता और सलवार निकल फेंकी और वो अब भी मेरी तरह बिल्कुल नंगी मेरी आँखों के सामने थी.
अपने कपड़े उतारने के बाद सपना ने मेरी तरफ प्यार से देखा.
और फिर सपना एक दम मेरे नंगे वजूद पर ऐसे झपटी कि जैसे कोई भूका शेर अपने शिकार पर झपटता है.
मेरे करीब आते ही सपना ने मेरी चिकने पेट पर माजूद मेरी मोटी धुनि (नेवेल) को अपनी गरम ज़ुबान से छुआ. और फिर मेरी धुनि को अपनी नुकीली ज़ुबान से चाटने लगी.
“उफफफफफफफफफफफ्फ़ हाईईईईईईईईईईई ना करो ऐसे,मुझे गुदगुदी होती है यार” सपना की गरम ज़ुबान ने जैसे ही मेरी नेवेल को छुआ. तो मज़े से कराहती हुई में चिल्ला उठी.
“ज़रा सबर करो मेरी जान मुझे अपने इस गरम वजूद को प्यार तो कर लेने दो” सपना ने मेरी बात को नज़र अंदाज़ करते हुए जवाब दिया.
और फिर अपने होंठों को आहिस्ता आहिस्ता नीचे ले जाते हुए अपने मुँह को मेरी टाँगों के दरमियाँ छुपी मेरी गरम चूत की तरफ बढ़ने लगी.
" ये क्या कर रही हो?" मैने ज्यों ही सपना का मुँह अपनी गरम चूत की तरफ बढ़ते देखा तो हैरानी से पूछ बैठी.
"तुमको प्यार का खेल सिखा रही हूँ मेरी जान," सपना मेरी तरफ देखते हुए वो फिर से बोली.
फिर देखते ही देखते सपना अपने मुँह को मेरी पानी छोड़ती चूत के करीब लाई.
और एक दम अपना मुँह खोल कर मेरी प्यासी चूत के होंठों पर अपने गरम होंठ रख दिए.
यासिर ने शादी के बाद से आज तक मुझे चुदाई के इस मज़े से रोशनाश नही करवाया था.
जिस का स्वाद एक इंडियन औरत आज मुझे अपने मुँह से दे रही थी.
सपना ने ज्यों ही मेरी चूत को अपने मुँह में भर कर अपनी ज़ुबान से मेरी चूत के दाने को छुआ.
तो मुझे ऐसा लगा जैसे मेरा सारा वजूद हवा में उड़ने लगा है.
मेरा सारा वजूद एक दम अकड सा गया.
और मैने दूसरे ही लम्हे अपनी चूत का गरम पानी सपना के खुले मुँह में उडेल दिया.
|