RE: Antarvasna मेरे पति और मेरी ननद
धीरे-धीरे डॉली को जीन्स की आदत होने लगी और वो फ्रीली घर में जीन्स पहनने लगी.. लेकिन अभी भी उसने कभी भी टी-शर्ट नहीं पहनी थी।
अब मेरा अगला कदम उसको लेगिंग पहनाने का था.. जिसमें उसके जिस्म के निचले हिस्से की पूरी गोलाइयाँ उसके भाई की नज़रों के सामने आ जातीं।
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काफ़ी बार मैंने उससे कहा.. लेकिन वो शर्मा जाती थी और मेरी बात मानने को तैयार नहीं होती थी।
एक रोज़ मैं और डॉली दोनों घर पर अकेले थे। चेतन के जाने के बाद जब हम काम से फारिग हुए.. तो मेरे दिमाग में एक ख्याल आया। मैंने अपनी एक ब्लैक कलर की लेगिंग निकाली और डॉली को अपने कमरे में बुलाया।
वो आई तो मैंने उससे कहा- डॉली देखो इस वक़्त तो तुम्हारे भैया भी घर पर नहीं हैं.. तो तुम एक बार मुझे यह लेगिंग पहन कर तो दिखाओ।
डॉली शरम से सुर्ख हो गई और इन्कार करने लगी.. लेकिन मैंने भी आज.. उसकी बात ना मानने का पक्का इरादा कर लिया हुआ था।
जब मैं उससे इसरार करती रही तो फिर वो मानी और मेरी ब्लैक लेगिंग लेकर बाथरूम में चली गई।
कुछ देर के बाद डॉली अपनी सलवार उतार कर मेरी वाली ब्लैक टाइट लेगिंग पहन कर बाथरूम से बाहर आई और बाथरूम के दरवाजे के पास ही खड़ी हो गई।
उस देख कर मेरी आँखें चमक उठीं.. वो टाइट ब्लैक लेगिंग डॉली की खूबसूरत और सुडौल टाँगों पर बेहद प्यारी और सेक्सी लग रही थी।
उसकी टाँगों का हर एक कर्व उसमें बहुत ही प्यारा और अट्रॅक्टिव लग रहा था। डॉली मुझसे दूर अपनी नजरें झुका कर खड़ी हुई थी और उसके चेहरे पर एक शर्मीली सी मुस्कान थी।
मैंने उसे अपने पास आने को कहा.. वो आहिस्ता-आहिस्ता चलती हुई मेरी पास आई.. तो मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने पास बिस्तर पर बैठा लिया।
ऊपर से उसने अभी भी अपनी लंबी सी कमीज़ पहनी हुई थी। मैंने अपने पास बैठा कर अपना हाथ उसकी टाँग के ऊपर रखा और आहिस्ता-आहिस्ता सहलाने लगी और बोली- देखो इस लेगिंग में तुम कितनी खूबसूरत लग रही हो।
डॉली शर्मा कर बोली- लेकिन भाभी इस लेग्गी में तो पूरे का पूरा जिस्म जैसे नंगा ही लग रहा है।
मैं मुस्करा कर बोली- अरे पगली ऐसा क्यों सोचती हो तुम.. यह तो बन्दी की खुद महसूस करने की बात है ना.. अब मुझे देखो.. मैं तो यह पहन कर बाहर भी चली जाती हूँ और तुम्हारे भैया कोई ऐतराज़ भी नहीं करते हैं।
डॉली मेरी तरफ देख कर शरमाती हुई बोली- भाभी आपने तो हद ही की है.. भला इतनी खुले गले के कपड़े भी कोई पहनता है क्या?
डॉली ने मेरे डीप और लो-नेक गले की तरफ इशारा करते हुए कहा.. जिसमें से मेरी चूचियों का ऊपरी हिस्सा और क्लीवेज साफ़-साफ़ नज़र आ रहा था।
मैंने मुस्करा कर अपनी गले की तरफ देखा और अपना हाथ डॉली की टाँग पर ऊपर की तरफ.. जो उसकी टाइट लेग्गी में साफ़ नज़र आ रही थी.. पर ले जाते हुए बोली- अरे यह सब तेरे भैया की ही फरमाइश तो है.. वो ही मुझे घर में ऐसी सेक्सी हालत में ही देखना चाहते हैं.. तो फिर मैं क्या कर सकती हूँ।
मेरी बात पर डॉली हँसने लगी।
डॉली- भाभी क्या आपको ऐसे कपड़ों में कुछ गलत फील नहीं होता क्या.. या कोई परेशानी तो नहीं होती.. जब बाहर लोग आपको देखते हैं तब?
मैं मुस्कुराई और बोली- अरे बस शुरू-शुरू में होता था.. लेकिन अब मैं आदी हो गई हूँ। अब तो हर लड़की ही ऐसा ही ड्रेस पहनती है.. फैशन ही इस चीज़ का है.. तो अब क्या कर सकते हैं.. अगर फैशन के साथ ना चली.. तो ‘पेण्डू’ ही लगूँगी ना.. इसलिए अब मुझे दूसरों की गंदी नजरें भी बुरी नहीं लगतीं.. बल्कि सच पूछो तो मुझे मज़ा भी आता है.. जब कोई मेरे जिस्म को ऐसी नजरों से देख रहा हो.. पता है इससे औरत को संतुष्टि होती है कि उसका जिस्म इतना अट्रॅक्टिव है कि वो मर्दों की नज़रों को अपनी तरफ खींच सकी।
डॉली मेरी बातें हैरान होकर सुन रही थी लेकिन आज उसका दिमाग कुछ-कुछ.. जैसे मेरी बातों को समझ भी रहा था।
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