non veg kahani व्यभिचारी नारियाँ
05-06-2019, 11:40 AM,
#28
RE: non veg kahani व्यभिचारी नारियाँ
शाजिया गधे के थुथन के सहारे हिलने-डुलने लगी। शाजिया का सुडौल बदन पूरा काँप रहा था


और वो आनंद और उत्तेजना से कराह रही थी। उसके चुत्तड़ गोल-गोल घूम रहे थे और म उसकी कमर आगे-पीछे हो रही थी। चूत को फैला कर खोलने के लिए शाजिया को अब
अपने हाथों की जरूरत नहीं थी। वो अब उस गधे का सिर पकड़ कर अपनी टाँगों के बीच में दबा रही थी। गधे को भी अब और प्रोत्साहन की जरूरत नहीं थी। वो भी पूरे । आवेश से शाजिया की चूत में चर रहा था।


गधा इतना भी मुर्ख नहीं था और जल्दी ही सीख गया। स्थिति से डरे बगैर, वो शाजिया की चूत में अपनी जीभ ऊपर-नीचे चोद रहा था। चोदने में उसकी जीभ किसी भी मानव लंड से कम नहीं थी।
"
गधे के सिर को अपने हाथों में थामे हुए शाजिया अपनी चूत उस पर रगड़ रही थी। हलांकि शाजिया हाई-हील के सैंडल पहने हुए थी, पर फिर भी वो अपने पैरों के पंजे और मोड़ कर
ऊपर उठी और फिर वापस झुक गयी। गधे का सिर भी उसके साथ ऊपर-नीचे हुआ। जब । । शाजिया की जाँघों पर उसका चूत रस बहने लगा तो गधे ने सिर झुका कर चूत-रस की धार को मुंह में सुड़क लिया, और फिर ऊपर उठा कर चूत के बाहर लगी मलाई को चाटने लगा।


शाजिया ने खुद को और आगे ढकेल दिया जैसे कि वो गधे का पूरा सिर अपनी चूत में लेने । की कोशिश कर रही हो। गधे की जीभ के किनारों से शाजिया के चूत-रस के मोतियों की लढू लटकी हुई थीं। शाजिया फिर अपने पंजे मोड़ कर ऊची उठी। गधे का थुथन उसकी चूत पर फिसला और उसकी लंबी जीभ शाजिया के चूतड़ों की दरार में लिपट गयी। शाजिया के गाँड के छिद्र से चूत तक सुड़कती हुई गधे की जीभ धीरे से वापस खिसकी।


गधे का भूरा थुथन शाजिया की चूत की मलाई से भीगा हुआ था और उसकी जीभ भी उस स्वादिष्ट द्रव्य से तरबतर थी। वो भी शाजिया की चूत में राल बहा रहा था। उसका थूक बुदबुदा कर निकलता हुआ शाजिया की चूत की मलाई में मिश्रित हो रहा था जिससे शाजिया की चूत और जाँचें दलदल में परिवर्तित हो गयी थीं।।
-
शाजिया ने अपने हाथ नीचे, गधे के जबड़े के पास ले जाकर उसकी जीभ अपनी अंगुलियों | में पकड़ ली और उसकी जीभ को इस तरह अपनी क्लिट पर रगड़ने लगी जैसे कि वो वायब्रेटर से चुदाई कर रही हो परंतु किसी भी प्लास्टिक के वायब्रेटर से उसे इतना मज़ा


नहीं मिला था। वो जानती थी कि इस समय गधे के साथ जो वो कर रही है वो समाज - के लिए विकृति है पर यह एहसास ही उसकी उत्तेजना और रोमांच को बढ़ा रहा था।
शाजिया ने गधे की जीभ अपनी चूत में भर ली। शाजिया की चूत ने उस जीभ को चारों तरफ से झटक लिया और चूत की दीवारें जीभ को चूसती और अंदर खींचती हुई उस पर चिपकने लगी। गधे की जीभ भी सरकती और फिसलती हुई शाजिया की चूत के अंदर धड़कने लगी। गधे ने जीभ और अंदर ठेल दी और फिर धीरे से वापस खींच कर शाजिया की क्लिट पर सुड़कने लगा।


