RE: bahan sex kahani बहन की कुँवारी चूत का उद्...
ये नज़ारा तो पिछवाड़े से भी ज़्यादा ख़तरनाक था… पहले तो हल्की झाग ने उनके बूब्स और पुसी को कवर कर रखा था पर जैसे-2 पानी पड़ रहा था वो जगह निखरकर सामने आ रही थी… और कुछ ही पलों मे उनका पूरा जिस्म दमकने लगा… और मैने दीदी के बूब्स देख ही लिए…
एकदम मध्यम आकार के थे वो, करीब 34 साइज़ के, एकदम कठोर, लाल निप्पल्स लगे थे उनपर.. और उनकी पुसी तो मैने कल सुबह ही देख ली थी पर फिर भी एक बार फिर से उसे देख कर एक अजीब सी गुदगुदी हो रही थी मेरे लंड मे…
एकदम कसी हुई थी उनकी पुसी, हल्के बाल थे, देखने मे इतनी टाइट थी कि ऐसा लग रहा था कि उसमे एक उंगली का भी घुसना संभव नही होगा..
मैं उनके नंगे बदन की सुंदरता को निहार ही रहा था कि अचानक उन्होने आँखे खोल दी और मुझे सामने खड़े देख कर बोखलाते हुए वो ज़ोर से चीखी
“राज तू…..तू यहाँ क्या कर रहा है…”
इतना कहते हुए उन्होने एक हाथ अपने बूब्स पर और दूसरे को अपनी चूत पर रखकर उसे ढक लिया…
और लगभग तभी मैने वो बोलकर उन्हे चुप करा दिया जिसे इस्तेमाल करके वो पिछली 2 बार से मुझे सता रही थी.
स्टाचु
मेरे मुँह से स्टाचु सुनते ही वो शावर के नीचे फ्रीज़ होकर खड़ी रह गयी..
उनके चेहरे पर आए हैरानी के भाव बता रहे थे कि उन्होने ये एक्सपेक्ट ही नही किया था मुझसे…
पर ये तो टिट फॉर टॅट हो रहा था
उन्होने जिस तरह मुझे कल मूठ मारते हुए स्टाचु बोलकर ना हिलने पर मजबूर कर दिया था उसी तरह से मैने भी उन्हे नहाते देख कर ये तरीका अपनाया था.
मैने सबसे पहले तो आगे बढ़ कर शावर बंद कर दिया ताकि उन्हे ज़्यादा परेशानी ना हो.. और उसके बाद जब पानी की सारी बूँदो ने उनके जिस्म का साथ छोड़ दिया तो नीचे का नंगा बदन उजागर होकर सामने आ गया…
अब मैं उन्हे काफ़ी गोर से देख रहा था…
उनके जिस्म के रोँये खड़े हो चुके थे, जो इस बात को दर्शा रहे थे कि वो पूरी तरह से उत्तेजित है.
मैने उनकी आँखो मे देखा, जो विनती कर रही थी कि उनकी इस मजबूरी का फ़ायदा ना उठाए..
मैने कहा : “दीदी , इस गेम को यहाँ तक लाने मे आपका ही हाथ है… अदरवाइज़ मैं तो सपने मे भी ये गुस्ताख़ी नही करता…”
इतना कह कर मैने उनके कूल्हे पर हाथ रख दिया..
ऐसा करने की हिम्मत मुझमे कहाँ से आई ये मैं आज तक नही जान पाया…
पर मज़ा बहुत आया…
इतने मुलायम, गद्देदार और कठोर कूल्हे पकड़ कर मेरे लंड का पारा फिर से चढ़ने लगा…
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