Antarvasna kahani नजर का खोट
04-27-2019, 12:35 PM,
#31
RE: Antarvasna kahani नजर का खोट
वापसी में रस्ते भर मैं बस पूजा के बारे में ही सोचता रहा मेरी सांसे अभी तक उसके होंठो के स्वाद से महक रही थी और दिल में उसका असर कुछ ज्यादा सा था अपने आप में खोया हुआ मैं घर आते ही भाभी से टकरा गया 

वो- देख के चलना 

मैं- माफ़ी भाभी 

वो- कहा गायब थे जनाब सुबह से 

मैं- बस ऐसे ही टाइम पास 

वो- तो टाइम पास भी करने लगे आप , माँ सा से मिल लो आपको पूछ चुकी है कई बार 

मैं- जी 

मैं माँ सा के कमरे में गया 

वो- कुंदन 

मैं- क्या हालत बना रखी है अपने जैसे सदियों से बीमार हो आप पहले की तरह अच्छे हो जाओ आपको ऐसे देख कर ठीक नहीं लगता मुझे 

वो- जल्दी ही ठीक हो जाउंगी 

मैं- हां, कितने दिन हुए अभी आपकी डांट नहीं सुनी तो खाना भी अच्छा नहीं लगता मुझे 

वो- ठीक हो जाने दे फिर जी भर के कान मरो दूंगी तेरे 

मैं- माँ सा मैं जनता हु की आप इस समय बहुत मुशिकल दौर से गुजर रही हो पर मैं आपको विस्वास दिलाता हु की जो भी होगा ठीक होगा आप फिकर ना करे 

वो- माता पे पूरा विस्वास है मुझे 

हम बाते कर ही रहे थे की तभी नर्स ने कहा इनको ज्यादा बात नहीं करने देनी तो अं वापिस बाहर आ गया तभी भाई भी आ गया उसके हाथ में कुछ सामान था
भाई- कुंदन ये ले ये वस्त्र तुझे वहा पहनने है और साथ ही कुछ तलवारे है और जो भी हथियार तुझे चाहिए देख ले जरा 

मैं- आता हु भाई जी 

मैंने उन चीजों को देखा जिनकी मेरे जीवन में कोई आवश्यकता नहीं थी कभी भी बस ऐसे ही मैंने चुनाव कर लिया और अपने कमरे में चला गया पूजा से मिलके जितना सुकून मुझे मिला था यहाँ आकर वापिस ऐसे लग रहा था की जैसे कैद में पंछी लौट आया हो पता नहीं ये मुझे क्या होता जा रहा था मैं कुर्सी पर बैठा पता नहीं क्या क्या सोच रहा था की भाभी आ गयी पता नहीं चला 

भाभी- कुंदन 

मैं- जी भाभी 

वो- हाथ आगे कर जरा तेरी लिए कुछ लायी हु 

मैं- क्या 

वो- पहले हाथ आगे कर जरा 

मैं- ये लो 

मैंने जैसे ही हाथ आगे किया भाभी चौंक गयी और बोली- ये तेरे हाथ में क्या बंधा है 

मैं- डोरा है भाभी 

वो- कुंदन और मेरे हाथ में क्या है 

मैंने देखा भाभी के हाथ में भी वैसा ही धागा था जैसे पूजा ने मेरे हाथ में बांधा था भाभी बस मुझे देखे जा रही थी 

मैं- क्या हुआ 

वो- किसने दिया तुझे ये जाहरवीर जी का धागा 

मैं- क्या हुआ पहले बताओ तो सही मामूली धागा ही तो है 

वो- मामूली धागा नहीं है ये कुंदन ये डोरा या तो पत्निया ही या फिर बड़ी भाभी ही बांध सकती है तो इसका मतलब ........... 

मैं- इसका मतलब ये धागा आप ही बांधोगी भाभी 

वो- पर तेरे हाथ में ..... 

