RE: Hindi kahani कच्ची कली कचनार की
मे: अर्रे इतना प्यारा लगा मेरा लंड..निकाल अब..
अनुराधा: अया....हाँ..बहुत अच्छा हैं लंड तुम्हारा..
मे: अगर पसंद आ गया है तो इसका हमेशा ख़याल रखेगी.. जहाँ मैं इसे डालु ले लेगी?
अनुराधा: हाँ भैया...मैं हमेशा करूगी. और तुम भी मेरी चूत चूसना..बहोत अच्छा लगा भैया
मे: सिर्फ़ मैं चूसूगा ही नही चोदुगा भी. मगर फिर कभी. जब तेरी झान्ट आने लगेगी.
अनुराधा: मतलब..?
मे: ये जो मेरे लंड पे बाल हैं ना उनको झान्ट कहते हैं.
अनुराधा: और इन्हे उसने मेरे आंडो पर उंगली रख कर कहा ?
मे: इन्हे बाल्स या आँड कहते हैं..खेल उनसे मगर धीरे से..
वो मेरे बाल्स से खेलने लगी...
अनुराधा: सॉफ्ट हैं बहोत.
मे: ह्म्म्म्....अब वो तेरे हैं..जब चाहे तू मेरे लंड से खेल सकती हैं..मगर ये सिर्फ़ हमारा सीक्रेट होना चाहिए. किसी को मत बताना.. तेरी रंडी माँ को भी नही
अनुराधा: हाँ ठीक हैं..मगर मुझे झान्ट नही आएगी ./..
मे: क्यू? सबको आती हैं
अनुराधा: मुझे नही पसंद
मे: तो शेव कर लेना..
अनुराधा: तुम क्यू नही करते?
मे: तू कर देगी..
अनुराधा: हाँ भैया..
मे: अभी नही..मैं थक गया हूँ.. चल नहा लेते हैं
फिर हम ने बाथ किया, उस दौरान फिर एक बार ओरल सेक्स किया. अनुराधा अब बहोत ज़्यादा एग्ज़ाइट होने लगी.. जैसा कहता वैसा बेहिचक करती थी. फिर हम नंगे ही टीवी देखने लगे. उस दिन वो मेरे साथ सिर्फ़ 3 घंटे थी मगर उस दौरान 4 बार हम ने ओरल सेक्स किया. मुझे याद हैं वो नीचे बैठ जाती थी और मेरे लंड को लॉलीपोप जैसा चूसने लगती थी.
लास्ट टाइम सेक्स के बाद मैं बेड पे लेटा था और वो मेरे उपर थी. मैने उसे सीधा किया और उसे किस करने लगा. हम दोनों एक पॅशनेट किस करने लगे. मैं उसकी गान्ड मसल्ने लगा,कभी उसके निपल्स को मसलता. उसकी चेस्ट पूरी फोर्स से दबाता तो वो तड़प उठती. हम बेतहाशा एक दूसरे को चूमने लगे.
मे: अनुराधा?
अनुराधा: ह्म??
मे: आइ लव यू.
अनुराधा:आइ लव यू भैया..
कहने को सिर्फ़ ##-## साल की थी मगर उसका जिस्म बहोत ही कमाल का था. मोटी होने के कारण जिस्म बिल्कुल सॉफ्ट था. मैने उसके जिस्म के हर अंग को चाटा. उसकी गान्ड,उसके निपल्स,थाइस,चूत. आख़िर मे तो उसकी चूत बिल्कुल रेड हो गयी थी और मेरा लंड भी थक गया था.
मे: अनुराधा,,एक प्रॉमिस करेगी?
अनुराधा: क्या?
मे: तू ज़िंदगी भर मेरी रांड़ बनके रहेगी?
अनुराधा: मतलब?
मे: मतलब,मैं जब चाहू तुझे चोद सकूँ,चूस सकूँ. मैं जो कहूँ तू मानेगी हमेशा?
अनुराधा: हाँ भैया..मैं बनूँगी तुम्हारी रांड़. हर काम करूगी.
मे: प्रॉमिस? क्यूकी अगर तूने नाटक किया तो अगली बार तेरी गान्ड मे पूरा हाथ डाल दुगा..
अनुराधा: नही भैया..ऐसा मत करना..मैं तुम्हारा कहा मानूँगी. प्रॉमिस!!
मे: और ये बात कभी तेरी रांड़ माँ को मत बताना नही तेरी कल्याणी को.!
अनुराधा: मम्मी को क्यू रांड़ कह रहे हो? मम्मी भी चूस्ति क्या लंड?
मे: हाँ,,मगर मेरा नही..दूसरो का. वो सब जाने दे..बस मत बताना.
