RE: Kamvasna मजा पहली होली का, ससुराल में
* चोद साले चोद, अरे गुडीया के यार, बहन के भंडुये, देखती हूं उस साल्ली मेरी छिनाल ननद एन क्या कया सिखाया, उस चूत मरानो के खसम, तेरी बहन की बुर में...गदहे का लंड जाय” वो ताव में आके और कस कस के चोद रहा था. हम दोनों जब झडे तो मैने देखा की बगल में उसके दोनो दोस्त, “ भौजी हम भी...”
मैं कौन होती थी मना करने वाली, लेकिन उन दोनो ने मैने जो सुना था की गांव में कीचड़ की होली होती है, उसका मजा दे दिया. बगल में एक गड्ढे में कीचड था वहां से लाके कीचड पोता मुझे. मैं क्यों छोडती अपने देवरों को. मैने भी कुछ अपने बदन का कीचड रगड के उनकी देह पे लगाया, कुछ उनके हाथ से छीन के. फिर उन सबने मिल के मेरी डोली बना के कीचड में ही ले जा के पटक दिया. एक साथ मुझे मड रेस्लिंग का भी मजा मिला और चुदाइ का.
थोड़ी देर वो उपर था और फिर मैं उपर हो गयी और खूद उसे कीचड में गिरा गिरा के रगड़ के चोदा. बस गनीमत थी की उनके दिमाग में मुझे सैंडविच बनाने की आईडिया नहीं आयी इस लिये मेरी गांड बच गयी. उन सब से निपटने के बाद मैने साडी ब्लाउज फिर से पहना और खेत से बाहर निकली.
मैं घर की ओर मुड़ रही ही थी की कुछ का झुंड मिल गया. वो मुझे ले के चंपा भाभी के घर पहुंची जहां गांव भर की औरतें इक्ट्ठा होतीं थी और होली का जम के हुडदंग होता था. क्या हंगामा था. मेरे साथ जो औरतें पहुंची पहले तो बाकी सब ने मिल के उन के कपडेफाडे. मेरे साथ गनीमत ये थी की चंपा भाभी ने मुझे अपने आसरे ले लिया था और मेरे आने से वो बहोत खुश थीं. एक से एक गंदे गाने, कबीर जोगीडा...जो अब तक मैं सोचती सिर्फ आदमी ही गाते हैं, एक ने मुझे पकड़ा और गाने लगी
दिन में निकले सूरज और रात में निकले चंदा..
अरे हमरे यार ने... किसकी पकड़ी चूची और किसको चोदा.
.अरे हमरे यार ने..
भाभी की चूची पकडी ओ संगीता को चोदा..अरे कबीरा..सा...रा..रा..
चंपा भाभी ने सब को भांग मिली ठंडाई पिलाई थी इस लिये सब की सब खूब नशे में थीं. उन्होने कन्डोम में गुलाल भर भर के ढेर सारे डिल्डो भी बना रखे थे और चार पांच मुझे। भी दिये. तब तक एक ननद ने मुझे पीछे से पकडा,( वो भी शादी शुदा थी और जो स्थान भाभीयों में चंपा भाभी का था वही ननदों में उनका था). मुझे पकड के पटकते हुए वो । बोलीं, चल देख तुझे बताती हूँ होली की चुदाइ कैसे होती है. उनके हाथ में एक खूब लंबा और मोटा, निरोध में मोमबत्ती डाल के बनाया हुआ डिल्डो था.
तब तक चंपा भाभी ने मुझे इशारा किया और मैंने उन्हे उल्टे पटक दिया. उधर चंपा भाभी ने उनके हाथ से डिल्डो छीन के मुझे थमा दिया, और बोलीं, लगता है नन्दोइ अब ठंडे पड गये हैं जो तुम्हे इससे काम चलाना पड़ रहा है. अरे ननद रानी हम लोगों से मजे ले लो ना, फिर मुझे इशारा किया की जरा ननद रानी को मजा तो चखा दे.
मैं सिक्स्टी नाइन की पोज में उनके उपर चड गयी और पहले अपनी चूत फिर गांड सीधे उनके मुंह पे रख के कस के एक बार में ही ६ इंच डिल्डो सीधे पेल दिया, वो बिल बिलाती रही गोंगों करती रही लेकिन मैं कस कस के अपनी गांड उनके मुंह पे रगड के बोलती रही, “अरे ननद रानी जरा भौजी का स्वाद तो चख लो तब मैं तुम्हारे इस कुत्ते गधे के लंड की आदी भोंसडे की भूख मिटाती हूँ.”
चम्पा भाभी ने गुलाल भरा एक डिल्डौ ले के सीधे उनकी गांड में ठेल दिया.
वहां से निकल के चंपा भाभी के साथ और लडकियों के यहां गये. उनकी संगत में मैं पूरी तरह ट्रेन हो गयी. सुनील की बहन गुडीया मिली तो चंपा भाभी के इशारे पे मैने उसे धर दबोचा. वो अभी कच्ची कली थी ९ वें पढ़ती थी. लेकिन तब फ्राक के अंदर हाथ डाल के उसकी उठ रही चूचीयों को, कस कस के रगडा और चड्ढी में हाथ डाल के उस की चूत में भी जम के तब तक उंगली की जब तक वो झड नहीं गयी.
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