RE: vasna story मेरी बहु की मस्त जवानी
दोपहर १ ओ कलॉक हम तीनो डाइनिंग टेबल पे बैठ कर लंच कर रहे थे। मेरे बगल में बहु वाइट कलर सलवार सूट पहन के बैठी थे और मेरे ठीक सामने दूसरी तरफ शमशेर।
हम सब कुछ-कुछ बातें कर रहे थे, मैंने बातो ही बातों में अपना एक हाथ बहु के जाँघो पे रख दिया। बहु ने तुरंत मेरा हाथ हटा दिया मैं फिर से बहु के जाँघ पे हाथ रख दिया और सहलाने लगा। इस बार बहु चुपचाप थी और अपनी नज़र झुकाये लंच करती रही।
मै - बहु जरा रोटी देना एक और।। (ऐसा कहते हुये मैंने अपना हाथ बहु के बुर के पास ले गया और जोर से दबा दिया )
सरोज - ये लिजीये बाबू जी।। (बहु ने एक नज़र शमशेर को देखा)
मै - *डबल मीनिंग में* वह बहु।।। तुम्हारी रोटी कितनी गरम और फूली हुई है।। (मैं बहु की बुर वाइट सलवार के ऊपर से सहलाते हुये कहा।)
बहु मेरा इशारा समझ रही थी की मैं रोटी की नहीं उसकी फूलि हुई और गरम बुर की बात कर रहा हू।
सरोज - हाँ बाबूजी बहुत गरम है।।
शमशेर - हाँ बहु तुम रोटी बहुत अच्छी बनाती हो। लेकिन बहु तुम इतना घी क्यों लगाती हो रोटी में।
मै - *डबल मीनिंग* शमशेर, बहु की रोटी का घी ही तो टेस्टी है। मुझे तो बहु की रोटी से निकलता हुआ घी बहुत पसंद है। बहु के रोटी में जितना घी उतना मजा।।
मै - (एक हाथ से रोटी को उठाते हुए।। ) देखो बहु कितना सारा घी निकल रहा है।। (ऐसा कहते हए मैंने बहु के बुर के बीच अपनी ऊँगली घुसा दी।।) क्यों बहु घी निकल रहा है ??
सरोज - हाँ बाबूजी, बहुत ज्यादा घी निकल रहा है मेरी रोटी से।। अब खा भी लीजिये।।देखिये न
आपकी पूरी ऊँगली भींग गई मेरे घी से।
मै - (अपनी ऊँगली चाटते हुये।) बहु तुम तो जानती हो मुझे चाटना अच्छा लगता है। (इस बार मैंने अपना दूसरा हाथ बहु के बुर से हटा कर अपने जीभ से चाट लिया)
शमशेर - (हँसते हुए।।) देसाई, तुम्हारे इस हाथ में घी लगा है और तुम दुसरा हाथ चाट रहे हो ??
मै - अरे शमशेर, तुम नहीं जानते इस हाथ में भी बहु की रोटी का घी लगा है, इसकि स्मेल भी अच्छी है और चाटने में स्वाद भी।
इतना सब डबल मिनिंग बात कर मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो चूका था, मैंने बेशरमी से टेबल के नीचे बहु के सामने ही अपना लंड बहार निकाल लिया और रब करने लगा।
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