शाजिया ने अब झड़ना शुरू कर दिया। शाजिया को ऐसा लग रहा था जैसे कामोत्कर्ष का चरम आनंद उसकी ऐड़ियों से शुरू होकर उसकी काँपती टाँगों से ऊपर बहता हुआ चूत में अकर फूटेगा। शाजिया की क्लिट में विस्फोट हुआ और उसकी चूत पिघल उठी। शाजिया की चूत से चूत-रस की गर्म मलाई बाहर बहने लगी तो शाजिया गधे के थुथन पर जोर-जोर से झटकने और अपनी चूत पीटने लगी।


जब शाजिया का तीखा और पिघले मोतियों जैसा गाढ़ा और गर्म चूत-रस गधे की स्वादग्रंथियों पर बहने लगा तो गधे की जीभ पागलों की तरह उसे सुड़कने लगी और गधा जोर से रेंकने लगा। शाजिया की गाँड और चूतड़ आगे-पीछे हिलने लगे और गधे की जीभ चूत के अंदर फावड़े की तरह खोदती हुई जल्दी-जल्दी चूत-रस पीने की चेष्टा करने लगी।

|


शाजिया का बदन ऐंठ कर झनझनाने लगा और वो आनंद से चीखने लगी। वो झटकने, काँपने और लड़खड़ाने लगी और जोश से उसे चकर आने लगा। उसे अपनी टाँगें नरम होती महसूस हुईं और उसकी सारी शक्ति चरमानंद की गर्मी में पिघलने लगी। शाजिया अपने उत्कर्ष पर वहाँ चिपकी हुई मीठे स्वर्गसुख की खाई के ऊपर झूल रही थी। गधे की जीभ ने चाटना जारी रखा और शाजिया के अंदर आनंद की एक और तरंग छेड़ते हुए गधा चूतरस का पान कर रहा था।


झनझनाते हुए आखिरी झटके के साथ शाजिया फिर जोर से चीखी और फिर अस्थिर कदमों से पीछे हट गयी। गधे ने अपना सिर शाजिया के साथ-साथ पीछे ढकेला और आखिरी बार | सुड़कते हुए अपनी जीभ उसकी चूत पर फिरायी। शाजिया में खड़े रहने की शक्ति नहीं बची थी इसलिए वो अपने घुटने जमीन पर टिका कर बैठ गयी। अधखुली आंखों से शाजिया ने गधे पर दृष्टि डाली - उसकी जीभ से जो अदभुत रोमाँच और आनंद शाजिया को मिला था, उसके लिए कृतज्ञता भरी दृष्टि थी। शाजिया ने देखा कि गधे का जबड़ा और थुथन उसके चूत-रस से दमक रहा था।


गधे ने भी शाजिया को निहारा। गधे के भाव आशापूर्ण थे। शाजिया की चूचियाँ ऊपर-नीचे उठ रही थीं और वो अपनी साँसों पर नियंत्रण पाने की कोशिश कर रही थी। गधा भी हाँफ सा रहा था। गधे के चेहरे के भाव बदले और उसकी बड़ी आँखों पर उसकी पलकें झुक गयी और वो उदास दिखने लग। शाजिया ने ऐसे ही सोचा कि शायद गधा उसके पीछे हट जाने से उदास है। क्या उसकी अतृप्य जीभ उसकी चूत को और चाटना चाहती थी। शाजिया ने झुक कर अपनी टाँगों के बीच में देखा। उसकी चूत और जाँचें गधे के थूक से सराबोर थीं।
Reply


Messages In This Thread
RE: non veg kahani व्यभिचारी नारियाँ - by sexstories - 05-06-2019, 11:40 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,518,809 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 546,301 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,239,477 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 937,100 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,663,814 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,089,817 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,965,738 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,103,483 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,050,904 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 286,559 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)