RE: Kamvasna मजा पहली होली का, ससुराल में
अरे किस के दूध की बात कर रही है, इस की पंच भतारी, छिनाल, रंडी हराम चोदी, मां, मेरी समधन की. उस का दूध तो इस के मामा ने, इस के मां के यारो ने चूस के सारा । निकाल दिया. एक चूची इसको चूसवाती थी, दूसरे इसके असली बाप इसके मामा के मुंह में, देती थी."
सास ने गालीयों के साथ मुझे चैलेंज किया. मैं क्यो रुकती. पहले तो लाल रंग मैने उनके गालों, मुंह पे लगाया. उनका आंचल ढलक गया था ब्लाउज से छलकते बडे बडे, स्तन.
मुझसे नहीं रहा गया, होली का मौका, कुछ भांग और उस शर्बत का असर, मैने ब्लाउज के अंदर हाथ डाल दिया. वो क्यों रुकती. उन्होंने जो मेरे ब्लाउज को पकड के कस के खिंचा तो आधे हुक टूट गये.मैने भी कस कस के उनके स्तनों पे रंग लगाना, मसलना शुरू कर दिया. क्या जोबन थे, इस उमर में भी एक्दम कडे टनक, गोरे और खूब बडे कम से कम ३८डी डी रहे होंगे.
मेरी जेठानी बोली, अरे जरा कस के लगाओ, यही दूध पीके मेरा देवर इतना ताकत वर हो गया है की...रंग लगाते दबाते मैने भी बोला,
• मेरी मम्मी के बारे में कह रही थी ना, मुझे तो लगता है की आप अभी भी दबवाती चुसवाती हैं. मुझे तो लगता है सिर्फ बचपन में ही नहीं जवानी में भी वो इस दूध को पीते चूसते रहे हैं. क्यों है ना. मुझ ये शक तो पहले से था की उन्होंने अपनी बहनों के साथ अच्छी ट्रेनिंग की है लेकिन आपके साथ भी...”
मेरी बात काट के जेठानी बोली, “ तू क्या कहना चाहती है की मेरा देवर...”
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