RE: Kamvasna मजा पहली होली का, ससुराल में
मैं जेठानी के साथ बैठी देख रही थी अपनी छोटी ननद की हालत जो. लेकिन मेरा मन कर रहा था की काश मैं ही चली जाती उसकी जगह. इतने सारे मरद कम से कम,सुबह से इतनी चुदवासी लग रही थी ...सोचा था गांव में बहोत खुल के होली होती है और नयी बहू को तो सारे सारे मर्द कस कस के रगड़ते हैं लेकिन,यहां तो एक भी लंड ...इस समय कोयी भी मिल जाता तो चुदवाने को कौन कहे मैं ही उसे पटक के चोद देती. दारू के चक्कर में जो थोडी बहोत झिझक थी वो भी खतम हो गयी थी.
तब तक एक किशोर,...चेहरा रंग से अच्छी तरह पुता ...और साथ में मेरी बड़ी ननद. वो हंस के मुझसे बोलीं,
* हे ये तेरा छोटा देवर है. जरा शर्मीला है लेकिन कस के रंग लगाना.” फिर क्या था.
" अरे शर्म क्या मैं इसका सब कुछ छुडा टुंगी बस देखते रहिये और मैने उसे कस के पकड लिया. वो बेचारा कु कू करता रहा लेकिन मेरी ननद और जेठानी इतने जोर जोर से मुझे ललकार रही थीं की मुझे कुछ सुनाइ नहीं पड़ रहा था. उसके चेहरे पे मैने कस के रंग लगाया,
मुलायम गाल रगडे.
” हे भाभी रंग देवर के साथ खेल रहीं हैं या उसके कपड़ों के साथ अरे देवर भाभई की होली है कस के ...” जेठानी ने चढाया, अरे फाड दे कपडे इस के पहले कपडे फाड फिर इस की गांड” फिर क्या था मैने पहले तो कुर्ता खींच के फाड़ दिया. जेठानी ने उसके दोनो हाथ पकडे तो मैने पाजामे का नाडा भी खोल दिया अब वो सिर्फ चडडी में.
ननद ने भी। उसके साथ मिल के मेरी साडी खींछ दी और ब्लाउज भी फाड़ दिया. अब एक दम फ्री फार आल हो गया था. चडडी उसकी तनी हुयी थी. एक झटके में मैने वो भी नीचे खींच दिया और उसका ६ इंच का तन्नाया लंड बाहर. शर्मा के उसने उसे छिपाने की कोशिस की लेकिन तब तक उसे गिरा के मैं चड़ चुकी थी और दोनो हाथों में कालिख लगा के उसके गोरे लंड को कस कस के मुठिया रही थी. तब तक मेरी ननद ने मेरे भी वही हालत कर दी और कहा भाभी अगर हिम्मत है तो इसके लंड को अंदर ले के होली खेलीये. मैं तो चुदवासी थी थोडी देर चूत मैने उसके लंड के उपर रगदी और एक झटके में अंदर...
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