RE: Hindi Sex Kahaniya हाईईईईईईई में चुद गई दु�...
“हाईईईईईई रे किस्मत कि मुझे अब लंड के लिए पार्टी से वापसी तक इंतिज़ार की तकलीफ़ से गुज़रना हो गा” यासिर की बात सुन कर मेरी चूत के अरमानों पर ओस पड़ गई.
में तो इस इंतिज़ार में थी कि यासिर के आते ही उस की ज़िप खोल कर अपने शौहर के लंड को अपनी प्यासी फुददी में डलवा लूँगी . मगर मेरे साथ धोखा हो गया था.
बदहाल यासिर की बात पर अमल करते हुए हम दोनो विनोद और सपना के नये घर जाने के लिए तैयार होने लगे. तो हास्बे मामोल मुझे समझ नही आ रही थी कि में आज शाम की पार्टी में क्या पहनू.
“आप शाम को पहनने के कपड़े सेलेक्ट करने में मेरी हेल्प करो प्लीज़” जब में अलमारी में से कपड़े निकाल निकाल कर थक गई. तो मैने यासिर से रिक्वेस्ट की.
“हां वो याद आया, कि तुम्हारे दुबई आने वाले दिन विनोद और सपना ने तुम्हे एक गिफ्ट दिया था, वो तो दिखाओ मुझे कि उस में है क्या” मेरी बात सुन कर यासिर भी मुस्करा दिया. और फिर विनोद के दिए हुए बॅग के मुतलक पूछने लगा.
“ओह हान्ंननणणन् वो बॅग तो में खोलना ही भूल गई” ये कहते हुए मैने अलमारी के एक कोने में पड़ा हुआ वो बॅग उठा लिया.
“लाओ में देखू, कि विनोद ने क्या गिफ्ट दिया है मेरी बीवी को” कहते हुए ज्यों ही यासिर ने बॅग खोला. तो उस में से निकलने वाले लोंग सिल्की स्कर्ट और सिल्की शर्ट को देख कर यासिर और में हैरत से एक दूसरे का मुँह देखने लगे.
“ये क्या ड्रेस उठा ली हैं इन दोनो मियाँ बीवी मेरे लिए” युरोपियन स्टाइल के इस ड्रेस को देख कर में हैरान होते हुए यासिर से कहने लगी.
“क्यों क्या हुआ अच्छा भला तो है,वैसे भी विनोद का नया घर बीच के किनारे पर है, इसीलिए मेरे ख्याल में आज की शाम ये ड्रेस तुम्हारे लिए अच्छा रहे गा,इसीलिए आज ये ही पहन लो मेरी जान” ये कहते हुए यासिर ने सपना और विनोद का दिया हुआ गिफ्ट ड्रेस मेरी तरफ फैंका.
“आप होश में तो हैं, ये ड्रेस स्लीव लेस भी है और सिल्की भी,मैने कभी इस तरह का ड्रेस आज तक नही पहना,इसीलिए मुझे शरम आएगी इस को पहन कर मेरी जान” में अपने शौहर की बात सुन कर हैरान हुई. और विनोद और सपना का दिया हुआ ड्रेस पहनने से इनकार कर दिया.
“यार अगर पहले नही पहना तो आज पहन लो, फिर ये विनोद की पार्टी है और वो तुम को अपने दिया हुआ गिफ्ट पहना देख कर यक़ीनन बहुत खुशी महसूस करे गा” मेरे इनकार पर मुझे समझाते हुए यासिर ने जब ये बात कही. तो मुझे गुस्सा आ गया.
“में सिर्फ़ आप के लिए ही बनती सँवर्ती हूँ, विनोद की खुशी से भला मुझे किया लेना देना” यासिर की बात के जवाब में मेरे मुँह से गुस्से में निकला.
“तुम समझती क्यों नही यार, विनोद ने आज कल में मेरी प्रमोशन की फाइल पर साइन भी करने हैं, लेकिन में जानता हूँ कि वो जान बूझ कर टाल मटोल कर रहा है, इसीलिए अगर तुम ये ड्रेस पहन कर उन के घर जाओगी , तो हो सकता है कि इसी खुशी में वो ये काम कल सुबह ही कर दे, वैसे भी एक बात का ध्यान रखना, कि चाहे कुछ भी हो तुम ने विनोद को नज़र नही करना, क्योंकि विनोद से मेरी एक महीने बाद दुबारा से दोस्ती हुई है, और में उसे दोबारा नाराज़ कर के अपनी प्रमोशन का कम बिगाड़ना नही चाहता” यासिर ने मुझे समझाया.
तो मुझे ना चाहते हुए भी अपने शौहर की बात मान कर उस के दोस्त विनोद का दिया हुआ ड्रेस पहनना ही पड़ गया.
विनोद का दिया हुआ ड्रेस पहन कर जब मैने अपने ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़े हो कर अपने जिस्म का जायज़ा लिया.
लोंग स्कर्ट तो मेरी लंभी टाँगों के पावं तक पहुँचने की वजह से मेरे जिस्म का निचला हिसा पूरी तरह ढांप रही थी.
मगर मेरी कसी हुई सिल्क की छोटी सी स्लीव लेस कमीज़ ने मेरी जिस्म के उपर वाले पोषीदा हिस्से को छुपाने की बजाय और वाइज़ा कर के रख दिया था.
“उफफफफफफफफफ्फ़ इस सिल्की शर्ट में से तो ना सिर्फ़ मेरे मम्मे बल्कि मेरी ब्रेज़ियर की शेप भी बहुत नुमाया हो रही, और साथ ही साथ सिल्क की स्लीव लेस शर्ट ने तो मेरी चिकनी बाहों को और भी नंगा कर दिया हाईईईईईईईईई”विनोद की दी हुई कमीज़ में से अपनी उभरती हुई छातियों को देख कर मुझे खुद से भी शरम आने लगी.
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