मैं- पर वर क्या भाभी , मेरे हाथ में जो धागा है वो इसके जैसा है पर असली आपके पास है अब आपके सिवा कौन हक़दार इसका 
अब बांधो जल्दी से 

भाभी ने धागा बाँधा और कुछ दुआ दी मुझे और बोली- तो मेरी देवरानी पसंद कर ली तुमने और बात इतनी आगे बढ़ गयी है 

मैं- भाभी आपभी शक करने लगे मुझ पर ऐसा कुछ भी नहीं है 

वो- भाभी को तो तूने पराया ही कर दिया कुंदन वर्ना मेरी आँखे इतनी भी नहीं फूटी की धागे धागे में फरक न महसूस कर सकू 

मैं- भाभी, आप इस घर में मेरी सबकुछ हो भाभी , या मेरी दोस्त जो भी हो बस आप ही हो फिर आपसे भला मैं क्या छुपाऊ कुछ 
होगा तो सबसे पहले आपको ही बताऊंगा न 

वो- जाने दो अब क्या फायदा इन बातो का न ही सही समय है वर्ना मेरे सवाल इतने है की जवाब देते नहीं बनेगा तुमसे 

मैं- आपके हर सवाल को सर माथे पर लेगा आपका देवर और अगर आपको एक धागे की वजह से ऐसा लगता है की मैं आपसे दूर हु तो अभी इस धागे को तोड़ देता हु 


वो- नहीं कुंदन नहीं 

मैं- तो फिर कभी मत कहना की भाभी को पराया कर दिया है आपकी जगह कोई नहीं ले सकता 

भाभी बस मुस्कुराई और मुझे गले लगा लिया और चुपके से बोली- मेरा प्यारा देवर 

उनके जाने के बाद मैं सोचने लगा की मैं उनकी तेज नजरो से अपने इस अनकहे रिश्ते को ज्यादा समय तक नहीं छुपा पाउँगा और होगा क्या जब ये बात सबके सामने आएगी और भाभी वो किस सवाल के बारे में कह रही थी की पूछने पे आएँगी तो मैं जवाब नहीं दे पाउँगा आखिर ऐसा क्या जानती है वो मैं सोचने लगा 

पता नहीं कब रात घिर आई थी हमेशा की तरह आज भी वो खामोश थी आसमान में कुछ तारे थे जो शायद कुछ कहने की कोशिश कर रहे थे जैसे तैसे मैंने खाना खाया और आने वाले कल के बारे में सोचने लगा वो कल जो शायद आये या ना आये ये पता नहीं किस प्रकार की भावनाए मुझमे उमड़ रही थी मैंने देखा घर में ख़ामोशी थी पर हर कमरे की बत्ती जल रही थी मतलब कोई भी नहीं सो रहा था 

और नींद आती भी किसे शायद सब दुआ कर रहे थे की दिन कभी निकले ही ना मैंने अपने हाथ में वो कपडे लिए जो भाई लाया था एक कुरता और एक धोती कुछ देर उनको हाथ में लिए रखा और फिर मैंने देखा भाई बाहर खड़ा था तो मैं भी आ गया 

मैं- क्या हुआ नींद नहीं आ रही क्या 

वो- बस ऐसे ही 

मैंने देखा उनके हाथ में गिलास था शायद पेग लगा रहे थे पर रात के इस वक़्त 

मैं- क्या हुआ भाई 

वो- पता नहीं ऐसे लगता है जैसे सीने में दर्द सा हो रहा हो 

मैं – तबियत ख़राब है मैं अभी डॉक्टर को बुलाके लाता हु 

वो- नहीं भाई, कुछ नहीं है 

मैं- तो फिर क्या बात 

वो- तू कब इतना बड़ा हो गया पता ही नहीं चला यार, अभी कल तक मेरे सामने नंगा घूमता था और आज देख 
मैं समझ गया भाई भी कल की वजह से थोडा परेशान है मैं बस चुपचाप भाई के सीने से लग गया उसकी गर्म बाहों में कुछ देर के लिए जैसे पनाह सी मिल गई वो क्या बोल रहा था क्या नहीं पर आज लग रहा था की बल्कि मैं महसूस कर रहा था की घर क्या होता है परिवार क्या होता है मैंने दरवाजे पर खड़ी भाभी को देखा और उनकी आँखों में कुछ आंसू भी देखे जो मेरे कलेजे को जला गए 

