RE: mastram kahani प्यार - ( गम या खुशी )
अपडेट-24
जब सभी लड़कियाँ चली गई, मैं परिधि से.... तुम क्या मुझे हलाल करने लाई थी ।
परिधि....ओह हो अब मैं आप से तुम पर आ गई ।
मैं.... सॉरी वो आचानक से निकल गया ।
परिधि.... नहीं मैं खुद बोर हो गई थी आप आप सुनकर और हाँ यह बार बार सॉरी बोलना बन्द करो ।
मैं... ओके मेम पर तुमने अबतक बताया नहीं ।
परिधि.... हलाल हुए क्या बेचारी क्या क्या सपने लेकर आई थी कि कैसे तुम्हें परेशान किया जाए कि फिर तुम नाराज हो जाओ तो कैसे तुम्हे खुश किया जाए । कल से प्लान कर रही थी पर तुमनें सारे अरमानों पर पानी फेर दिया ।
मैं..... तुम अपने हर नए पहचान वाले के साथ ऐसा करती हो या मैं स्पेशल केस हु ।
परिधि.... पहले तो यह जान लो कि रोज हमारी नए लोगों से मुलाकात होती है , जान पहचान होती है पर कुछ खास लोग ही होते है जिनसे बात आगे बढ़ती है वरना hi , hello तक ही सीमित रहता है । और रही बात परेशान करने की तो दोस्त हो तुम मेरे इतना तो हक बनता है ।
जैसे ही मैं कुछ बोलने वाला हूं कि परिधि.... टाइम अप अब चलो हमे कही और भी चलना है ।
मैं... रुको रुको पहले ये बताओ कि घर पर पता है कि तुम कितनी देर बहार रहोगी ।
परिधि कुछ लोगों की ओर इशारा करते हुए.... देख रहे हो उन्हें , उनको सिर्फ इस बात की तनख्वाह मिलती है कि मैं कहाँ हूँ किसके साथ हूँ घर पर इनफार्मेशन देते रहे और वापस सही सलामत घर पहुंचना ।
मैं... क्या यह तुम्हारे बॉडी गॉर्ड है ।
परिधि.... जी हाँ अब सब हो गया हो तो चले ।
मैं अब क्या कह पाता चल पड़ा परिधि के साथ अंजान सफर के दूसरे पड़ाव पर......
कहनी जारी रहेगी......
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