RE: Porn Kahani चली थी यार से चुदने अंकल ने ...
मैं सीधे कहानी पर आती हूँ। जैसा आप लोगों ने मेरी पिछली कहानियों में मेरी चुदाई के बारे में पढ़ा कि कैसे मैंने 24 घंटे के अंदर जाने अनजाने में तीन लंडों को अपने अंदर समाहित कर लिया। अब आगे कितनों के लंडों की मालकिन बनी, यह मैं आपको बताती जाऊँगी।
बार बार चूत चुदाई के बाद जैसे मैं और खिल सी गई, पहले से और ज्यादा हॉट हो गई, मेरी चुची पहले से ज्यादा फूल गई थी जैसे
किसी पेड़ पर दो रस भरे आम लगे हों और जिसे देखो वो चूसना चाहते हैं। जब चलती तो गांड ऐसे मटकती जैसे की गांड न हो दो बड़े तरबूज़ किसी ने बांध दिए हों।
पहले मैं यह बात नहीं मानती थी लेकिन एक बार मेरे बॉयफ्रेंड ने मेरी मटकती हुई गांड की वीडियो रिकॉर्ड करके दिखाई, उसे देख कर मैं खुद उत्तेजित हो गई।
तो आप लोग ही बताओ कि मेरी चाल देखकर लोगों पर क्या बीतती होगी। इसलिए मैं अपनी हॉट जवानी का पूरा उपयोग लोगों में आग लगाने में करती हूँ।
मैं ज्यादातर कसी हुई टॉप और छोटी सी स्कर्ट या बिल्कुल छोटी सी लोअर पहन कर चलती हूँ, मैं हमेशा कोशिश करती हूँ कि ब्रा पेंटी न पहनूँ जिससे मेरी चुची और गांड बहुत ज्यादा लचकती हैं और लोग देखकर बिल्कुल गर्म हो जाते हैं, मुझ पर गन्दे गन्दे कमेन्ट करते जिन्हें सुन कर मुझे काफी मजा आता है।
कोई कहता ‘काश एक रात के लिए मिल जाती…’
तो कोई कहता ‘सिर्फ एक बार इन नंगी जांघों पर एक चुम्मी लेने दे…’
तो कोई कहता ‘यार जब ये बाहर इतने छोटे कपड़े पहनती है तो घर में तो नंगी ही रहती होगी! पता नहीं इसका बाप और भाई कैसे बर्दाश्त करते होंगे।’
तभी उन्हीं में से एक आदमी बोला- बर्दाश्त क्या करते होंगे भाई, वो लोग तो खुद चोदते होंगे।
ऐसी बाते सुनकर मैं उत्तेजित हो जाती हूँ।
वैसे मैं आप लोगों को बता दूँ कि मैं घर में एकदम संस्कारी लड़की बनकर रहती हूँ। घर में सलवार सूट या जीन्स कुर्ती पहनती हूँ और यही सब पहनकर घर से निकलती हूँ।
कॉलेज जाते वक्त मैं रास्ते में दोस्त के यहाँ या पब्लिक टॉयलेट में जाकर कपड़े चेंज कर लेती थी और कॉलेज एकदम हॉट मॉल बनकर पहुँचती थी। मुझ पे कॉलेज के लड़के, स्टाफ यहाँ तक कि सारे टीचर भी मुझ पर फुल लाइन मारते थे और मैं सारे टीचरों के लाइन का जवाब स्माइल कर के देती थी।
सारे टीचर मौका मिलते ही मुझे कोई भी बहाने से टच करते रहते थे और मैं उन लोगों को फुल ओपन लाइन देती थी।
मेरी हॉट और कातिल अदा को देखकर मेरे इंस्टीट्यूट में मुझे रेस्पेशनिस्ट का जॉब ऑफर हुआ लेकिन मैंने मना कर दिया क्योंकि मुझे उस टाइम पैसों में कोई इंटरेस्ट नहीं था, मुझे तो बस अपनी जवानी को एन्जॉय करना था किसी भी कीमत पर!
आप लोगों को पता ही है कि मैं अपने बॉयफ्रेंड से कैसे बीच सड़क चुदी, उसके बाद हम एकदम खुल से गए थे, जब भी मौका मिलता, वो मेरी जबरदस्त चुदाई करता था। हमारी चुदाई के किस्से पूरे कॉलेज में मशहूर थे।
मेरा एक ग्रुप था जिसमें कुल 4 लड़के और 4 लड़कियां थी, यानि 4 कपल, ग्रुप के सारे लोग अपने बॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड से खुश थे, सब एक दूसरे को बहुत ज्यादा कॉपरेट करते थे और खुल कर चुदते चुदवाते थे।
हम लोगों ने कितनी बार अपनी इंस्टीट्यूट में चुदाई करवाई है, इंस्टीट्यूट की छत पर एक कमरा था जिसमें कोई आता जाता नहीं था, कभी कभार कुछ लड़के स्मोक करने चले जाते थे।
वहीं पर हम लोग मौका देख कर शुरू हो जाते थे। जब एक कपल रूम में होता तो तीन कपल रूम के बाहर अपनी बारी की इंतज़ार करते। या यूँ कहें कि उसकी निगरानी करते कि कोई आ न जाये! क्योंकि जिस रूम में हम चुदाई करते थे उसकी खिड़की बाहर की ओर थी जो बीच छत पर खुलती थी। खिड़की में सिर्फ पारदर्शी काँच लगे थे जिससे अंदर का सारा नज़ारा साफ साफ दिखाई देता था।
इसलिए एक कपल अंदर चुदाई करता और बाकी तीन कपल बाहर निगरानी करते!
ऐसे ही मस्ती भरी हमारी लाइफ चल रही थी। मैं लगभग रोज चुदाई करवाती थी, कभी कभी तो दिन में 2-3 बार भी चुद लेती थी, जब भी मौका मिलता, हम शुरू हो जाते थे।
एक बार मैं और मेरा बॉयफ्रेंड संतोष इंस्टिट्यूट जल्दी पहुँच गये। उस दिन मैं पिंक टॉप और छोटी सी व्हाइट कलर की लोअर बिना ब्रा पेंटी के पहने थी।
हम लोग के पहुँचते ही बहुत तेज बारिश शुरू हो गई। इंस्टिट्यूट में कोई भी नहीं आया था सिवाय सफाई कर्मचारी के!
मैं और संतोष क्लास में अकेले बैठ गए या यूँ कहें कि बोर रहे थे। आप लोगों को पता है जब दो विपरीत सेक्स के जवान जिस्म अकेले हों तो क्या होता है। हम एक दूसरे को छेड़ने लगे, छेड़ते छेड़ते पता नहीं कब मैं संतोष के गोद में चली गई।
हम दोनों एकदम गर्म हो गए थे।
संतोष बोला- मेरी जान, छत पर चलो, आगे का काम वहीं करेंगे।
मैं इतराते हुए बोली- आगे का कौन सा काम बेबी?
तो संतोष मेरी चूत को मसलते हुए बोला- रानी आज इसकी अच्छे से सर्विसिंग करूँगा।
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