RE: vasna story जंगल की देवी या खूबसूरत डक�...
प्राण अपने घर की खमोशी को महसूस कर रहा था,हाथो में जाम लिए वो परेशान दिख रहा था,कालिया से खेल खेलने की सजा में उसे अपने बीवी और भाई को खोना पड़ा था,दोनो ही अभी हॉस्पिटल में थे और जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे थे,परमिंदर उसकी खामोशी को समझ सकता था ,लेकिन वो कह कुछ भी नही सकता था,शायद ये सभी उसकी ही गलती के कारण हुआ था,वो सर झुकाए बाहर जा रहा था की प्राण ने उसे रोक लिया…
“परमिंदर यार ये क्या हो गया ...इतनी दौलत शोहरत अब किस काम की जब घर में कोई अपना ही नही …”
दरवाजे पर खड़ा प्राण के पहली बीवी का बेटा रणधीर सब सुन रहा था प्राण ने उसे देखा और अपने पास बुलाया ...उसके सर पर हाथ फेरा ,
“पापा माँ कहा है “
वो अभी बहुत छोटा था की इन सभी चीजों को समझ सके लेकिन उसकी माँ के गुजर जाने के बाद से पूनम उसे बहुत प्यार देती थी ,बच्चा छोटा था लेकिन प्यार को तो समझ ही सकता था,प्राण नही चाहता था की उस पर पूनम का साया ज्यादा पड़े क्योकि वो उसे भी अपनी तरह बनाना चाहता था लेकिन फिर भी आज उसकी बात सुनकर प्राण का दिल कचोट गया…
“वो कही गई है आ जाएगी जाओ तुम अपने कमरे में “
उसके जाते ही प्राण ने एक और पेग बनाया ...और गहरी सांस ली ..
“मैं उस औरत को कभी माफ नही करूंगा ...चाहे तुम कुछ भी कहो ना ही अपने भाई को ...लेकिन उस औरत को अपने पास जरूर रखूंगा ,ताकि कालिया की सारी जिंदगी उसे मेरे कैद से छुड़ाने में निकल जाए ..”
उसने एक ही बार में अपना पूरा पेग खत्म कर दिया ……
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विक्रांत और पूनम की हालत में बहुत सूधार आ चुका था ,प्राण ने विक्रांत को कह दिया था की तू कनक से इस शर्त पर शादी कर सकता है की तुझे हवेली और जायजाद दोनो को छोड़ना होगा …
विक्रांत पड़ा लिखा था और अपने दम में कनक को पाल सकता था उसने हामी भर दी ,वही पूनम के पेट में गोली लगने से उसका गर्भाशय भी क्षति ग्रस्त हो चुका था,डॉ ने कह दिया था की वो कभी माँ नही बन पाएगी ,प्राण को ना जाने क्यो लेकिन ये सुनकर बेहद खुसी हुई ,क्योकि वो जानता था की पूनम के गर्भ में कालिया का बीज है …
दोनो के हॉस्पिटल से छूटने के बाद विक्रांत कनक से शादी कर हवेली छोड़कर शहर चला जाता है वही पूनम को प्राण अपने साथ ले आता है,पूनम एक जिंदा लाश सी हो गई थी,कालिया ने उससे मिलने की और उसे छुड़ाने की बहुत कोशिस की लेकिन सभी असफल रही …
ठाकुर और डाकुओं के बीच की जंग वैसे ही चल रही थी ,और ठाकुर को एक खबर मिली …
कालिया बाप बन गया है ,मानो ठाकुर के आंखों में चमक आ गई ,
वो अभी पूनम के कमरे में था …
“तुम्हे कालिया का बच्चा चाहिए था ना “
पूनम जैसे सपने से जागी ...वो आंखे फाड़ कर ठाकुर को देख रही थी ,
“सुना ही उसे जुड़वा लडकिया हुई है,उसकी बीवी और बहन को तो मैं अपनी रांड नही बना पाया लेकिन उसकी बेटियों को जरूर बनाऊंगा …”
ठाकुर की भद्दी हँसी से पूनम के प्राण कांप गए …
ठाकुर जा चुका था,कालिया को पिता बने लगभग 6 महीने हो चुके थे कालिया ने दोनो बेटियों का नामकरण किया चम्पा और मोंगरा ,ठाकुर के लोग दोनो पर नजर रखे हुए थे और एक दिन आया जब वो मोंगरा को कालिया के पहरे से चुराने में कामियाब रहे ,ठाकुर ने मोंगरा को लाकर पूनम की झोली में डाल दिया …
कालिया बौखलाया बहुत खून भी बहा लेकिन आखिर उसे हार का सामना ही करना पड़ा,ठाकुर अपनी जायजाद का काफी हिस्सा हवेली की सुरक्षा पर खर्च कर रहा था,उसने हवेली को और अपनी सुरक्षा को अभेद्य बना दिया था,पुलिस और राजनीति में उसके ही लोग थे ,वो दिन ब दिन ताकतवर हो रहा था ,नए नए हथियार और टेक्नालॉजी के इस्तेमाल के कारण वो कलिया जैसे डाकुओं के गिरोहों के पहुच से बहुत बाहर था ,हा वो कालिया को मरना चाहता था लेकिन उसमे उसे भी कुछ कामयाबी हासिल नही हो रही थी,लेकिन कालिया जंहा जंगल का बादशाह था वही जंगल के बाहर ठाकुर का राज था……..
पूनम ने मोंगरा को बेहद प्यार दिया ,लेकिन वो जानती थी की ठाकुर उसे किस लिए बड़ी कर रहा है ,वो उसे या तो अपने बेटे की रांड बना देगा या फिर उसे अपने ही पिता के खिलाफ इस्तेमाल करेगा…
लेकिन पूनम को एक उम्मीद सी दिखी वो था बलवीर का मोंगरा के प्रति प्रेम …
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