बाकि समय हम तीनो ने साथ ही काटा पर ऐसे लगा की जैसे आज भोर जल्दी ही हो गयी हो घर में सुबह से ही चहल पहल बढ़ गयी थी मेरा भाई पल पल मेरे साथ था किसी साये की तरह मैं दो पल के लिए घर के बाहर गया और मैंने देखा जैसे की पूरा गाँव ही वहा आ गया था मुझे नहलाया गया और फिर भाभी ने आरती की पर उनकी डबडबाई आँखे बहुत कुछ कह रही थी मेरे सर पर हाथ रखते हुए बस उन्होंने इतना कहा- अखंड जोत जलाई है निर्जला रहूंगी जब तक तुम नहीं आओगे मेरा मान रखना 

भाई ने मुझे अपनी गाड़ी में बिठाया और एक के बाद एक गाड़िया दौड़ पड़ी उस रस्ते की तरफ जो लाल मंदिर की और जाता था करीब पौने घंटे बाद हम वहा पहुचे और जैसे ही मैं गाड़ी से उतरा चारो तरफ कुंदन ठाकुर के नाम के जयकारे लगने लगे इतनी भीड़ मैंने पहले कभी नहीं देखि थी और तभी मैंने ठाकुर जगन सिंह को हमारी और आते देखा

वो हमारे पास आया और बोला- ठाकुर कुंदन सिंह, मुझे तो उसी दिन समझ जाना चाहिए था पर पता नहीं तेरे अन्दर की आग को मैं पहचान नहीं सका 

“आग पहचानी नहीं जाती जगन सिंह आग में बस जला जाता है ” राणाजी ने हमारी और आते हुए कहा 

जगन- राणा हुकुम सिंह वाह तो ठीक बारह साल बाद ले ही आये वो ही दौर एक बार फिर पर इस बार दांव पर लगाया तो किसको जिसके दूध के दांत अभी टूटे नहीं 

मैं- तमीज से ठाकुर साहब 

राणाजी- अपने भाई के पास जाओ कुंदन 

जगन- हां मिलवा लो जिससे मिलवाना है क्या पता बाद में नसीब हो ना हो 

राणाजी- अपनी मर्यादा में रहे जगन सिंह जो बात करनी है हमसे करे बच्चो को बीच में ना लाये 

जगन- यहाँ तो बच्चे ही हमे बीच में ले आये अब देखते है ऊंट किस करवट बैठेगा हमे तो बड़ी उत्सुकता है जिस तरह से आपके शेर ने चुनौती दी थी कितनी देर वो टिक पायेगा बड़ा सुकून मिलेगा जब उसका गर्म लहू इस पवित्र धरती की प्यास बुझाएगा बारह साल बहुत होते है हुकुम सिंह पर देखो तक़दीर एक बार उसी मोड़ पर सबको ले आई है ना 

राणाजी- तब भी बात तुम नहीं समझ सकते थे और आज भी नहीं समझ रहे हो हमने तो हथियार उसी दिन गिरा दिया था पर खैर अब चुनौती स्वीकार हुई है तो मान भी होगा 

जगन – हमे तो उस पल का इंतजार है जब कुंदन की लाश यहाँ पड़ी होगी और आप अपने घुटनों पर बैठे होंगे 

राणाजी- तुम्हारा नीचपन गया नहीं आज तक खैर ना तुम पहले बात करने लायक थे ना आज हो 

जगन- मेरी तो बस एक ही हसरत की आपके खून से अपनी तलवार की पयस बुझा सकता पर आपने तो हथियार ही छोड़ दिया कायरता का नकाब ओढ़ लिया 

राणाजी- इन हाथो ने हथियार छोड़े है चलाना नहीं भूले और दुआ करना की तुम्हारे जीवन में वो दिन कभी नहीं आये बाकि किसी लोहे के टुकड़े की इतनी हसियत नहीं जो हमारे लहू से अपनी प्यास बुझा सके 
Reply


Messages In This Thread
RE: Antarvasna kahani नजर का खोट - by sexstories - 04-27-2019, 12:35 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,417,785 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 535,089 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,198,350 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 905,748 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,606,971 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,040,831 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,884,877 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,835,626 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,948,391 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 277,219 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)