RE: mastram kahani प्यार - ( गम या खुशी )
अपडेट -22
फिर माँ ने अपनी बेटी को थोड़ा प्यार दिया और चली गई । आंटी के जाने के बाद परिधि ने मुझे देखा और बोली.... क्यों बाबू जेंटलमैन क्या इरादा है दिल्ली तो आज घायल होने वाला है ।
मैं अपनी तारीफ सुनकर बड़ा ही प्रसन्न हुआ , दिल खुश कर दिया परिधि ने । फिर मैंने भी परिधि से कहा... मिस इरादे तो आपके मुझे नेक नहीं लग रहे , आखिर दिमाग में चल क्या रहा है जो मुझे इस तरह के ऑउटफिट में हम बाहर जा रहे है ।
परिधि थोड़ा मुस्कुराते हुए... जनाब कुछ पल और ठहर जाए आप खुद समझ जायेंगे । वैसे भी दिमाग को थोड़ा शांत रखिए क्योंकि वही आपको आने वाली मुसीबत से बचने वाला है । अशांत मन, एक गलती और आप सूली पर ।
परिधि की बातें किसी सस्पेंस मूवी की तरह थी इसलिए मैंने भी सब समय पर छोड़ दिया अब जो हो सो हो देखा जाएगा ।
मुझे ख्याल आया कि पता नहीं परिधि कितना समय लेने वाली है इसीलिए मैंने सोचा क्यों न पहले सबसे बात कर लूं ।
इसी ख्याल के साथ सबसे पहले बात हुई माँ से सबी हाल समाचार जानकर मैंने फ़ोन कट किया । पापा को कॉल किआ तो पापा कहि बिजी थे मेसेज आया बाद में बात करता हूँ ।
नेक्स्ट कॉल सिमरन उससे भी बात की सिमरन मासी के घर जल्दी जाने पर जोर दे रही थीं ।
अब दिया कि बारी थी...
दिया.... क्या बेटू कैसा है ( मजक में माँ की एक्टिंग कर रही थीं ) ।
मैं... ठीक हूँ माते आप कैसे हो ।
दिया... कुछ नहीं बेटा बस सोच रही थी कि दिल्ली से मेर लाल मेरे लिए क्या लेकर आएगा ।
मैं.... क्या ले आऊं माँ आपके लिए मुझसे बढ़कर थोड़ी कोई है गिफ्ट मैं खुद आ जाता हूँ ।
दिया.... मैंने सोचा मेरा लाल मेरे लिए गिफ्ट में लहँगा लाएगा , उसकी मैचिंग ज्वेलरी, नेल पॉलिश, कान की बलिया , मैचिंग हैंड बैग, मैचिंग चूड़ियाँ और हाँ लिपस्टिक भी पर मेरा लाल तो मुझसे प्यार ही नहीं करता ।
मैं.... चल चल नौटंकी मैं कुछ नहीं लाने वाला ।
दिया.... भैया प्लीज इतना सा तो माँगा है, कौन का पूरा जहाँ मांग लिया ।
मैं.... तू तो स्वार्थी निकली माँ , पापा और दीदी के लिए कुछ ना लूं ।
दिया.... सुनो भैया मैं कुछ नहीं जानती मुझे तो यह सब चाहिए , बाकी आपको जिसके लिए जो लेना हो देख लेना ।
फिर मैंने ओके बोल उससे थोड़ी देर बात की और फ़ोन कट कर दिया ।
अभी 10:30 बज रहे थे और सब लोगों से मेरी बात हो चुकी थी मैं नीचे हॉल मैं बैठ गया परिधि के इंतजार में । मुझे ज्यादा इन्तेजार नहीं करना पड़ा अभी 5 मि ही हुए थे कि परिधि मेरे पास आ गई ।
परिधि आते ही.... चले सर । और मैं परिधि के साथ चल पड़ा एक अनजाने सफर की ओर ।
कहानी जारी रहेगी........
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