RE: vasna story मेरी बहु की मस्त जवानी
आज मुझे अपनी ही बहु के मुह पे मूठ मार कर बहुत सटिस्फैक्शन मिला। बहु ने अपना मुह पोंछा और बोली।।
सरोज - बाबूजी।। आपने तो मेरा पूरा मुँह गन्दा कर दिए कितना सारा मूठ निकला है आपका?
मै - हाँ बहु।। तुम्हारी जैसी बहु हो तो किस ससुर का मुठ नहीं निकलेंगा।
सरोज - मुस्कराते हुवे बोली।। आपको बहु पसंद है न? लेकिन प्लीज वादा कीजिये आज के बाद आप ऐसा नहीं करेंगे।
मै - बहु को आँख मारते हुए।। ठीक है बहु।। लेकिन अगर बहु का मन करे तो?
सरोज - (हँसते हुए।। ) नहीं होगा बहु कंट्रोल कर लेगी।
बहु के मुह पे अपना मूठ निकाल के मुझे काफी सटिस्फैक्शन हुआ, मैं रिलैक्स होने के बाद वहीँ बहु के बगल में सो गया। बहु भी अपना मुह पोंछ अपनी पेटीकोट पहन मेरे बगल में लेट गई।
सूबह जब मेरी नींद खुली तो बहु कमरे में नहीं थी, शायद वो किचन में काम कर रही थी। मैं हाथ मुह धोकर कमरे से बहार आया, हमेशा की तरह बहार हॉल में शमशेर न्यूज़पेपर पढने के बहाने मेरी बहु की जिस्म के नुमाईश का जायजा ले रहा था।
मै - गुड मॉर्निंग शमशेर आज सुबह-सुबह उठ गया तु।।
शमशेर - गुड मॉर्निंग हाँ देसाई, कल रात जल्द ही सो गया था इसलिए जल्दी उठ गया।
मै - कैसी रही नींद?
शमशेर - अच्छी।।। तेरी बहु सरोज को याद कर थोड़ी देर जागा रहा रात में फिर अपनी पिचकारी से तेरी बहु के नाम की सफ़ेद पानी निकाल कर सो गया।
मै- साला तु नहीं सुधरेगा
शमशेर - क्या करूँ मेरी किस्मत तेरी तरह तो नहीं न की बहु के कमरे में सो सकूँ। लेकिन देसाई जी नुक़्सान भी है आप बहु के कमरे में सोते हो तो आप चाह के भी मुठ नहीं मार सकते है न?
मै- चुपकर।। (मैं सोचता हुआ की शमशेर तुझे क्या मालूम मैंने कल रात सिर्फ मुठ ही नहीं मारी बल्कि बहु के मुह पे गिराया भी वो भी बहु के मर्ज़ी से।। )
मै - हाँ शमशेर, ये प्रॉब्लम तो है
शमशेर - देसाई आज सुबह से मैं यहाँ बाहर बैठा हूँ लेकिन बहु पास नहीं आयी मेरे वहीँ किचेन में काम कर रही है, बड़ा मन हो रहा है उसकी डीप नाभि और मोटी मोटी गांड देखने का।
मै - चुप हो जा, बहु ने सुन लिया तो क्या सोचेगी।
मै - चलो अब हमलोग मॉर्निंग वाक के लिए चलते हैं मैं बहु को भी बुलाता हू।
मै - बहुउउउ।।।।।
सरोज - जे बाबूजी आयी।।
सरोज पहले से ही एक पिंक कलर का मिड ड्रेस पहनी हुई थी, उसकी गोरी और मोटी जाँघें सुबह-सुबह हमे पागल बना रही थी।।
सरोज - बाबूजी मैं तैयार हूँ चलिये
सरोज, शमशेर और मैं मॉर्निंग वाक के लिए निकल पडे। शमशेर और बहु मेरे आगे-आगे चल रहे थे और मैं पीछे बहु के गांड पे नज़र गड़ाए चल रहा था। मैं सोच रहा था की कल रात जो भी हआ, उसके बावजूद बहु कितने आराम से बातें कर रही है जैसे मानो कुछ हुआ ही न हो। क्या ये मेरी बहु है जिसके मुह पे कल रात मैं अपना लंड का पानी निकला था। क्या मेरे बेटे ने कभी भी मेरी बहु के मुह में अपना पानी छोड़ा होगा? मेरे अंदर काफी सारे सवाल आ रहे थे मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था की मैं अपनी बहु के साथ इतना कुछ कर सकूँगा वो भी इतनी जल्दी।
बीते रात की बात सोच मेरा लंड खड़ा हो गया और मैं जैसे तैसे वाक पूरा कर घर आ गया।
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