RE: Porn Kahani चली थी यार से चुदने अंकल ने ...
फिर डालना!
तब संतोष बोला- यार, अभी कहाँ से क्रीम लाऊँ? आज ऐसे ही चुद लो।
मैंने मना कर दिया, मैं बोली- ऐसे नहीं यार, मेरी गांड फट जायेगी।
तो वो बोला- यार इस बारिश में क्रीम कहाँ से लाऊँ?
फिर मुझे याद आया कि मेरे पर्स में क्रीम होगी, उसे कहा तो उसने मेरा पर्स को खोलकर ढूंढना शुरू कर दिया लेकिन क्रीम थी ही नहीं।
तभी उसे लिप गार्ड मिल गया, और बोला- आज इस को लगाता हूँ।
मैं बोली- यार इससे मेरी गांड चिकनी नही होगी।
तो संतोष बोला- हो जायेगी मेरी जान, मैं सब सम्भाल लूँगा।
मैं बोली- तुम क्या सम्भाल लोगे गांड तो मेरी फटेगी ना!
इतने में उसने लिप गार्ड की पूरी ट्यूब मेरी गांड पर निकाल दी और लंड डालने की कोशिश करने लगा, मेरी कमर को पकड़ कर जोरदार धक्का मारा, लंड आधा अन्दर चली गया, मेरी तो दर्द से आवाज़ निकलनी बंद हो गई।
फिर मैं जोर से चिल्लाई- ओह्ह हहहह माँ उम्म्ह… अहह… हय… याह… मेरी गांड!
इतना कह कर जोर से रोने लगी और बोली- मेरी गांड से लंड निकालो!
लेकिन वो तो जैसे बहरा हो गया था, मेरी बात तो जैसे सुन ही नहीं रहा हो।
इतने में उसने फिर एक बार जोरदार झटका मारा, इस बार लंड पूरा गांड में घुस गया, मेरी तो जैसे जान निकल गई हो, मैं जोर-जोर से रोने लगी, बोल रही थी- प्लीज् छोड़ दो, नहीं तो मर जाऊँगी।
लेकिन उसने तो जैसे ना सुनने की कसम खाई हो, वो मुझे जोड़ से पकड़ कर लंड आगे पीछे करने लगा और मैं दर्द से कराह रही थीं और बोले जा रही थी- प्लीज छोड़ दो!
वो अपने धुन में मेरी गांड मारे जा रहा था।
करीब 10 मिनट तक वो आगे पीछे करता रहा, उसके बाद मुझे भी थोड़ा मजा आना शुरू हुआ, फिर मैं भी गांड उचका उचका कर अपनी गांड की सर्विसिंग करवाने लगी।
पता ही नहीं चला कब दर्द भरी चीख मादक स्वर में बदल गई और मैं ना जाने कैसे बोलने लगी- और तेज, और जोर से, फाड़ दो आज इस गांड को!
हालांकि दर्द अभी भी बहुत हो रहा थी लेकिन मैं पूरी तरह मदहोश हो गई थी, ऐसा लग रहा था कि मैं किसी और दुनिया में हूँ।
और संतोष तो मेरे से भी ज्यादा पागल हो गया था, वो तो नॉन स्टॉप मशीन की तरह मेरी गांड ठोके जा रहा था, मैं भी हर धक्के को एन्जॉय कर रही थी।
हम दोनों एक दूसरे में पूरी तरह खोये हुए थे, काफ़ी देर तक ऐसे ही जोरदार चुदाई चली, उसके बाद मेरा जोश शांत हो गया लेकिन संतोष अभी भी मूड में था, उसने मेरे झड़ने के कई मिनट बाद मेरे गांड में ही पूरा वीर्य भर दिया और बोला- मेरी रानी, लो आज मैंने तुम्हारी इस प्यारी गांड की अच्छे से सर्विसिंग करके फ्रेश मोबिल ऑयल डाल दिया, अब अच्छे से माइलेज देगी।
मैं बोली- अच्छा इतना ज्यादा मोबिल ऑयल डाला जाता है। ऐसा लग रहा है जैसे मेरी गांड में बाढ़ आ गई हो।
और हम हँसने लगे।
पूरा वीर्य मेरी जाँघों से रिसते हुए मेरी लोअर में जाकर गिर गया। मैं जैसे ही सीधी हुई, मुझे दर्द बहुत तेज होने लगा, अब मैं ठीक ढंग से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी तो मैं चलकर घर कैसे जा पाती।
यह मैं आपको अगली कहानी में बताऊँगी कि मैं घर कैसे पहुँची और मेरे साथ क्या क्या हुआ, कितने लोगों ने मेरी चुदाई की और कितने लोगों ने नयन सुख लिए।
आज के लिए इतना ही!
अब मैं आप लोगों से आग्रह करती हूँ कि मेरी चुची को छोड़ दें, अब मैं घर जाऊँगी।
यह क्या… आप लोगों को मैंने मना किया था ना कि कोई दांत से नहीं काटेगा। पर आप लोग मेरी एक बात भी नहीं मानते, मेरी पूरी चुची पर इतने दाँत के निशान दे दिए।
और मैं बोली थी कि मेरे बेटे को भी थोड़ा दूध पीने दीजियेगा पर आप लोग तो खुद ही सारा दूध पी गए। अब मैं अपने बेटे को क्या पिलाऊँगी और अपने पति को क्या बोलूंगी कि ये इतने सारे निशान कहाँ से आये?
अगर आप लोगों को कहानी पसंद आई हो तो मुझे कमेन्ट करके जरूर बताएँ।
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