अनुराधा: हाँ भैया... तुम जो कहो.
मे: और तू कभी किसी और का लंड नही चूसेगी..सिर्फ़ मेरा..
अनुराधा: ठीक हैं भाई...अब मैं थक गयी हू..गोदी??
मे: आजा
मैने उसे अपनी बाहो मे ले लिया और हम लेट गये. नंगे!! उसने अपनी टाँगे मेरी कमर के अराउंड लपेट ली. उसकी सॉफ्ट गान्ड मेरे लंड को टच करने लगी तो मेरा फिर खड़ा हो गया. उसे भी महसूस हुआ. वो मेरी आखो मे देखने लगी. मैने उसे किस किया और बाहो मे लपेट लिया. फिर हम ने कपड़े पहने और उसे घर छोड़ने गया.
मैं घर आ गया और फिर एक बार मूठ मारी और सो गया. मैं बहोत खुश था. मुझे एक सेक्स डॉल मिल गयी थी और मैं जानता था कि वो एक दिन सेक्स क्वीन बनेगी और वो मेरी होगी. नेक्स्ट डे जब वो स्कूल से घर आई तो मैं आलरेडी उसका वेट कर रहा था. मुझे देख कर उसकी आखे चमक गयी. मगर उसे याद था हमारा सीक्रेट तो कुछ नही बोली. मैं फिरसे उसे घर ले जाने का ट्राइ करने लगा. मगर उसकी माँ बीच मे आ गयी. बोली खाना नही खाई..चेंज तो कर ले...एट्सेटरा एट्सेटरा.. मुझे बहोत गुस्सा आया. मगर मैं जानता था कि जब तक ये राड नही मानेगी मैं मेरी डॉल को नही लेजा पाउन्गा.
मे: चाची,तुम इसके खाने पीने का क्यू इतना सोचती हो?? वैसे भी तो कितनी मोटी हैं यह..
अनुराधा: चुप करो भैया..!!
मे: घर पे खाना हैं चाची..और मैने भी नही खाया अभी तक.
चाची: तो यही ख़ालो..
मे: हम दोनो घर पे ही खाना खा लेगे..
और इससे पहले वो कुछ कहती मैने अनुराधा को बाइक पे बिठाया और हम भाग निकले..जाते जाते बोली कि मानसी आई तो उसे भी भेज दुगी...मैने सोचा टाइम लिमिटेड हैं..वो आ गयी तो कुछ नही होगा. हम मेरे घर मे आ गये. पेरेंट्स आज आउट ऑफ स्टेशन गये थे और नेक्स्ट मॉर्निंग आने वाले थे तो मैं तो फ्री था मगर कल्याणी आ गई तो प्राब्लम हो जाती. मैने वो सब सोचने मे ज़्यादा टाइम नही वेस्ट किया. जैसे ही मैने घर लॉक किया अनुराधा को बाहों मे उठाया और सीधा बेडरूम मे ले आया. वो नाटक करने लग गयी. बहाने बनाने लग गयी. उसने स्कूल ड्रेस पहना थी. स्कर्ट्स!!! माइ फेव!..
अनुराधा: आज मूड नही है भैया...
मे: नखरे मत कर रांडी...
अनुराधा: ना... और मुझे छेड़ कर भागने लगी..
मे: ओह्ह..तो लगता हैं ज़बरदस्ती करनी ही होगी.
वो हंस पड़ी. मैने उसे पकड़ा और सीधा बेड पे उल्टा पटक दिया..
अनुराधा: अऔच...भैया धीरे..
मे: तो काम शुरू कर..
अनुराधा: मुझे भूक लगी हैं..
मे: हम तो मेरा लंड हैं ना..जितना चाहे चूस.. थोड़ी देर बाद उसमे से दूध तो निकलेगा ही..
अनुराधा: नही भैया मुझे कुछ खाना खाना हैं..
मे: चुप कर..तू मेरी रांड़ हैं..मैं जो कहूँ तू करेगी..प्रॉमिस याद हैं ना??
अनुराधा: हाँ भैया याद हैं...मगर कुछ खा लूँ तो सब करूगी..
मे: ह्म्म्म ....चल नंगी हो..
अनुराधा: अभी?? पहले खाना खाने दो ना..प्लीज़ भैया..
मे: हाँ खाले ना जो खाना हैं..पहले जैसा कहता हू वैसा कर..नंगी हो..
अनुराधा: ठीक हैं..
मे: रुक..रहने दे...
अनुराधा: क्यू? क्या हुआ भैया??
मे: मैं खुद तुझे नंगा करूगा..
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